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गुरुवार, 15 फ़रवरी 2018

सांतवना


   हमारी एक मित्र के पति का अचानक ही देहांत हो गया, और उसके साथ हम भी शोकित हुए। हमारी मित्र स्वयं एक सलाहकार हैं, और उन्होंने अनेकों लोगों को ऐसी ही परिस्थितियों में सांतवना दी है, उन्हें संभाला है। अब विवाह के 40 वर्ष पश्चात, उन्हें स्वयं रोज संध्या को एक खाली घर में आने की अप्रिय परिस्थिति का सामना करना था।

   अपने इस दुःख में उस मित्र ने उसका सहारा लिया जिसके विषय परमेश्वर के वचन बाइबल में आया है कि वह “टूटे मन वालों के समीप रहता है।” परमेश्वर उनके साथ उनके दुःख में चला, और उन्होंने हम से कहा कि उन्होंने अपने “विधवा” नाम को गर्व के साथ स्वीकार करने का निर्णय लिया क्योंकि उन्हें निश्चय था कि उनका विधवा होना परमेश्वर की ओर से है।

   प्रत्येक दुःख व्यक्तिगत होता है, और सब का दुःख सहने का अपना तरीका होता है। उनके दुःख सहने के इस तरीके से न तो दुःख कम होता है और न ही उनके घर का खालीपन कम होता है। परन्तु परमेश्वर के साथ चलना यह स्मरण करवाता है कि हमारे सबसे घोर दुःख में भी हम परमेश्वर पर विश्वास बनाए रख सकते हैं, हमारा प्रेमी परमेश्वर पिता सदा हमारे साथ रहता है।

   हमारे स्वर्गीय परमेश्वर पिता ने भी अलगाव की अत्यंत पीड़ा सही थी। जब प्रभु यीशु मसीह, सारे सँसार के सभी मनुष्यों के पापों को लिए क्रूस पर बलिदान हुए, तो वे पुकार उठे, “...हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?” (मत्ती 27:46)। परन्तु फिर भी उन्होंने क्रूस की मृत्यु तथा परमेश्वर पिता से दूरी की पीड़ा को हमारे लिए, हमारे प्रति अपने प्रेम के लिए सहा।

   वह हमारे दुखों को समझता है! और क्योंकि “यहोवा टूटे मन वालों के समीप रहता है” (भजन 34:18), इसलिए उसमें हमें हर परिस्थिति के लिए उपयुक्त सांतवना मिलाती है। वह सदा हमारे निकट रहता है। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर हमारे दुखों को बांट लेता है।

क्योंकि जो महान और उत्तम और सदैव स्थिर रहता, और जिसका नाम पवित्र है, वह यों कहता है, मैं ऊंचे पर और पवित्र स्थान में निवास करता हूं, और उसके संग भी रहता हूं, जो खेदित और नम्र हैं, कि, नम्र लोगों के हृदय और खेदित लोगों के मन को हषिर्त करूं। - यशायाह 57:15

बाइबल पाठ: भजन 34:15-22
Psalms 34:15 यहोवा की आंखे धर्मियों पर लगी रहती हैं, और उसके कान भी उसकी दोहाई की ओर लगे रहते हैं।
Psalms 34:16 यहोवा बुराई करने वालों के विमुख रहता है, ताकि उनका स्मरण पृथ्वी पर से मिटा डाले।
Psalms 34:17 धर्मी दोहाई देते हैं और यहोवा सुनता है, और उन को सब विपत्तियों से छुड़ाता है।
Psalms 34:18 यहोवा टूटे मन वालों के समीप रहता है, और पिसे हुओं का उद्धार करता है।
Psalms 34:19 धर्मी पर बहुत सी विपत्तियां पड़ती तो हैं, परन्तु यहोवा उसको उन सब से मुक्त करता है।
Psalms 34:20 वह उसकी हड्डी हड्डी की रक्षा करता है; और उन में से एक भी टूटने नहीं पाती।
Psalms 34:21 दुष्ट अपनी बुराई के द्वारा मारा जाएगा; और धर्मी के बैरी दोषी ठहरेंगे।
Psalms 34:22 यहोवा अपने दासों का प्राण मोल ले कर बचा लेता है; और जितने उसके शरणागत हैं उन में से कोई भी दोषी न ठहरेगा।


एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 17-18
  • मत्ती 27:27-50