एक देश में यात्रा करते समय हमने पाया कि पक्की सड़कों पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए थे जिनके कारण ठीक से गाड़ी चलाना कठिन हो गया था। मेरे पति ने हमारे टैक्सी चालक से इस के बारे में पूछा तो उसने कहा कि ये गड्ढे भारी ट्रकों द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक मात्रा में भार लेकर चलने के कारण हुए थे। जब भी पुलिस वाले उन ट्रक वालों को रोकते तो वे ट्रक वाले पुलिस वालों को रिश्वत देकर दण्ड से बच निकलते। ऐसा करने से पुलिस और ट्रक वाले तो अपनी कमाई कर लेते थे लेकिन क्षति अन्य वाहन चालकों और सामान्य जनता की होती थी जो इन सड़कों के बनाने के लिए कर भी चुकाती थी, फिर खराब सड़कों के कारण परेशानी भी उठाती थी।
सभी प्रकार की रिश्वत इतनी प्रत्यक्ष नहीं होती, कुछ प्रकार की रिश्वत अप्रत्यक्ष भी होती है; और हर रिश्वत वित्तीय भी नहीं होती। चापलूसी भी एक प्रकार कि रिश्वत ही है जो शब्दों के द्वारा दी जाती है। यदि कोई हमारे बारे में अच्छी अच्छी बातें कहता रहे और हमारी प्रशंसा करता रहे और हम इस कारण से उसे अन्य लोगों की बजाए अधिक महत्व दें और उसकी गलतीयों की अनदेखी करें या उन पर पर्दा डालें तो यह रिश्वतखोरी के समान ही है। परमेश्वर की नज़र में हर प्रकार का पक्षपात अन्याय है। इस बारे में हम परमेश्वर के दृष्टिकोण को इस बात से भी समझ सकते हैं कि जब परमेश्वर ने इस्त्राएल को मिस्त्र के दासत्व से निकाल कर कनान देश में लाकर बसाया तो उन्हें चिताया कि उनका वहाँ बना रहना उनके परस्पर न्यायपूर्ण व्यवहार पर निर्भर करेगा: "तुम न्याय न बिगाड़ना; तू न तो पक्षपात करना; और न तो घूस लेना, क्योंकि घूस बुद्धिमान की आंखें अन्धी कर देती है, और धर्मियों की बातें पलट देती है। जो कुछ नितान्त ठीक है उसी का पीछा पकड़े रहना, जिस से तू जीवित रहे, और जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उसका अधिकारी बना रहे" (व्यवस्थाविवरण 16:19-20 )।
रिश्वत दूसरों को न्याय से वंचित करती है, जो परमेश्वर के चरित्र के विरुद्ध है: "क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा वही ईश्वरों का परमेश्वर और प्रभुओं का प्रभु है, वह महान पराक्रमी और भय योग्य ईश्वर है, जो किसी का पक्ष नहीं करता और न घूस लेता है" (व्यवस्थाविवरण 10:17)। जैसा परमेश्वर का चरित्र है, वैसा ही चरित्र वह अपने लोगों में भी देखना चाहता है: "पर जैसा तुम्हारा बुलाने वाला पवित्र है, वैसे ही तुम भी अपने सारे चाल चलन में पवित्र बनो। क्योंकि लिखा है, कि पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूं" (1 पतरस 1:15-16)।
परमेश्वर की इस इच्छा को पूरा करना हम मसीही विश्वासियों का कर्तव्य है। - जूली ऐकैरमैन लिंक
रिश्वतखोरी से पक्षपात होता है; प्रेम से न्याय आता है।
घूस न लेना, क्योंकि घूस देखने वालों को भी अन्धा कर देता, और धर्मियों की बातें पलट देता है। - निर्गमन 23:8
बाइबल पाठ: व्यवस्थाविवरण 10:12-22
Deuteronomy 10:12 और अब, हे इस्राएल, तेरा परमेश्वर यहोवा तुझ से इसके सिवाय और क्या चाहता है, कि तू अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानें, और उसके सारे मार्गों पर चले, उस से प्रेम रखे, और अपने पूरे मन और अपने सारे प्राण से उसकी सेवा करे,
Deuteronomy 10:13 और यहोवा की जो जो आज्ञा और विधि मैं आज तुझे सुनाता हूं उन को ग्रहण करे, जिस से तेरा भला हो?
Deuteronomy 10:14 सुन, स्वर्ग और सब से ऊंचा स्वर्ग भी, और पृथ्वी और उस में जो कुछ है, वह सब तेरे परमेश्वर यहोवा ही का है;
Deuteronomy 10:15 तौभी यहोवा ने तेरे पूर्वजों से स्नेह और प्रेम रखा, और उनके बाद तुम लोगों को जो उनकी सन्तान हो सर्व देशों के लोगों के मध्य में से चुन लिया, जैसा कि आज के दिन प्रगट है।
Deuteronomy 10:16 इसलिये अपने अपने हृदय का खतना करो, और आगे को हठीले न रहो।
Deuteronomy 10:17 क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा वही ईश्वरों का परमेश्वर और प्रभुओं का प्रभु है, वह महान् पराक्रमी और भय योग्य ईश्वर है, जो किसी का पक्ष नहीं करता और न घूस लेता है।
Deuteronomy 10:18 वह अनाथों और विधवा का न्याय चुकाता, और परदेशियों से ऐसा प्रेम करता है कि उन्हें भोजन और वस्त्र देता है।
Deuteronomy 10:19 इसलिये तुम भी परदेशियों से प्रेम भाव रखना; क्योंकि तुम भी मिस्र देश में परदेशी थे।
Deuteronomy 10:20 अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानना; उसी की सेवा करना और उसी से लिपटे रहना, और उसी के नाम की शपथ खाना।
Deuteronomy 10:21 वही तुम्हारी स्तुति के योग्य है; और वही तेरा परमेश्वर है, जिसने तेरे साथ वे बड़े महत्व के और भयानक काम किए हैं, जिन्हें तू ने अपनी आंखों से देखा है।
Deuteronomy 10:22 तेरे पुरखा जब मिस्र में गए तब सत्तर ही मनुष्य थे; परन्तु अब तेरे परमेश्वर यहोवा ने तेरी गिनती आकाश के तारों के समान बहुत कर दिया है।
एक साल में बाइबल:
- भजन 43-45
- प्रेरितों 27:27-44