अपनी पुस्तक The Heavenly Octave में लेखक बोरहेम ने लिखा, "आदर्श मेल-मिलाप कराने वाला वह है जो शान्ति को भंग ही नहीं होने देता है। युद्ध जीतने का सबसे अच्छा तरीका है कि उसे आरंभ ही ना होने दो।" एक यहूदी धर्म-गुरू ने बोरहेम को यहूदी विवाह में करी जाने वाली एक रस्म के बारे में बताया; उसने कहा, "हम नव-दंपति के सामने एक काँच का ग्लास ऊंचा उठाकर छोड़ देते हैं और वह गिरकर टुकड़े टुकड़े होकर बिखर जाता है। उन टूटे टुकड़ों की ओर इशारा कर के हम उनसे कहते हैं कि इस पवित्र रिशते की, जिसमें तुम बन्धे हो, पूरी सावधानी और मेहनत से रक्षा करना, क्योंकि एक बार यह टूटा तो फिर उसे कभी पहले जैसा नहीं बनाया जा सकता।"
उस स्वर्गीय राज्य के निवासी होने के नाते, जिसका शासन "शान्ति के राज्कुमार" के हाथों में है, हम मसीही विश्वासियों को भी यथासंभव शान्ति का जीवन जीना चाहिए - विशेषकर अपने परिवार के लोगों के साथ। लेकिन यह हमेशा आसान नहीं होता। विश्वास और शान्ति का यह कमज़ोर धागा बड़ी आसानी से टूट सकता है, और फिर घर में कलह और अशान्ति का राज्य बना रहता है। ऐसा होने से बचने के लिए हमें आपसी विश्वास का आदर बनाए रखना चाहिए, एक दूसरे के साथ प्रेम पूर्ण संबंध विकसित करते रहना चाहिए और एक दूसरे के भले की चाह में लगे रहना चाहिए।
हमें मेल-मिलाप करने वाले बनना चाहिए। हमारे प्रभु यीशु ने भी यही शिक्षा दी, उन्होंने अपने चेलों से कहा है "धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे" (मत्ती ५:९)।
परिवार, पड़ौस, समाज, कार्यस्थल या मण्डली, कहीं भी हो, इससे पहले कि कलह बढ़कर संबंधों में विछेद और स्थाई बरबादी ले आए, हम मसीही विश्वासियों को हर स्थान और परिस्थिति में शान्ति स्थापित करने के मार्गों के खोजी और समस्याओं का समाधान ढूंढने वाला बनना चाहिए। इसके लिए सर्वप्रथम अपने आप को जाँचने की आवश्यक्ता है कि कहीं हम ही तो कलह के कारण नहीं; अथवा कहीं हमारे व्यवहार के कारण ही तो आपसी मतभेद नहीं बढ़ रहे?
मेल-मिलाप कराने वाला व्यक्ति कलह के आरंभ हो पाने ही को रोक देने के द्वारा शान्ति बनाए रखने वाला व्यक्ति होता है। - डेव एग्नर
कलह को कभी निमंत्रण न दें; वह हर निमंत्रण तुरंत स्वीकार कर लेता है।
धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे। - मत्ती ५:९
बाइबल पाठ: भजन ३७:१-११
Psa 37:1 कुकर्मियों के कारण मत कुढ़, कुटिल काम करने वालों के विषय डाह न कर!
Psa 37:2 क्योंकि वे घास की नाईं झट कट जाएंगे, और हरी घास की नाई मुर्झा जाएंगे।
Psa 37:3 यहोवा पर भरोसा रख, और भला कर; देश में बसा रह, और सच्चाई में मन लगाए रह।
Psa 37:4 यहोवा को अपने सुख का मूल जान, और वह तेरे मनोरथों को मूरा करेगा।
Psa 37:5 अपने मार्ग की चिन्ता यहोवा पर छोड़, और उस पर भरोसा रख, वही पूरा करेगा।
Psa 37:6 और वह तेरा धर्म ज्योति की नाई, और तेरा न्याय दोपहर के उजियाले की नाई प्रगट करेगा।
Psa 37:7 यहोवा के साम्हने चुपचाप रह, और धीरज से उसका आसरा रख; उस मनुष्य के कारण न कुढ़, जिसके काम सफल होते हैं, और वह बुरी युक्तियों को निकालता है!
Psa 37:8 क्रोध से परे रह, और जलजलाहट को छोड़ दे! मत कुढ़, उस से बुराई ही निकलेगी।
Psa 37:9 क्योंकि कुकर्मी लोग काट डाले जाएंगे और जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वही पृथ्वी के अधिकारी होंगे।
Psa 37:10 थोड़े दिन के बीतने पर दुष्ट रहेगा ही नहीं; और तू उसके स्थान को भलीं भांति देखने पर भी उसको न पाएगा।
Psa 37:11 परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएंगे।
Psa 37:1 कुकर्मियों के कारण मत कुढ़, कुटिल काम करने वालों के विषय डाह न कर!
Psa 37:2 क्योंकि वे घास की नाईं झट कट जाएंगे, और हरी घास की नाई मुर्झा जाएंगे।
Psa 37:3 यहोवा पर भरोसा रख, और भला कर; देश में बसा रह, और सच्चाई में मन लगाए रह।
Psa 37:4 यहोवा को अपने सुख का मूल जान, और वह तेरे मनोरथों को मूरा करेगा।
Psa 37:5 अपने मार्ग की चिन्ता यहोवा पर छोड़, और उस पर भरोसा रख, वही पूरा करेगा।
Psa 37:6 और वह तेरा धर्म ज्योति की नाई, और तेरा न्याय दोपहर के उजियाले की नाई प्रगट करेगा।
Psa 37:7 यहोवा के साम्हने चुपचाप रह, और धीरज से उसका आसरा रख; उस मनुष्य के कारण न कुढ़, जिसके काम सफल होते हैं, और वह बुरी युक्तियों को निकालता है!
Psa 37:8 क्रोध से परे रह, और जलजलाहट को छोड़ दे! मत कुढ़, उस से बुराई ही निकलेगी।
Psa 37:9 क्योंकि कुकर्मी लोग काट डाले जाएंगे और जो यहोवा की बाट जोहते हैं, वही पृथ्वी के अधिकारी होंगे।
Psa 37:10 थोड़े दिन के बीतने पर दुष्ट रहेगा ही नहीं; और तू उसके स्थान को भलीं भांति देखने पर भी उसको न पाएगा।
Psa 37:11 परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएंगे।
एक साल में बाइबल:
- श्रेष्ठगीत १-३
- गलतियों २