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मंगलवार, 14 अगस्त 2018

पिता



      मैं उस समय चर वर्ष का था और अफ्रीका के घाना देश में रहता था, जहाँ मौसम अधिकतर सूखा रहता है। मैं पसीने से लथपथ अपने पिता के पास धरती पर बिछे हुई चटाई पर लेटा हुआ सो रहा था, और प्यास के मारे मेरा गला सूख रहा था। प्यास से बेचैन होकर मैंने अपने पिता को हिलाकर उठाया; वे उठे और रात की गर्मी में जाकर मेरे लिए पानी लाए और मुझे पिलाया। जैसा उन्होंने उस रात किया, मेरे सारे जीवन भर वे मेरा ध्यान रखते रहे, मेरी आवश्यकताओं की पूर्ति करते रहे।

      कुछ लोगों ने अपने जीवनों में अच्छे पिता की छवि का अनुभव नहीं किया होगा; परन्तु हम मसीही विश्वासियों के पास ऐसा पिता है जो बलवंत है, और सदा उपस्थित एवँ उपलब्ध रहता है, हमें कभी निराश नहीं करता है – हमारा परमेश्वर पिता। प्रभु यीशु ने हमें अपने पिता परमेश्वर से प्रार्थना करना सिखाया (मत्ती 6:9) और हमें बताया कि जब हमारे सामने हमारी दैनिक आवश्यकताएँ होती हैं – भोजन, वस्त्र, रहने का स्थान, और सुरक्षा (पद 31), तब भी हमारा परमेश्वर पिता हमारे माँगने से पहले हमारी आवश्यकताएं जानता है (पद 8)।

      हमारा ऐसा पिता है जो हमेशा उपलब्ध रहता है। दिन हो या रात, जब भी परिस्थितियाँ कठिन हों, हम भरोसा रख सकते हैं कि वह हमें कभी नहीं छोड़ेगा। उसने हमारी देखभाल करते रहने का वायदा किया है, और वह हमारी आवश्यकताओं को हमसे पहले और हमसे बेहतर जानता है। - लॉरेंस दरमानी


हमारा प्रेमी परमेश्वर पिता हम पर से अपनी नज़रें कभी नहीं हटाता है।

सो तुम उन के समान न बनो, क्योंकि तुम्हारा पिता तुम्हारे मांगने से पहिले ही जानता है, कि तुम्हारी क्या क्या आवश्यक्ता है। सो तुम इस रीति से प्रार्थना किया करो; “हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है; तेरा नाम पवित्र माना जाए। - मत्ती 6:8-9

बाइबल पाठ: मत्ती 6:25-34
Matthew 6:25 इसलिये मैं तुम से कहता हूं, कि अपने प्राण के लिये यह चिन्‍ता न करना कि हम क्या खाएंगे? और क्या पीएंगे? और न अपने शरीर के लिये कि क्या पहिनेंगे? क्या प्राण भोजन से, और शरीर वस्‍त्र से बढ़कर नहीं?
Matthew 6:26 आकाश के पक्षियों को देखो! वे न बोते हैं, न काटते हैं, और न खत्तों में बटोरते हैं; तौभी तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता उन को खिलाता है; क्या तुम उन से अधिक मूल्य नहीं रखते।
Matthew 6:27 तुम में कौन है, जो चिन्‍ता कर के अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है
Matthew 6:28 और वस्‍त्र के लिये क्यों चिन्‍ता करते हो? जंगली सोसनों पर ध्यान करो, कि वै कैसे बढ़ते हैं, वे न तो परिश्रम करते हैं, न कातते हैं।
Matthew 6:29 तौभी मैं तुम से कहता हूं, कि सुलैमान भी, अपने सारे वैभव में उन में से किसी के समान वस्‍त्र पहिने हुए न था।
Matthew 6:30 इसलिये जब परमेश्वर मैदान की घास को, जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा वस्‍त्र पहिनाता है, तो हे अल्पविश्वासियों, तुम को वह क्योंकर न पहिनाएगा?
Matthew 6:31 इसलिये तुम चिन्‍ता कर के यह न कहना, कि हम क्या खाएंगे, या क्या पीएंगे, या क्या पहिनेंगे?
Matthew 6:32 क्योंकि अन्यजाति इन सब वस्‍तुओं की खोज में रहते हैं, और तुम्हारा स्‍वर्गीय पिता जानता है, कि तुम्हें ये सब वस्तुएं चाहिए।
Matthew 6:33 इसलिये पहिले तुम उसे राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी।
Matthew 6:34 सो कल के लिये चिन्‍ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्‍ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है।


एक साल में बाइबल: 
  • भजन 89-90
  • रोमियों 14