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मंगलवार, 15 जून 2021

शब्द

 

          उस लड़के ने मेरा उपहास करते हुए मुझे, “हड्डी पर चढी चमड़ी” कहा, और एक अन्य ने उसके साथ सम्मिलित होते हुए मुझे “छड़ी” बुलाया। प्रत्युत्तर में मैं एक जाना-पहचाना वाक्य – “छड़ी और पत्थर मेरी हड्डियां तोड़ सकते हैं, किन्तु तुम्हारे शब्द मुझे कभी आहत नहीं करेंगे” बोल सकती थी। किन्तु उस छोटी आयु में भी मैं जानती थी कि यह वाक्य सत्य नहीं है। कठोर, दया-रहित, बिना विचार किए कहे गए शब्द निःसंदेह आहत करते थे। कभी-कभी शब्दों के घाव इतने गहरे होते थे,और इतने दिनों तक बने रहते थे, जितने किसी छड़ी या पत्थर के घाव नहीं होते थे।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में शमूएल नबी की माँ, हन्ना, निःसंदेह, बिना विचारे कहे गए शब्दों की चोट को अच्छे से जानती थी। उसका पति, एल्काना उसे प्यार करता था, परन्तु क्योंकि वह संतानहीन थी, इसलिए उसकी सौतन, पनिन्ना, जिसके बहुत से बच्चे थे, उसे ताने मारती थी। ऐसी संस्कृति में, जिसमें अकसर पत्नी का मूल्यांकन उसके बच्चों की संख्या के आधार पर होता था, पनिन्ना के ये ताने उसके निःसंतान होने की पीड़ा को और बढ़ा देते थे। अन्ततः हन्ना की यह हालत हो जाती थी कि वह रोटी रहती और भोजन भी नहीं करने पाती थी (1 शमूएल 1:6-7)। उसके पति एल्काना की भले उद्देश्य से कही गई बात, हे हन्ना, तू क्यों रोती है? और खाना क्यों नहीं खाती? और मेरा मन क्यों उदास है? क्या तेरे लिये मैं दस बेटों से भी अच्छा नहीं हूं?” (पद 8) भी उसे सांत्वना नहीं देने पाती थी।

          हन्ना के समान ही हम में से कई लोगों ने आहत करने वाले शब्दों के पीड़ादायक परिणाम झेले होंगे। और हम में से कुछ ने उन आहत करने वालों शब्दों की प्रतिक्रिया में, दूसरों को आहत करने वाले शब्द भी कहे होंगे। लेकिन हम सभी अपने प्रेमी और दयालु परमेश्वर के पास अपनी इस पीड़ा को लेकर जा सकते हैं, उस से उस परिस्थिति का सामना करने की शक्ति और चंगाई पाने के लिए (भजन 27:5, 12-14)। वह हमसे हर हाल में प्रेम करता है, हमें शान्ति देता है; हमसे प्रेम और अनुग्रह के शब्द बोलता है। - एलिसन कीड़ा

 

परमेश्वर हमारी हर बात सुनने और समाधान करने के लिए सदैव तत्पर रहता है।


ऐसे लोग हैं जिनका बिना सोच विचार के बोलना तलवार के समान चुभता है, परन्तु बुद्धिमान के बोलने से लोग चंगे होते हैं। - नीतिवचन 12:18

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 1:1-8

1 शमूएल 1:1 एप्रैम के पहाड़ी देश के रामतैम सोपीम नाम नगर का निवासी एल्काना नाम पुरुष था, वह एप्रेमी था, और सूप के पुत्र तोहू का परपोता, एलीहू का पोता, और यरोहाम का पुत्र था।

1 शमूएल 1:2 और उसके दो पत्नियां थीं; एक का तो नाम हन्ना और दूसरी का पनिन्ना था। और पनिन्ना के तो बालक हुए, परन्तु हन्ना के कोई बालक न हुआ।

1 शमूएल 1:3 वह पुरुष प्रति वर्ष अपने नगर से सेनाओं के यहोवा को दण्डवत करने और मेलबलि चढ़ाने के लिये शीलो में जाता था; और वहां होप्नी और पीनहास नाम एली के दोनों पुत्र रहते थे, जो यहोवा के याजक थे।

1 शमूएल 1:4 और जब जब एल्काना मेलबलि चढ़ाता था तब तब वह अपनी पत्नी पनिन्ना को और उसके सब बेटे-बेटियों को दान दिया करता था;

1 शमूएल 1:5 परन्तु हन्ना को वह दूना दान दिया करता था, क्योंकि वह हन्ना से प्रीति रखता था; तौभी यहोवा ने उसकी कोख बन्द कर रखी थी।

1 शमूएल 1:6 परन्तु उसकी सौत इस कारण से, कि यहोवा ने उसकी कोख बन्द कर रखी थी, उसे अत्यन्त चिढ़ाकर कुढ़ाती रहती थीं।

1 शमूएल 1:7 और वह तो प्रति वर्ष ऐसा ही करता था; और जब हन्ना यहोवा के भवन को जाती थी तब पनिन्ना उसको चिढ़ाती थी। इसलिये वह रोती और खाना न खाती थी।

1 शमूएल 1:8 इसलिये उसके पति एल्काना ने उस से कहा, हे हन्ना, तू क्यों रोती है? और खाना क्यों नहीं खाती? और मेरा मन क्यों उदास है? क्या तेरे लिये मैं दस बेटों से भी अच्छा नहीं हूं?

 

एक साल में बाइबल: 

  • नहेम्याह 1-3
  • प्रेरितों 2:1-21