रात
में मेरे पति, जो चर्च में पादरी हैं, के फोन की घंटे बजी। हमारे चर्च की एक
प्रार्थना योद्धा, एक महिला को जो 70 से अधिक वर्ष की आयु की थी और अकेली रहती थी,
अस्पताल ले जाया जा रहा था। वह इतनी अस्वस्थ थी कि वह कुछ खा-पी नहीं रही थी, न ही
देखने या चलने पा रही थी। न जानते हुए कि वह जीवित रहेगी कि नहीं, उस महिला के
हालचाल के प्रति चिन्तित होते हुए, हमने परमेश्वर से उसकी दया और सहायता के लिए
प्रार्थना की। चर्च के लोग भी सक्रीय हो गए और उसकी देखभाल तथा उससे मिलने के लिए
आनेवाले आगंतुकों की सहायता के लिए, तथा अन्य मरीजों एवँ चिकित्सा से संबंधित कर्मचारियों
की सहायता के लिए कोई-न-कोई 24 घंटे वहाँ उस बीमार महिला के साथ रहता था।
परमेश्वर
के वचन बाइबल में प्रारंभिक यहूदी मसीहियों को लिखी अपनी पत्री में याकूब ने चर्च
के लोगों को प्रोत्साहित किया कि वे ज़रूरतमंदों की सहायता किया करें। याकूब चाहता
था कि मसीही केवल परमेश्वर के वचन को सुनने वाले ही न बनें परन्तु उस वचन को, और अपने
मसीही विश्वास को अपने कार्यों द्वारा व्यावाहारिक उपयोग में लाएँ और लोगों को
दिखाएँ (याकूब 1:22-25)। अनाथों और विधवाओं की देखभाल करने के लिए कहकर (पद 27)
उसने एक कमज़ोर समूह की ओर ध्यान खींचा, क्योंकि उन प्राचीन समयों में परिवार के
सदस्यों को ही उनकी देखभाल करनी होती थी।
हमारे
चर्च और समाज में जो लोग आवश्यकता तथा जोखिम में होते हैं, उनके प्रति हमारा क्या
व्यवहार होता है? क्या हमारे लिए विधवाओं और अनाथों की देखभाल करना हमारे मसीही विश्वास
को कार्यकारी रूप में दिखाने का महत्वपूर्ण भाग होते हैं? परमेश्वर हमारी आँखों को
खोले कि हम हमारे आस-पास के लोगों की सहायता करने के लिए मसीही कार्यकर्ता बनाकर
उपयोगी हो सकें। - एमी बाउचर पाई
वास्तविक मसीही विश्वास केवल हमारे वचन ही
नहीं, परन्तु कार्य भी माँगता है।
वैसे ही विश्वास भी, यदि
कर्म सहित न हो तो अपने स्वभाव में मरा हुआ है। - याकूब 2:17
बाइबल पाठ: याकूब 1:22-27
James 1:22 परन्तु वचन पर चलने वाले बनो,
और केवल सुनने वाले ही नहीं जो अपने आप को धोखा देते हैं।
James 1:23 क्योंकि जो कोई वचन का सुनने
वाला हो, और उस पर चलने वाला न हो, तो
वह उस मनुष्य के समान है जो अपना स्वाभाविक मुंह दर्पण में देखता है।
James 1:24 इसलिये कि वह अपने आप को देख कर
चला जाता, और तुरन्त भूल जाता है कि मैं कैसा था।
James 1:25 पर जो व्यक्ति स्वतंत्रता की
सिद्ध व्यवस्था पर ध्यान करता रहता है, वह अपने काम में
इसलिये आशीष पाएगा कि सुनकर नहीं, पर वैसा ही काम करता है।
James 1:26 यदि कोई अपने आप को भक्त समझे,
और अपनी जीभ पर लगाम न दे, पर अपने हृदय को
धोखा दे, तो उस की भक्ति व्यर्थ है।
James 1:27 हमारे परमेश्वर और पिता के निकट
शुद्ध और निर्मल भक्ति यह है, कि अनाथों और विधवाओं के क्लेश
में उन की सुधि लें, और अपने आप को संसार से निष्कलंक रखें।
एक साल में बाइबल:
- यहेजकेल 45-46
- 1 यूहन्ना 2