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मंगलवार, 5 जनवरी 2021

परिवर्तन


          तानी और मोदूपे की परवरिश नाइजीरिया में हुई और वे 1970 के दशक में अध्ययन के लिए इंग्लैंड गए। यद्यपि उन्होंने व्यक्तिगत रीति से अपने जीवन में परमेश्वर के अनुग्रह से आए परिवर्तन को अनुभव किया था, फिर भी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि एक दिन उन्हें इंग्लैंड की सबसे वंचित और पृथक किए गए समुदायों – लिवरपूल के एनफील्ड में ऐसा परिवर्तन लाने के लिए उपयोग किया जाएगा। डॉक्टर तानी और मुदूपे विश्वासयोग्यता के साथ परमेश्वर के खोजी रहे, और अपने समुदाय में सेवा करते रहे, और उनमें होकर परमेश्वर ने अनेकों की आशा को पुनःस्थापित किया। अब वे एक जीवंत चर्च का संचालन करते हैं, और अनेकों सामाजिक परियोजनाएं संचालित करते हैं, जिससे अनगिनत जीवनों में परिवर्तन आए हैं।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में मनश्शे ने अपने समाज को पहले बुराई की ओर और फिर भलाई की ओर परिवर्तित किया। वह बारह वर्ष की आयु में यहूदा का राजा बना था। उसने कई वर्ष तक बहुत सी बुराइयां कीं, और अपनी प्रजा को परमेश्वर से पथभ्रष्ट कर दिया (2 इतिहास 33:1-9)। उन लोगों ने परमेश्वर की चेतावनियों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया, इसलिए परमेश्वर ने मनश्शे को बँधुआ बनाकर बेबीलोन ले जाए जाने दिया (पद 10-11)।

          वहाँ पर अपने कष्ट में मनश्शे परमेश्वर की ओर मुड़ा, और दीन होकर उसे पुकारा; परमेश्वर ने उसकी पुकार को सुना और उसे वापस लौटा कर उसे उसके राज्य पर पुनःस्थापित कर दिया (पद 12-13)। अब परिवर्तित हो चुके राजा ने नगर की दीवारों को बनवाया और पराए देवी-देवताओं को बाहर निकाल फेंका ( 14-15)। लिखा है,तब उसने यहोवा की वेदी की मरम्मत की, और उस पर मेलबलि और धन्यवाद बलि चढ़ाने लगा, और यहूदियों को इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की उपासना करने की आज्ञा दी” (पद 16)। जब लोगों ने मनश्शे के जीवन में यह अद्भुत परिवर्तन देखा, तो वे भी प्रभावित होकर परिवर्तित हो गए (पद 17)।

          जब हम सच्चे मन से परमेश्वर के खोजी होते हैं, और उसकी आज्ञाकारिता में चलते हैं, तो वह हमें परिवर्तित करता है, और हमारे द्वारा हमारे समाज में परिवर्तन लाता है। - रूथ ओरिली-स्मिथ

 

परमेश्वर द्वारा आप में लाया गया परिवर्तन, औरों को भी परिवर्तित करता है।


यहोवा की व्यवस्था खरी है, वह प्राण को बहाल कर देती है; यहोवा के नियम विश्वासयोग्य हैं, साधारण लोगों को बुद्धिमान बना देते हैं; यहोवा के उपदेश सिद्ध हैं, हृदय को आनन्दित कर देते हैं; यहोवा की आज्ञा निर्मल है, वह आंखों में ज्योति ले आती है; - भजन 19:7-8

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 33:9-17

2 इतिहास 33:9 और मनश्शे ने यहूदा और यरूशलेम के निवासियों को यहां तक भटका दिया कि उन्होंने उन जातियों से भी बढ़ कर बुराई की, जिन्हें यहोवा ने इस्राएलियों के सामने से विनाश किया था।

2 इतिहास 33:10 और यहोवा ने मनश्शे और उसकी प्रजा से बातें कीं, परन्तु उन्होंने कुछ ध्यान नहीं दिया।

2 इतिहास 33:11 तब यहोवा ने उन पर अश्शूर के सेनापतियों से चढ़ाई कराई, और ये मनश्शे को नकेल डाल कर, और पीतल की बेड़ियों में जकड़ कर, उसे बेबीलोन को ले गए।

2 इतिहास 33:12 तब संकट में पड़ कर वह अपने परमेश्वर यहोवा को मानने लगा, और अपने पूर्वजों के परमेश्वर के सामने बहुत दीन हुआ, और उस से प्रार्थना की।

2 इतिहास 33:13 तब उसने प्रसन्न हो कर उसकी विनती सुनी, और उसको यरूशलेम में पहुंचा कर उसका राज्य लौटा दिया। तब मनश्शे को निश्चय हो गया कि यहोवा ही परमेश्वर है।

2 इतिहास 33:14 इसके बाद उसने दाऊदपुर से बाहर गीहोन के पश्चिम की ओर नाले में मच्छली फाटक तक एक शहरपनाह बनवाई, फिर ओपेल को घेर कर बहुत ऊंचा कर दिया; और यहूदा के सब गढ़ वाले नगरों में सेनापति ठहरा दिए।

2 इतिहास 33:15 फिर उसने पराये देवताओं को और यहोवा के भवन में की मूर्ति को, और जितनी वेदियां उसने यहोवा के भवन के पर्वत पर, और यरूशलेम में बनवाई थीं, उन सब को दूर कर के नगर से बाहर फिंकवा दिया।

2 इतिहास 33:16 तब उसने यहोवा की वेदी की मरम्मत की, और उस पर मेलबलि और धन्यवाद बलि चढ़ाने लगा, और यहूदियों को इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की उपासना करने की आज्ञा दी।

2 इतिहास 33:17 तौभी प्रजा के लोग ऊंचे स्थानों पर बलिदान करते रहे, परन्तु केवल अपने परमेश्वर यहोवा के लिये।

 

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 13-15
  • मत्ती 5:1-26