हैरॉलड, कैथी और उनके दोनो बेटे एक जंगल के इलाके में थे, जब एक चक्रवाधी तूफान वहाँ से होकर निकला। कैथी ने इस घटना के कई वर्षों के बाद मुझसे बात करते हुए उस समय का अपना अनुभव बयान किया: "मेरे पति और बड़ा बेटा मुझसे कुछ दूर थे, मैंने और मेरे छोटे बेटे ने एक लकड़ी से बनी कोठरी में शरण ली। हमें बहुत तेज़ शोर सुनाई दिया मानों सैंकड़ों रेलगाड़ियाँ एक साथ वहाँ से निकल रही हों, और मैं तथा मेरा बेटा ज़मीन पर अपने सिर अपने हाथों में दबाए सिमटकर लेट गए। हमारी आँखों के सामने वह कोठरी टूट कर बिखरने लगी और मलबा हमारे चारों ओर उड़ने लगा। मैंने उड़ते हुए मलबे की चोट से बचने के लिए अपनी आँखें बन्द कर लीं। तभी मुझे लगा मानों मैं हवा में तेज़ी से उठ गई हूँ और फिर मैं पास की झील के पानी में जा गिरी, जहाँ अपने आप को डूबने से बचाए रखने के लिए मैं उड़ के आए हुए मलबे को थामे तैरती रही। लेकिन मेरा छोटा बेटा उस तूफान से बच नहीं पाया। अगले छः हफतों तक हम प्रतिदिन रोते रहे। लेकिन हमें परमेश्वर की सार्वभौमिकता पर पूरा विश्वास है और हम मानते हैं कि परमेश्वर ने अपनी किसी योजना के अन्तर्गत ही उस तूफान को हमारे ऊपर आने दिया। हमें यह स्मरण कर के भी शाँति है कि हमारा बेटा प्रभु यीशु को मानता था।"
जब कोई प्रीय जन हम से बिछड़ जाता है तो हमारे मनों में अनेक प्रशन उठने लगते हैं। ऐसे समयों में हम मसीही विश्वासियों के लिए रोमियों 8:28 प्रोत्साहन और आश्वासन प्रदान करने का एक अच्छा माध्यम होता है। हम मसीही विश्वासी इस बात में आश्वस्त और शाँति से रह सकते हैं कि परमेश्वर हमारे जीवनों में जो भी आने देगा वह अन्ततः हमारे भले ही के लिए होगा; परमेश्वर कभी हमारा बुरा कर ही नहीं सकता, और ना ही हमारे साथ बुरा होने दे सकता है। वह हमारा प्रेमी पिता है जिसने जब हम पापों में उससे दूर थे तब भी हमारे उद्धार के लिए अपने एकलौते पुत्र को भी रख नहीं छोड़ा, तो फिर अब जब हम उसके परिवार का अंग हैं तो वह हमें कैसे हानि में जा लेने देगा?
इस दम्पति के परमेश्वर की सार्वभौमिकता और प्रभु यीशु में विश्वास ने ही उनके इस बड़े दुख की घड़ी में उन्हें सान्तवना और शाँति दी। यही शाँति और सान्तवना प्रत्येक मसीही विश्वासी के लिए प्रत्येक परिस्थिति में सदा उपलब्ध रहती है। क्या आपने प्रभु यीशु को अपनी सान्तवना और शाँति का स्त्रोत बनाया है? यदि नहीं तो अभी बना लीजिए। - डेनिस फिशर
दुख में शाँति का हमारा सबसे महान कारण है हमारा विश्वास कि हर परिस्थिति परमेश्वर के नियंत्रण में है, हमारे भले ही के लिए है।
हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्ति का परमेश्वर है। वह हमारे सब क्लेशों में शान्ति देता है; ताकि हम उस शान्ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्लेश में हों। - 2 कुरिन्थियों 1:3-4
बाइबल पाठ: रोमियों 8:26-30
Romans 8:26 इसी रीति से आत्मा भी हमारी दुर्बलता में सहायता करता है, क्योंकि हम नहीं जानते, कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए; परन्तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर जो बयान से बाहर हैं, हमारे लिये बिनती करता है।
Romans 8:27 और मनों का जांचने वाला जानता है, कि आत्मा की मनसा क्या है क्योंकि वह पवित्र लोगों के लिये परमेश्वर की इच्छा के अनुसार बिनती करता है।
Romans 8:28 और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं।
Romans 8:29 क्योंकि जिन्हें उसने पहिले से जान लिया है उन्हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे।
Romans 8:30 फिर जिन्हें उसने पहिले से ठहराया, उन्हें बुलाया भी, और जिन्हें बुलाया, उन्हें धर्मी भी ठहराया है, और जिन्हें धर्मी ठहराया, उन्हें महिमा भी दी है।
एक साल में बाइबल:
- लैव्यवस्था 8-10