ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

रविवार, 17 जनवरी 2016

दृष्टिकोण


   शिशु अवस्था में ही फैनी क्रौसबी ने अपनी आखों की दृष्टि खो दी थी, परन्तु फिर भी, आश्चर्यजनक रीति से, वे मसीही गीत लिखने वाले सबसे प्रसिद्ध गीतकारों में से एक थीं। अपने जीवन काल में उन्होंने नौ हज़ार से अधिक गीत लिखे, जिनमें से कुछ अविस्मर्णीय गीत "Bessed Assuranace" और "To God be the Glory" हैं।

   कुछ लोग फैनी के अंधेपन लिए शोकित होते थे; एक बार एक नेकनियत प्रचारक ने उन से कहा, "मेरे विचार से यह बड़ी दयनीय बात है कि हमारे स्वामी ने आपको इतने गुण देते समय दृष्टि का गुण नहीं दिया।" यह मानना बहुत कठिन लगता है कि उस प्रचार्क को फैनी का उत्तर था, "क्या आप जानते हैं कि जन्म के समय यदि मैं किसी एक बात को माँग पाती तो वह होती कि मैं अंधी जन्मूँ?...क्योंकि जब मैं स्वर्ग पहुँचुंगी तो सबसे पहला चेहरा जो मैं देखूंगी और जो मुझे अनन्तकाल तक हर्षित करता रहेगा, वह होगा मेरे उद्धारकर्ता का।"

   फैनी ने जीवन को स्वर्गीय दृष्टिकोण से देखा। अनन्तकाल के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान की हमारी समस्याएं बहुत भिन्न लगने लगती हैं, जैसा प्रेरित पौलुस ने लिखा: "इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्‍व नाश भी होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्‍व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है। क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्‍लेश हमारे लिये बहुत ही महत्‍वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है। और हम तो देखी हुई वस्‍तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्‍तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि देखी हुई वस्तुएं थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएं सदा बनी रहती हैं" (2 कुरिन्थियों 4:16-18)।

   हमारी सारी परीक्षाएं, क्लेष और विपरीत परिस्थितियाँ गौण हो जाती हैं जब हम अनन्तकाल का स्वर्गीय दृष्टिकोण रखकर स्मरण करते हैं कि एक दिन हम प्रभु यीशु मसीह को देखेंगे और फिर अनन्तकाल के आनन्द में उसके साथ रहेंगे। - डेनिस फिशर


अनन्तकाल के प्रति हमारा दृष्टिकोण वर्तमान के हमारे जीवन को प्रभावित करता है।

अब हमें दर्पण में धुंधला सा दिखाई देता है; परन्तु उस समय आमने साम्हने देखेंगे, इस समय मेरा ज्ञान अधूरा है; परन्तु उस समय ऐसी पूरी रीति से पहिचानूंगा, जैसा मैं पहिचाना गया हूं। - 1 कुरिन्थियों 13:12

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 11:22-33
2 Corinthians 11:22 क्या वे ही इब्रानी हैं? मैं भी हूं: क्या वे ही इस्त्राएली हैं? मैं भी हूँ: क्या वे ही इब्राहीम के वंश के हैं ?मैं भी हूं: क्या वे ही मसीह के सेवक हैं? 
2 Corinthians 11:23 (मैं पागल की नाईं कहता हूं) मैं उन से बढ़कर हूं! अधिक परिश्रम करने में; बार बार कैद होने में; कोड़े खाने में; बार बार मृत्यु के जोखिमों में। 
2 Corinthians 11:24 पांच बार मैं ने यहूदियों के हाथ से उन्‍तालीस उन्‍तालीस कोड़े खाए। 
2 Corinthians 11:25 तीन बार मैं ने बेंतें खाई; एक बार पत्थरवाह किया गया; तीन बार जहाज जिन पर मैं चढ़ा था, टूट गए; एक रात दिन मैं ने समुद्र में काटा। 
2 Corinthians 11:26 मैं बार बार यात्राओं में; नदियों के जोखिमों में; डाकुओं के जोखिमों में; अपने जाति वालों से जोखिमों में; अन्यजातियों से जोखिमों में; नगरों में के जाखिमों में; जंगल के जोखिमों में; समुद्र के जाखिमों में; झूठे भाइयों के बीच जोखिमों में; 
2 Corinthians 11:27 परिश्रम और कष्‍ट में; बार बार जागते रहने में; भूख-पियास में; बार बार उपवास करने में; जाड़े में; उघाड़े रहने में। 
2 Corinthians 11:28 और और बातों को छोड़कर जिन का वर्णन मैं नहीं करता सब कलीसियाओं की चिन्‍ता प्रति दिन मुझे दबाती है। 
2 Corinthians 11:29 किस की निर्बलता से मैं निर्बल नहीं होता? किस के ठोकर खाने से मेरा जी नहीं दुखता? 
2 Corinthians 11:30 यदि घमण्ड करना अवश्य है, तो मैं अपनी निर्बलता की बातों पर करूंगा। 
2 Corinthians 11:31 प्रभु यीशु का परमेश्वर और पिता जो सदा धन्य है, जानता है, कि मैं झूठ नहीं बोलता। 
2 Corinthians 11:32 दमिश्क में अरितास राजा की ओर से जो हाकिम था, उसने मेरे पकड़ने को दमिश्कियों के नगर पर पहरा बैठा रखा था। 
2 Corinthians 11:33 और मैं टोकरे में खिड़की से हो कर भीत पर से उतारा गया, और उसके हाथ से बच निकला।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 41-42
  • मत्ती 12:1-23