ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

सोमवार, 10 मार्च 2014

चमकते रहें


   ईमानदारी की बात तो यह है कि स्टोर का एक और चक्कर लगाना मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था। पिछले 4 सप्ताह से मैं और मेरी पत्नि एक खराब फ्रिज को लौटाने के बाद उसकी कीमत वापस मिलने का इंतिज़ार कर रहे थे। अबकि बार फिर से मैंने स्टोर के मैनेजर को अपनी बात समझाई, लेकिन प्रतीत यही हो रहा था कि पहले के समान ही हम आज भी किसी परिणाम पर पहुँचने वाले नहीं हैं; और मैं मन ही मन सोच रहा था कि क्या कभी मुझे मेरा पैसा वापस भी मिलेगा या नहीं? मैं अन्दर से तो खिसिया रहा था किंतु बाहर से, उस वार्तालाप के दौरान मैं शांत और नम्र बने रहने का प्रयत्न करता रहा।

   बातचीत के समय उस मैनेजर ने मुझ से कहा, "साधारणतया, यहाँ तक पहुँचते पहुँचते ग्राहक खिसिया कर मुझ पर चिल्लाना आरंभ कर देते हैं, लेकिन आप इतने विनम्र और शांत बने हुए हैं; आईए एक अन्य रीति से आपकी समस्या सुलझाने का प्रयास करते हैं।" उसने मुझे से कुछ प्रश्न पूछने आरंभ किए और फिर अपने कंप्यूटर में कुछ अंक भरे, और थोड़े से विलंब के पश्चात कंप्यूटर ने एक रसीद छाप कर दे दी जिस में लिखा था कि मेरे पैसे वापस होना स्वीकृत हो गया है! हमारी वह फ्रिज वापसी की परेशानी हल हो गई थी। मैनेजर ने विदाई लेते हुए मुझ से हाथ मिलाया और कहा, "हमारे साथ अच्छा बर्ताव बनाए रखने के लिए बहुत धन्यवाद।"

   मैं मानता हूँ कि ना चाहते हुए भी अच्छा बने रहने का मेरा प्रयास इस सारे प्रकरण में अवश्य ही कुछ हद तक सहायक था, लेकिन हम मसीही विश्वासियों के लिए अच्छे व्यवहार करते रहने का कारण अपना काम निकलवाना नहीं है। हमारे भले व्यवहार का सही कारण है कि हमें अपने और जगत के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु की ज्योति सब के सामने प्रकट करनी है (इफिसियों 5:8); फिर चाहे वे कोई भी क्यों ना हों - एक चिड़चिड़ा पड़ौसी, काम करने वाला कोई अनाड़ी कार्यकर्ता, किसी संस्थान का कोई अड़ियल मैनेजर, या अन्य कोई भी। हमारी वाणी और हमारा व्यवाहार हमारे विश्वास का सजीव उदाहरण होने चाहिएं (इफिसियों 4:29-32; कुलुस्सियों 4:6)।

   क्या आप आज किसी विषम परिस्थिति का सामना कर रहे हैं? उसे मसीह यीशु की ज्योति संसार के लोगों पर प्रकट करने का माध्यम बना लें और मसीह की ज्योति से संसार में चमकते रहें। - डेव ब्रैनन


जब मसीह की ज्योति आप में हो कर चमकेगी तो लोग आपकी ओर आकर्षित भी होंगे।

प्रभु यीशु ने कहा: "मैं जगत में ज्योति हो कर आया हूं ताकि जो कोई मुझ पर विश्वास करे, वह अन्धकार में न रहे।" - यूहन्ना 12:46

बाइबल पाठ: इफिसियों 5:1-10
Ephesians 5:1 इसलिये प्रिय, बालकों की नाईं परमेश्वर के सदृश बनो। 
Ephesians 5:2 और प्रेम में चलो; जैसे मसीह ने भी तुम से प्रेम किया; और हमारे लिये अपने आप को सुखदायक सुगन्‍ध के लिये परमेश्वर के आगे भेंट कर के बलिदान कर दिया। 
Ephesians 5:3 और जैसा पवित्र लोगों के योग्य है, वैसा तुम में व्यभिचार, और किसी प्रकार अशुद्ध काम, या लोभ की चर्चा तक न हो। 
Ephesians 5:4 और न निर्लज्ज़ता, न मूढ़ता की बातचीत की, न ठट्ठे की, क्योंकि ये बातें सोहती नहीं, वरन धन्यवाद ही सुना जाएं। 
Ephesians 5:5 क्योंकि तुम यह जानते हो, कि किसी व्यभिचारी, या अशुद्ध जन, या लोभी मनुष्य की, जो मूरत पूजने वाले के बराबर है, मसीह और परमेश्वर के राज्य में मीरास नहीं। 
Ephesians 5:6 कोई तुम्हें व्यर्थ बातों से धोखा न दे; क्योंकि इन ही कामों के कारण परमेश्वर का क्रोध आज्ञा ने मानने वालों पर भड़कता है। 
Ephesians 5:7 इसलिये तुम उन के सहभागी न हो। 
Ephesians 5:8 क्योंकि तुम तो पहले अन्धकार थे परन्तु अब प्रभु में ज्योति हो, सो ज्योति की सन्तान की नाईं चलो। 
Ephesians 5:9 (क्योंकि ज्योति का फल सब प्रकार की भलाई, और धामिर्कता, और सत्य है)। 
Ephesians 5:10 और यह परखो, कि प्रभु को क्या भाता है।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 13-15