बहुत साल पहले की बात है, कुछ नियंत्रण से बाहर परिस्थितियों के कारण मुझे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। अपने खर्चों को पूरा करने के लिए मैंने दो अन्य नौकरियाँ पकड़ तो लीं लेकिन उनसे होने वाली आमदनी काफी कम थी और मुझे अपने प्रति माह के खर्चे पूरे करने में परेशानी हो रही थी। उन्हीं दिनों मेरा संपर्क अपने दो पुराने मित्रों, जोएल और डेव के साथ पुनः हो गया। जोएल तो एक बढ़ते हुए कसबे के चर्च में पास्टर था और डेव विदेशों में सुसमाचार प्रचार में लगा हुआ था, लेकिन उन दिनों घर आया हुआ था। दोनों ने ही मेरी स्थिति को देखकर मेरी सहायाता के लिए मुझे कुछ पैसे दिए जिससे मैं अपने मकान का किराया चुकाने पाया। उनकी इस सहायता भावना से मैं बहुत द्रवित हुआ, और अपने मित्रों के बारे में सोचते हुए मुझे लगा जैसे मैंने मसीह के स्वरूप को प्रत्यक्ष देखा हो।
जैसे मैंने अपने मित्रों में मसीह के स्वरूप को देखा, हम मसीही विश्वासियों में संसार के लोग भी मसीह के स्वरूप को देखना चाहते हैं; हम जिसके स्वरूप में ढल जाने का दावा करते हैं (1 यूहन्ना 3:2), उसके स्वरूप के कुछ अंश तो हमारे जीवनों में दिखाई देने ही चाहिएं। प्रेरित पौलुस ने इस विषय में अपनी पत्रियों में कई बार लिखा। वह कहता है, "...मसीह जो महिमा की आशा है तुम में रहता है" (कुलुस्सियों 1:27); अपने बारे में पौलुस ने कहा, "मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूं, और अब मैं जीवित न रहा, पर मसीह मुझ में जीवित है: और मैं शरीर में अब जो जीवित हूं तो केवल उस विश्वास से जीवित हूं, जो परमेश्वर के पुत्र पर है, जिसने मुझ से प्रेम किया, और मेरे लिये अपने आप को दे दिया" (गलतियों 2:20)। पौलुस यह भी समझता था कि विभिन्न परिस्थितियाँ हमारे जीवन में विद्यमान मसीह यीशु को प्रदर्शित करने के अवसर भी बन सकती हैं - "हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिये फिरते हैं; कि यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रगट हो" (2 कुरिन्थियों 4:10)।
क्या आज आप किसी ऐसे जन को जानते हैं जो विपरीत परिस्थितियों या परेशानियों से होकर निकल रहा है? क्यों ना आवश्यक सहायाता के द्वारा आप अपने अन्दर बसे हुए मसीह यीशु के प्रेम को उस पर कार्यकारी रीति से प्रगट करें - मसीह के स्वरूप को उसके सामने प्रत्यक्ष आने दें? - डेनिस फिशर
सच्चा प्रेम मसीह यीशु के नाम में दूसरों की सहायता करने में है, चाहे वे प्रत्युत्तर में आपके लिए कभी कुछ ना करने पाएं।
हे प्रियों, अभी हम परमेश्वर की सन्तान हैं, और अब तक यह प्रगट नहीं हुआ, कि हम क्या कुछ होंगे! इतना जानते हैं, कि जब वह प्रगट होगा तो हम भी उसके समान होंगे, क्योंकि उसको वैसा ही देखेंगे जैसा वह है। - 1 यूहन्ना 3:2
बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 4:1-10
2 Corinthians 4:1 इसलिये जब हम पर ऐसी दया हुई, कि हमें यह सेवा मिली, तो हम हियाव नहीं छोड़ते।
2 Corinthians 4:2 परन्तु हम ने लज्ज़ा के गुप्त कामों को त्याग दिया, और न चतुराई से चलते, और न परमेश्वर के वचन में मिलावट करते हैं, परन्तु सत्य को प्रगट कर के, परमेश्वर के साम्हने हर एक मनुष्य के विवेक में अपनी भलाई बैठाते हैं।
2 Corinthians 4:3 परन्तु यदि हमारे सुसमाचार पर परदा पड़ा है, तो यह नाश होने वालों ही के लिये पड़ा है।
2 Corinthians 4:4 और उन अविश्वासियों के लिये, जिन की बुद्धि को इस संसार के ईश्वर ने अन्धी कर दी है, ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है, उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके।
2 Corinthians 4:5 क्योंकि हम अपने को नहीं, परन्तु मसीह यीशु को प्रचार करते हैं, कि वह प्रभु है; और अपने विषय में यह कहते हैं, कि हम यीशु के कारण तुम्हारे सेवक हैं।
2 Corinthians 4:6 इसलिये कि परमेश्वर ही है, जिसने कहा, कि अन्धकार में से ज्योति चमके; और वही हमारे हृदयों में चमका, कि परमेश्वर की महिमा की पहिचान की ज्योति यीशु मसीह के चेहरे से प्रकाशमान हो।
2 Corinthians 4:7 परन्तु हमारे पास यह धन मिट्ठी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ हमारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर ही की ओर से ठहरे।
2 Corinthians 4:8 हम चारों ओर से क्लेश तो भोगते हैं, पर संकट में नहीं पड़ते; निरूपाय तो हैं, पर निराश नहीं होते।
2 Corinthians 4:9 सताए तो जाते हैं; पर त्यागे नहीं जाते; गिराए तो जाते हैं, पर नाश नहीं होते।
2 Corinthians 4:10 हम यीशु की मृत्यु को अपनी देह में हर समय लिये फिरते हैं; कि यीशु का जीवन भी हमारी देह में प्रगट हो।
एक साल में बाइबल:
- दानिय्येल 10-12