ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

रविवार, 18 अक्तूबर 2015

समाप्त?


   इस संसार की हर चीज़ का आखिरकर अन्त हो ही जाता है, जो कई बार निराशाजनक हो सकता है। ऐसा एहसास तब होता है जब हम कोई बहुत अच्छी पुस्तक पढ़ रहे हों, और नहीं चाहते कि वह कभी समाप्त हो, परन्तु उसका अन्त आता ही है; या फिर कोई बहुत अच्छा चलचित्र देख रहे हों और मन करता रहे कि कुछ और, थोड़ा सा और किंतु फिर भी वह स्माप्त हो ही जाता है। हर चीज़ का, चाहे वह अच्छी हो या बुरी, अन्त अनिवार्य है। हमारे जीवन का भी अन्त अवश्यंभावी है, चाहे वह अनेपक्षित और अनायास ही हो। किसी प्रीय जन की अर्थी के पास खड़े होने पर मन के दुखद खालीपन के एहसास से हम अनभिज्ञ नहीं हैं, बार बार मन में चाह उठती है कि काश ऐसा अभी नहीं हुआ होता, थोड़ा समय और मिल जाता।

   लेकिन हम मसीही विश्वासियों के पास वह आशा है जो संसार में किसी और के पास कदापि नहीं है, प्रभु यीशु में मिलने वाला अनन्त जीवन और प्रभु में सोए हुए अपने प्रीय जनों के साथ पुनः अनन्तकाल तक रहने की आशा! प्रभु यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान ने हम मनुष्यों के लिए इस अभूतपूर्व आशा को जन्म दिया है। प्रभु यीशु में सांसारिक जीवन का अन्त, स्वर्ग में अनन्तकाल के सुखों का आरंभ है। क्योंकि हमारे शरीर अनन्तकाल तक रहने वाली सच्चाई नहीं हैं, इसीलिए प्रेरित पौलुस ने इस संदर्भ में कुरिन्थुस के विश्वासियों को लिखा "देखो, मैं तुम से भेद की बात कहता हूं: कि हम सब तो नहीं सोएंगे, परन्तु सब बदल जाएंगे" (1 कुरिन्थियों 15:51) और उन्हें आश्वस्त किया कि प्रभु यीशु के जयवंत कार्य के कारण हम निसंकोच कह सकते हैं कि "हे मृत्यु तेरी जय कहां रही?" (1 कुरिन्थियों 15:55)

   इसलिए इस जीवन की समाप्ति को लेकर अपने हृदयों को व्याकुल ना होने दें। शारीरिक विछोह दुखदायी तो होता है लेकिन हमें परमेश्वर के द्वारा प्रभु यीशु में अनन्त विजय का मार्ग उपलब्ध कराया गया है। अब जो मसीह यीशु में हैं उनके लिए "समाप्त" अनन्तकाल के समारोह का आरंभ है। क्या आप इस समारोह में सम्मिलित होंगे? - जो स्टोवैल


मसीह यीशु में सांसारिक अन्त स्वर्गीय आरंभ है।

और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो। - यूहन्ना 14:3 

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 15:50-58
1 Corinthians 15:50 हे भाइयों, मैं यह कहता हूं कि मांस और लोहू परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं हो सकते, और न विनाश अविनाशी का अधिकारी हो सकता है। 
1 Corinthians 15:51 देखे, मैं तुम से भेद की बात कहता हूं: कि हम सब तो नहीं सोएंगे, परन्तु सब बदल जाएंगे। 
1 Corinthians 15:52 और यह क्षण भर में, पलक मारते ही पिछली तुरही फूंकते ही होगा: क्योंकि तुरही फूंकी जाएगी और मुर्दे अविनाशी दशा में उठाए जांएगे, और हम बदल जाएंगे। 
1 Corinthians 15:53 क्योंकि अवश्य है, कि यह नाशमान देह अविनाश को पहिन ले, और यह मरनहार देह अमरता को पहिन ले। 
1 Corinthians 15:54 और जब यह नाशमान अविनाश को पहिन लेगा, और यह मरनहार अमरता को पहिन लेगा, तक वह वचन जो लिखा है, पूरा हो जाएगा, कि जय ने मृत्यु को निगल लिया। 
1 Corinthians 15:55 हे मृत्यु तेरी जय कहां रही? 
1 Corinthians 15:56 हे मृत्यु तेरा डंक कहां रहा? मृत्यु का डंक पाप है; और पाप का बल व्यवस्था है। 
1 Corinthians 15:57 परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें जयवन्‍त करता है। 
1 Corinthians 15:58 सो हे मेरे प्रिय भाइयो, दृढ़ और अटल रहो, और प्रभु के काम में सर्वदा बढ़ते जाओ, क्योंकि यह जानते हो, कि तुम्हारा परिश्रम प्रभु में व्यर्थ नहीं है।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 53-55
  • 2 थिस्सलुनीकियों 1