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गुरुवार, 21 दिसंबर 2017

अद्भुत प्रेम


   मेरी सहेली के पति की मृत्योप्रांत, उनके बिना अपने पहले क्रिसमस के निकट आने के समय में उसने एक उल्लेखनीय पत्र लिखा, जिसमें उसने कल्पना की, कि प्रभु यीशु के पृथ्वी पर जन्म के समय स्वर्ग में कैसा रहा होगा। उसने लिखा, "यह वैसा ही रहा होगा जैसा परमेश्वर सदाकाल से जानता था कि होगा; वह त्रिएक परमेश्वर है, और उसने हम मनुष्यों के पाप क्षमा तथा उद्धार के लिए अपने इस त्रिएकत्व में से एक को अलग होने दिया। स्वर्ग परमेश्वर पुत्र से रिक्त हो गया। मैं अपने विषय सोचूँ तो जिससे मैं प्रेम करती हूँ, जिसके साथ मैं एक हूँ, उसे किसी और के लिए जाने देने के बारे में सोच भी नहीं सकती; परन्तु परमेश्वर ने सोचा और किया। उसने अपने घर को मेरे घर से कहीं अधिक खाली हो जाने दिया, ताकि मैं उसके साथ उसके घर में सदा काल तक रह सकूँ।"

   जब प्रभु यीशु इस संसार में लोगों को परमेश्वर के राज्य और पाप क्षमा के बारे में सिखा रहे थे और उन्हें चंगा कर रहे थे, उन्होंने लोगों से कहा, "क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, वरन अपने भेजने वाले की इच्छा पूरी करने के लिये स्वर्ग से उतरा हूं। क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है, कि जो कोई पुत्र को देखे, और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊंगा" (यूहन्ना 6:38, 40)।

   जब प्रभु यीशु ने बेतलैहम में जन्म लिया तो यह परमेश्वर के हम मनुष्यों के प्रति प्रेम को प्रदर्शित करने के कार्य का आरंभ था, जिसका अन्त कलवरी के क्रूस पर बलिदान होना, मारा जाना, गाड़ा जाना और तीसरे दिन मृतकों में से जी उठना था, जिससे संसार के सभी मनुष्यों के लिए पाप से मुक्ति और उद्धार का मार्ग उपलब्ध हो सके।

   "क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए" (यूहन्ना 3:16)। - डेविड मैक्कैसलैंड


मसीह यीशु के जन्म से परमेश्वर मनुष्यों के निकट ले आया; 
मसीह यीशु का क्रूस मनुष्यों को परमेश्वर के निकट ले जाता है।

परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। - रोमियों 5:8

बाइबल पाठ: यूहन्ना 6:32-40
John 6:32 यीशु ने उन से कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं कि मूसा ने तुम्हें वह रोटी स्वर्ग से न दी, परन्तु मेरा पिता तुम्हें सच्ची रोटी स्वर्ग से देता है। 
John 6:33 क्योंकि परमेश्वर की रोटी वही है, जो स्वर्ग से उतरकर जगत को जीवन देती है। 
John 6:34 तब उन्होंने उस से कहा, हे प्रभु, यह रोटी हमें सर्वदा दिया कर। 
John 6:35 यीशु ने उन से कहा, जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा। 
John 6:36 परन्तु मैं ने तुम से कहा, कि तुम ने मुझे देख भी लिया है, तोभी विश्वास नहीं करते। 
John 6:37 जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा। 
John 6:38 क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, वरन अपने भेजने वाले की इच्छा पूरी करने के लिये स्वर्ग से उतरा हूं। 
John 6:39 और मेरे भेजने वाले की इच्छा यह है कि जो कुछ उसने मुझे दिया है, उस में से मैं कुछ न खोऊं परन्तु उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊं। 
John 6:40 क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है, कि जो कोई पुत्र को देखे, और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अंतिम दिन फिर जिला उठाऊंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • मीका 4-5
  • प्रकाशितवाक्य 12