ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शनिवार, 5 जनवरी 2019

आवाज़



      मेरा किशोर पुत्र मेरी आवाज़ को सुनना चाहता है, सिवाय उस समय के जब मैं उसे ऊँचे और कठोर स्वर से, यह कहकर बुलाती हूँ कि “तुम कहाँ हो?” जब मैं ऐसा करती हूँ तो सामान्यतः यह इसलिए होता है क्यों कि उसने कुछ गलत किया होता है जिसके कारण वह मुझसे छुपने का प्रयास कर रहा होता है। मैं चाहती हूँ कि मेरा पुत्र मेरी आवाज़ को सुनें, क्योंकि मैं उसकी भलाई के लिए चिन्तित रहती हूँ  और उसे किसी बुराई या दुःख में पड़ा हुआ नहीं देखना चाहती हूँ।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि हमारी आदि माता-पिता, आदम और हव्वा अदन की वाटिका में परमेश्वर की आवाज़ सुनने की आदि थे। परन्तु जब उन्होंने उसकी अनाज्ञाकारिता की, और वर्जित फल को खा लिया, तब वे छुप गए, जब उन्होंने परमेश्वर को कहते हुए सुना “तुम कहाँ हो?” (उत्पत्ति 3:9)। वे परमेश्वर के सामने नहीं आना चाहते थे क्योंकि वे जानते थे कि उन्होंने कुछ गलत किया है – कुछ ऐसा जिसे करने के लिए परमेश्वर ने उन्हें मना किया था (उत्पत्ति 3:11)।

      जब परमेश्वर ने आदम और हव्वा को वाटिका में पाया तो उसकी बात में सुधार और उनके किए के लिए परिणाम तो अवश्य था  (उत्पत्ति 3:13-19); परन्तु साथ ही उसकी कृपा और दी गई प्रतिज्ञा में मानव जाति के उद्धार की आशा भी थी  (उत्पत्ति 3:15)।

      परमेश्वर को हमें ढूँढने की आवश्यकता नहीं है। वह जानता है कि हम कहाँ हैं और उससे क्या छुपा रहे हैं। किन्तु प्रेमी पिता होने के कारण वह हमारे हृदयों से बात करना चाहता है और हमें क्षमा तथा बहाली देना चाहता है। उसकी लालसा है कि हम उसकी आवाज़ को सुनें, और उसके कहे पर ध्यान दें; वह अपने वचन बाइबल के द्वारा आज हमसे बातें करता है। - कीला ओकोआ


जब परमेश्वर आवाज़ दे, तो हमें उसकी बात सुननी चाहिए।

फिर यशायाह बड़े हियाव के साथ कहता है, कि जो मुझे नहीं ढूंढ़ते थे, उन्होंने मुझे पा लिया: और जो मुझे पूछते भी न थे, उन पर मैं प्रगट हो गया। परन्तु इस्त्राएल के विषय में वह यह कहता है कि मैं सारे दिन अपने हाथ एक आज्ञा न मानने वाली और विवाद करने वाली प्रजा की ओर पसारे रहा। - रोमियों 10:20-21

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 3:8-17
Genesis 3:8 तब यहोवा परमेश्वर जो दिन के ठंडे समय बाटिका में फिरता था उसका शब्द उन को सुनाई दिया। तब आदम और उसकी पत्नि बाटिका के वृक्षों के बीच यहोवा परमेश्वर से छिप गए।
Genesis 3:9 तब यहोवा परमेश्वर ने पुकार कर आदम से पूछा, तू कहां है?
Genesis 3:10 उसने कहा, मैं तेरा शब्द बारी में सुन कर डर गया क्योंकि मैं नंगा था; इसलिये छिप गया।
Genesis 3:11 उसने कहा, किस ने तुझे चिताया कि तू नंगा है? जिस वृक्ष का फल खाने को मैं ने तुझे बर्जा था, क्या तू ने उसका फल खाया है?
Genesis 3:12 आदम ने कहा जिस स्त्री को तू ने मेरे संग रहने को दिया है उसी ने उस वृक्ष का फल मुझे दिया, और मैं ने खाया।
Genesis 3:13 तब यहोवा परमेश्वर ने स्त्री से कहा, तू ने यह क्या किया है? स्त्री ने कहा, सर्प ने मुझे बहका दिया तब मैं ने खाया।
Genesis 3:14 तब यहोवा परमेश्वर ने सर्प से कहा, तू ने जो यह किया है इसलिये तू सब घरेलू पशुओं, और सब बनैले पशुओं से अधिक शापित है; तू पेट के बल चला करेगा, और जीवन भर मिट्टी चाटता रहेगा:
Genesis 3:15 और मैं तेरे और इस स्त्री के बीच में, और तेरे वंश और इसके वंश के बीच में बैर उत्पन्न करुंगा, वह तेरे सिर को कुचल डालेगा, और तू उसकी एड़ी को डसेगा।
Genesis 3:16 फिर स्त्री से उसने कहा, मैं तेरी पीड़ा और तेरे गर्भवती होने के दु:ख को बहुत बढ़ाऊंगा; तू पीड़ित हो कर बालक उत्पन्न करेगी; और तेरी लालसा तेरे पति की ओर होगी, और वह तुझ पर प्रभुता करेगा।
Genesis 3:17 और आदम से उसने कहा, तू ने जो अपनी पत्नी की बात सुनी, और जिस वृक्ष के फल के विषय मैं ने तुझे आज्ञा दी थी कि तू उसे न खाना उसको तू ने खाया है, इसलिये भूमि तेरे कारण श्रापित है: तू उसकी उपज जीवन भर दु:ख के साथ खाया करेगा:
                                                                                                                                                        

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 13-15
  • मत्ती 5:1-26