नए साल के आरंभ के समय हम में से अनेक लोग अपने आप से कुछ वायदे करते हैं, कुछ कर लेने के निर्णय करते हैं, जैसे कि: मैं अधिक बचत करूँगा; मैं नियमित व्यायाम करूँगा; मैं इंटरनैट पर कम समय व्यतीत करूँगा, आदि। हम वर्ष का आरंभ तो अच्छे इरादों के साथ करते हैं, लेकिन थोड़े समय बाद ही हमारी पुरानी आदतें हमें हमारी पुरानी बातों को दोहराने के लिए लुभाने लगती हैं। फिर हम कहीं-कहीं, कभी-कभी चूकने लगते हैं, कुछ और समय पश्चात यह चूकना बारंबार होने लगता है, निर्णय निभाने में चूक हो जाने की पुनःआवृति बढ़ने लगती है और अन्ततः चूक ही होती रह जाती है और वही स्थिति हो जाती है मानो कोई निर्णय कभी था ही नहीं।
स्वयं-सुधार के अपने लक्ष्य चुनने और निर्णय लेने की बजाए, बेहतर तरीका यह होगा कि हम अपने आप से पूछें कि प्रभु परमेश्वर हम से क्या चाहता है? परमेश्वर ने अपने भविष्यद्वकता, मीका के द्वारा अपनी प्रजा इस्त्राएल से कहा: "हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है; और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले?" (मीका 6:8)। परमेश्वर द्वारा कही गई बात के सभी निर्देश हमारे शरीर के सुधार की बजाए हमारी आत्मा के सुधार से संबंधित हैं।
धन्यवाद की बात यह है कि ऐसा कर पाने के लिए हमें अपनी किसी सामर्थ पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है; परमेश्वर का पवित्र आत्मा प्रत्येक मसीही विश्वासी के साथ रहता है कि उसकी आत्मिक उन्नत्ति में उसका सहायक रहे। इस संबंध में, इफिसीयों के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में, पौलुस प्रेरित कहता है: "कि वह अपनी महिमा के धन के अनुसार तुम्हें यह दान दे, कि तुम उसके आत्मा से अपने भीतरी मनुष्यत्व में सामर्थ पाकर बलवन्त होते जाओ" (इफिसियों 3:16)।
इसलिए इस नव वर्ष के आरंभ में हमारे प्रभु यीशु मसीह की समानता में और भी अधिक ढलते जाने का निर्णय लें, और परमेश्वर की पवित्र आत्मा की सहायता, मार्गदर्शन और आज्ञाकारिता में होकर ऐसा हो पाने के प्रयासरत रहें। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट
संसाधन के रूप में जिसके पास पवित्र आत्मा है, वह विजेता हो गया है।
परन्तु जब वह अर्थात सत्य का आत्मा आएगा, तो तुम्हें सब सत्य का मार्ग बताएगा, क्योंकि वह अपनी ओर से न कहेगा, परन्तु जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा, और आनेवाली बातें तुम्हें बताएगा। - यूहन्ना 16:13
बाइबल पाठ: मीका 6:3-8
Micah 6:3 हे मेरी प्रजा, मैं ने तेरा क्या किया, और क्या कर के मैं ने तुझे उकता दिया है?
Micah 6:4 मेरे विरुद्ध साक्षी दे! मैं तो तुझे मिस्र देश से निकाल ले आया, और दासत्व के घर में से तुझे छुड़ा लाया; और तेरी अगुवाई करने को मूसा, हारून और मरियम को भेज दिया।
Micah 6:5 हे मेरी प्रजा, स्मरण कर, कि मोआब के राजा बालाक ने तेरे विरुद्ध कौन सी युक्ति की? और बोर के पुत्र बिलाम ने उसको क्या सम्मत्ति दी? और शित्तिम से गिल्गाल तक की बातों का स्मरण कर, जिस से तू यहोवा के धर्म के काम समझ सके।
Micah 6:6 मैं क्या ले कर यहोवा के सम्मुख आऊं, और ऊपर रहने वाले परमेश्वर के साम्हने झुकूं? क्या मैं होमबलि के लिये एक एक वर्ष के बछड़े ले कर उसके सम्मुख आऊं?
Micah 6:7 क्या यहोवा हजारों मेढ़ों से, वा तेल की लाखों नदियों से प्रसन्न होगा? क्या मैं अपने अपराध के प्रायश्चित्त में अपने पहिलौठे को वा अपने पाप के बदले में अपने जन्माए हुए किसी को दूं?
Micah 6:8 हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है; और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले?
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति 7-9
- मत्ती 3