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शनिवार, 22 अक्तूबर 2016

परम मित्र


   मेरी एक मित्र के पति डिमेन्शिया रोग के कारण, जिसमें यादाश्त जाती रहती है तथा मरीज़ अपनी देखभाल, भूख-प्यास का निवारण और साफ-सफाई भी नहीं कर पाता, जीवन के अन्तिम चरणों में थे। उनकी देखभाल करने के लिए एक नर्स नियुक्त करी गई, और जब उनसे उस नर्स की प्रथम मुलाकात करवाई गई तो उन्होंने हाथ बढ़ाकर उसकी बाँह थाम ली, उसे रोका और कहा कि वे उसका परिचय अपने सबसे अच्छे और परम-मित्र से करवाना चाहते हैं, जो उनसे बहुत प्रेम करता है।

   क्योंकि वहाँ और कोई नहीं था, इसलिए उस नर्स को लगा कि अपने मानसिक रोग के कारण वे यूँ ही बड़बड़ा रहे हैं; लेकिन बाद में पता चला कि वे प्रभु यीशु की बात कर रहे थे। वह नर्स उनकी बात से बहुत प्रभावित हुई किंतु एक अन्य मरीज़ की देखभाल करने जाने के कारण वह उनकी पूरी बात सुन नहीं सकी और उसे जाना पड़ा। बाद में जब वह लौट कर उनके पास आई, तब तक वे पुनः अपनी बीमारी के प्रभाव में आ चुके थे, अपने आस-पास का बोध ना होने के अन्धकार में जा चुके थे।

   यद्यपि यह व्यक्ति डिमेन्शिया के अन्धकार में उतर गया था, लेकिन फिर भी उसे यह याद था कि उसका सबसे अच्छा मित्र प्रभु यीशु है, जो उससे बहुत प्रेम करता है। परमेश्वर हम मसीही विश्वासियों के मन की अथाह गहराईयों में निवास करता है। वह हमारे मन के सबसे गहरे अन्धकार को भी बींध कर अपने कोमल प्रेम और देखभाल के आश्वासन का उजियाला हमारे मनों में कर सकता है; कोई भी अन्धकार हमें उस से छुपा नहीं सकता है (भजन 139:12)।

   हम यह तो नहीं जानते कि हमारे अपने लिए या हमारे प्रीय जनों के लिए भविष्य में क्या रखा है। संभव है कि वे या हम भी किसी मानसिक अथवा शारीरिक रोग के कारण किसी अन्धकार में पड़ जाएं। लेकिन हम मसीही विश्वासियों को यह निश्चय और आश्वासन अवश्य है कि हमारे सबसे अच्छे और परम मित्र, हमारे उद्धारकर्ता प्रभु यीशु का साथ, देखभाल और मार्गदर्शन उस परिस्थिति में भी हमारे साथ बना रहेगा, हमें आश्वस्त तथा शान्त रखेगा। उस परम मित्र के प्रेम और व्यक्तिगत देखभाल से हमें कुछ भी, कोई भी, कभी भी अलग नहीं कर सकता है। - डेविड रोपर


प्रभु यीशु मुझ से प्रेम करता है, यह मैंने व्यक्तिगत अनुभव से जाना है।

क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ, न ऊंचाई, न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी| - रोमियों 8:38-39

बाइबल पाठ: भजन 139:7-12
Psalms 139:7 मैं तेरे आत्मा से भाग कर किधर जाऊं? वा तेरे साम्हने से किधर भागूं? 
Psalms 139:8 यदि मैं आकाश पर चढूं, तो तू वहां है! यदि मैं अपना बिछौना अधोलोक में बिछाऊं तो वहां भी तू है! 
Psalms 139:9 यदि मैं भोर की किरणों पर चढ़ कर समुद्र के पार जा बसूं, 
Psalms 139:10 तो वहां भी तू अपने हाथ से मेरी अगुवाई करेगा, और अपने दाहिने हाथ से मुझे पकड़े रहेगा। 
Psalms 139:11 यदि मैं कहूं कि अन्धकार में तो मैं छिप जाऊंगा, और मेरे चारों ओर का उजियाला रात का अन्धेरा हो जाएगा, 
Psalms 139:12 तौभी अन्धकार तुझ से न छिपाएगा, रात तो दिन के तुल्य प्रकाश देगी; क्योंकि तेरे लिये अन्धियारा और उजियाला दोनों एक समान हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 65-66
  • 1 तिमुथियुस 2