हास्य-कलाकार फ्रेड एलेन ने कहा, “एक ख्याति
प्राप्त व्यक्ति वह होता है जो सारी उम्र प्रसिद्ध होने के लिए कठिन परिश्रम करता
है, फिर काला चश्मा लगाकर घूमता है कि कहीं पहचान न लिया जाए।” ख्याति मिलने के
साथ ही, व्यक्तिगत समय की हानि तथा लोगों के लगातार ध्यान में रहना भी आता है।
जब प्रभु यीशु ने सिखाने और चंगाई देने की
अपनी सार्वजनिक सेवा का आरंभ किया, तो वे तुरंत ही लोगों की नज़रों में चढ़ गए और
सहायता माँगने वालों की भीड़ से घिरे रहते थे। वे जहाँ भी जाते थे, भीड़ उनके पीछे
चली आती थी। परन्तु प्रभु यीशु जानते थे कि सामर्थ्य और सही दृष्टिकोण बनाए रखने
के लिए उन्हें परमेश्वर के साथ एकांत में समय बिताना कितना आवश्यक था।
जब प्रभु यीशु के शिष्य अपने सफल प्रथम प्रचार
सेवा से लौट कर आए, जिसमें उन्होंने परमेश्वर के राज्य का प्रचार और बीमारों को
चंगाई देने का कार्य किया, तब प्रभु यीशु उन्हें एक एकांत स्थान पर विश्राम करवाने
के लिए ले गए (लूका 9:2, 10)। लेकिन शीघ्र ही लोगों की भीड़ ने उन्हें ढूँढ लिया,
और प्रभु यीशु ने उस भीड़ का स्वागत भी किया। प्रभु ने उन्हें परमेश्वर के राज्य के
बारे में सिखाया, और जिन्हें चंगाई की आवश्यकता थी, उन्हें चँगा भी किया (पद 11)।
भोजन के लिए अपना इंतज़ाम करने के लिए भेजने के स्थान पर, प्रभु यीशु ने उनके लिए
वहीं 5000 से अधिक की उस भीड़ के लिए भोजन का इंतजाम भी कर के दिया (पद 12-17)।
प्रभु यीशु जिज्ञासु और दुखी लोगों की सेवा से
आने वाले दबाव से अपरिचित नहीं थे, इसीलिए वे सामाजिक सेवा और व्यक्तिगत एकांत के
मध्य संतुलन बनाए रखने के लिए प्रार्थना और विश्राम के लिए समय निकाला करते थे।
हम जब प्रभु यीशु के नाम में सेवा करते हैं,
तो हम भी प्रार्थना और विश्राम के लिए समय निकालने के प्रभु के इस उदाहरण का
अनुसरण करें। - डेविड मैक्कैस्लैंड
हमें
परमेश्वर की आवाज़ को सुनने के लिए
जीवन के शोर की ध्वनि की तीव्रता को कम करना ही
होगा।
उसने
उन से कहा;
तुम आप अलग किसी जंगली स्थान में आकर थोड़ा विश्राम करो; क्योंकि बहुत लोग आते जाते थे, और उन्हें खाने का
अवसर भी नहीं मिलता था। - मरकुस 6:31
बाइबल
पाठ: लूका 9:1-2, 10-17
Luke 9:1 फिर उसने बारहों को बुलाकर उन्हें सब दुष्टात्माओं और बिमारियों को
दूर करने की सामर्थ और अधिकार दिया।
Luke 9:2 और उन्हें परमेश्वर के राज्य का प्रचार करने, और
बिमारों को अच्छा करने के लिये भेजा।
Luke 9:10 फिर प्रेरितों ने लौटकर जो कुछ उन्होंने किया था, उसको बता दिया, और वह उन्हें अलग कर के बैतसैदा नाम
एक नगर को ले गया।
Luke 9:11 यह जानकर भीड़ उसके पीछे हो ली: और वह आनन्द के साथ उन से मिला,
और उन से परमेश्वर के राज्य की बातें करने लगा: और जो चंगे होना
चाहते थे, उन्हें चंगा किया।
Luke 9:12 जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उस से कहा,
भीड़ को विदा कर, कि चारों ओर के गावों और बस्तियों
में जा कर टिकें, और भोजन का उपाय करें, क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं।
Luke 9:13 उसने उन से कहा, तुम ही उन्हें खाने को दो:
उन्होंने कहा, हमारे पास पांच रोटियां और दो मछली को छोड़ और
कुछ नहीं: परन्तु हां, यदि हम जा कर इन सब लोगों के लिये
भोजन मोल लें, तो हो सकता है: वे लोग तो पांच हजार पुरूषों
के लगभग थे।
Luke 9:14 तब उसने अपने चेलों से कहा, उन्हें पचास पचास
कर के पांति में बैठा दो।
Luke 9:15 उन्होंने ऐसा ही किया, और सब को बैठा दिया।
Luke 9:16 तब उसने वे पांच रोटियां और दो मछली लीं, और
स्वर्ग की और देखकर धन्यवाद किया, और तोड़ तोड़कर चेलों को
देता गया, कि लोगों को परोसें।
Luke 9:17 सो सब खाकर तृप्त हुए, और बचे हुए टुकड़ों से
बारह टोकरी भरकर उठाईं।
एक
साल में बाइबल:
- लैव्यवस्था 23-24
- मरकुस 1:1-22