एक व्यक्ति अपने पुराने मित्र से मिलने गया, जो ब्रिटिश सेना में फौजी अफसर था और अफ्रीका के जंगलों में अपने दल के साथ तैनात था। एक दिन जब वह अपने मित्र के तम्बू में आया तो यह देख कर भौंचका रह गया कि उस जंगल में उसका मित्र किसी समारोह में भाग लेने जैसे औपचारिक वस्त्र पहने हुए बैठा था और उसके सामने मेज़ पर भोजन करने के कीमती पात्र सजे हुए थे। उसने अपने मित्र से पूछा कि जंगल में एक तम्बु के अन्दर वह ऐसी ठाठ-बाठ की वेशभूशा पहने और ऐसे कीमती पात्रों से मेज़ सजाकर क्यों बैठा है? उस ब्रिटिश अफसर ने उसे समझाया, "सप्ताह में एक बार मैं इस रीति को मनाता हूँ, जिससे मुझे स्मरण रहे कि मैं कौन हूँ - ब्रिटिश सेना का एक अफसर। मैं अपने वास्तविक घर के तौर तरीकों को बनाए रखना चाहता हूँ और ब्रिटिश लोगों की परम्पराओं के अनुसार जीना चाहता हूँ, चाहे मेरे आस-पास के लोग कैसे भी रहें। मैं नहीं चाहता कि किसी विदेशी आचरण के प्रभाव में आ कर मैं अपने देश के आचरण भूल जाऊँ।
मसीहियों को भी ऐसी ही चिंता होनी चाहिए। प्रभु यीशु के विश्वासी होने के कारण हम स्वर्ग के नागरिक हैं, वहीं की नागरिकता हमारी वास्तविक नागरिकता है; लेकिन अक्सर हम ऐसे व्यवहार करते हैं जैसे यह संसार ही हमारा स्थायी निवास स्थान है। हमें चौकस रहना चाहिए कि हम अपनी स्वर्गीय नागरिकता के अनुसार आचरण के स्थान पर सांसारिक आचरण न अपनाने लगें। हमें ऐसे जीना है कि लोग हमारे जीवनों को देखकर जान सकें कि हम संसार से भिन्न हैं, क्योंकि हम संसार में यात्री और स्वर्ग के नागरिक हैं। - रिचर्ड डी हॉन
पर हमारा स्वदेश स्वर्ग पर है; और हम एक उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के वहां से आने ही बाट जोह रहे हैं। - फिलिप्पियों ३:२०
बाइबल पाठ: फिलिप्पियों ३:१७-२१
Php 3:17 हे भाइयो, तुम सब मिलकर मेरी सी चाल चलो, और उन्हें पहिचान रखो, जो इस रीति पर चलते हैं जिस का उदाहरण तुम हम में पाते हो।
Php 3:18 क्योंकि बहुतेरे ऐसी चाल चलते हैं, जिन की चर्चा मैं ने तुम से बार बार किया है और अब भी रो रोकर कहता हूं, कि वे अपनी चालचलन से मसीह के क्रूस के बैरी हैं।
Php 3:19 उन का अन्त विनाश है, उन का ईश्वर पेट है, वे अपनी लज्ज़ा की बातों पर घमण्ड करते हैं, और पृथ्वी की वस्तुओं पर मन लगाए रहते हैं।
Php 3:20 पर हमारा स्वदेश स्वर्ग पर है; और हम एक उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के वहां से आने ही बाट जोह रहे हैं।
Php 3:21 वह अपनी शक्ति के उस प्रभाव के अनुसार जिस के द्वारा वह सब वस्तुओं को अपने वश में कर सकता है, हमारी दीन-हीन देह का रूप बदलकर, अपनी महिमा की देह के अनुकूल बना देगा।
एक साल में बाइबल:
मसीहियों को भी ऐसी ही चिंता होनी चाहिए। प्रभु यीशु के विश्वासी होने के कारण हम स्वर्ग के नागरिक हैं, वहीं की नागरिकता हमारी वास्तविक नागरिकता है; लेकिन अक्सर हम ऐसे व्यवहार करते हैं जैसे यह संसार ही हमारा स्थायी निवास स्थान है। हमें चौकस रहना चाहिए कि हम अपनी स्वर्गीय नागरिकता के अनुसार आचरण के स्थान पर सांसारिक आचरण न अपनाने लगें। हमें ऐसे जीना है कि लोग हमारे जीवनों को देखकर जान सकें कि हम संसार से भिन्न हैं, क्योंकि हम संसार में यात्री और स्वर्ग के नागरिक हैं। - रिचर्ड डी हॉन
जो मसीही संसार से ऊपर उठकर जीते हैं, वे स्वर्ग के निकट रहते हैं।
पर हमारा स्वदेश स्वर्ग पर है; और हम एक उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के वहां से आने ही बाट जोह रहे हैं। - फिलिप्पियों ३:२०
बाइबल पाठ: फिलिप्पियों ३:१७-२१
Php 3:17 हे भाइयो, तुम सब मिलकर मेरी सी चाल चलो, और उन्हें पहिचान रखो, जो इस रीति पर चलते हैं जिस का उदाहरण तुम हम में पाते हो।
Php 3:18 क्योंकि बहुतेरे ऐसी चाल चलते हैं, जिन की चर्चा मैं ने तुम से बार बार किया है और अब भी रो रोकर कहता हूं, कि वे अपनी चालचलन से मसीह के क्रूस के बैरी हैं।
Php 3:19 उन का अन्त विनाश है, उन का ईश्वर पेट है, वे अपनी लज्ज़ा की बातों पर घमण्ड करते हैं, और पृथ्वी की वस्तुओं पर मन लगाए रहते हैं।
Php 3:20 पर हमारा स्वदेश स्वर्ग पर है; और हम एक उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के वहां से आने ही बाट जोह रहे हैं।
Php 3:21 वह अपनी शक्ति के उस प्रभाव के अनुसार जिस के द्वारा वह सब वस्तुओं को अपने वश में कर सकता है, हमारी दीन-हीन देह का रूप बदलकर, अपनी महिमा की देह के अनुकूल बना देगा।
एक साल में बाइबल:
- न्यायियों १३-१५
- लूका ६:२७-४९