स्टिग कर्नेल ने अपनी मृत्यु से पूर्व अंतिम
संस्कार की प्रक्रियाओं के प्रबंधन करने वालों से कहा के उनकी कब्र पर रखे जाने
वाले पत्थर पर पारंपरिक वाक्य न लिखे जाएँ, परंतु केवल तीन शब्द “मैं मर गया” लिखा
जाए। जब 92 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हुई, तब ऐसा ही किया गया। उनकी मृत्यु की
सूचना के इस अपारंपरिक, साधारण से परन्तु दुःसाहसी वाक्य ने सँसार भर के
समाचारपत्रों का ध्यान खींचा। इससे जागृत हुई अंतराष्ट्रीय जिज्ञासा ने उनकी इच्छा
के विपरीत, उनकी मृत्यु के प्रति अनेपक्षित रुचि उत्पन्न कर दी।
जब प्रभु यीशु मसीह को क्रूस पर चढ़ाया गया था,
तो उनकी मृत्यु की सूचना कुछ इस प्रकार की हो सकती थी, “वह मर गया।” किन्तु तीन
दिन के पश्चात, वह सूचना समाचार पत्रों के लिए एक प्रथम-पृष्ठ का समाचार, “वह जी
उठा!” में परिवर्तित हो जाती। परमेश्वर के वचन बाइबल के नए नियम खण्ड का अधिकांश
भाग प्रभु यीशु के पुनरुत्थान, तथा उस घटना की घोषणा, प्रभाव एवँ तात्पर्य को
समझाता है। “मसीह वह है जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन
भी करता है। कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा?... हम
उसके द्वारा जिसने हम से प्रेम किया है, जयवन्त से भी बढ़कर
हैं”
(रोमियों 8:34-37)।
प्रभु यीशु की मृत्यु की तीन शब्दों सूचना,
“वह मर गया” अब अनन्तकाल के लिए स्तुति और आराधना में परिवर्तित हो गई है – “वह जी
उठा है” – वह हमारे उद्धार और परमेश्वर के साथ हमारा मेल करवाने के लिए वास्तव में
जी उठा है। - डेविड मैक्कैस्लैंड
प्रभु
यीशु ने अपना जीवन हमारे जीवन के लिए बलिदान किया।
पर
अब हमारे उद्धारकर्ता मसीह यीशु के प्रगट होने के द्वारा प्रकाश हुआ, जिसने मृत्यु का नाश किया, और जीवन और अमरता को उस
सुसमाचार के द्वारा प्रकाशमान कर दिया। - 2 तिमुथियुस 1:10
बाइबल
पाठ: रोमियों 8:28-39
Romans 8:28 और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम
रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न
करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार
बुलाए हुए हैं।
Romans 8:29 क्योंकि जिन्हें उसने पहिले से जान लिया है उन्हें पहिले से ठहराया
भी है कि उसके पुत्र के स्वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे।
Romans 8:30 फिर जिन्हें उसने पहिले से ठहराया, उन्हें
बुलाया भी, और जिन्हें बुलाया, उन्हें
धर्मी भी ठहराया है, और जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी है।
Romans 8:31 सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि
परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है?
Romans 8:32 जिसने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु
उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्योंकर न देगा?
Romans 8:33 परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर
वह है जो उन को धर्मी ठहराने वाला है।
Romans 8:34 फिर कौन है जो दण्ड की आज्ञा देगा? मसीह वह है
जो मर गया वरन मुर्दों में से जी भी उठा, और परमेश्वर की
दाहिनी ओर है, और हमारे लिये निवेदन भी करता है।
Romans 8:35 कौन हम को मसीह के प्रेम से अलग करेगा? क्या
क्लेश, या संकट, या उपद्रव, या अकाल, या नंगाई, या जोखिम,
या तलवार?
Romans 8:36 जैसा लिखा है, कि तेरे लिये हम दिन भर घात किए
जाते हैं; हम वध होने वाली भेंडों के समान गिने गए हैं।
Romans 8:37 परन्तु इन सब बातों में हम उसके द्वारा जिसने हम से प्रेम किया है,
जयवन्त से भी बढ़कर हैं।
Romans 8:38 क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं, कि न मृत्यु,
न जीवन, न स्वर्गदूत, न
प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य,
न सामर्थ, न ऊंचाई,
Romans 8:39 न गहिराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के
प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी।
एक
साल में बाइबल:
- न्यायियों 9-10
- लूका 5:17-39