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बुधवार, 26 सितंबर 2018

निमंत्रण



      एक संगीत सभा में उपस्थिति के दौरान, मेरा मन एक परेशान करने वाली ऐसी बात की ओर चला गया जिस पर मुझे ध्यान देने की आवश्यकता थी। परन्तु मेरे ध्यान का उस ओर भटकना केवल कुछ पल का ही थी, क्योंकि एक बहुत ही मनोहर भक्ति-गीत के शब्द मेरे कानों से होकर मेरे मन की गहराइयों को छूने लगे। संगीत मण्डली के सदस्य गा रहे थे, “मेरी आत्मा शान्त रह।” उन शब्दों को सुनते और उन पर मनन करते हुए मेरी आँखें भर आईं, उस शान्ति के बारे में सोचते हुए जो केवल प्रभु परमेश्वर द्वारा ही उपलब्ध करवाई जा सकती है। उस गीत के बोल कुछ इस प्रकार थे:
      मेरी आत्मा शान्त रह:
      प्रभु निकट है तेरे!
      दुःख दर्द का क्रूस सह धीरज से तू;
      आज्ञा और प्रबंध छोड़ परमेश्वर पर;
      हर बदालव में वह रहेगा खरा।

      जब प्रभु यीशु उन नगरों को डाँट रहे थे जिनमें उन्होंने अपने अधिकांश आश्चर्यकर्म किए थे परन्तु फिर भी जिन्होंने पश्चाताप नहीं किया था (मत्ती 11:40), तब भी प्रभु के पास उन लोगों के लिए सांत्वना और शान्ति के शब्द थे जो उनके निकट आना चाहते थेते। परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है कि प्रभु ने उनके पास आने की इच्छा रखने वालों को निमंत्रण देते हुए कहा “हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा। मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे” (मत्ती 11:28-29)।

      उनका यह कथन चौंकाने वाला है! जो उनका तिरिस्कार कर रहे थे, उनके लिए प्रयोग किए गए उनके कठोर शब्दों के तुरंत बाद प्रभु ने सभी के लिए यह निमंत्रण दिया कि सभी लोग उनके निकट आएँ और उस शान्ति को प्राप्त करें जिसकी सब को लालसा रहती है। प्रभु यीशु ही एकमात्र हैं को हमारी व्याकुल और श्रमित आत्माओं को स्थाई और सच्ची शान्ति प्रदान कर सकते हैं; और इसके लिए उनका निमंत्रण सँसार के सभी लोगों के लिए खुला एवँ उपलब्ध है। - जो स्टोवैल


जब हम अपने मन प्रभु यीशु पर लगाए रखते हैं, 
तो वह हमारे मनों को शान्त बनाए रखता है।

जिसका मन तुझ में धीरज धरे हुए हैं, उसकी तू पूर्ण शान्ति के साथ रक्षा करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है। - यशायाह 26:3

बाइबल पाठ: मत्ती 11:25-30
Matthew 11:25 उसी समय यीशु ने कहा, हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, कि तू ने इन बातों को ज्ञानियों और समझदारों से छिपा रखा, और बालकों पर प्रगट किया है।
Matthew 11:26 हां, हे पिता, क्योंकि तुझे यही अच्छा लगा।
Matthew 11:27 मेरे पिता ने मुझे सब कुछ सौंपा है, और कोई पुत्र को नहीं जानता, केवल पिता; और कोई पिता को नहीं जानता, केवल पुत्र और वह जिस पर पुत्र उसे प्रगट करना चाहे।
Matthew 11:28 हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।
Matthew 11:29 मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे।
Matthew 11:30 क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है।


एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 1-2
  • गलतियों 5