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शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2010

अति दुखद विभाजन

एक वैबकैम द्वारा एक सफेद सिर वाले बाज़ के घोंसले में चल रहे नाटक पर नज़र रखी गई। एक प्रेमी बाज़ परिवार टूट रहा था, इस दृश्य को इन्टरनैट पर बहुत सारे लोगों ने देखा। पिछले वर्षों में कई अंडे देकर और उनसे बच्चे निकालकर मादा बाज़ ने बसंत में फिर नए अंडे दिये और उन्हें सेंने लगी। परन्तु एक नई जवान मादा बाज़ ने उनके सन्तुष्ट घोंसले के आनन्द को मिटा दिया। जब नर बाज़ उस नई मादा के साथ क्रीड़ा करने लगा, तो अंडे देने वाली मादा बाज़ घोम्सला छोड़कर चली गई और घोंसले में पड़े अंडों में पनपता जीवन नष्ट हो गया।

इंटरनैट के वार्तालाप स्थनों में इस पर उतेजित विवाद चला। बाज़ों देकह्ने और उन्हें चाहने वाले दर्शक क्रुद्ध थे। पक्षी शास्त्रियों ने उन नये बाज़ उत्साहियों को सावधान किया कि उन्हें मानव मूल्यों को पक्षियों पर लागू नहीं करना चाहिये। परन्तु सबने किया और चाहा कि प्रथम दंपति फिर मिल जाएं। ऐसा लगा कि सभी दर्शक परिवार के मेल और उसकी इकाई होने को पवित्र समझते हैं।

इस पर मैंने सोचा कि जब मानव परिवारोम में इस तरह का विच्छेद होता है, तब परमेश्वर भी ऐसे ही दुखी होता हिगा। मैं उन बाज़ों कि लिये इतना दुखी क्यों था? क्यों मैं अपने समाज के अलग हुए दम्पति और परिवारों के बारे में इतना व्याकुल नहीं होता? मुझे अपनी प्राथमिकता को बदलना है।

मलाकी २ में हम विवाह के विषय पर परमेश्वर का दृष्टिकोण देखते हैं। विवाह लोगों के साथ उसकी वाचा का प्रतीक है (पद ११)। वह उसे बहुत मूल्य देता है। हमें भी देना है। - जूली ऐकरमैन लिंक


विवाह-संबंध को दृढ़ करने को मसीह को प्रथम स्थान दो।


बाइबल पाठ: मलाकी २:१०-१६


तुम में से कोई अपनी जवानी की स्त्री से विश्वासघात न करे। - मलाकी २:१५


एक साल में बाइबल:
  • गिनती १५,१६
  • मरकुस ६:१-२९