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मंगलवार, 30 सितंबर 2014

आरंभिक बिन्दु


   यदि आप हमारे घर से, जो उत्तरी अमेरिका में बॉइस, इडाहो में स्थित है, दक्षिण की ओर चलें तो कुछ दूर जाने पर आपको सड़क के पूर्व में झाड़ियों के बीच में से ऊपर उठा हुआ एक टीला दिखाई देगा जो कभी ज्वालामुखीय कार्यवाही द्वारा अस्तित्व में आया था। इस टीले की चोटी ही वह आरंभिक बिन्दु है जहाँ से इडाहो प्रांत का सर्वेक्षण हुआ था। सन 1867 में अमेरिका के प्रधान सर्वेक्षण अधिकारी, लफायेटी कार्टी ने, इडाहो प्रांत की स्थापना के चार वर्ष पश्चात, पीटर बैल को यह ज़िम्मेदारी सौंपी कि वे इस नए इलाके का सर्वेक्षण करें। पीटर बैल ने उस टीले की चोटी पर पीतल का एक स्तंभ गाड़ा और उसे अपने सर्वेक्षण का आरंभिक बिन्दु घोषित किया। पीटर बैल द्वारा किए गए उस सर्वेक्षण से इडाहो प्रांत की सीमाएं और भौगोलिक विवरण स्थापित हुआ। उस आरंभिक बिन्दु के आधार पर ही वहाँ के रिहायशी इलाकों के उत्तर या दक्षिण में होने, अथवा पर्वत श्रंखलाओं के पूर्व या पश्चिम में होने का निर्धारण होता है। ऐसे स्थिर एवं स्थाई बिन्दु ही यह निर्धारित करते हैं कि आप सदा अपने स्थिति के बारे में निश्चित रहेंगे, कभी असमंजस में नहीं रहेंगे, कभी भटकने नहीं पाएंगे।

   हम बहुत सी पुस्तकें पढ़ते हैं, लेकिन हमारे लिए परमेश्वर का वचन बाइबल ही हमारा अटल और सदा स्थिर ’आरंभिक बिन्दु’ है। प्रसिद्ध मसीही प्रचारक जौन वेस्ली बहुत पुस्तकें पढ़ते थे, लेकिन वे अपने आप को सदा ही ’एक पुस्तक का व्यक्ति’ कहते थे। किसी भी पुस्तक की तुलना संसार के इतिहास की सर्वश्रेष्ठ पुस्तक, परमेश्वर के वचन बाइबल से नहीं हो सकती, क्योंकि केवल बाइबल ही है जो परमेश्वर की प्रेरणा से लिखी गई है। बाइबल 66 छोटी-बड़ी पुस्तकों का संग्रह है जो अलग अलग लोगों द्वारा अलग अलग समय में अलग अलग स्थानों एवं भाषाओं में लगभग 1500 वर्ष के अन्तराल में लिखी गईं, और कोई भी लेखक यह नहीं जानता था कि अन्ततः उसकी लिखी पुस्तक एक व्यापक संग्रह का भाग होगी। जब इन सब पुस्तकों को संग्रहित करके एक पुस्तक का रूप दिया गया तो इनमें कोई भी परस्पर विरोधाभास नहीं मिला, वरन वे विभिन्न पुस्तकें एक दूसरे की ऐसी पूरक हो गईं मानों एक ही लेखक ने उन्हें लिखा हो - जो सच भी है, क्योंकि लेखनी चाहे मनुष्य की थी किन्तु विचार तो परमेश्वर के ही थे।

   बाइबल की एक और अद्भुत बात है कि वह प्रत्येक विश्वास करने वाले से बात करती है, उसकी शिक्षाएं एवं घटनाएं प्रत्येक विश्वासी को हर परिस्थिति में ऐसी प्रतीत होती हैं मानों वे उस परिस्थिति में उसी के लिए ही लिखी गई हों; इसीलिए बाइबल को परमेश्वर का जीवता वचन भी कहा जाता है। बाइबल की आरंभिक पुस्तक लगभग 1500 ईसवीं पूर्व अर्थात आज से लगभग 3500 वर्ष पहले लिखी गई, लेकिन बाइबल की हर शिक्षा, उसकी सभी बातें सभी विश्वास करने वालों के लिए ताज़ा और समकालीन ही रही हैं। परमेश्वर ने अपना यह वचन हम सब की भलाई के लिए उपलब्ध करवाया है, और वह चाहता है कि सभी उसके इस वचन पर विश्वास करें, उस पर अधारित जीवन व्यतीत करें जिससे वे कभी किसी गलत मार्ग पर ना चलें।

   जब हम बाइबल को जीवन की हर बात तथा परिस्थिति के लिए अपना आरंभिक बिन्दु तथा मार्गदर्शक बना लेते हैं, तो हम कभी भी गलत नहीं हो सकते क्योंकि बाइबल में होकर परमेश्वर हमारी अगुवाई करता है। जो बाइबल से प्रेम करते हैं, उस पर विश्वास करते हैं वे सभी भजनकार के साथ कह सकते हैं: "तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं" (भजन 119:103)। - डेविड रोपर


बाइबल एक कुतुबनुमा है जो आपको सदा ही सही दिशा दिखाता है, सही मार्ग पर चलाता है।

उसने उत्तर दिया; कि लिखा है कि मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं, परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुख से निकलता है जीवित रहेगा। - मत्ती 4:4

बाइबल पाठ: भजन 119:97-104
Psalms 119:97 अहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है। 
Psalms 119:98 तू अपनी आज्ञाओं के द्वारा मुझे अपने शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान करता है, क्योंकि वे सदा मेरे मन में रहती हैं। 
Psalms 119:99 मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूं, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है। 
Psalms 119:100 मैं पुरनियों से भी समझदार हूं, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए हूं। 
Psalms 119:101 मैं ने अपने पांवों को हर एक बुरे रास्ते से रोक रखा है, जिस से मैं तेरे वचन के अनुसार चलूं। 
Psalms 119:102 मैं तेरे नियमों से नहीं हटा, क्योंकि तू ही ने मुझे शिक्षा दी है। 
Psalms 119:103 तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं! 
Psalms 119:104 तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • अमोस 7-9


सोमवार, 29 सितंबर 2014

सच्चाई और निश्चयता


   एक दिन मैंने कहीं जाने के लिए टैक्सी करी। जब मैं टैक्सी के अन्दर जा कर बैठा तो मैंने पाया कि अन्दर एक ’न्यू ऐज’ (नए युग) गुरू के कई विज्ञापन लगे हुए हैं। टैक्सी चालक से इस बारे में बात करने पर उस चालक ने बताया कि उसका मानना है कि परमेश्वर ने हर समय और काल में अनेक दिव्य व्यक्तित्वों को गुरू बनाकर भेजा ताकि वे लोगों की आत्मिक अगुवाई करें और वह गुरु हमारे समय के लिए भेजा गया दिव्य व्यक्तित्व था। उस टैक्सी चालक के अनुसार यीशु मसीह भी अपने समय के लिए भेजे गए दिव्य व्यक्तित्व थे। मैंने उस टक्सी चालक से अपनी असहमति व्यक्त करते हुए उसे प्रभु यीशु द्वारा कही गई बात बताई: "...मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता" (यूहन्ना 14:6)।

   उस टैक्सी चालक तथा उसके समान विश्वास रखने वाले लोगों की धारणा के विपरीत, प्रभु यीशु दिव्य व्यक्तित्वों की किसी श्रंखला की एक कड़ी मात्र नहीं हैं वरन स्वयं उनके अपने दावे के अनुसार केवल वे ही परमेश्वर तक पहुँचने का एकमात्र मार्ग हैं; उनके बिना स्वर्ग पहुँचने का और कोई रास्ता नहीं है।

   "जीवते परमेश्वर का पुत्र" (मत्ती 16:16) होने के कारण प्रभु यीशु ने अपने आप को एकमात्र सच्चा आध्यात्मिक अगुवा केवल घोषित ही नहीं किया, वरन उस घोषणा के अनुरूप जीवन जी कर भी दिखाया। उनके जन्म से लेकर आज तक, 2000 वर्ष के लंबे अन्तराल में कोई भी जन उनके जीवन में किसी भी प्रकार का कोई पाप या दुराचार दिखा अथवा प्रमाणित नहीं कर सका है। प्रभु यीशु का परिपेक्ष किसी धर्म, जाति, काल या भौगोलिक इलाके तक ही सीमित नहीं था; वे समस्त संसार के हर जन के लिए, वो चाहे किसी भी समय-काल-स्थान का रहने वाला हो, आए थे। प्रभु यीशु ने समस्त संसार के सभी लोगों के उद्धार के लिए प्रभावी अपने जीवन के बलिदान (इब्रानियों 10:12) तथा फिर मृतकों में से अपने पुनरुत्थान के द्वारा अपने एकमात्र सच्चा आध्यात्मिक अगुवा होने के दावे को भी प्रमाणित कर के दिखाया है।

   प्रभु यीशु ने कहा, "मेरी ही प्रतीति करो, कि मैं पिता में हूं; और पिता मुझ में है; नहीं तो कामों ही के कारण मेरी प्रतीति करो" (यूहन्ना 14:11)। जितनी अधिक प्रभु यीशु के जीवन पर खोज हुई है उतनी संसार के किसी अन्य जन पर कभी नहीं हुई, और हर खोज ने प्रभु यीशु तथा उनसे संबंधित परमेश्वर के वचन बाइबल के सभी दावों को सदा सच ही प्रमाणित किया है। इसलिए समस्त मानव जाति को पाप क्षमा तथा उद्धार पाने के लिए किसी अन्य गुरू या मार्ग की आवश्यकता नहीं है - प्रभु यीशु में यह सभी के लिए सेंत-मेंत और सहज रीति से साधारण विश्वास द्वारा उपलब्ध है।

   प्रभु यीशु के बारे में सीखिए और उसे अपना गुरू तथा मार्गदर्शक ग्रहण कर लिजिए; आत्मिक सच्चाई और निश्चयता केवल वह ही प्रदान कर सकता है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


आत्मिक छलिए केवल भटका सकते हैं; केवल प्रभु यीशु ही है जो परमेश्वर से आपका मेल करवा सकता है, आपको स्वर्ग ले जा सकता है।

उसने उन से कहा; परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो? शमौन पतरस ने उत्तर दिया, कि तू जीवते परमेश्वर का पुत्र मसीह है। - मत्ती 16:15-16

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:1-11
John 14:1 तुम्हारा मन व्याकुल न हो, तुम परमेश्वर पर विश्वास रखते हो मुझ पर भी विश्वास रखो। 
John 14:2 मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते, तो मैं तुम से कह देता क्योंकि मैं तुम्हारे लिये जगह तैयार करने जाता हूं। 
John 14:3 और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो। 
John 14:4 और जहां मैं जाता हूं तुम वहां का मार्ग जानते हो। 
John 14:5 थोमा ने उस से कहा, हे प्रभु, हम नहीं जानते कि तू कहां जाता है तो मार्ग कैसे जानें? 
John 14:6 यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता। 
John 14:7 यदि तुम ने मुझे जाना होता, तो मेरे पिता को भी जानते, और अब उसे जानते हो, और उसे देखा भी है। 
John 14:8 फिलेप्पुस ने उस से कहा, हे प्रभु, पिता को हमें दिखा दे: यही हमारे लिये बहुत है। 
John 14:9 यीशु ने उस से कहा; हे फिलेप्पुस, मैं इतने दिन से तुम्हारे साथ हूं, और क्या तू मुझे नहीं जानता? जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है: तू क्यों कहता है कि पिता को हमें दिखा। 
John 14:10 क्या तू प्रतीति नहीं करता, कि मैं पिता में हूं, और पिता मुझ में हैं? ये बातें जो मैं तुम से कहता हूं, अपनी ओर से नहीं कहता, परन्तु पिता मुझ में रहकर अपने काम करता है। 
John 14:11 मेरी ही प्रतीति करो, कि मैं पिता में हूं; और पिता मुझ में है; नहीं तो कामों ही के कारण मेरी प्रतीति करो।

एक साल में बाइबल: 
  • अमोस 4-6


रविवार, 28 सितंबर 2014

अज्ञात


   बहुतेरे लंडनवासियों के लिए 1666 वह वर्ष था जब प्रभु यीशु मसीह का पुनरागमन हो जाएगा। भविष्यवाणी करने वाले उत्साही लोगों ने परमेश्वर के वचन बाइबल में मसीह विरोधी के अंक 666 को मसीह यीशु के जन्मोप्रांत 1000 वर्ष पूरे होने को मिलाकर यह संख्या पाई थी। प्रभु यीशु ने भी अपने दूसरे आगमन के चिन्हों में कहा था कि संसार में भयानक परिस्थितियाँ और विपित्तियाँ होंगी (मत्ती 24:1-8), और उन लंडनवासियों को लग रहा था कि यही हो रहा है क्योंकि सन 1665 में प्लेग द्वारा 100,000 लोगों की मृत्यु होकर चुकी थी और फिर सितंबर 1666 में लंडन में लगी भयानक आग ने दसियों हज़ार मकान जला कर ध्वस्त कर दिए थे। लेकिन सन 1666 भी आकर चला गया और जीवन वैसे ही चलता रहा जैसे पहले चलता था।

   आज हमारे समयों में भी ऐसे अनेक लोग हैं जिन्होंने प्रभु यीशु के दूसरे आगमन और जगत के अन्त की तिथि की भविष्यवाणी करी है। ऐसी भविष्यवाणियाँ होती हैं, मीडिया उसके बारे में बहुत कुछ बताता है, उस से संबंधित संसार में होने वाले उन्माद को दिखाता है, वह तारीख आकर चली जाती है और जीवन वैसा ही चलता रहता है जैसे वह चल रहा था।

   परमेश्वर की योजना में प्रभु यीशु के पुनरागमन के समय को हम से छिपा कर ही रखा गया है। इस संबंध में स्वयं प्रभु यीशु ने कहा, "उस दिन और उस घड़ी के विषय में कोई नहीं जानता, न स्वर्ग के दूत, और न पुत्र, परन्तु केवल पिता" (मत्ती 24:36)। प्रभु यीशु के कभी भी आ जाने की अनिश्चितता हम मसिही विश्वासियों को अपनी आत्मिक उन्नति तथा मसीही सेवकाई के लिए सदा तत्पर एवं तैयार बनाए रखती है, अन्यथा लोग सदा ही नहीं वरन उस निर्धारित तिथि के आस-पास ही इस कार्य को पूरा करते (मत्ती 25:1-13; 1 यूहन्ना 3:2-3)।

   आश्वस्त रहें कि प्रभु यीशु का पुनरागमन होगा अवश्य, लेकिन कब, यह ना तो कोई जानता है और ना ही बता सकता है। हमारा कर्त्वय है कि जब तक हमारा प्रभु अपने समय में हमें लेने पुनः ना आ जाए तब तक हम उसके कार्य में पूरी लगन के साथ लगे रहें और अपने जीवनों को इस संसार की नश्वर लालसाओं में रत नहीं वरन पवित्र चाल-चलन तथा भक्ति के साथ व्यतीत होने वाला बनाए रखें (2 पतरस 3:11)। - डैनिस फिशर


प्रभु यीशु के पुनरागमन के सिद्धांत के जितना व्यावाहरिक मसीही जीवन से जुड़ा और कोई सिद्धांत नहीं है।

तो जब कि ये सब वस्तुएं, इस रीति से पिघलने वाली हैं, तो तुम्हें पवित्र चाल चलन और भक्ति में कैसे मनुष्य होना चाहिए। - 2 पतरस 3:11

बाइबल पाठ: मत्ती 24:1-8
Matthew 24:1 जब यीशु मन्दिर से निकलकर जा रहा था, तो उसके चेले उसको मन्दिर की रचना दिखाने के लिये उस के पास आए। 
Matthew 24:2 उसने उन से कहा, क्या तुम यह सब नहीं देखते? मैं तुम से सच कहता हूं, यहां पत्थर पर पत्थर भी न छूटेगा, जो ढाया न जाएगा। 
Matthew 24:3 और जब वह जैतून पहाड़ पर बैठा था, तो चेलों ने अलग उसके पास आकर कहा, हम से कह कि ये बातें कब होंगी और तेरे आने का, और जगत के अन्‍त का क्या चिन्ह होगा? 
Matthew 24:4 यीशु ने उन को उत्तर दिया, सावधान रहो! कोई तुम्हें न भरमाने पाए। 
Matthew 24:5 क्योंकि बहुत से ऐसे होंगे जो मेरे नाम से आकर कहेंगे, कि मैं मसीह हूं: और बहुतों को भरमाएंगे। 
Matthew 24:6 तुम लड़ाइयों और लड़ाइयों की चर्चा सुनोगे; देखो घबरा न जाना क्योंकि इन का होना अवश्य है, परन्तु उस समय अन्‍त न होगा। 
Matthew 24:7 क्योंकि जाति पर जाति, और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा, और जगह जगह अकाल पड़ेंगे, और भुईंडोल होंगे। 
Matthew 24:8 ये सब बातें पीड़ाओं का आरम्भ होंगी।

एक साल में बाइबल: 
  • अमोस 1-3


शनिवार, 27 सितंबर 2014

अन्तिम छोर


   मौस्को बाइबल इन्स्टीट्यूट में रूसी पास्टरों को पढ़ाने का वह मेरा पहला दिन था। सबके बारे में जानकारी लेने के लिए मैंने आग्रह किया कि सभी जन अपने नाम और उस स्थान के बारे में बताएं जहाँ वे कार्यरत थे। सबने बारी बारी से अपने बारे में बताना आरंभ किया; परन्तु एक पास्टर के विवरण को सुनकर मैं कुछ देर के लिए अवाक रह गया। उस पास्टर ने बड़ी दिलेरी से कहना आरंभ किया, "इन सभी उपस्थित पास्टारों में से एक मैं ही हूँ जो प्रभु यीशु द्वारा अपने चेलों को दी गई महान आज्ञा का सबसे विश्वासपूर्ण रीति से पालन करता हूँ!" मुझे स्तब्ध सा देख कर वह मुस्कुराया, और आगे कहना आरंभ किया, "प्रभु यीशु की महान आज्ञा है कि हम उसमें होकर समस्त संसार के सभी लोगों को मिलने वाले महान उद्धार के बारे में बताएं और इस कार्य की पूर्ति के लिए पृथ्वी के अन्तिम छोर तक जाएं। मैं जिस स्थान पर कार्य करता हूँ वह उत्तरी ध्रुव पर स्थित है, उसका नाम है यमाल जिसका अर्थ है पृथ्वी का छोर!" उसकी बात सुनकर हम सब हँस पड़े और एक दूसरे की जानकारी लेने के लिए हमारी बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ गया।

   परिचय देने के लिए प्रयुक्त उस पास्टर के, जो यमाल, अर्थात पृथ्वी के अन्तिम छोर क्षेत्र में कार्य करता है, वे शब्द बहुत महत्वपूर्ण हैं। प्रभु यीशु ने अपने स्वर्गारोहण के समय अपने चेलों को जो अन्तिम बात कही थी, "...तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे" (प्रेरितों 1:8) वह हम सभी मसीही विश्वासियों के लिए आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। संसार के हर भाग में उद्धार के इस सुसमाचार का सन्देश जाना अनिवार्य है, चाहे वह क्षेत्र कितना ही सुदूर क्यों ना हो, क्योंकि प्रभु यीशु ने संसार के हर एक जन के उद्धार के लिए अपने प्राण बलिदान किए हैं।

   हम में से प्रत्येक मसीही विश्वासी के पास यह अवसर है कि हम प्रभु यीशु में विश्वास और पाप क्षमा द्वारा मिलने वाले उद्धार के सुसमाचार को अपने आस-पास के लोगों तक पहुँचाएं। आप चाहे कहीं भी रहते हों, आपके लिए वही स्थान अन्तिम छोर हो सकता है, वहीं कही कोई ऐसा व्यक्ति विद्यमान हो सकता है जिसे प्रभु यीशु की आवश्यकता है। - बिल क्राउडर


कोई भी स्थान मसीह यीशु की गवाही देने के लिए उचित स्थान हो सकता है।

और राज्य का यह सुसमाचार सारे जगत में प्रचार किया जाएगा, कि सब जातियों पर गवाही हो, तब अन्‍त आ जाएगा। - मत्ती 24:14 

बाइबल पाठ: प्रेरितों 1:1-8
Acts 1:1 हे थियुफिलुस, मैं ने पहिली पुस्तिका उन सब बातों के विषय में लिखी, जो यीशु ने आरम्भ में किया और करता और सिखाता रहा। 
Acts 1:2 उस दिन तक जब वह उन प्रेरितों को जिन्हें उसने चुना था, पवित्र आत्मा के द्वारा आज्ञा देकर ऊपर उठाया न गया। 
Acts 1:3 और उसने दु:ख उठाने के बाद बहुत से बड़े प्रमाणों से अपने आप को उन्हें जीवित दिखाया, और चालीस दिन तक वह उन्हें दिखाई देता रहा: और परमेश्वर के राज्य की बातें करता रहा। 
Acts 1:4 ओर उन से मिलकर उन्हें आज्ञा दी, कि यरूशलेम को न छोड़ो, परन्तु पिता की उस प्रतिज्ञा के पूरे होने की बाट जोहते रहो, जिस की चर्चा तुम मुझ से सुन चुके हो। 
Acts 1:5 क्योंकि यूहन्ना ने तो पानी में बपतिस्मा दिया है परन्तु थोड़े दिनों के बाद तुम पवित्रात्मा से बपतिस्मा पाओगे। 
Acts 1:6 सो उन्हों ने इकट्ठे हो कर उस से पूछा, कि हे प्रभु, क्या तू इसी समय इस्त्राएल को राज्य फेर देगा? 
Acts 1:7 उसने उन से कहा; उन समयों या कालों को जानना, जिन को पिता ने अपने ही अधिकार में रखा है, तुम्हारा काम नहीं। 
Acts 1:8 परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे।

एक साल में बाइबल: 
  • योएल 1-3


शुक्रवार, 26 सितंबर 2014

पल का उपयोग


   मेरी पत्नि मार्टि एक अच्छी खरीददार है। जब वह घर के लिए किराने का सामान खरीदती है तो डब्बों पर लगे लेबलों पर लिखी हुई जानकारी से उस उत्पाद से मिलने वाले पोषण की जानकारी लेती है, और वैसे ही अन्य सामग्री के दाम की परस्पर तुलना करके सब से अच्छा सौदा प्राप्त करती है। दूध खरीदते समय वह सामने आने वाला सबसे पहला डिब्बा नहीं उठा लेती, वरन वह उस दूध के "डिब्बा-बन्द" किए जाने तथा प्रयोग करने की तिथि देखती है और वही दूध लेती है जो सबसे ताज़ा और सबसे देर तक उपयोग हो सकने वाला है।

   एक प्रकार से हम सभी के जीवनों पर प्रयोग हो सकने वाली तिथि लिखी हुई है - बस हम में से कोई उस तिथि को जानता नहीं है; हमें पता नहीं है कि हमारा हृदय किस तिथि तक ही कार्य करेगा और फिर सदा के लिए बैठ जाएगा, या हमारी अन्तिम श्वास किस पल ली जाएगी और फिर किस रीति से सदा के लिए थम जाएगी। जब यह सत्य सभी के जीवनों के लिए अवश्यंभावी है, तो क्या हम सब को उन पलों का जो हमें दिए गए हैं, मना लगा कर सदुपयोग नहीं करना चाहिए? पलों के उपयोग से मेरा तात्पर्य है हम और गहराई तथा अर्थपूर्ण रीति से सच्चा प्रेम दिखाएं, औरों को क्षमा करने में तत्पर रहें, दूसरों की सुनने वाले बनें, खराई किंतु मृदुभाव से बोलने वाले बनें, इत्यादि।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने कुछ ऐसी ही भली सलाह अपनी एक पत्री में लिखी: "इसलिये ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; निर्बुद्धियों की नाईं नहीं पर बुद्धिमानों की नाईं चलो। और अवसर को बहुमोल समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं" (इफिसियों 5:15-16)। साथ ही वह अपने पाठकों से आग्रह करता है कि वे ज्योति की सन्तान के समान चलें (पद 8) और हर बात तथा कार्य में प्रभु यीशु की इच्छा के अनुसार रहें (पद 10)।

   क्योंकि हम में से कोई भी अपने उपयोगी रहने की अन्तिम तिथि नहीं जानता, इसलिए प्रत्येक पल को बहुमूल्य जानकर, हर पल का उपयोग मसीह यीशु के प्रेम के प्रसार द्वारा संसार को और अधिक उज्जवल तथा सुन्दर बनाने के लिए करने वाले बन जाएं। - जो स्टोवैल


हर दिन को ऐसे जीएं मानो वह अन्तिम है।

इसलिये जहां तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें; विशेष कर के विश्वासी भाइयों के साथ। - गलतियों 6:10

बाइबल पाठ: इफिसियों 5:8-21
Ephesians 5:8 क्योंकि तुम तो पहले अन्धकार थे परन्तु अब प्रभु में ज्योति हो, सो ज्योति की सन्तान की नाईं चलो। 
Ephesians 5:9 (क्योंकि ज्योति का फल सब प्रकार की भलाई, और धामिर्कता, और सत्य है)। 
Ephesians 5:10 और यह परखो, कि प्रभु को क्या भाता है 
Ephesians 5:11 और अन्धकार के निष्‍फल कामों में सहभागी न हो, वरन उन पर उलाहना दो। 
Ephesians 5:12 क्योंकि उन के गुप्‍त कामों की चर्चा भी लाज की बात है। 
Ephesians 5:13 पर जितने कामों पर उलाहना दिया जाता है वे सब ज्योति से प्रगट होते हैं, क्योंकि जो सब कुछ को प्रगट करता है, वह ज्योति है। 
Ephesians 5:14 इस कारण वह कहता है, हे सोने वाले जाग और मुर्दों में से जी उठ; तो मसीह की ज्योति तुझ पर चमकेगी।। 
Ephesians 5:15 इसलिये ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; निर्बुद्धियों की नाईं नहीं पर बुद्धिमानों की नाईं चलो। 
Ephesians 5:16 और अवसर को बहुमोल समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं। 
Ephesians 5:17 इस कारण निर्बुद्धि न हो, पर ध्यान से समझो, कि प्रभु की इच्छा क्या है? 
Ephesians 5:18 और दाखरस से मतवाले न बनो, क्योंकि इस से लुचपन होता है, पर आत्मा से परिपूर्ण होते जाओ। 
Ephesians 5:19 और आपस में भजन और स्‍तुतिगान और आत्मिक गीत गाया करो, और अपने अपने मन में प्रभु के साम्हने गाते और कीर्तन करते रहो। 
Ephesians 5:20 और सदा सब बातों के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम से परमेश्वर पिता का धन्यवाद करते रहो। 
Ephesians 5:21 और मसीह के भय से एक दूसरे के आधीन रहो।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 11-14


गुरुवार, 25 सितंबर 2014

प्रेम और महिमा


   कठिन समयों मे पड़े लोगों के व्यवहार से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। हमारे मित्र दंपति सैम और कैरल से हम ने भी ऐसे ही कुछ सीखा है; सैम कैंसर से ग्रसित है और उसका इलाज चल रहा है। पिछले एक वर्ष से हम सैम के साथ प्रार्थना कर रहे हैं, उसे देख रहे हैं कि कैसे वह अपनी पीड़ा और इलाज को सहन कर रहा है। साल के अन्त में लगा कि सैम कैंसर से मुक्त हो गया है किन्तु जाँच ने दिखाया के कैंसर और बढ़ गया है; अब सैम को और एक वर्ष तक फिर से इलाज और दवाइयों की पीड़ा तथा उन दवाईयों के दुषप्रभाव से होकर निकलना पड़ेगा; ऐसे में किसी का भी निराश होना स्वाभविक है।

   जब सैम ने हमें अपने रोग के बढ़ जाने और परिणामस्वरूप इलाज की मीयाद के भी बढ़ जाने के बारे में बताया, तो साथ ही उसने एक ऐसी बात कही जिससे हम सभी सीख ले सकते हैं; सैम ने कहा, "पुनः इलाज की इस सारी प्रक्रिया में हमारा प्रयास रहेगा कि इस सब में परमेश्वर को महिमा मिले और हम उसके प्रेम को दूसरों तक पहुँचा सकें।" ज़रा सोचिए! एक और साल की पीड़ा और परेशानी का सामने धरा देखते हुए भी सैम की प्राथमिकता परमेश्वर की महिमा और उसके प्रेम का प्रगटिकरण है। वह उस समय की बाट जोह रहा है जब परमेश्वर की महिमा प्रगट होगी (1 पतरस 4:13)।

   इस बारे में सैम की पत्नि कैरल ने मित्रगणों को लिखा, "यह वर्ष संघर्ष का साल रहा है, लेकिन परमेश्वर सदा ही हमारे साथ बना रहा है और अपने अनुग्रह तथा दया में होकर हमें प्रत्येक परेशानी से निकालता आया है। काश कि आने वाले वर्ष में भी हम उस पर से कभी अपनी नज़र ना हटाएं और हमारे लिए उसके प्रेम के प्रति विश्वास में बने रहें।"

   क्या आज आप अपने जीवन में किसी असंभव प्रतीत होने वाली परिस्थिति का सामना कर रहे हैं? सैम और कैरल के समान ही परमेश्वर के अनुग्रह पर अपना विश्वास बनाए रखिए, और वह आपको हर परिस्थिति से सुरक्षित निकालता हुआ अपने साथ लेकर चलेगा। साथ ही प्रार्थना करते रहें कि परिस्थिति चाहे कैसी भी क्यों ना हो, आप अपने जीवनों से सदा परमेश्वर के प्रेम और महिमा को प्रगट करते रहेंगे। - डेव ब्रैनन


परीक्षाओं का घना होता अन्धेरा, परमेश्वर के अनुग्रह की ज्योति को और अधिक चमकदार बना देता है।

प्रभु यीशु ने कहा: "मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि तुम्हें मुझ में शान्‍ति मिले; संसार में तुम्हें क्‍लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बांधो, मैं ने संसार को जीत लिया है।" - यूहन्ना 16:33 

बाइबल पाठ: 1 पतरस 4:12-16
1 Peter 4:12 हे प्रियों, जो दुख रूपी अग्‍नि तुम्हारे परखने के लिये तुम में भड़की है, इस से यह समझ कर अचम्भा न करो कि कोई अनोखी बात तुम पर बीत रही है। 
1 Peter 4:13 पर जैसे जैसे मसीह के दुखों में सहभागी होते हो, आनन्द करो, जिस से उसकी महिमा के प्रगट होते समय भी तुम आनन्‍दित और मगन हो। 
1 Peter 4:14 फिर यदि मसीह के नाम के लिये तुम्हारी निन्‍दा की जाती है, तो धन्य हो; क्योंकि महिमा का आत्मा, जो परमेश्वर का आत्मा है, तुम पर छाया करता है। 
1 Peter 4:15 तुम में से कोई व्यक्ति हत्यारा या चोर, या कुकर्मी होने, या पराए काम में हाथ डालने के कारण दुख न पाए। 
1 Peter 4:16 पर यदि मसीही होने के कारण दुख पाए, तो लज्ज़ित न हो, पर इस बात के लिये परमेश्वर की महिमा करे।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 8-10


बुधवार, 24 सितंबर 2014

डाह का समाधान


   एक कहानी है, दो दुकानदार, जिनकी दुकानें आमने-सामने थीं एक दुसरे के कटु प्रतिरोधी थे; वे सदा ही एक-दूसरे को नीचा दिखाने या नुकसान करने के प्रयास में लगे रहते थे। एक रात एक दुकानदार को स्वपन में एक स्वर्गदूत ने दर्शन दिया और कहा कि तुम्हारी कोई भी एक इच्छा मैं पूरी करूंगा, परन्तु शर्त यह है कि जो भी तुम मांगोगे वही चीज़ दोगुनी मात्रा में तुम्हारे सामने वाले दुकानदार को भी मिल जाएगी। उस स्वर्गदूत की बात सुनकर वह दुकानदार कुछ समय तक सोचता रहा, फिर स्वर्गदूत से बोला - मेरी एक आँख फोड़कर मुझे काना कर दो! डाह का कैसा भयानक प्रगटिकरण उस दुकानदार ने किया।

   डाह की भावना लोगों के जीवनों को बर्बाद कर देती है - वे चाहते हैं दूसरे के जीवन को बर्बाद करना परन्तु उनका अपना जीवन ही बर्बाद होता रहता है। कुरिन्थुस की मसीही मण्डली में भी डाह का प्रभाव आने लगा था; उन लोगों ने प्रभु यीशु में उद्धार के सुसमाचार को ग्रहण तो किया था परन्तु परमेश्वर के पवित्र आत्मा को अपने जीवन में संपूर्ण रीति से कार्यकारी नहीं होने दिया था। परिणाम स्वरूप उनमें वे पुरानी भावनाएं अभी भी विद्यमान थीं और वह मसीही मण्डली डाह के कारण विभाजित होने लगी थी। प्रेरित पौलुस ने उनके इस व्यवहार को साँसारिकता तथा अपरिपक्वता का सूचक बताया, क्योंकि ये मसीही विश्वासी मसीह में विश्वास द्वारा होने वाले परिवर्तित जीवन को प्रदर्शित नहीं कर रहे थे।

   परमेश्वर का पवित्र आत्मा हम मसीही विश्वासियों के जीवन में कार्यकारी है, इस बात का सबसे स्पष्ट प्रमाण है हमारे जीवन में दिखने वाला संतोष और जो कुछ भी हमारे पास है उसके लिए परमेश्वर के प्रति धन्यवादी रहना। जब हम इस भावना के साथ जीवन जीना सीख जाएंगे तो फिर परस्पर डाह या द्वेश नहीं वरन दूसरों को मिलने वाली आशीषों तथा वरदानों के लिए हम धन्यवादी हो जाएंगे, उनकी उपलब्धियों में उनके साथ आनन्दित रहेंगे और सच्चे मसीही प्रेम को प्रदर्शित करेंगे, और यही डाह का स्थाई समाधान है। - मार्विन विलियम्स


परमेश्वर के प्रति धन्यवादी बने रहना ही डाह का समाधान है।

इसलिये कि जहां डाह और विरोध होता है, वहां बखेड़ा और हर प्रकार का दुष्‍कर्म भी होता है। - याकूब 3:16 

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 3:1-10
1 Corinthians 3:1 हे भाइयों, मैं तुम से इस रीति से बातें न कर सका, जैसे आत्मिक लोगों से; परन्तु जैसे शारीरिक लोगों से, और उन से जो मसीह में बालक हैं। 
1 Corinthians 3:2 मैं ने तुम्हें दूध पिलाया, अन्न न खिलाया; क्योंकि तुम उसको न खा सकते थे; वरन अब तक भी नहीं खा सकते हो। 
1 Corinthians 3:3 क्योंकि अब तक शारीरिक हो, इसलिये, कि जब तुम में डाह और झगड़ा है, तो क्या तुम शारीरिक नहीं? और मनुष्य की रीति पर नहीं चलते? 
1 Corinthians 3:4 इसलिये कि जब एक कहता है, कि मैं पौलुस का हूं, और दूसरा कि मैं अपुल्लोस का हूं, तो क्या तुम मनुष्य नहीं? 
1 Corinthians 3:5 अपुल्लोस क्या है? और पौलुस क्या है? केवल सेवक, जिन के द्वारा तुम ने विश्वास किया, जैसा हर एक को प्रभु ने दिया। 
1 Corinthians 3:6 मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्वर ने बढ़ाया। 
1 Corinthians 3:7 इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है।
1 Corinthians 3:8 लगाने वाला और सींचने वाला दानों एक हैं; परन्तु हर एक व्यक्ति अपने ही परिश्रम के अनुसार अपनी ही मजदूरी पाएगा। 
1 Corinthians 3:9 क्योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्वर की खेती और परमेश्वर की रचना हो। 
1 Corinthians 3:10 परमेश्वर के उस अनुग्रह के अनुसार, जो मुझे दिया गया, मैं ने बुद्धिमान राजमिस्री की नाईं नेव डाली, और दूसरा उस पर रद्दा रखता है; परन्तु हर एक मनुष्य चौकस रहे, कि वह उस पर कैसा रद्दा रखता है।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 5-7


मंगलवार, 23 सितंबर 2014

उपलब्ध


   इस्त्राएल के "Dead Sea" (मृत सागर) इलाके में 1940 के दशक के अन्त के समय पाए गए Dead Sea Scrolls (चम्र पत्र) इब्रानी भाषा में लिखे परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम भाग की पुस्तकों की 2000 वर्ष से भी अधिक पुरानी और अब तक की सबसे प्राचीन उपलब्ध प्रतिलिपियाँ हैं। खोजे जाने के बाद से ही इन बहुमूल्य प्रतिलिपियों को बहुत सावधानी से रखा गया है और बहुत ही सीमित संख्या में विशेषज्ञों के एक छोटे से समूह को ही इन्हें प्रयोग करने की अनुमति रही है। किंतु अब इनके उपयोग को व्यापक करने परन्तु साथ ही इन्हें सुरक्षित रखने के उद्देश्य से इस्त्राएल का पुरातत्व विभाग गूगल की सहायता से इन प्रतिलिपियों के अति उच्च कोटि के चित्र बनाकर उन्हें इंटरनैट के माध्यम से सभी के लिए उपलब्ध करवा रहा है।

   यह ना केवल शोधकर्ताओं और जिज्ञासु पाठकों के लिए वरन सभी लोगों के लिए एक अच्छा समाचार है। साथ ही यह हमें स्मरण दिलाता है कि परमेश्वर के वचन बाइबल में हमारे पास कितना अद्भुत और बहुमूल्य खज़ाना उपलब्ध है। बाइबल में भजन 119 परमेश्वर के वचन पर ही आधारित है और इस भजन का लेखक पूरे भजन में विभिन्न रितियों से परमेश्वर के वचन के सनातन होने तथा उस के पालन से जीवन में होने वाले उत्तम परिवर्तनों के बारे में बताता है। आज के सन्देश में दिए गए खण्ड में लेखक कहता है, "मैं तेरे उपदेशों को कभी न भूलूंगा; क्योंकि उन्हीं के द्वारा तू ने मुझे जिलाया है" (भजन 119:93)।

   हम में से अनेकों के पास बाइबल की प्रति उपलब्ध रही है, परन्तु हम में से कितने उसे पढ़ने, उसके साथ समय बिताने, उसका अध्ययन करने में रुचि रखते हैं? बाइबल के कई जाने-पहिचाने खण्ड भी हैं, जो अकसर सुनने या पढ़ने में आते रहते हैं; कितने हैं जो उनपर मनन करते हैं या उनके अर्थ को समझने का प्रयास करते हैं?

   इस बहुमूल्य खज़ाने द्वारा अपने जीवन को भरपूरी का जीवन बना लेने के लिए परमेश्वर से प्रार्थना करें कि वह आपको अपने वचन से सिखाए, आपका मार्गदर्शन करे और अपनी सामर्थ से परिपूर्ण करे। बाइबल के नियमित अध्ययन को अपनी दिनचर्या का भाग बना लीजिए; परमेश्वर ने इसे आपकी खुशहाली के लिए ही उपलब्ध करवाया है। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर अपने वचन बाइबल में हो कर बातचित करता है - सुनने के लिए समय दें।

मेरे दु:ख में मुझे शान्ति उसी से हुई है, क्योंकि तेरे वचन के द्वारा मैं ने जीवन पाया है। - भजन 119:50

बाइबल पाठ: भजन 119:89-96
Psalms 119:89 हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है। 
Psalms 119:90 तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है; तू ने पृथ्वी को स्थिर किया, इसलिये वह बनी है। 
Psalms 119:91 वे आज के दिन तक तेरे नियमों के अनुसार ठहरे हैं; क्योंकि सारी सृष्टि तेरे आधीन है। 
Psalms 119:92 यदि मैं तेरी व्यवस्था से सुखी न होता, तो मैं दु:ख के समय नाश हो जाता। 
Psalms 119:93 मैं तेरे उपदेशों को कभी न भूलूंगा; क्योंकि उन्हीं के द्वारा तू ने मुझे जिलाया है। 
Psalms 119:94 मैं तेरा ही हूं, तू मेरा उद्धार कर; क्योंकि मैं तेरे उपदेशों की सुधि रखता हूं। 
Psalms 119:95 दुष्ट मेरा नाश करने के लिये मेरी घात में लगे हैं; परन्तु मैं तेरी चितौनियों पर ध्यान करता हूं। 
Psalms 119:96 जितनी बातें पूरी जान पड़ती हैं, उन सब को तो मैं ने अधूरी पाया है, परन्तु तेरी आज्ञा का विस्तार बड़ा है।

एक साल में बाइबल: 
  • होशे 1-4


सोमवार, 22 सितंबर 2014

मसीह का स्वरूप


   बहुत साल पहले की बात है, कुछ नियंत्रण से बाहर परिस्थितियों के कारण मुझे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। अपने खर्चों को पूरा करने के लिए मैंने दो अन्य नौकरियाँ पकड़ तो लीं लेकिन उनसे होने वाली आमदनी काफी कम थी और मुझे अपने प्रति माह के खर्चे पूरे करने में परेशानी हो रही थी। उन्हीं दिनों मेरा संपर्क अपने दो पुराने मित्रों, जोएल और डेव के साथ पुनः हो गया। जोएल तो एक बढ़ते हुए कसबे के चर्च में पास्टर था और डेव विदेशों में सुसमाचार प्रचार में लगा हुआ था, लेकिन उन दिनों घर आया हुआ था। दोनों ने ही मेरी स्थिति को देखकर मेरी सहायाता के लिए मुझे कुछ पैसे दिए जिससे मैं अपने मकान का किराया चुकाने पाया। उनकी इस सहायता भावना से मैं बहुत द्रवित हुआ, और अपने मित्रों के बारे में सोचते हुए मुझे लगा जैसे मैंने मसीह के स्वरूप को प्रत्यक्ष देखा हो।

   जैसे मैंने अपने मित्रों में मसीह के स्वरूप को देखा, हम मसीही विश्वासियों में संसार के लोग भी मसीह के स्वरूप को देखना चाहते हैं; हम जिसके स्वरूप में ढल जाने का दावा करते हैं (1 यूहन्ना 3:2), उसके स्वरूप के कुछ अंश तो हमारे जीवनों में दिखाई देने ही चाहिएं। प्रेरित पौलुस ने इस विषय में अपनी पत्रियों में कई बार लिखा। वह कहता है, "...मसीह जो महिमा की आशा है तुम में रहता है" (कुलुस्सियों 1:27); अपने बारे में पौलुस ने कहा, "मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूं, और अब मैं जीवित न रहा, पर मसीह मुझ में जीवित है: और मैं शरीर में अब जो जीवित हूं तो केवल उस विश्वास से जीवित हूं, जो परमेश्वर के पुत्र पर है, जिसने मुझ से प्रेम किया, और मेरे लिये अपने आप को दे दिया" (गलतियों 2:20)। पौलुस यह भी समझता था कि विभिन्न परिस्थितियाँ हमारे जीवन में विद्यमान मसीह यीशु को प्रदर्शित करने के अवसर भी बन सकती हैं - "हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिये फिरते हैं; कि यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रगट हो" (2 कुरिन्थियों 4:10)।

   क्या आज आप किसी ऐसे जन को जानते हैं जो विपरीत परिस्थितियों या परेशानियों से होकर निकल रहा है? क्यों ना आवश्यक सहायाता के द्वारा आप अपने अन्दर बसे हुए मसीह यीशु के प्रेम को उस पर कार्यकारी रीति से प्रगट करें - मसीह के स्वरूप को उसके सामने प्रत्यक्ष आने दें? - डेनिस फिशर


सच्चा प्रेम मसीह यीशु के नाम में दूसरों की सहायता करने में है, चाहे वे प्रत्युत्तर में आपके लिए कभी कुछ ना करने पाएं।

हे प्रियों, अभी हम परमेश्वर की सन्तान हैं, और अब तक यह प्रगट नहीं हुआ, कि हम क्या कुछ होंगे! इतना जानते हैं, कि जब वह प्रगट होगा तो हम भी उसके समान होंगे, क्योंकि उसको वैसा ही देखेंगे जैसा वह है। - 1 यूहन्ना 3:2

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 4:1-10
2 Corinthians 4:1 इसलिये जब हम पर ऐसी दया हुई, कि हमें यह सेवा मिली, तो हम हियाव नहीं छोड़ते। 
2 Corinthians 4:2 परन्तु हम ने लज्ज़ा के गुप्‍त कामों को त्याग दिया, और न चतुराई से चलते, और न परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं, परन्तु सत्य को प्रगट कर के, परमेश्वर के साम्हने हर एक मनुष्य के विवेक में अपनी भलाई बैठाते हैं। 
2 Corinthians 4:3 परन्तु यदि हमारे सुसमाचार पर परदा पड़ा है, तो यह नाश होने वालों ही के लिये पड़ा है। 
2 Corinthians 4:4 और उन अविश्वासियों के लिये, जिन की बुद्धि को इस संसार के ईश्वर ने अन्‍धी कर दी है, ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है, उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके। 
2 Corinthians 4:5 क्योंकि हम अपने को नहीं, परन्तु मसीह यीशु को प्रचार करते हैं, कि वह प्रभु है; और अपने विषय में यह कहते हैं, कि हम यीशु के कारण तुम्हारे सेवक हैं। 
2 Corinthians 4:6 इसलिये कि परमेश्वर ही है, जिसने कहा, कि अन्धकार में से ज्योति चमके; और वही हमारे हृदयों में चमका, कि परमेश्वर की महिमा की पहिचान की ज्योति यीशु मसीह के चेहरे से प्रकाशमान हो।
2 Corinthians 4:7 परन्तु हमारे पास यह धन मिट्ठी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे। 
2 Corinthians 4:8 हम चारों ओर से क्‍लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरूपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते। 
2 Corinthians 4:9 सताए तो जाते हैं; पर त्यागे नहीं जाते; गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते। 
2 Corinthians 4:10 हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिये फिरते हैं; कि यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रगट हो।

एक साल में बाइबल: 
  • दानिय्येल 10-12


रविवार, 21 सितंबर 2014

परेशानी


   स्कूल के खेल के मैदान पर फुटबॉल के खेल के पश्चात एक लड़के राईली ने दूसरे लड़के एवरी के साथ झगड़ना आरंभ कर दिया। वहाँ उपस्थित अध्यापक ने दोनों को अलग किया और प्रधानाध्यापक के पास भेज दिया। बाद में एवरी ने कहा, "जैसे हमेशा होता रहा है, हम दोनों को ही इस झगड़े का दुषपरिणाम भोगना पड़ा।" लेकिन साथ ही एवरी ने यह भी कहा कि इस घटना से उसने एक पाठ सीखा है, "परमेश्वर सदा ही हमारे साथ बना रहता है चाहे हम ऐसी परेशानी में ही क्यों ना हों।"

   इस्त्राएल बड़ी परेशानी में था; उनको मिस्त्र की गुलामी से निकालकर कनान देश में प्रवेश करने के लिए कनान के किनारे तक ले आने वाला उनका अगुवा मूसा अब नहीं रहा था। इस्त्राएल के नेतृत्व की बागडोर मूसा के सहयाक यहोशू को सौंपी गई थी जो अपने आप को इस बड़े कार्य के लिए कमज़ोर समझ रहा था। इस्त्राएल का नेतृत्व करके उन्हें कनान में प्रवेश करवाने, अनेकों सैनिक अभियानों में विजय द्वारा उन्हें कनान देश में बसाने, फिर उस देश की भूमि को इस्त्राएल के गोत्रों में बाँटने आदि बातों की परेशानी से चिंतित यहोशु को परमेश्वर ने आश्वस्त किया, "तेरे जीवन भर कोई तेरे साम्हने ठहर न सकेगा; जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूंगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूंगा, और न तुझ को छोडूंगा" (यहोशू 1:5)।

   यहोशू का परमेश्वर में दृढ़ विश्वास था; जब इसत्राएलियों द्वारा कनान का भेद लेने गए लोगों ने लौट के आने के बाद इस्त्राएलियों को घबरा दिया और निराश कर दिया, तब यहोशू और कालेब ही थे जो परमेश्वर पर विश्वास के द्वारा कनान के निवासियों पर जयवन्त होने के दावे के साथ इस्त्राएलियों का हौंसला बढ़ा रहे थे (गिनती 14:6-9)। यहोशू आज भी यह जानता था कि परमेश्वर की उपस्थिति तथा सहायता के बिना वह कुछ नहीं कर पाएगा; और यहोशू की हिम्मत बाँधने के लिए इसी बात का आश्वासन परमेश्वर ने यहोशू को दिया भी। जो आश्वासन परमेश्वर ने तब यहोशू को दिया था, वही आज उसने हम सभी मसीही विश्वासियों को भी दिया है - कि वह हमारे साथ सदा बना रहेगा (इब्रानियों 13:5-6)।

   यह हमारे लिए बड़ी सांत्वना की बात है कि हमारा परमेश्वर हमारे साथ सदा बना रहता है, हमें ना कभी छोड़ता है और ना कभी त्यागता है, हम चाहे कैसी भी परेशानी में क्यों ना हों। - ऐनी सेटास


जब परेशानियाँ आप के पास आएं तब आप परमेश्वर के और पास आ जाएं।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। - इब्रानियों 13:5-6

बाइबल पाठ: यहोशू 1:1-7
Joshua 1:1 यहोवा के दास मूसा की मृत्यु के बाद यहोवा ने उसके सेवक यहोशू से जो नून का पुत्र था कहा, 
Joshua 1:2 मेरा दास मूसा मर गया है; सो अब तू उठ, कमर बान्ध, और इस सारी प्रजा समेत यरदन पार हो कर उस देश को जा जिसे मैं उन को अर्थात इस्राएलियों को देता हूं। 
Joshua 1:3 उस वचन के अनुसार जो मैं ने मूसा से कहा, अर्थात जिस जिस स्थान पर तुम पांव धरोगे वह सब मैं तुम्हे दे देता हूं। 
Joshua 1:4 जंगल और उस लबानोन से ले कर परात महानद तक, और सूर्यास्त की ओर महासमुद्र तक हित्तियों का सारा देश तुम्हारा भाग ठहरेगा। 
Joshua 1:5 तेरे जीवन भर कोई तेरे साम्हने ठहर न सकेगा; जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूंगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूंगा, और न तुझ को छोडूंगा। 
Joshua 1:6 इसलिये हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा; क्योंकि जिस देश के देने की शपथ मैं ने इन लोगों के पूर्वजों से खाई थी उसका अधिकारी तू इन्हें करेगा। 
Joshua 1:7 इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा।

एक साल में बाइबल: 
  • दानिय्येल 7-9


शनिवार, 20 सितंबर 2014

प्रार्थना


   मेरा एक सच्चा अंगीकार: जब मुझे मालूम पड़ा कि अपोलो अंतरिक्ष श्रंखला की अन्तिम उड़ान में अन्तरिक्ष यात्री रेक्स वैल्हाईम अपने साथ हमारी पुस्तिका Our Daily Bread की एक प्रति लेकर जाएंगे, तो मैंने यह जानने का प्रयास किया कि उस पुस्तिका में मेरे द्वारा लिखे गए कौन से सन्देश होंगे जिन्हें वह अन्तर्रिक्ष में पढ़ेंगे। मैं तो एक छोटे से कसबे में पली-बढ़ी थी, इसलिए मुझे अपने लिए यह एक बहुत बड़ी बात प्रतीत हुई कि मेरे लिखे हुए सन्देश अन्तरिक्ष में पढ़े जाएंगे!

   लेकिन उन सन्देशों के विषय में मैंने अभी अपनी जिज्ञासा शान्त करी ही थी, कि मेरे मन में एक और विचार आया - मुझे यह इतनी बड़ी बात क्यों लग रही है कि मेरे सन्देश अन्तरिक्ष में पढ़े जाएंगे? आखिर प्रतिदिन, अनेकों बार, मेरी प्रार्थनाएं तो स्वर्गीय स्थानों तक पहुँचती ही रहती हैं! मेरे जीवन में ऐसा क्या हुआ है कि मैं इस बात को एक स्थापित तथ्य मानती हूँ कि सृष्टि का सृष्टिकर्ता परमेश्वर मेरी प्रार्थनाओं को सुनता है? मुझे परमेश्वर के वचन का आश्वासन है कि प्रभु यीशु मसीह में हो कर मैं कभी भी परमेश्वर के सम्मुख पूर्ण स्वतंत्रता और अधिकार से आ सकती हूँ (इफिसियों 3:12)। जब ऐसा है, और परमेश्वर स्वर्ग में मेरी बात को सुनता रहता है, तो मैं अपने द्वारा लिखी गई किसी बात के अन्तरिक्ष में किसी मनुष्य द्वारा पढ़े जाने को लेकर इतनी आश्चर्यचकित क्यों हूँ?

   यदि इतना ही हमें आत्मिक निद्रा से जगाने के लिए काफी नहीं है तो ज़रा इस पर विचार कीजिए: परमेश्वर अपनी मण्डली अर्थात हम मसीही विश्वासियों के समूह को प्रयोग कर रहा है ताकि आकाश के प्रधानों और शक्तियों को अपने ज्ञान और समझ से अवगत करवा सके (पद 10)। जरा कलपना कीजिए, परमेश्वर ना केवल हम मनुष्यों की प्रार्थनाओं पर ध्यान लगाता और उन्हें सुनता है, वरन वह हम में होकर आकाश की शक्तियों को प्रभु यीशु में होकर मिलने वाले उद्धार की योजना को समझाता है। भला है ना यह अचरज की बात! - जूली ऐकैरमैन लिंक


परमेश्वर अपनी सन्तान की प्रार्थना सुनने के लिए सदा उपलब्ध रहता है।

यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता। - यूहन्ना 14:6

बाइबल पाठ: इफिसियों 3:8-13
Ephesians 3:8 मुझ पर जो सब पवित्र लोगों में से छोटे से भी छोटा हूं, यह अनुग्रह हुआ, कि मैं अन्यजातियों को मसीह के अगम्य धन का सुसमाचार सुनाऊं। 
Ephesians 3:9 और सब पर यह बात प्रकाशित करूं, कि उस भेद का प्रबन्‍ध क्या है, जो सब के सृजनहार परमेश्वर में आदि से गुप्‍त था। 
Ephesians 3:10 ताकि अब कलीसिया के द्वारा, परमेश्वर का नाना प्रकार का ज्ञान, उन प्रधानों और अधिकारियों पर, जो स्‍वर्गीय स्थानों में हैं प्रगट किया जाए। 
Ephesians 3:11 उस सनातन मनसा के अनुसार, जो उसने हमारे प्रभु मसीह यीशु में की थी। 
Ephesians 3:12 जिस में हम को उस पर विश्वास रखने से हियाव और भरोसे से निकट आने का अधिकार है। 
Ephesians 3:13 इसलिये मैं बिनती करता हूं कि जो क्‍लेश तुम्हारे लिये मुझे हो रहे हैं, उनके कारण हियाव न छोड़ो, क्योंकि उन में तुम्हारी महिमा है।

एक साल में बाइबल: 
  • दानिय्येल 4-6


शुक्रवार, 19 सितंबर 2014

आग


   घटना मेरे बचपन की है, हमारे घर में आग लग गई और मेरे पिता ने मुझे, मेरे भाई को और हमारे पालतु पिल्लों को उस जलते हुए घर से अपने हाथों में उठाकर निकाला। जब यह सब चल रहा था तब मैं गहरी नींद में सो रहा था, मुझे आभास भी नहीं हुआ कि हम कितने खतरे में थे। जब मेरी आँख खुली तब मैं कंबलों में लिपटा हुआ अपने दादा की गाड़ी में लेटा हुआ था, और मैंने अपने घर को धू-धू करते हुए जलते हुए देखा, आग की ऊँची ऊँची लपटें उठ रही थीं लेकिन हम बाहर उस गाड़ी में सुरक्षित थे। मैं इतना छोटा था कि उस भयानक आग को देखकर डरने की बजाए उसके प्रति जिज्ञासु हो रहा था।

   लेकिन फिर भी उस रात की कुछ बातें मुझे अभी तक याद हैं - दादा की गाड़ी में लेटे हुए भी मुझे उस आग की तीव्र तपिश महसूस हो रही थी, लेकिन उन लपटों की अटखेलियाँ मंत्रमुग्ध करने वाली थीं। मुझे सब लोगों के चेहरे पर छाया हुआ भय का भाव भी याद है, और यह भी कि सभी एक दूसरे के सुरक्षित बाहर होने की जाँच कर रहे थे, एक दूसरे के लिए चिंतित थे। बाद में मुझे मालुम पड़ा कि मेरे पिता उस जलते हुए घर में फिर से भाग कर गए क्योंकि उन्हें लगा कि दादाजी अभी अन्दर ही हैं, जबकि दादाजी तो बाहर ही थे। जब दादाजी को पिताजी के अन्दर जाने का पता चला तो वे भी भाग कर मेरे पिताजी को बाहर लाने जलते हुए घर के अन्दर चले गए। उन दोनों के एक दूसरे को बचाने के लिए किए गए दुस्साहस ने उस रात सभी लोगों को बहुत प्रभावित किया। ऐसा क्या था जो हमें एक दूसरे के लिए जोखिम उठाने के लिए, जलती आग में साथ होने के लिए प्रेरित कर रहा था? वह था एक दूसरे के लिए हमारा प्रेम, जो दूसरे को खतरे में देखना गंवारा नहीं कर पा रहा था और एक दूसरे को खतरे से बाहर निकाल लाने के प्रयास के लिए विवश कर रहा था।

   जब कभी मैं परमेश्वर के वचन बाइबल में दानिय्येल की पुस्तक में शदरक, मेशक और अबेदनगो की कहानी पढ़ता हूँ मुझे मेरे बचपन का वह आग का दृश्य स्मरण हो आता है। जब इन तीन जवानों के सामने यह निर्णय करने का अवसर आया कि वे राजा के सामने झुकेंगे या परमेश्वर के, तो उन्होंने बेझिझक होकर परमेश्वर के लिए धधकती आग में जाना स्वीकार कर लिया, क्योंकि वे परमेश्वर से प्रेम करते थे। और जब राजा की आज्ञा पर उन्हें धधकती आग के भट्टे में फेंका गया तो देखने वाले आश्चर्यचकित रह गए क्योंकि उनका परमेश्वर उनके साथ आग में चलता फिरता दिखाई दिया, आग ने केवल उनके बन्धन जलाए लेकिन उन तीनों को ज़रा सी भी हानि नहीं हुई, और वे सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए। उनसे प्रेम करने वाला परमेश्वर आग में उनके साथ विद्यमान रहा, उन्हें सुरक्षित रखे रहा।

   आज ज़रूरी नहीं कि हम सभी मसीही विश्वासियों को भी धधकती आग के भट्टे में फेंका जाए, लेकिन संसार के प्रलोभनों की, जीवन की परिस्थितियों की आग हम सब को परखती रहती है, तब हमारा चुनाव किस के पक्ष में होता है - परमेश्वर और उसके वचन तथा उसकी आज्ञाकारिता के, या फिर संसार की बातों और तौर-तरीकों के? यदि हम सचमुच परमेश्वर से प्रेम करते हैं तो उसके लिए किसी भी आग में जाने से नहीं घबराएंगे, और जब कभी हमें आग में जाना भी पड़े तो वहाँ हम उस परमेश्वर प्रभु यीशु को भी अपने साथ खड़ा पाएंगे जिसने हमारे लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए, जो हमारे लिए मर कर जी उठा। - रैन्डी किलगोर


परीक्षाओं की भूमि में ही विश्वास पनपता और बढ़ता है।

और मैं तुझ को उन लोगों के साम्हने पीतल की दृढ़ शहरपनाह बनाऊंगा; वे तुझ से लड़ेंगे, परन्तु तुझ पर प्रबल न होंगे, क्योंकि मैं तुझे बचाने और तेरा उद्धार करने के लिये तेरे साथ हूँ, यहोवा की यह वाणी है। मैं तुझे दुष्ट लोगों के हाथ से बचाऊंगा, और उपद्रवी लोगों के पंजे से छुड़ा लूंगा। - यर्मियाह 15:20-21

बाइबल पाठ: दानिय्येल 3:8-30
Daniel 3:8 उसी समय कई एक कसदी पुरूष राजा के पास गए, और कपट से यहूदियों की चुगली खाई। 
Daniel 3:9 वे नबुकदनेस्सर राजा से कहने लगे, हे राजा, तू चिरंजीव रहे। 
Daniel 3:10 हे राजा, तू ने तो यह आज्ञा दी है कि जो मनुष्य नरसिंगे, बांसुली, वीणा, सारंगी, सितार, शहनाई आदि सब प्रकार के बाजों का शब्द सुने, वह गिर कर उस सोने की मूरत को दण्डवत करे; 
Daniel 3:11 और जो कोई गिर कर दण्डवत न करे वह धधकते हुए भट्ठे के बीच में डाल दिया जाए। 
Daniel 3:12 देख, शद्रक, मेशक और अबेदनगो नाम कुछ यहूदी पुरूष हैं, जिन्हें तू ने बाबुल के प्रान्त के कार्य के ऊपर नियुक्त किया है। उन पुरूषों ने, हे राजा, तेरी आज्ञा की कुछ चिन्ता नहीं की; वे तेरे देवता की उपासना नहीं करते, और जो सोने की मूरत तू ने खड़ी कराई है, उसको दण्डवत नहीं करते। 
Daniel 3:13 तब नबूकदनेस्सर ने रोष और जलजलाहट में आकर आज्ञा दी कि शद्रक, मेशक और अबेदनगो को लाओ। तब वे पुरूष राजा के साम्हने हाजिर किए गए। 
Daniel 3:14 नबूकदनेस्सर ने उन से पूछा, हे शद्रक, मेशक और अबेदनगो, तुम लोग जो मेरे देवता की उपासना नहीं करते, और मेरी खड़ी कराई हुई सोने की मूरत को दण्डवत नहीं करते, सो क्या तुम जान बूझकर ऐसा करते हो? 
Daniel 3:15 यदि तुम अभी तैयार हो, कि जब नरसिंगे, बांसुली, वीणा, सारंगी, सितार, शहनाई आदि सब प्रकार के बाजों का शब्द सुनो, और उसी क्षण गिर कर मेरी बनवाई हुई मूरत को दण्डवत करो, तो बचोगे; और यदि तुम दण्डवत ने करो तो इसी घड़ी धधकते हुए भट्ठे के बीच में डाले जाओगे; फिर ऐसा कौन देवता है, जो तुम को मेरे हाथ से छुड़ा सके? 
Daniel 3:16 शद्रक, मेशक और अबेदनगो ने राजा से कहा, हे नबूकदनेस्सर, इस विषय में तुझे उत्तर देने का हमें कुछ प्रयोजन नहीं जान पड़ता। 
Daniel 3:17 हमारा परमेश्वर, जिसकी हम उपासना करते हैं वह हम को उस धधकते हुए भट्टे की आग से बचाने की शक्ति रखता है; वरन हे राजा, वह हमें तेरे हाथ से भी छुड़ा सकता है। 
Daniel 3:18 परन्तु, यदि नहीं, तो हे राजा तुझे मालूम हो, कि हम लोग तेरे देवता की उपासना नहीं करेंगे, और न तेरी खड़ी कराई हुई सोने की मूरत को दण्डवत करेंगे।
Daniel 3:19 तब नबूकदनेस्सर झुंझला उठा, और उसके चेहरे का रंग शद्रक, मेशक और अबेदनगो की ओर बदल गया। और उसने आज्ञा दी कि भट्ठे को सातगुणा अधिक धधका दो। 
Daniel 3:20 फिर अपनी सेना में के कई एक बलवान्‌ पुरूषों को उसने आज्ञा दी, कि शद्रक, मेशक और अबेदनगो को बान्धकर उन्हें धधकते हुए भट्ठे में डाल दो। 
Daniel 3:21 तब वे पुरूष अपने मोजों, अंगरखों, बागों और और वस्त्रों सहित बान्धकर, उस धधकते हुए भट्ठे में डाल दिए गए। 
Daniel 3:22 वह भट्ठा तो राजा की दृढ़ आज्ञा होने के कारण अत्यन्त धधकाया गया था, इस कारण जिन पुरूषों ने शद्रक, मेशक और अबेदनगो को उठाया वे ही आग की आंच से जल मरे। 
Daniel 3:23 और उसी धधकते हुए भट्ठे के बीच ये तीनों पुरूष, शद्रक, मेशक और अबेदनगो, बन्धे हुए फेंक दिए गए।
Daniel 3:24 तब नबूकदनेस्सर राजा अचम्भित हुआ और घबरा कर उठ खड़ा हुआ। और अपने मन्त्रियों से पूछने लगा, क्या हम ने उस आग के बीच तीन ही पुरूष बन्धे हुए नहीं डलवाए? उन्होंने राजा को उत्तर दिया, हां राजा, सच बात तो है। 
Daniel 3:25 फिर उसने कहा, अब मैं देखता हूं कि चार पुरूष आग के बीच खुले हुए टहल रहे हैं, और उन को कुछ भी हानि नहीं पहुंची; और चौथे पुरूष का स्वरूप ईश्वर के पुत्र के सदृश्य है।
Daniel 3:26 फिर नबूकदनेस्सर उस धधकते हुए भट्ठे के द्वार के पास जा कर कहने लगा, हे शद्रक, मेशक और अबेदनगो, हे परमप्रधान परमेश्वर के दासो, निकल कर यहां आओ! यह सुन कर शद्रक, मेशक और अबेदनगो आग के बीच से निकल आए। 
Daniel 3:27 जब अधिपति, हाकिम, गर्वनर और राजा के मन्त्रियों ने, जो इकट्ठे हुए थे, उन पुरूषों की ओर देखा, तब उनकी देह में आग का कुछ भी प्रभाव नहीं पाया; और उनके सिर का एक बाल भी न झुलसा, न उनके मोजे कुछ बिगड़े, न उन में जलने की कुछ गन्ध पाई गई। 
Daniel 3:28 नबूकदनेस्सर कहने लगा, धन्य है शद्रक, मेशक और अबेदनगो का परमेश्वर, जिसने अपना दूत भेज कर अपने इन दासों को इसलिये बचाया, क्योंकि इन्होंने राजा की आज्ञा न मान कर, उसी पर भरोसा रखा, और यह सोच कर अपना शरीर भी अर्पण किया, कि हम अपने परमेश्वर को छोड़, किसी देवता की उपासना वा दण्डवत न करेंगे। 
Daniel 3:29 इसलिये अब मैं यह आज्ञा देता हूं कि देश-देश और जाति-जाति के लोगों, और भिन्न-भिन्न भाषा बोलने वालों में से जो कोई शद्रक, मेशक और अबेदनगो के परमेश्वर की कुछ निन्दा करेगा, वह टुकड़े टुकड़े किया जाएगा, और उसका घर घूरा बनाया जाएगा; क्योंकि ऐसा कोई और देवता नहीं जो इस रीति से बचा सके।
Daniel 3:30 तब राजा ने बाबुल के प्रान्त में शद्रक, मेशक, अबेदनगो का पद और ऊंचा किया।

एक साल में बाइबल: 
  • दानिय्येल 1-3


गुरुवार, 18 सितंबर 2014

सन्देश


   आप चाहे किसी अन्धेरे सिनेमा हॉल में बैठे सिनेमा देख रहे हों, या किसी सार्वजनिक स्थान पर हों, अथवा किसी रेल या बस में यात्रा कर रहे हों, बाज़ार में हों या दफ्तर में, मोबाईल फोन की घंटी बजने और फिर उस फोन के मालिक द्वारा सन्देश देखने, उसके उत्तर में अपना सन्देश भेजने अथवा फोन पर वार्तालाप करने का सिलसिला देखने को मिलता ही रहता है। एक छोटे से यंत्र से सन्देश की सूचना मिलने को नज़रन्दाज़ करना हमारे लिए बहुत कठिन हो गया है, सन्देश मिलते ही उसे देखना और प्रत्युत्तर देना हमारे लिए लगभग अनिवार्य सा हो गया है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल का एक पात्र, शमूएल एक छोटा बालक ही था जब उसे परमेश्वर के भवन में परमेश्वर की सेवा के लिए एली महापुरोहित को सौंप दिया गया था। वो एली के साथ रहता था और उसके निर्देशों के अनुसार परमेश्वर के मन्दिर में कार्य करता था। एक रात सोते समय उसने किसी को अपना नाम पुकारते हुए सुना, और यह सोचकर के एली ने उसे बुलाया है वह एली के पास गया, लेकिन एली ने उसे नहीं बुलाया था (1 शमूएल 3:1-7)। जब बार बार ऐसा हुआ तब एली को समझ आया कि परमेश्वर शमूएल को बुला रहा है, और उसने शमूएल से कहा कि अगली बार जब उसे वह आवाज़ सुनाई दे तो वह कहे, "...हे यहोवा, कह, क्योंकि तेरा दास सुन रहा है..." (1 शमूएल 3:10)। परमेश्वर के प्रति ऐसे कान लगाए रखना शमूएल के जीवन की कार्यविधि बन गया, और शमूएल तरक्की करता गया, और परमेश्वर अपने आप को अपने वचन द्वारा उस पर प्रकट करता रहा (1 शमूएल 3:21)। इस्त्राएल के इतिहास में शमूएल का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है और वह परमेश्वर के वचन बाइबल के प्रमुख पात्रों में से एक है, क्योंकि उसके कान परमेश्वर की वाणी की ओर लगे रहते थे और वह उसकी आज्ञाकारिता में कार्य करता था।

   क्या आज मैं और आप परमेश्वर के सन्देशों तथा वाणी के प्रति संवेदनशील हैं? क्या हम उसकी आवाज़ की ओर, उसके निर्देशों पर ध्यान देते हैं; उनका पालन करते हैं? एक फोन पर आया सन्देश तो हमारा ध्यान अन्य सभी कार्यों से हटा कर उस सन्देश का उत्तर देने पर कर देता है; क्या परमेश्वर के सन्देश को, उसकी वाणी को भी हम इतना ही महत्व देते हैं?

   काश कि हम भी शमूएल के समान सच्चे मन से परमेश्वर से कहने वाले हो सकें, "हे यहोवा, कह, क्योंकि तेरा दास सुन रहा है।" - डेविड मैक्कैसलैंड


अपने जीवन में संसार की बातों के शोर को परमेश्वर की आवाज़ को दबाने ना दें।

और यहोवा ने शीलो में फिर दर्शन दिया, क्योंकि यहोवा ने अपने आप को शीलो में शमूएल पर अपने वचन के द्वारा प्रगट किया। - 1 शमूएल 3:21

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 3:1-10
1 Samuel 3:1 और वह बालक शमूएल एली के साम्हने यहोवा की सेवा टहल करता था। और उन दिनों में यहोवा का वचन दुर्लभ था; और दर्शन कम मिलता था। 
1 Samuel 3:2 और उस समय ऐसा हुआ कि (एली की आंखे तो धुंघली होने लगी थीं और उसे न सूझ पड़ता था) जब वह अपने स्थान में लेटा हुआ था, 
1 Samuel 3:3 और परमेश्वर का दीपक अब तक बुझा नहीं था, और शमूएल यहोवा के मन्दिर में जहाँ परमेश्वर का सन्दूक था लेटा था; 
1 Samuel 3:4 तब यहोवा ने शमूएल को पुकारा; और उसने कहा, क्या आज्ञा! 
1 Samuel 3:5 तब उसने एली के पास दौड़कर कहा, क्या आज्ञा, तू ने तो मुझे पुकारा है। वह बोला, मैं ने नहीं पुकारा; फिर जा लेट रह। तो वह जा कर लेट गया। 
1 Samuel 3:6 तब यहोवा ने फिर पुकार के कहा, हे शमूएल! शमूएल उठ कर एली के पास गया, और कहा, क्या आज्ञा, तू ने तो मुझे पुकारा है। उसने कहा, हे मेरे बेटे, मैं ने नहीं पुकारा; फिर जा लेट रह। 
1 Samuel 3:7 उस समय तक तो शमूएल यहोवा को नहीं पहचानता था, और न तो यहोवा का वचन ही उस पर प्रगट हुआ था। 
1 Samuel 3:8 फिर तीसरी बार यहोवा ने शमूएल को पुकारा। और वह उठके एली के पास गया, और कहा, क्या आज्ञा, तू ने तो मुझे पुकारा है। तब एली ने समझ लिया कि इस बालक को यहोवा ने पुकारा है। 
1 Samuel 3:9 इसलिये एली ने शमूएल से कहा, जा लेट रहे; और यदि वह तुझे फिर पुकारे, तो तू कहना, कि हे यहोवा, कह, क्योंकि तेरा दास सुन रहा है तब शमूएल अपने स्थान पर जा कर लेट गया। 
1 Samuel 3:10 तब यहोवा आ खड़ा हुआ, और पहिले की नाईं पुकारा, शमूएल! शमूएल! शमूएल ने कहा, कह, क्योंकि तेरा दास सुन रहा है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 46-48


बुधवार, 17 सितंबर 2014

अनुशासन


   लेरी गौटलिब, जो एक माँ भी हैं और चिकित्सक भी, कहती हैं कि वे माता-पिता जो अपने बच्चों को हर समय केवल खुश देखते रहने के प्रयास में लगे रहते है, वे वास्तव में अपने बच्चों को दुखी व्यसक बना रहे होते हैं। ऐसे अभिभावक बच्चों को अपने से चिपकाए रहते हैं, उन्हें संसार कि सच्चाईयों को अनुभव करने और उन सच्चाईयों का सामना करने की क्षमता विकसित करने से वंचित रखते हैं, जब उनके बच्चे गलती करते हैं तब वे उन्हें सुधारते नहीं वरन गलतियों को नज़रन्दाज़ कर देते हैं, उन्हें अनुशासित रहने और समाज के प्रति अपने दायित्वों को निभाने से रोके रहते हैं। बड़े होने पर उन बच्चों को फिर कटु अनुभवों से वास्तविकता का सामना करना सीखना पड़ता है और उनका व्यवहार स्वयं उनके लिए तथा दूसरों के लिए भी दुखदायी हो जाता है; कई बार जिसकी भरपाई बहुत भारी पड़ती है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी ऐसे ही एक पिता के बारे में उल्लेख है - वह परमेश्वर का महापुरोहित था, लेकिन अपने बच्चों को परमेश्वर के भय में बड़ा नहीं कर सका। बाइबल में पुराने नियम की पुस्तक 1 शमूएल में हम एली महायाजक के बारे में लिखा पाते हैं। वहाँ यह तो नहीं लिखा कि जब उसके बच्चे छोटे थे तो उनके प्रति वह कैसा पिता था, परन्तु यह अवश्य लिखा है कि जब वे बच्चे बड़े हो गए और परमेश्वर के मन्दिर में कार्य करने लगे तब उनका व्यवहार कैसा था तथा उनके पिता का उनके प्रति रवैया कैसा था। एली के लड़के बड़े होकर स्वार्थी, लुच्चे, झगड़ालु बन गए थे तथा परमेश्वर के वचन की शिक्षाओं एवं लोगों की आवश्यकताओं का ध्यान रखने वाले नहीं वरन अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए परमेश्वर के मन्दिर और संसाधनों का प्रयोग करने वाले हो गए थे। आरंभ में एली ने उन्हें टोका, परन्तु उन्होंने एली की नहीं सुनी और एली ने भी उनके दुर्व्यवहार की अन्देखी करना आरंभ कर दिया और उनके कुकर्म के भोजन में सम्मिलित होने लगा। क्योंकि एली ने अपने बच्चों को परमेश्वर, उसके मन्दिर तथा उसके वचन से अधिक आदर दिया इसलिए परमेश्वर ने इन बातों के कारण एली को चेतावनी दी कि एक भयानक विनाश उनके सामने रखा है, और एली तथा उसके के बेटे परमेश्वर की चेतावनी के अनुसार अपना प्राण गंवा बैठे (1 शमूएल 2:29, 34; 4:17-18)।

   हम मसीही विश्वासी माता-पिता को यह सदा ध्यान रखना चाहिए कि परमेश्वर से मिली बच्चों की आशीष की हम कैसे परवरिश कर रहे हैं? क्या हम उन्हें अनुशासन में रखकर तथा परमेश्वर के वचन के अनुसार शिक्षा देकर बड़ा कर रहे हैं, यदि आवश्यक हो तो प्रेम के साथ ताड़ना का प्रयोग करके भी (नीतिवचन 13:24; 29:17; इब्रानियों 12:9-11)। जब हम बच्चों को अनुशासन तथा परमेश्वर के भय में बड़ा करेंगे तो हम उन्हें ज़िम्मेदार तथा परमेश्वर के भय में रहने और समाज की भलाई के लिए कार्य करने वाले व्यसकों के रूप में देखने का सुख भी पाएंगे। - मार्विन विलियम्स


बच्चों को अनुशासनहीन बनाना उनके प्रति प्रेमहीन होने का सूचक है।

जो बेटे पर छड़ी नहीं चलाता वह उसका बैरी है, परन्तु जो उस से प्रेम रखता, वह यत्न से उसको शिक्षा देता है। - नीतिवचन 13:24

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 2:12, 27-36; 4:17-22
1 Samuel 2:12 एली के पुत्र तो लुच्चे थे; उन्होंने यहोवा को न पहिचाना। 
1 Samuel 2:27 और परमेश्वर का एक जन एली के पास जा कर उस से कहने लगा, यहोवा यों कहता है, कि जब तेरे मूलपुरूष का घराना मिस्र में फिरौन के घराने के वश में था, तब क्या मैं उस पर निश्चय प्रगट न हुआ था? 
1 Samuel 2:28 और क्या मैं ने उसे इस्राएल के सब गोत्रों में से इसलिये चुन नहीं लिया था, कि मेरा याजक हो कर मेरी वेदी के ऊपर चढ़ावे चढ़ाए, और धूप जलाए, और मेरे साम्हने एपोद पहिना करे? और क्या मैं ने तेरे मूलपुरूष के घराने को इस्राएलियों के कुल हव्य न दिए थे? 
1 Samuel 2:29 इसलिये मेरे मेलबलि और अन्नबलि जिन को मैं ने अपने धाम में चढ़ाने की आज्ञा दी है, उन्हें तुम लोग क्यों पांव तले रौंदते हो? और तू क्यों अपने पुत्रों का आदर मेरे आदर से अधिक करता है, कि तुम लोग मेरी इस्राएली प्रजा की अच्छी से अच्छी भेंटें खा खाके मोटे हो जाओ? 
1 Samuel 2:30 इसलिये इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, कि मैं ने कहा तो था, कि तेरा घराना और तेरे मूलपुरूष का घराना मेरे साम्हने सदैव चला करेगा; परन्तु अब यहोवा की वाणी यह है, कि यह बात मुझ से दूर हो; क्योंकि जो मेरा आदर करें मैं उनका आदर करूंगा, और जो मुझे तुच्छ जानें वे छोटे समझे जाएंगे। 
1 Samuel 2:31 सुन, वे दिन आते हैं, कि मैं तेरा भुजबल और तेरे मूलपुरूष के घराने का भुजबल ऐसा तोड़ डालूंगा, कि तेरे घराने में कोई बूढ़ा होने न पाएगा। 
1 Samuel 2:32 इस्राएल का कितना ही कल्याण क्यों न हो, तौभी तुझे मेरे धाम का दु:ख देख पड़ेगा, और तेरे घराने में कोई कभी बूढ़ा न होने पाएगा। 
1 Samuel 2:33 मैं तेरे कुल के सब किसी से तो अपनी वेदी की सेवा न छीनूंगा, परन्तु तौभी तेरी आंखें देखती रह जाएंगी, और तेरा मन शोकित होगा, और तेरे घर की बढ़ती सब अपनी पूरी जवानी ही में मर मिटेंगें। 
1 Samuel 2:34 और मेरी इस बात का चिन्ह वह विपत्ति होगी जो होप्नी और पीनहास नाम तेरे दोनों पुत्रों पर पड़ेगी; अर्थात वे दोनों के दोनों एक ही दिन मर जाएंगे। 
1 Samuel 2:35 और मैं अपने लिये एक विश्वासयोग्य याजक ठहराऊंगा, जो मेरे हृदय और मन की इच्छा के अनुसार किया करेगा, और मैं उसका घर बसाऊंगा और स्थिर करूंगा, और वह मेरे अभिषिक्त के आगे सब दिन चला फिरा करेगा। 
1 Samuel 2:36 और ऐसा होगा कि जो कोई तेरे घराने में बचा रहेगा वह उसी के पास जा कर एक छोटे से टुकड़े चान्दी के वा एक रोटी के लिये दण्डवत कर के कहेगा, याजक के किसी काम में मुझे लगा, जिस से मुझे एक टुकड़ा रोटी मिले।

1 Samuel 4:17 उस समाचार देने वाले ने उत्तर दिया, कि इस्राएली पलिश्तियों के साम्हने से भाग गए हैं, और लोगों का बड़ा भयानक संहार भी हुआ है, और तेरे दोनों पुत्र होप्नी और पीनहास भी मारे गए, और परमेश्वर का सन्दूक भी छीन लिया गया है। 
1 Samuel 4:18 ज्योंही उसने परमेश्वर के सन्दूक का नाम लिया त्योंही एली फाटक के पास कुर्सी पर से पछाड़ खाकर गिर पड़ा; और बूढ़े और भारी होने के कारण उसकी गर्दन टूट गई, और वह मर गया। उसने तो इस्राएलियों का न्याय चालीस वर्ष तक किया था। 
1 Samuel 4:19 उसकी बहू पीनहास की स्त्री गर्भवती थी, और उसका समय समीप था। और जब उसने परमेश्वर के सन्दूक के छीन लिये जाने, और अपने ससुर और पति के मरने का समाचार सुना, तब उसको जच्चा का दर्द उठा, और वह दुहर गई, और उसके एक पुत्र उत्पन्न हुआ। 
1 Samuel 4:20 उसके मरते मरते उन स्त्रियों ने जो उसके आस पास खड़ी थीं उस से कहा, मत डर, क्योंकि तेरे पुत्र उत्पन्न हुआ है। परन्तु उसने कुछ उत्तर न दिया, और न कुछ ध्यान दिया। 
1 Samuel 4:21 और परमेश्वर के सन्दूक के छीन लिये जाने और अपने ससुर और पति के कारण उसने यह कहकर उस बालक का नाम ईकाबोद रखा, कि इस्राएल में से महिमा उठ गई! 
1 Samuel 4:22 फिर उसने कहा, इस्राएल में से महिमा उठ गई है, क्योंकि परमेश्वर का सन्दूक छीन लिया गया है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 43-45


मंगलवार, 16 सितंबर 2014

सुख


   मेरी पत्नि अपनी व्यस्त दिनचर्या के कारण हमारे नाती-पोतों के साथ कभी कभी सप्ताह में थोड़ा ही समय बिताने पाती है। लेकिन जब कभी संभव होता है वह अपनी दिनचर्या के कार्यों के समय में बदलाव करके उनके साथ अधिक से अधिक समय बिताने का प्रयास करती है - किसी कर्तव्य के अन्तर्गत नहीं, वरन इसलिए क्योंकि वह उनसे प्रेम करती है। ऐसे समयों में जब मैं उसे उनके साथ देखता हूँ तो मुझे आभास होता है कि ’सुख’ शब्द का तात्पर्य क्या होता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 119 का लेखक परमेश्वर के वचन से उसे प्राप्त होने वाले सुख के बारे में लिखता है। इस भजन में वह आठ बार ’सुख’ से जुड़े शब्दों का प्रयोग करता है (पद 16, 24, 35, 47, 70, 77, 92, 174)। उदाहरण के लिए: "मैं तेरी विधियों से सुख पाऊंगा; और तेरे वचन को न भूलूंगा" (भजन 119:16); "क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं के कारण सुखी हूं, और मैं उन से प्रीति रखता हूं" (भजन 119:47)। भजनकार द्वारा ’सुख’ और उससे जुड़े हुए शब्दों का प्रयोग दिखाता है कि उसके लिए परमेश्वर के वचन के साथ समय बिताना ना तो कोई बोझ था और ना ही किसी कर्तव्य का पालन मात्र; क्योंकि वह परमेश्वर से तथा उसके वचन से प्रेम करता था। परमेश्वर से उसके निकट संबंध के कारण उसके मन में लालसा रहती थी कि वह परमेश्वर के बारे में और अधिक निकटता से जाने, तथा यह भी जाने कि उसका प्रीय उससे क्या कहना चाहता है।

   इसी प्रकार, यदि हमें भी परमेश्वर के वचन के अध्ययन को कर्तव्य नहीं वरन अपने आनन्द का स्त्रोत बनाना है तो हमें भी परमेश्वर के साथ अपने संबंध को और प्रगाढ़ बनाना होगा। जब हम यह स्मरण रखेंगे कि परमेश्वर हम से कितना प्रेम करता है और हमारे लिए उस प्रेम में होकर उसने क्या कुछ किया है तो उसके साथ समय बिताना हमारे लिए केवल कर्तव्य पालन नहीं वरन वास्तव में आनन्द की बात बन जाएगा, और हम भी भजनकार के साथ कह सकेंगे, "अहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है" (भजन 119:97)। - सी. पी. हिया


हर समय हर परिस्थिति में परमेश्वर के वचन को अपने आनन्द का स्त्रोत बनाए रखिए।

इस कारण मैं तेरी आज्ञाओं को सोने से वरन कुन्दन से भी अधिक प्रिय मानता हूं। - भजन 119:127

बाइबल पाठ: भजन 119:41-48
Psalms 119:41 हे यहोवा, तेरी करूणा और तेरा किया हुआ उद्धार, तेरे वचन के अनुसार, मुझ को भी मिले; 
Psalms 119:42 तब मैं अपनी नामधराई करने वालों को कुछ उत्तर दे सकूंगा, क्योंकि मेरा भरोसा, तेरे वचन पर है। 
Psalms 119:43 मुझे अपने सत्य वचन कहने से न रोक क्योंकि मेरी आशा तेरे नियमों पर हैं। 
Psalms 119:44 तब मैं तेरी व्यवस्था पर लगातार, सदा सर्वदा चलता रहूंगा; 
Psalms 119:45 और मैं चोड़े स्थान में चला फिरा करूंगा, क्योंकि मैं ने तेरे उपदेशों की सुधि रखी है। 
Psalms 119:46 और मैं तेरी चितौनियों की चर्चा राजाओं के साम्हने भी करूंगा, और संकोच न करूंगा; 
Psalms 119:47 क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं के कारण सुखी हूं, और मैं उन से प्रीति रखता हूं। 
Psalms 119:48 मैं तेरी आज्ञाओं की ओर जिन में मैं प्रीति रखता हूं, हाथ फैलाऊंगा और तेरी विधियों पर ध्यान करूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 40-42


सोमवार, 15 सितंबर 2014

आवश्यकता


   दिल दुखाने वाली बातें सुनने को मिलती ही रहती हैं - वह मित्र जिसकी व्यस्क पुत्री अपने पति और बच्चों को छोड़कर चली गई; वे माता-पिता जिनके किशोरावसथा में आ रहे बच्चे कार दुर्घटना में मारे गए; चर्च का वह अति कार्यकारी व्यक्ति जो अपनी नौकरी से सेवा-निवृत्ति के बाद किसी ना किसी बिमारी या परेशानी से जूझने को मजबूर है - आप सब ने ऐसी कहानियाँ सुनी होंगी, आपके पास भी ऐसी ही अपनी कहानियाँ भी होंगी।

   जब संघर्ष और पीड़ा हमारे विश्वास को झकझोरें और हमारे आनन्द के अन्तिम बून्द तक को निचोड़ डालें, तब हम कहाँ और किसके पास जाएँ? ऐसे में परमेश्वर के वचन बाइबल में 2 कुरिन्थियों 1:3 सही स्थान होगा - वह पद आशा, सहायता और संभावनाओं से भरा हुआ है।

   देखिए कि यह पद हम से क्या कहता है: प्रेरित पौलुस, व्यक्तिगत रीति से जिसके पास हम में से अधिकांश की तुलना में कहीं अधिक संघर्ष और परेशानियाँ थीं, इस पद में परमेश्वर के सम्मुख दो स्तर पर आराधना उठाता है। पहले तो वह परमेश्वर का, जो केवल हमारा ही नहीं वरन प्रभु यीशु का भी पिता और परमेश्वर है, धन्यवाद करता है - ज़रा इसके तात्पर्य में छिपी सामर्थ और प्रेम के बारे में सोचिए। दूसरे, फिर पौलुस इस से भी अधिक अच्छा समाचार देता है - हमारा परमेश्वर पिता दया और करुणा का परमेश्वर है, अर्थात वह हमसे अनन्त काल का प्रेम करता है और अपने अनुग्रह की दृष्टि हम पर बनाए रहता है; इतना ही नहीं वह सभी शान्ति का भी परमेश्वर है।

   क्या आज आपको अनुकंपा की, सांत्वना की, शान्ति की आवश्यकता है - अपने पिता परमेश्वर के पास जाएं। उसके पास आपके लिए आपकी आवश्यकता से भी कहीं बढ़कर सब कुछ उपलब्ध है और वह उन सब बातों को आप पर बहुतायत से उँडेलने को भी तैयार है। आवश्यकता तथा परेशानी में परमेश्वर ही है जो हमें संभाल सकता है। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर की शान्ति और सांत्वना भरी धीमी आवाज़ हमारी परेशानियों के कोलाहल को शान्त करने के लिए काफी है।

हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। - 2 कुरिन्थियों 1:3

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 1:1-7
2 Corinthians 1:1 पौलुस की ओर से जो परमेश्वर की इच्छा से मसीह यीशु का प्रेरित है, और भाई तीमुथियुस की ओर से परमेश्वर की उस कलीसिया के नाम जो कुरिन्थुस में है; और सारे अखया के सब पवित्र लोगों के नाम।
2 Corinthians 1:2 हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे।
2 Corinthians 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। 
2 Corinthians 1:4 वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों। 
2 Corinthians 1:5 क्योंकि जैसे मसीह के दुख हम को अधिक होते हैं, वैसे ही हमारी शान्‍ति भी मसीह के द्वारा अधिक होती है। 
2 Corinthians 1:6 यदि हम क्‍लेश पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति और उद्धार के लिये है और यदि शान्‍ति पाते हैं, तो यह तुम्हारी शान्‍ति के लिये है; जिस के प्रभाव से तुम धीरज के साथ उन क्‍लेशों को सह लेते हो, जिन्हें हम भी सहते हैं। 
2 Corinthians 1:7 और हमारी आशा तुम्हारे विषय में दृढ़ है; क्योंकि हम जानते हैं, कि तुम जैसे दुखों के वैसे ही शान्‍ति के भी सहभागी हो।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 37-39


रविवार, 14 सितंबर 2014

परिवार


   हमारे परिवार में एक आनन्द दायक परंपरा है; जब हम सब घर पर होते हैं और हम में से कोई पुकारता है, "पारिवारिक आलिंगन" तो हम सब एक ही स्थान पर एक साथ जमा हो जाते हैं, सामान्यतः यह हमारे रसोई घर में होता है; मैं बच्चों को अपने से चिपका लेती हूँ और मेरे पति हम सबको आलिंगन में भर लेते हैं। पारिवारिक प्रेम और निकटता का आनन्द लेने का यह हमारा तरीका है।

   यद्यपि हम कभी कभी इस सामूहिक आलिंगन का आनन्द लेते रहते हैं, परन्तु इस एकमनता के भाव को बनाए रखना इतना सरल भी नहीं है क्योंकि हम सब अलग अलग व्यक्तित्व वाले अलग अलग व्यक्ति हैं और हम सब की भिन्न आवश्यकताएं, योग्यताएं और दृष्टिकोण हैं। यही बात परमेश्वर पिता के परिवार अर्थात मसीही विश्वासियों की मण्डली में भी सत्य है। इस मसीही परिवार में भी सभी का अपना अपना व्यक्तित्व है, इसलिए सब एक दूसरे से भिन्न हैं; तो भी प्रेरित पौलुस हमें कहते हैं कि, "और मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्‍न करो" (इफिसियों 4:3)। अन्य मसीही विश्वासियों के साथ तालमेल तथा एकमनता बना कर रहना बहुत आवश्यक है क्योंकि यह प्रभु यीशु की हमारे साथ तथा परमेश्वर पिता के साथ की एकमनता का सूचक है: "जैसा तू हे पिता मुझ में हैं, और मैं तुझ में हूं, वैसे ही वे भी हम में हों, इसलिये कि जगत प्रतीति करे, कि तू ही ने मुझे भेजा" (यूहन्ना 17:21)।

   जब परमेश्वर के परिवार में परस्पर समस्याएं हों तो परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि "सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धर कर प्रेम से एक दूसरे की सह लो" (इफिसियों 4:2)। यही विधि है मसीही विश्वासियों के परिवार में पारिवारिक सहभागिता और एकता का आनन्द लेने की। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


हम मसीही विश्वासियों के हृदय मसीह के प्रेम द्वार परस्पर जुड़े हुए हैं।

और इन सब के ऊपर प्रेम को जो सिद्धता का कटिबन्‍ध है बान्‍ध लो। - कुलुस्सियों 3:14

बाइबल पाठ: इफिसियों 4:1-16
Ephesians 4:1 सो मैं जो प्रभु में बन्‍धुआ हूं तुम से बिनती करता हूं, कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल चलो। 
Ephesians 4:2 अर्थात सारी दीनता और नम्रता सहित, और धीरज धरकर प्रेम से एक दूसरे की सह लो। 
Ephesians 4:3 और मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्‍न करो। 
Ephesians 4:4 एक ही देह है, और एक ही आत्मा; जैसे तुम्हें जो बुलाए गए थे अपने बुलाए जाने से एक ही आशा है। 
Ephesians 4:5 एक ही प्रभु है, एक ही विश्वास, एक ही बपतिस्मा। 
Ephesians 4:6 और सब का एक ही परमेश्वर और पिता है, जो सब के ऊपर और सब के मध्य में, और सब में है।
Ephesians 4:7 पर हम में से हर एक को मसीह के दान के परिमाण से अनुग्रह मिला है। 
Ephesians 4:8 इसलिये वह कहता है, कि वह ऊंचे पर चढ़ा, और बन्‍धुवाई को बान्‍ध ले गया, और मनुष्यों को दान दिए। 
Ephesians 4:9 (उसके चढ़ने से, और क्या पाया जाता है केवल यह, कि वह पृथ्वी की निचली जगहों में उतरा भी था। 
Ephesians 4:10 और जो उतर गया यह वही है जो सारे आकाश से ऊपर चढ़ भी गया, कि सब कुछ परिपूर्ण करे)। 
Ephesians 4:11 और उसने कितनों को भविष्यद्वक्ता नियुक्त कर के, और कितनों को सुसमाचार सुनाने वाले नियुक्त कर के, और कितनों को रखवाले और उपदेशक नियुक्त कर के दे दिया। 
Ephesians 4:12 जिस से पवित्र लोग सिद्ध हों जाएं, और सेवा का काम किया जाए, और मसीह की देह उन्नति पाए। 
Ephesians 4:13 जब तक कि हम सब के सब विश्वास, और परमेश्वर के पुत्र की पहिचान में एक न हो जाएं, और एक सिद्ध मनुष्य न बन जाएं और मसीह के पूरे डील डौल तक न बढ़ जाएं। 
Ephesians 4:14 ताकि हम आगे को बालक न रहें, जो मनुष्यों की ठग-विद्या और चतुराई से उन के भ्रम की युक्तियों की, और उपदेश की, हर एक बयार से उछाले, और इधर-उधर घुमाए जाते हों। 
Ephesians 4:15 वरन प्रेम में सच्चाई से चलते हुए, सब बातों में उस में जो सिर है, अर्थात मसीह में बढ़ते जाएं। 
Ephesians 4:16 जिस से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक भाग के परिमाण से उस में होता है, अपने आप को बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 34-36


शनिवार, 13 सितंबर 2014

अकेले


   मई 20-21, 1927 वायु यान द्वारा उड़ान के इतिहास में एक ’मील का पत्थर’ है। इसी दिन चार्ल्स लिंडरबर्घ ने प्रशान्त महासागर को अपने वायुयान की उड़ान द्वारा अकेले ही पार किया था। इससे पहले और भी उड़ाने थीं जो प्रशान्त महासागर के एक से दूसरे छोर तक हुईं थीं, लेकिन चार्ल्स लिंडरबर्घ की वह उड़ान इसलिए अनूठी थी क्योंकि उन्होंने अकेले ही ऐसा किया था; यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी। जब लिंडरबर्घ फ्रांस में पैरिस के हवाई अड्डे पर उतरे तो हज़ारों की भीड़ ने उनका स्वागत किया, उनकी सफलता की सराहना करी। जब वे वापस अमेरिका लौटे तो वहाँ भी उनका भव्य स्वागत हुआ, उनके व्यक्तिगत साहस तथा उनकी उपलब्धि के लिए उन्हें पुरस्कार दिए गए, उनके लिए जलूस निकाले गए।

   इसमें कोई दो राय नहीं कि चार्ल्स लिंडरबर्घ यह कारनामा वास्तव में जोखिम भरा और साहसी था, लेकिन आज हमारे लिए पाप से भरे इस संसार में सुरक्षित बने रहना उससे भी अधिक खतरनाक हो सकता है। लेकिन मसीही विश्वासियों को इस बात को लेकर चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है, वे आश्वस्त और प्रोत्साहित रह सकते हैं कि उन्हें अपने जीवन में कभी अकेले रहना तथा अपनी ही सामर्थ से खतरों का सामना नहीं करना पड़ेगा। अपने क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिए पकड़वाए जाने से पहले प्रभु यीशु ने अपने चेलों को आश्वस्त किया कि वे उन्हें अकेला कदापि नहीं छोड़ेंगे, वे अपनी पवित्र आत्मा को चेलों के साथ तथा चेलों में निवास करने को भेजेंगे (यूहन्ना 14:16-17)। बाद में प्रेरित पौलुस ने इस बात की पुष्टि करते हुए अपनी पत्री में लिखा, "क्या तुम नहीं जानते, कि तुम परमेश्वर का मन्दिर हो, और परमेश्वर का आत्मा तुम में वास करता है?" (1 कुरिन्थियों 3:16)।

   परेशानी और निराशा से भरे इस संसार में हम मसीही विश्वासी इस बात से साहस प्राप्त कर सकते हैं कि परमेश्वर का पवित्र आत्मा सदा ही हम में और हमारे साथ बना रहता है, अपनी शान्ति तथा ढाढ़स हमें देता रहता है (यूहन्ना 14:26-27)। यदि आप ने प्रभु यीशु से पाप क्षमा माँग कर उसे अपना उद्धारकर्ता माना है, अपना जीवन उसे समर्पित किया है, तो निश्चिंत रहिए; जीवन की किसी भी परिस्थिति में, किसी भी समय, आप कभी अकेले नहीं होंगे, परमेश्वर पवित्र आत्मा आपके साथ तथा आप में सदा बना रहेगा, आपको संभाले रहेगा, आपको मार्गदर्शन, शांति और सांत्वना देता रहेगा। - बिल क्राउडर


हम मसीही विश्वासियों के अन्दर बसने वाला पवित्र आत्मा इस बात की निश्चितता है कि हम कभी अकेले नहीं हैं।

क्या तुम नहीं जानते, कि तुम्हारी देह पवित्रात्मा का मन्दिर है; जो तुम में बसा हुआ है और तुम्हें परमेश्वर की ओर से मिला है, और तुम अपने नहीं हो? - 1 कुरिन्थियों 6:19

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:15-27
John 14:15 यदि तुम मुझ से प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञाओं को मानोगे। 
John 14:16 और मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे। 
John 14:17 अर्थात सत्य का आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता है: तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है, और वह तुम में होगा। 
John 14:18 मैं तुम्हें अनाथ न छोडूंगा, मैं तुम्हारे पास आता हूं। 
John 14:19 और थोड़ी देर रह गई है कि फिर संसार मुझे न देखेगा, परन्तु तुम मुझे देखोगे, इसलिये कि मैं जीवित हूं, तुम भी जीवित रहोगे। 
John 14:20 उस दिन तुम जानोगे, कि मैं अपने पिता में हूं, और तुम मुझ में, और मैं तुम में। 
John 14:21 जिस के पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है, और जो मुझ से प्रेम रखता है, उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उस से प्रेम रखूंगा, और अपने आप को उस पर प्रगट करूंगा। 
John 14:22 उस यहूदा ने जो इस्करियोती न था, उस से कहा, हे प्रभु, क्या हुआ की तू अपने आप को हम पर प्रगट किया चाहता है, और संसार पर नहीं। 
John 14:23 यीशु ने उसको उत्तर दिया, यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे। 
John 14:24 जो मुझ से प्रेम नहीं रखता, वह मेरे वचन नहीं मानता, और जो वचन तुम सुनते हो, वह मेरा नहीं वरन पिता का है, जिसने मुझे भेजा।
John 14:25 ये बातें मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम से कहीं। 
John 14:26 परन्तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा। 
John 14:27 मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 31-33


शुक्रवार, 12 सितंबर 2014

भला और बहुत


   मुझे यह मानना होगा कि मैं मीठा बहुत पसन्द करता हूँ। यदि मेरे पास बहुतायत से टॉफियाँ उपलब्ध हों तो मेरे लिए जीवन बहुत सुखी है; लेकिन यह भी है कि मैं चाहे जितनी टॉफियाँ अपने पास जमा कर लूँ, वे समाप्त होती रहती हैं तथा एक सीमा से अधिक उनका सेवन शरीर पर दुषप्रभाव भी डालता है। जीवन में और भी बहुत सी अच्छी वस्तुएं हैं, लेकिन उन टॉफियों की तरह, वे भी कभी ना कभी समाप्त हो ही जाती हैं; और सर्वोत्तम वस्तुएं भी समाप्त हो जाने के बाद जीवन में खालीपन का आभास या फिर खिन्नता की भावना छोड़ सकती हैं।

   इसलिए परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार द्वारा कही बात "मैं ने परमेश्वर से कहा है, कि तू ही मेरा प्रभु है; तेरे सिवाए मेरी भलाई कहीं नहीं" (भजन 16:2) मेरे अन्दर कौतहूल उत्पन्न करती है - हम सब जानते हैं कि परमेश्वर भला है, लेकिन वह पिछला अवसर कब था जब आपने परमेश्वर को अपने जीवन की सर्वोत्तम भलाई के रूप में ग्रहण किया था?

   भजनकार इसी भजन में यह भी बताता है कि परमेश्वर कितना भला है: वह हमारा रक्षक है (पद 1); हमारा संपूर्ण भलाई करने वाला है (पद 2); हमें सम्मति तथा शिक्षा देने वाला है (पद 7); वह हमारे जीवन का मार्ग और हमें भरपूरी से आनन्द देने वाला है (पद 11)। अब भला ऐसी भलाई और कहाँ मिल सकेगी, और ऐसी भलाई करने वाले से कोई क्योंकर दूर भागे?

   लेकिन यह भी एक कटु सत्य है कि अपने जीवनों में परमेश्वर से मिलने वाली सर्वोत्तम और अनन्त काल की भलाई को नज़रंदाज़ करके हम अन्य छोटी-मोटी सांसारिक खुशियों के पीछे भागते रहते हैं, उन्हें प्रभु यीशु में होकर सारे संसार के सभी लोगों के लिए उपलब्ध करवाई गई परमेश्वर की भलाईयों का स्थान देते रहते हैं। परन्तु यह निश्चित है कि उन टॉफियों के समाप्त होने के समान ही संसार की अन्य सभी अल्पकालीन खुशियाँ भी कभी ना कभी जाती रहेंगी; और संसार की हर बात जीवन में कोई ना कोई दुषप्रभाव छोड़ती ही है। संसार की खुशियों की समाप्त होने पर यदि परमेश्वर और उसकी भलाई - प्रभु यीशु का हमारे जीवन में स्थान नहीं रहा है तो फिर उस आने वाले अनन्त जीवन में खालीपन तथा खिन्नता ही शेष रह जाएगी।

   वास्तव में केवल परमेश्वर ही सदा ही तथा सदाकाल के लिए भला है, और हमारे जीवनों के लिए उस की भलाई बहुत है। - जो स्टोवैल


केवल परमेश्वर ही भला है; उससे कम को स्वीकार ना करें।

मैं यहोवा के विषय कहूंगा, कि वह मेरा शरणस्थान और गढ़ है; वह मेरा परमेश्वर है, मैं उस पर भरोसा रखूंगा। - भजन 91:2

बाइबल पाठ: भजन 16:1-11
Psalms 16:1 हे ईश्वर मेरी रक्षा कर, क्योंकि मैं तेरा ही शरणागत हूं। 
Psalms 16:2 मैं ने परमेश्वर से कहा है, कि तू ही मेरा प्रभु है; तेरे सिवाए मेरी भलाई कहीं नहीं। 
Psalms 16:3 पृथ्वी पर जो पवित्र लोग हैं, वे ही आदर के योग्य हैं, और उन्हीं से मैं प्रसन्न रहता हूं। 
Psalms 16:4 जो पराए देवता के पीछे भागते हैं उनका दु:ख बढ़ जाएगा; मैं उनके लोहू वाले तपावन नहीं तपाऊंगा और उनका नाम अपने ओठों से नहीं लूंगा।
Psalms 16:5 यहोवा मेरा भाग और मेरे कटोरे का हिस्सा है; मेरे बाट को तू स्थिर रखता है। 
Psalms 16:6 मेरे लिये माप की डोरी मनभावने स्थान में पड़ी, और मेरा भाग मनभावना है।
Psalms 16:7 मैं यहोवा को धन्य कहता हूं, क्योंकि उसने मुझे सम्मत्ति दी है; वरन मेरा मन भी रात में मुझे शिक्षा देता है। 
Psalms 16:8 मैं ने यहोवा को निरन्तर अपने सम्मुख रखा है: इसलिये कि वह मेरे दाहिने हाथ रहता है मैं कभी न डगमगाऊंगा।
Psalms 16:9 इस कारण मेरा हृदय आनन्दित और मेरी आत्मा मगन हुई; मेरा शरीर भी चैन से रहेगा। 
Psalms 16:10 क्योंकि तू मेरे प्राण को अधोलोक में न छोड़ेगा, न अपने पवित्र भक्त को सड़ने देगा।
Psalms 16:11 तू मुझे जीवन का रास्ता दिखाएगा; तेरे निकट आनन्द की भरपूरी है, तेरे दाहिने हाथ में सुख सर्वदा बना रहता है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 28-30


गुरुवार, 11 सितंबर 2014

अनुसरण


   अधिकांश लोग इस बात से सहमत होंगे कि जीवन भले और बुरे का दुखदायी मिश्रण है। यह तथ्य विवाह, मित्रता, परिवार, कार्य और चर्च आदि सभी संबंधों तथा स्थानों पर देखा जाता है। परन्तु फिर भी जब स्वार्थ और अपने आप को ऊँचा उठाने की प्रवृति उन में देखने को मिलती है जो मसीह यीशु की सेवा और आराधना करते हैं तो यह निराश तथा चकित करने वाला होता है।

   जब प्रेरित यूहन्ना ने अपने मित्र गयूस को पत्र लिखा तो उसने उस चर्च की प्रशंसा करी जिस के साथ गयूस जुड़ा हुआ था। यूहन्ना ने उस मसीही मण्डली की प्रशंसा उनके सच्चे जीवन और उदार पहुनाई की भावना के लिए करी (3 यूहन्ना 1:3-8)। परन्तु उसी मण्डली में एक अन्य स्वभाव का व्यक्ति था - दियुत्रिफेस, जो अपने आप को बड़ा ठहराना चाहता था (पद 9), और अपने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उसने वहाँ परस्पर बैर का वातावरण बना रखा था।

   यूहन्ना ने उन्हें आश्वासन दिय कि जब वह अगली बार उनसे मिलने आएगा तब दियुत्रिफेस से स्वयं निपटेगा। परन्तु तब तक के लिए उस मण्डली को यूहन्ना का निर्देष था: "हे प्रिय, बुराई के नहीं, पर भलाई के अनुयायी हो, जो भलाई करता है, वह परमेश्वर की ओर से है; पर जो बुराई करता है, उसने परमेश्वर को नहीं देखा" (3 यूहन्ना 1:11)। कुछ ऐसी ही शिक्षा प्रेरित पौलुस ने रोम की मसीही मण्डली को भी दी थी: "बुराई से न हारो परन्तु भलाई से बुराई का जीत लो" (रोमियों 12:21)।

   किसी उत्तेजना पूर्ण विवाद के समय हमें "जैसे को तैसा" वाला सिद्धांत अपनाने का प्रलोभन आ सकता है, परन्तु परमेश्वर का वचन बाइबल हमें सिखाती है कि हम बुराई से मूँह मोड़ कर भलाई का अनुसरण करें। यही वह मार्ग है जो जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह ने हमें सिखाया है, और उसे जी कर के भी दिखाया है। - डेविड मैक्कैसलैंड


जैसे उजियाला अन्धकार पर विजयी रहता है, भलाई भी बुराई पर जयवंत रहती है।

परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सताने वालों के लिये प्रार्थना करो। जिस से तुम अपने स्‍वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मियों और अधर्मियों दोनों पर मेंह बरसाता है। - मत्ती 5:44-45 

बाइबल पाठ: 3 यूहन्ना 1:1-14
3 John 1:1 मुझ प्राचीन की ओर से उस प्रिय गयुस के नाम, जिस से मैं सच्चा प्रेम रखता हूं।
3 John 1:2 हे प्रिय, मेरी यह प्रार्थना है; कि जैसे तू आत्मिक उन्नति कर रहा है, वैसे ही तू सब बातों मे उन्नति करे, और भला चंगा रहे। 
3 John 1:3 क्योंकि जब भाइयों ने आकर, तेरे उस सत्य की गवाही दी, जिस पर तू सचमुच चलता है, तो मैं बहुत ही आनन्‍दित हुआ। 
3 John 1:4 मुझे इस से बढ़कर और कोई आनन्द नहीं, कि मैं सुनूं, कि मेरे लड़के-बाले सत्य पर चलते हैं। 
3 John 1:5 हे प्रिय, जो कुछ तू उन भाइयों के साथ करता है, जो परदेशी भी हैं, उसे विश्वासी की नाईं करता है। 
3 John 1:6 उन्होंने मण्‍डली के साम्हने तेरे प्रेम की गवाही दी थी: यदि तू उन्हें उस प्रकार विदा करेगा जिस प्रकार परमेश्वर के लोगों के लिये उचित है तो अच्छा करेगा। 
3 John 1:7 क्योंकि वे उस नाम के लिये निकले हैं, और अन्यजातियों से कुछ नहीं लेते। 
3 John 1:8 इसलिये ऐसों का स्‍वागत करना चाहिए, जिस से हम भी सत्य के पक्ष में उन के सहकर्मी हों।
3 John 1:9 मैं ने मण्‍डली को कुछ लिखा था; पर दियुत्रिफेस जो उन में बड़ा बनना चाहता है, हमें ग्रहण नहीं करता। 
3 John 1:10 सो जब मैं आऊंगा, तो उसके कामों की जो वह कर रहा है सुधि दिलाऊंगा, कि वह हमारे विषय में बुरी बुरी बातें बकता है; और इस पर भी सन्‍तोष न कर के आप ही भाइयों को ग्रहण नहीं करता, और उन्हें जो ग्रहण करना चाहते हैं, मना करता है: और मण्‍डली से निकाल देता है। 
3 John 1:11 हे प्रिय, बुराई के नहीं, पर भलाई के अनुयायी हो, जो भलाई करता है, वह परमेश्वर की ओर से है; पर जो बुराई करता है, उसने परमेश्वर को नहीं देखा। 
3 John 1:12 देमेत्रियुस के विषय में सब ने वरन सत्य ने भी आप ही गवाही दी: और हम भी गवाही देते हैं, और तू जानता है, कि हमारी गवाही सच्ची है।
3 John 1:13 मुझे तुझ को बहुत कुछ लिखना तो था; पर सियाही और कलम से लिखना नहीं चाहता। 
3 John 1:14 पर मुझे आशा है कि तुझ से शीघ्र भेंट करूंगा: तब हम आमने सामने बातचीत करेंगे: तुझे शान्‍ति मिलती रहे। यहां के मित्र तुझे नमस्‍कार करते हैं: वहां के मित्रों से नाम ले ले कर नमस्‍कार कह देना।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 25-27