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शुक्रवार, 25 दिसंबर 2015

ख्रिस्टिंगल


   चेक गणराज्य तथा अन्य स्थानों पर मनाए जाने वाले क्रिसमस के उत्सव में ख्रिस्टिंगल का भी उपयोग होता है। ख्रिस्टिंगल वास्तव में एक संतरा होता है, जो संसार का प्रतीक है और उसके ऊपर एक मोमबत्ती लगी होती है, जो जगत की ज्योति मसीह यीशु को दर्शाती है। उस संतरे के चारों ओर एक लाल फीता बंधा होता है, जो मसीह यीशु के बलिदान के लहू को दिखाता है और चार तिनकों में सूखे मेवे लगा कर उस फीते में से संतरे के चारों ओर लगा दिए जाते हैं जो मसीह के लिए संसार से आए फल अर्थात मसीह यीशु को समर्पित लोगों को दर्शाते हैं।

   यह साधारण सा प्रतीक मसीह यीशु के संसार में आने के उद्देश्य को बड़ी खूबसूरती से दिखाता है - पाप के अन्धकार में पड़े संसार के लिए जीवन की ज्योति लाना और अपने बलिदान के लहू द्वारा पाप के बन्धन में पड़े लोगों को मुक्त करने का मार्ग प्रदान करना।

   प्रेरित यूहन्ना द्वारा लिखे गए प्रभु यीशु के जीवन के वृतान्त में यूहन्ना ने प्रभु यीशु को संसार की ज्योति कहा है। प्रभु यीशु के जन्म के संदर्भ में यूहन्ना ने लिखा: "सच्ची ज्योति जो हर एक मनुष्य को प्रकाशित करती है, जगत में आनेवाली थी" (यूहन्ना 1:9)। मसीह जो संसार की ज्योति है वह ना केवल पाप के अन्धकार को दूर करने के लिए आया, वरन वह "...परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत के पाप उठा ले जाता है" (यूहन्ना 1:29)।

   ज़रा इस बात पर विचार कीजिए; बेतलहेम में जन्मा वह शिशु वही मसीह यीशु है जिसके जीवन बलिदान और मृतकों में से पुनरुत्थान के कारण आज समस्त संसार के प्रत्येक व्यक्ति को पाप के दण्ड से बचने का मार्ग सेंत-मेंत उपलब्ध है। इसीलिए यूहन्ना हमें कहता है, "पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं; और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है" (1 John 1:7)। प्रभु यीशु की ज्योति में चलने का निर्णय लेने वाला हर जन प्रभु की शांति एवं सुरक्षा में बने रहने की आशीष भी पा लेता है। - बिल क्राउडर


नवजात शिशु मसीह यीशु जगत की ज्योति और परमेश्वर की ओर से दिया गया उद्धार का मार्ग ठहरा।

तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा। - यूहन्ना 8:12

बाइबल पाठ: यूहन्ना 1:1-7
John 1:1 आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था। 
John 1:2 यही आदि में परमेश्वर के साथ था। 
John 1:3 सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न न हुई। 
John 1:4 उस में जीवन था; और वह जीवन मुनष्यों की ज्योति थी। 
John 1:5 और ज्योति अन्धकार में चमकती है; और अन्धकार ने उसे ग्रहण न किया। 
John 1:6 एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ जिस का नाम यूहन्ना था। 
John 1:7 यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएं।

एक साल में बाइबल: 
  • सपन्याह 1-3
  • प्रकाशितवाक्य 16