मैं
अपनी आंटी ग्लेडिस की बेबाक आत्मा का आदर करता हूँ, चाहे उसी आत्मा के कारण मुझे कभी-कभी चिंता में क्यों न पड़ना पड़े। एक बार
इस चिंता का कारण मुझे ईमेल में मिला, जिसमें उन्होंने लिखा, “कल
मैंने अखरोट के पेड़ को काट दिया।”
मैं
आपको समझा दूँ, वह बिजली से चलने
वाली बड़ी आरी को लेकर पेड़ को काट डालने वाली मेरी आंटी की आयु छिहत्तर वर्ष है। वह
पेड़ उनके घर के गैराज के पीछे उग आया था। अब जब वह बड़ा हो गया और उसकी जड़ें गैराज
की कंकरीट के लिए ख़तरा बनने लगीं,
उन्होंने निर्णय कर लिया कि अब तो उस पेड़ को जाना ही होगा। परन्तु साथ ही उन्होंने
यह भी लिखा, “ऐसा कोई भी कार्य करने
से पहले, मैं प्रार्थना अवश्य कर
लेती हूँ।”
परमेश्वर
के वचन बाइबल में नहेम्याह फारस के राजा का पियाऊ होकर सेवा कर रहा था, जब उसने यरूशलेम
को वापस लौट कर चले जाने वालों से आए समाचार को सुना। वहाँ पर भी काम होना था, “उन्होंने मुझ से कहा, जो बचे हुए लोग बन्धुआई से छूटकर उस प्रान्त में
रहते हैं, वे बड़ी दुर्दशा में पड़े हैं, और उनकी निन्दा होती है; क्योंकि यरूशलेम की शहरपनाह टूटी हुई, और उसके फाटक जले हुए हैं” (नहेम्याह 1:3)। उन टूटी हुई दीवारों के कारण वहाँ के निवासी शत्रुओं के
हमलों की संभावनाओं से असुरक्षित थे। नहेम्याह को अपने लोगों पर तरस आया और उसने उनके
लिए कुछ करने की ठान ली। परन्तु पहला कार्य प्रार्थना था। यह और भी महत्वपूर्ण
इसलिए था क्योंकि एक नए राजा ने यरूशलेम में सारे निर्माण कार्य पर रोक लगवा दी थी
(एज्रा 4)। नहेम्याह ने अपने लोगों के लिए प्रार्थना की (नहेम्याह 1:5-10), और फिर
परमेश्वर से सहायता माँगी, और उसके
बाद ही राजा से वहाँ जाकर कुछ करने के लिए अनुमति और सहायता को माँगा (पद 11)।
किसी
भी परिस्थिति के लिए, विशेषकर
परेशानी में, क्या प्रार्थना आपका
पहला प्रत्युत्तर होता है? किसी भी
परीक्षा अथवा कार्य का सामना करने के लिए प्रार्थना ही सबसे उत्तम मार्ग है। - लिंडा
वॉशिंगटन
प्रार्थना को अपनी प्राथमिकता बनाएँ, न कि
अपना अंतिम विकल्प।
परन्तु मैं तो परमेश्वर को पुकारूंगा; और यहोवा मुझे बचा लेगा। सांझ को, भोर को, दोपहर को, तीनों पहर मैं दोहाई
दूंगा और कराहता रहूंगा। और वह मेरा शब्द सुन लेगा। - भजन 55:16-17
बाइबल पाठ: नहेम्याह 1
नहेम्याह 1:1 हकल्याह के पुत्र नहेम्याह के
वचन। बीसवें वर्ष के किसलवे नाम महीने में, जब मैं शूशन नाम राजगढ़ में रहता था,
नहेम्याह 1:2 तब हनानी नाम मेरा एक भाई और यहूदा
से आए हुए कई एक पुरुष आए; तब मैं ने
उन से उन बचे हुए यहूदियों के विषय जो बन्धुआई से छूट गए थे, और यरूशलेम के विषय में पूछा।
नहेम्याह 1:3 उन्होंने मुझ से कहा, जो बचे हुए लोग बन्धुआई से छूटकर उस प्रान्त में
रहते हैं, वे बड़ी दुर्दशा में पड़े हैं, और उनकी निन्दा होती है; क्योंकि यरूशलेम की शहरपनाह टूटी हुई, और उसके फाटक जले हुए हैं।
नहेम्याह 1:4 ये बातें सुनते ही मैं बैठकर रोने
लगा और कितने दिन तक विलाप करता; और
स्वर्ग के परमेश्वर के सम्मुख उपवास करता और यह कह कर प्रार्थना करता रहा।
नहेम्याह 1:5 हे स्वर्ग के परमेश्वर यहोवा, हे महान और भय योग्य ईश्वर! तू जो अपने प्रेम रखने
वाले और आज्ञा मानने वाले के विषय अपनी वाचा पालता और उन पर करुणा करता है;
नहेम्याह 1:6 तू कान लगाए और आंखें खोले रह, कि जो प्रार्थना मैं तेरा दास इस समय तेरे दास इस्राएलियों
के लिये दिन रात करता रहता हूँ, उसे
तू सुन ले। मैं इस्राएलियों के पापों को जो हम लोगों ने तेरे विरुद्ध किए हैं, मान लेता हूँ। मैं और मेरे पिता के घराने दोनों
ने पाप किया है।
नहेम्याह 1:7 हम ने तेरे सामने बहुत बुराई की
है, और जो आज्ञाएं, विधियां और नियम तू ने अपने दास मूसा को दिए थे, उन को हम ने नहीं माना।
नहेम्याह 1:8 उस वचन की सुधि ले, जो तू ने अपने दास मूसा से कहा था, कि यदि तुम लोग विश्वासघात करो, तो मैं तुम को देश देश के लोगों में तितर बितर करूंगा।
नहेम्याह 1:9 परन्तु यदि तुम मेरी ओर फिरो, और मेरी आज्ञाएं मानो,
और उन पर चलो, तो चाहे तुम में से निकाले हुए लोग आकाश की छोर में भी हों, तौभी मैं उन को वहां से इकट्ठा कर के उस स्थान में
पहुंचाऊंगा, जिसे मैं ने अपने नाम के
निवास के लिये चुन लिया है।
नहेम्याह 1:10 अब वे तेरे दास और तेरी प्रजा
के लोग हैं जिन को तू ने अपनी बड़ी सामर्थ्य और बलवन्त हाथ के द्वारा छुड़ा लिया है।
नहेम्याह 1:11 हे प्रभु
बिनती यह है, कि तू अपने दास की प्रार्थना
पर, और अपने उन दासों की प्रार्थना पर, जो तेरे नाम का भय मानना चाहते हैं, कान लगा, और आज अपने दास का काम सफल कर, और उस पुरुष को उस पर दयालु कर। (मैं तो राजा का पियाऊ था।)
एक साल में बाइबल:
- यशायाह 50-52
- 1 थिस्सलुनीकियों 5