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रविवार, 4 मार्च 2018

समय


   जब दक्षिण-अफ्रीका के पास्टर एंड्रयु मर्रे 1895  में इंग्लैण्ड की यात्रा पर थे, तो पीठ पर लगी एक पुरानी चोट के कारण दर्द अनुभव करने लगे। स्वास्थ्य लाभ के लिए विश्राम करते हुए, उनकी मेज़बान महिला ने उन्हें बताया कि एक महिला बहुत परेशानी में है और उनसे परामर्श लेना चाहती है। मर्रे ने  कहा, “उन्हें यह कागज़ दे दे दीजिए, जिसे मैं अपने ही प्रोत्साहन के लिए लिख रहा हूँ। संभव है कि इस से उनकी सहायता होगी।” उस कागज़ पर मर्रे ने यह लिखा  हुआ था: 
“परेशानी के अवसरों पर यह कहिए:
प्रथम – परमेश्वर मुझे यहाँ लेकर आया है। इस कठिनाई में भी मैं उसकी इच्छा के अनुसार ही हूँ। मैं इसी में विश्राम पाऊँगा।

अगला – वह मुझे अपने प्रेम में सुरक्षित रखेगा और इस परिक्षा में अनुग्रह प्रदान करेगा कि मैं उसकी सन्तान होने के अनुसार व्यवहार कर सकूँ।

फिर – वह इस परिक्षा को आशीष बना देगा, मुझे वे पाठ सिखाएगा जो वह सिखाना चाहता है, और जो अनुग्रह वह मुझे प्रदान करना चाहता हैउसे मेर अन्दर कार्यान्वित करेगा।

अन्त में – अपने भले समय में वह मुझे इस में से निकाल लेगा – कब और कैसे, यह वह ही जानता है।

 मैं यहाँ परमेश्वर की नियुक्ति के अनुसार हूँ, उसकी सुरक्षा में हूँ, उसके प्रशिक्षण में हूँ, उसके द्वारा निर्धारित समय के लिए हूँ।”

   हम तुरंत समाधान चाहते हैं, हर बात का त्वरित ठीक किया जाना; परन्तु कुछ बातें ऐसी होती हैं जिन्हें इतनी सरलता से समझा नहीं जा सकता है; उन्हें केवल स्वीकार ही किया जा सकता है। परमेश्वर अपने प्रेम में हमें संभाले रहता है; उसके अनुग्रह में होकर हम उसमें विश्राम प्राप्त करते हैं। - डेविड रोपर


जब परमेश्वर क्लेश आने देता है, 
वह साथ ही उपयुक्त सुविधा और सांत्वना भी देता है।

इस कारण मैं मसीह के लिये निर्बलताओं, और निन्‍दाओं में, और दरिद्रता में, और उपद्रवों में, और संकटों में, प्रसन्न हूं; क्योंकि जब मैं निर्बल होता हूं, तभी बलवन्‍त होता हूं। - 2 कुरिन्थियों 12:10

बाइबल पाठ: याकूब 1:2-4
James 1:2 हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो
James 1:3 तो इसको पूरे आनन्द की बात समझो, यह जान कर, कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है।
James 1:4 पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो, कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ और तुम में किसी बात की घटी न रहे।


एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 31-33
  • मरकुस 9:1-29