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बुधवार, 19 सितंबर 2018

आहार



      मेरे देश सिंगापुर में प्रचलित एक भोजन, अंडा और रोटी परांठा मुझे बहुत पसन्द है। इसलिए मुझे यह पढ़कर विसमय हुआ कि एक 57 किलो वज़न के व्यक्ति को 5 मील प्रति घंटा की रफ्तार से 30 मिनिट तक दौड़ते रहना पड़ेगा, तब ही वह एक अंडा रोटी परांठा से मिलने वाली 240 कैलोरी ऊर्जा को जलाने में पाएगा। जब से मैने जिम में जाकर व्यायाम करना आरंभ किया है, इन संख्याओं का मेरे लिए एक नया महत्व हो गया है। अब मैं अपने आप से पूछती रहती हूँ: क्या यह जो मैं खाने जा रही हूँ, उसमें विद्यमान कैलोरीज अपने अन्दर लेने के लायक है?

      स्वयं द्वारा खाए जाने वाले भोजन के लिए सचेत रहना अच्छा है, परन्तु उससे भी अच्छा है उसका ध्यान रखना जो हम प्रतिदिन मीडिया के द्वारा अपने मन के अंदर आने देते हैं। शोध ने दिखाया है कि हम जो देखते हैं वह हमारे मनों के अन्दर लंबे समय तक रहता है और हमारे व्यवहार को प्रभावित करता है। वे बातें “चिपकने वाली” होती हैं, उसे ढीठ चर्बी के समान जिसे जलाना हमारे लिए इतना कठिन होता है।

      आज हमारे चारों ओर विविध प्रकार की मीडिया सामग्री उपलब्ध है, इसलिए हमें समझदार उपभोगता बनने की आवश्यकता है। मेरे कहने का यह तात्पर्य नहीं है कि आपको केवल मसीही साहित्य ही पढ़ना चाहिए या केवल मसीही विश्वास से संबंधित फ़िल्में ही देखनी चाहिएँ। परन्तु यह कि इस बात का ध्यान रखें कि हमारी आँखें क्या कुछ देखने पाती हैं। जो भी हम देखना चाह रहे हैं, उसके विषय अपने आप से यह प्रश्न कर लेना चाहिए: क्या यह मेरे समय के उपयोग तथा व्यवहार और जीवन के लिए उपयुक्त है?

      परमेश्वर के वचन बाइबल में फिलिप्पियों 4:8 में पौलुस ने लिखा, “निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्‍हीं पर ध्यान लगाया करो।” यही वह आहार है जो हमारे आत्मिक पोषण तथा उस के उपयुक्त है जो प्रभु यीशु मसीह ने हमारे लिए किया है। - पो फैंग चिया


मस्तिष्क उसी से बनता है जो उसमें जाता है। - विल ड्यूरेन्ट

मेरी आंखों को व्यर्थ वस्तुओं की ओर से फेर दे; तू अपने मार्ग में मुझे जिला। - भजन 119:37

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 4:4-9
Philippians 4:4 प्रभु में सदा आनन्‍दित रहो; मैं फिर कहता हूं, आनन्‍दित रहो।
Philippians 4:5 तुम्हारी कोमलता सब मनुष्यों पर प्रगट हो: प्रभु निकट है।
Philippians 4:6 किसी भी बात की चिन्‍ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख अपस्थित किए जाएं।
Philippians 4:7 तब परमेश्वर की शान्‍ति, जो समझ से बिलकुल परे है, तुम्हारे हृदय और तुम्हारे विचारों को मसीह यीशु में सुरिक्षत रखेगी।।
Philippians 4:8 निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्‍हीं पर ध्यान लगाया करो।
Philippians 4:9 जो बातें तुम ने मुझ से सीखीं, और ग्रहण की, और सुनी, और मुझ में देखीं, उन्‍हीं का पालन किया करो, तब परमेश्वर जो शान्‍ति का सोता है तुम्हारे साथ रहेगा।


एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 1-3
  • 2 कुरिन्थियों 11:16-33