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बुधवार, 9 दिसंबर 2020

दृढ़ प्रेम

 

         मेरे पिता ने कहा, “मैं तुम से प्यार करता हूँ” और मैंने स्कूल के अन्दर जाने के लिए कदम बढ़ाते हुए, बिना उनकी बात पर ध्यान दिए कार के दरवाज़े को बन्द कर दिया। मैं छठी कक्षा में थी और पिछले कई महीनों से हम दोनों के मध्य लगभग यही प्रक्रिया प्रतिदिन दोहराई जा रही थी। हम सुबह के समय मेरे स्कूल पहुँचते, पिताजी कहते, “तुम्हारा दिन अच्छा गुज़रे; मैं तुम से प्यार करता हूँ!” और मैं बस प्रत्युत्तर में उन्हें “बाए” कहकर स्कूल चली जाती थी। न मैं उनसे नाराज़ थी, और न ही उनकी उपेक्षा कर रही थी; मैं तो बस अपने ही विचारों में इतनी तल्लीन रहती थी कि मुझे उनके कहे शब्दों का ध्यान भी नहीं होता था। लेकिन फिर भी मेरे पिता का प्रेम सदा वैसा ही दृढ़ बना रहा।

         परमेश्वर पिता का प्रेम भी ऐसा ही है – वरन इससे भी बढ़कर है। इस प्रकार के दृढ़ प्रेम को व्यक्त करने वाला इब्रानी भाषा का शब्द है ‘हेसेद, जो कि पुराने नियम में बारंबार आता है; और अकेले भजन 136 में ही यह शब्द छब्बीस बार आया है। कोई भी वर्तमान शब्द इसके संपूर्ण अर्थ को व्यक्त नहीं कर सकता है। हम इसका अनुवाद “कृपा,” “करुणा,” “दया,” या “वफादारी” करते हैं। हेसेद वह प्रेम है जो बाँधी गई वाचा की प्रतिबद्धता पर आधारित है; ऐसा प्रेम जो वफादार और भरोसेमंद है। जब परमेश्वर के लोगों ने पाप किया, तब भी परमेश्वर उनसे प्रेम करते रहने में उनके प्रति वफादार रहा। इस प्रकार का दृढ़ प्रेम परमेश्वर के चरित्र का अभिन्न अंग है (निर्गमन 34:6)।

         मैं जब बच्ची थी, तब कई बार अपने पिता के प्रेम को हलके में ले लेती थी, कि वह तो मेरे साथ रहेगा ही। आज कभी-कभी मैं यही बात अपन स्वर्गीय परमेश्वर पिता के प्रेम के साथ करती हूँ। मैं पिता परमेश्वर की बात को सुनकर उसका सही प्रत्युत्तर देने में चूक जाती हूँ। मैं उनकी कृतज्ञ नहीं रहती हूँ। लेकिन फिर भी मैं जानती हूँ कि मेरे प्रति परमेश्वर पिता का प्रेम सदा दृढ़ बना रहता है – जो एक ऐसा तथ्य है जो मेरे समस्त जीवन के लिए एक दृढ़ नींव प्रदान करता है। - एमी पीटरसन

 

आज किसी को परमेश्वर के प्रेम से अवगत करवाने के लिए समय निकालिए।


क्योंकि मैं निश्चय जानता हूं, कि न मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताएं, न वर्तमान, न भविष्य, न सामर्थ्य, न ऊंचाई, न गहराई और न कोई और सृष्टि, हमें परमेश्वर के प्रेम से, जो हमारे प्रभु मसीह यीशु में है, अलग कर सकेगी। - रोमियों 8:38-39

बाइबल पाठ: भजन 136:1-9

भजन संहिता 136:1 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है, और उसकी करुणा सदा की है।

भजन संहिता 136:2 जो ईश्वरों का परमेश्वर है, उसका धन्यवाद करो, उसकी करुणा सदा की है।

भजन संहिता 136:3 जो प्रभुओं का प्रभु है, उसका धन्यवाद करो, उसकी करुणा सदा की है।।

भजन संहिता 136:4 उसको छोड़कर कोई बड़े बड़े आश्चर्यकर्म नहीं करता, उसकी करुणा सदा की है।

भजन संहिता 136:5 उसने अपनी बुद्धि से आकाश बनाया, उसकी करुणा सदा की है।

भजन संहिता 136:6 उसने पृथ्वी को जल के ऊपर फैलाया है, उसकी करुणा सदा की है।

भजन संहिता 136:7 उसने बड़ी बड़ी ज्योतियों बनाईं, उसकी करुणा सदा की है।

भजन संहिता 136:8 दिन पर प्रभुता करने के लिये सूर्य को बनाया, उसकी करुणा सदा की है।

भजन संहिता 136:9 और रात पर प्रभुता करने के लिये चन्द्रमा और तारागण को बनाया, उसकी करुणा सदा की है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • दानिय्येल 11-12
  • यहूदा