ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

सोमवार, 23 जनवरी 2017

क्षमा


   मैं दो ऐसे लोगों के साथ भोजन पर था जिन्होंने अपने कारावास में दण्ड भोगने के दौरान प्रभु यीशु मसीह को अपना उद्धारकर्ता ग्रहण किया था। उनमें से छोटी उम्र वाला इस बात से निराश था कि जिस परिवार से उसने चुराया था, वह उसे क्षमा करने के लिए तैयार नहीं था।

   दूसरे व्यक्ति ने, जो उम्र में बड़ा था, अपने अनुभव के आधार पर कहा, "मेरा अपराध हिंसात्मक था; उसका प्रभाव आज भी उस परिवार को परेशान करता है। उन्होंने भी मुझे क्षमा नहीं किया है...उनकी पीड़ा बहुत अधिक है। पहले तो उनसे क्षमा मिलने की लालसा ने मुझे निष्क्रीय बनाए रखा। लेकिन एक दिन मुझे एहसास हुआ कि ऐसा कर के मैं अपने पश्चाताप में अपना स्वार्थ मिला रहा हूँ। उस परिवार द्वारा क्षमा की अपेक्षा रखना बहुत बड़ी बात थी। अपने अतीत से चंगा होने के लिए मैं अपनी इच्छानुसार कुछ होते हुए देखना चाहता था। मुझे यह समझने में कुछ समय लगा कि उस परिवार द्वारा मुझे क्षमा कर देना उनके और परमेश्वर के बीच की बात है।"

   तब पहले व्यक्ति ने पूछा, "आप कैसे इसे सहन करने पाए?"

   तो दूसरे ने समझाया, "परमेश्वर ने मेरे लिए वह किया जिसके लिए मैं कदापि योग्य नहीं था और जो मेरे लिए कोई और कभी नहीं कर सकता था। वह मेरे पापों के लिए मरा, और अपने वायदे के अनुसार मेरे पापों को मुझ से इतना दूर कर दिया जितना उदयाचल से अस्ताचल दूर है (भजन 103:12); और अब वह मेरे पापों को कभी स्मरण नहीं करता है (यशायाह 43:25)।"

   इतने महान प्रेम के समक्ष, उसकी क्षमा को ही अपने लिए पर्याप्त स्वीकार करके हम उसका आदर करते हैं; उसमें और किसी बात की लालसा को जोड़ने की कोई आवश्यकता नहीं है। पुरानी बातों में उलझे रहने की बजाए, जो बीत गया उसे पीछे छोड़कर अब हमें अपने नए जीवन में आगे बढ़ते जाना है। - रैंडी किलगोर


प्रभु यीशु का कार्य प्रत्येक पाप के निवारण के लिए पर्याप्त है।

क्या तुम नहीं जानते, कि दौड़ में तो दौड़ते सब ही हैं, परन्तु इनाम एक ही ले जाता है तुम वैसे ही दौड़ो, कि जीतो। - 1 कुरिन्थियों 9:24

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 3:7-16
Philippians 3:7 परन्तु जो जो बातें मेरे लाभ की थीं, उन्‍हीं को मैं ने मसीह के कारण हानि समझ लिया है। 
Philippians 3:8 वरन मैं अपने प्रभु मसीह यीशु की पहिचान की उत्तमता के कारण सब बातों को हानि समझता हूं: जिस के कारण मैं ने सब वस्‍तुओं की हानि उठाई, और उन्हें कूड़ा समझता हूं, जिस से मैं मसीह को प्राप्त करूँ। 
Philippians 3:9 और उस में पाया जाऊँ; न कि अपनी उस धामिर्कता के साथ, जो व्यवस्था से है, वरन उस धामिर्कता के साथ जो मसीह पर विश्वास करने के कारण है, और परमेश्वर की ओर से विश्वास करने पर मिलती है। 
Philippians 3:10 और मैं उसको और उसके मृत्युंजय की सामर्थ को, और उसके साथ दुखों में सहभागी होने के मर्म को जानूँ, और उस की मृत्यु की समानता को प्राप्त करूँ। 
Philippians 3:11 ताकि मैं किसी भी रीति से मरे हुओं में से जी उठने के पद तक पहुंचूं। 
Philippians 3:12 यह मतलब नहीं, कि मैं पा चुका हूं, या सिद्ध हो चुका हूं: पर उस पदार्थ को पकड़ने के लिये दौड़ा चला जाता हूं, जिस के लिये मसीह यीशु ने मुझे पकड़ा था। 
Philippians 3:13 हे भाइयों, मेरी भावना यह नहीं कि मैं पकड़ चुका हूं: परन्तु केवल यह एक काम करता हूं, कि जो बातें पीछे रह गई हैं उन को भूल कर, आगे की बातों की ओर बढ़ता हुआ। 
Philippians 3:14 निशाने की ओर दौड़ा चला जाता हूं, ताकि वह इनाम पाऊँ, जिस के लिये परमेश्वर ने मुझे मसीह यीशु में ऊपर बुलाया है। 
Philippians 3:15 सो हम में से जितने सिद्ध हैं, यही विचार रखें, और यदि किसी बात में तुम्हारा और ही विचार हो तो परमेश्वर उसे भी तुम पर प्रगट कर देगा। 
Philippians 3:16 सो जहां तक हम पहुंचे हैं, उसी के अनुसार चलें।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 7-8
  • मत्ती 15:1-20