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रविवार, 19 अप्रैल 2020

उतावली



     जब मेरे दो मित्रों ने मुझे बुद्धिमान डैलेस विल्लर्ड के शब्द, “उतावलेपन को कठोरता पूर्वक निकाल डालो” कहे, तो मैं समझ गई कि मुझे इस बात पर विचार करना पड़ेगा। मैं किन बातों में उतावली करके अपनी शक्ति और समय बर्बाद करने में लगी हुई थी? इससे भी महत्वपूर्ण बात, ऐसा क्या था मैं जिसके पीछे इतनी उतावली होकर भाग रही थी और परमेश्वर से मार्गदर्शन तथा सहायता के लिए भी नहीं पूछ रही थी? इसके बाद के सप्ताहों और महीनों में मैंने विल्लर्ड की उस बात को याद रखा और अपने आप को फिर से प्रभु परमेश्वर तथा उसके वचन बाइबल की और मोड़ा तथा उनके साथ अपना तालमेल बैठाया जिससे मैं प्रभु और उसकी बुद्धिमता पर निर्भर रहूं। मैं अपने आप को यही स्मरण दिलाती रही कि मैं परमेश्वर पर भरोसा रखूँ, न कि अपनी बुद्धि और सामर्थ्य पर।

     उतावले होकर इधर से उधर भागादौड़ी करना, यशायाह भविष्यद्वक्ता द्वारा कही गई “पूर्ण शान्ति” का विपरीत है। यशायाह ने कहा कि “जिसका मन तुझ में धीरज धरे हुए हैं, उसकी तू पूर्ण शान्ति के साथ रक्षा करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है” (यशायाह 26:3)। और प्रभु परमेश्वर आज, कल और हमेशा भरोसा रखने योग्य है, “यहोवा पर सदा भरोसा रख, क्योंकि प्रभु यहोवा सनातन चट्टान है” (पद 4)। अपने मन, विचारों और बुद्धि को परमेश्वर पर लगाए रखना ही उतावलेपन का जीवन जीने का समाधान है।

     आज हमारा हाल क्या है? क्या हमें लगता है की हम भी उतावले रहते हैं, या अधीर रहते हैं? या हो सकता है कि हम पूर्ण शान्ति का अनुभव कर रहे हों। या फिर हम इन दोनों चरम सीमाओं के बीच की किसी स्थिति में हों। हम चाहे जहां भी हों, मेरी यही प्रार्थना है कि हम हर उतावली को अपने से दूर कर के प्रभु पर भरोसा बनाए रखें, जो हमें कभी निराश नहीं करेगा, और अपनी शान्ति में बनाए रखेगा। - एमी बाउचर पाई

परमेश्वर की शान्ति हमें उतावलेपन से बचाती है।

[प्रभु यीशु ने कहा:] मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे। - यूहन्ना 14:27

बाइबल पाठ: यशायाह 26:1-4
 यशायाह 26:1 उस समय यहूदा देश में यह गीत गाया जाएगा, हमारा एक दृढ़ नगर है; उद्धार का काम देने के लिये वह उसकी शहरपनाह और गढ़ को नियुक्त करता है।
यशायाह 26:2 फाटकों को खोलो कि सच्चाई का पालन करने वाली एक धर्मी जाति प्रवेश करे।
यशायाह 26:3 जिसका मन तुझ में धीरज धरे हुए हैं, उसकी तू पूर्ण शान्ति के साथ रक्षा करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है।
यशायाह 26:4 यहोवा पर सदा भरोसा रख, क्योंकि प्रभु यहोवा सनातन चट्टान है।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमुएल 6-8
  • लूका 15:1-10