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गुरुवार, 29 जनवरी 2015

लाल फीताशाही


   "लाल फीताशाही" एक वाक्यांश है जो अभिव्यक्त करता है कार्य करने के उस कष्टदायक तरीके को जिसके द्वारा किसी भी प्रकार की नौकरशाही के द्वारा सामन्य व्यक्तियों के लिए किसी कार्य को किए जाने में बाधाएं डाली जाती हैं। इस वाक्यांश का आरंभ हुआ था सरकारी दस्तावेज़ों को लाल फीते से बांधे जाने के कारण, और यह वाक्यांश प्रसिद्ध हुआ स्कॉटलैण्ड के इतिहासकार थौमस कार्लाइल द्वारा सन 1800 के आरंभिक वर्षों में लिखे गए लेखों के कारण, जब वे धीमी गति से कार्य करने वाली सरकारी कार्यविधि का विरोद्ध कर रहे थे। अमेरीकी गृह-युद्ध के पश्चात "लाल-फीताशाही" की समस्या फिर से व्यापक रूप से सामने आई जब युद्ध से सेवा-निवृत हुए लोगों को उनके मिलने वाले लाभ प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। आज भी यह वाक्यांश उन निराशाओं और हताशाओं के लिए प्रयोग होता है जो कार्यों की पूर्ति में लगाई जाने वाली बाधाओं के कारण होती हैं; और यह आज के समय में भी कामकाज की विधियों से जुड़ी बातों की एक ऐसी ज्वलंत समस्या है जिसका सामना प्रायः प्रत्येक स्थान पर, प्रत्येक कार्य के लिए किसी ना किसी रूप में सभी जन-साधारण को करना पड़ता रहता है।

   लेकिन इस सृष्टि में एक स्थान है जहाँ यह लाल फीताशाही किसी भी रूप में लेश-मात्र भी विद्यमान नहीं है - परमेश्वर के सिंहासन के सामने। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पौलुस ने मसीह यीशु के लिए लिखा, "...तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें। जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई..." (रोमियों 5:1-2)। जब मन दुखी होते हों, या हृदय टूट रहे हों, और आप परमेश्वर के सामने अपने मन की बात रखना चाहते हों तो स्मरण रखें कि उस तक पहुँचने और उससे बात-चीत करने में अब आपके सामने कोई रुकावट नहीं है। मसीह यीशु ने मनुष्यों के समान जीवन व्यतीत करके तथा उनके पापों के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे के, सभी मनुष्यों के लिए हियाव के साथ परमेश्वर के सम्मुख पहुँच पाने का मार्ग बना कर दे दिया है (इब्रानियों 4:15-16)।

   इसलिए जब भी आपको परमेश्वर के सामने आने और अपने मन की बात कहने की इच्छा हो, तो निश्चिंत रहें के आपको किसी लाल फीताशाही को पार करने, किसी रस्म, किसी विधि-विधान आदि की पूर्ति की कतई आवश्यकता नहीं है। मसीह यीशु में होकर आपके लिए परमेश्वर के सामने तुरंत प्रस्तुत होने और उसे संबोधित करने का मार्ग तैयार है, देरी केवल आपके निर्णय लेने और कदम बढ़ाने मात्र की है। - बिल क्राउडर


परमेश्वर पिता के सिंहासन तक उसके बच्चों के जाने में कोई बाधा नहीं है।

क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक नहीं, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी न हो सके; वरन वह सब बातों में हमारी नाईं परखा तो गया, तौभी निष्‍पाप निकला। इसलिये आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बान्‍धकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएं, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे। - इब्रानियों 4:15-16

बाइबल पाठ: रोमियों 5:1-8
Romans 5:1 सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें।
Romans 5:2 जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें। 
Romans 5:3 केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज। 
Romans 5:4 ओर धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है। 
Romans 5:5 और आशा से लज्ज़ा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है। 
Romans 5:6 क्योंकि जब हम निर्बल ही थे, तो मसीह ठीक समय पर भक्तिहीनों के लिये मरा। 
Romans 5:7 किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे। 
Romans 5:8 परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 21-22
  • मत्ती 19