कार्य
स्थल और घर की परेशानियों से विचलित होकर मैट ने बाहर निकल कर टहलने का निर्णय
लिया। बसंत ऋतु की संध्या की ठंडी हवा उसे आनन्दित कर रही थी, और जैसे जैसे आसमान
नीले से गहरे स्याह रंग का होता गया, वहाँ के दलदली इलाके से कोहरा उठने लगा, आकाश
पर सितारे टिमटिमाने लगे, और दूर पूर्व से चाँद भी निकलने लगा। मैट के लिए यह सब
एक बहुत आत्मिक अनुभव था। उसके मन में शान्ति आई; उसे आभास हुआ कि परमेश्वर वहाँ
उसके साथ है, और सब कुछ जो हो रहा है वह परमेश्वर के नियंत्रण में है।
कुछ
लोग रात्रि के आकाश की ओर देखते हैं किन्तु उनके लिए वहाँ प्रकृति के अतिरिक्त और
कुछ नहीं होता है। औरों को ऐसे ईश्वर की अनुभूति होती है जो सितारों के समान दूर
और पहुँच से बाहर। परन्तु परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि वही परमेश्वर जो
“...पृथ्वी के घेरे के ऊपर आकाशमण्डल पर विराजमान है” वह ही है जो “... इन
गणों को गिन गिनकर निकालता, उन सब को नाम ले ले कर
बुलाता है” (यशायाह 40:22, 26)। हमारा जीवता, सच्चा
परमेश्वर पिता अपनी सारी सृष्टि को व्यक्तिगत रीति तथा बहुत निकटता से जानता है।
इसी
व्यक्तिगत परमेश्वर ने अपने लोगों, इस्राएलियों से पूछा, “हे याकूब,
तू क्यों कहता है, हे इस्राएल तू क्यों बोलता
है, मेरा मार्ग यहोवा से छिपा हुआ है, मेरा
परमेश्वर मेरे न्याय की कुछ चिन्ता नहीं करता?”; और उनके
प्रति अपने लगाव के कारण परमेश्वर ने उन इस्राएलियों स्मरण दिलाया कि बुद्धिमता एवँ भलाई परमेश्वर के
खोजी होने में ही है, “क्या तुम नहीं जानते? क्या
तुम ने नहीं सुना? यहोवा जो सनातन परमेश्वर और पृथ्वी भर का
सिरजनहार है, वह न थकता, न श्रमित होता
है, उसकी बुद्धि अगम है। वह थके हुए को बल देता है और
शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है” (पद 27-29)।
हम
बहुत सरलता से परमेश्वर को नज़रंदाज़ कर देते हैं या फिर भुला देते हैं। संध्या के
समय बाहर टहलने निकलने से हमारी समस्याएँ चली तो नहीं जाती हैं, परन्तु उस शान्ति
और एकांत में परमेश्वर और उसकी सृष्टि के विषय में मनन करने से हमें शान्ति और
निश्चय होता है कि परमेश्वर है जो अपने भले उद्देश्यों को हमारे जीवनों के द्वारा
पूरा कर रहा है; हम से कह रहा है, “मैंने सब संभाल रखा है, भयभीत मत हो मैं हूँ।” –
टिम गुस्ताफ्सन
हमें परमेश्वर को अपने हृदयों में वही
स्थान देना चाहिए जो सृष्टि में उसका है।
यहोवा के नाम की ऐसी महिमा करो जो उसके
योग्य है; भेंट ले कर उसके आंगनों में आओ! – भजन 96:8
बाइबल पाठ: यशायाह 40:21-31
Isaiah 40:21 क्या तुम नहीं जानते? क्या तुम ने नहीं सुना? क्या तुम को आरम्भ ही से
नहीं बताया गया? क्या तुम ने पृथ्वी की नेव पड़ने के समय ही
से विचार नहीं किया?
Isaiah 40:22 यह वह है जो पृथ्वी के घेरे
के ऊपर आकाशमण्डल पर विराजमान है; और पृथ्वी के रहने वाले
टिड्डी के तुल्य है; जो आकाश को मलमल के समान फैलाता और ऐसा
तान देता है जैसा रहने के लिये तम्बू ताना जाता है;
Isaiah 40:23 जो बड़े बड़े हाकिमों को
तुच्छ कर देता है, और पृथ्वी के अधिकारियों को शून्य के समान
कर देता है।
Isaiah 40:24 वे रोपे ही जाते, वे बोए ही जाते, उनके ठूंठ भूमि में जड़ ही पकड़
पाते कि वह उन पर पवन बहाता और वे सूख जाते, और आंधी उन्हें
भूसे की नाईं उड़ा ले जाती है।
Isaiah 40:25 सो तुम मुझे किस के समान
बताओगे कि मैं उसके तुल्य ठहरूं? उस पवित्र का यही वचन है।
Isaiah 40:26 अपनी आंखें ऊपर उठा कर देखो,
किस ने इन को सिरजा? वह इन गणों को गिन गिनकर
निकालता, उन सब को नाम ले ले कर बुलाता है? वह ऐसा सामर्थी और अत्यन्त बली है कि उन में के कोई बिना आए नहीं रहता।
Isaiah 40:27 हे याकूब, तू क्यों कहता है, हे इस्राएल तू क्यों बोलता है,
मेरा मार्ग यहोवा से छिपा हुआ है, मेरा
परमेश्वर मेरे न्याय की कुछ चिन्ता नहीं करता?
Isaiah 40:28 क्या तुम नहीं जानते? क्या तुम ने नहीं सुना? यहोवा जो सनातन परमेश्वर और
पृथ्वी भर का सिरजनहार है, वह न थकता, न
श्रमित होता है, उसकी बुद्धि अगम है।
Isaiah 40:29 वह थके हुए को बल देता है और
शक्तिहीन को बहुत सामर्थ देता है।
Isaiah 40:30 तरूण तो थकते और श्रमित हो
जाते हैं, और जवान ठोकर खाकर गिरते हैं;
Isaiah 40:31 परन्तु जो यहोवा की बाट जोहते
हैं, वे नया बल प्राप्त करते जाएंगे, वे
उकाबों की नाईं उड़ेंगे, वे दौड़ेंगे और श्रमित न होंगे,
चलेंगे और थकित न होंगे।
एक साल में बाइबल:
- यहेजकेल 11-13
- याकूब 1