दो दशकों से भी अधिक समय से, एन्ड्रयू कैरॉल लोगों से आग्रह करते आ रहे हैं कि युद्ध के समय में परिवार या मित्र जनों द्वारा लिखे गए पत्रों को नष्ट नहीं करें। कैरॉल, जो कैलिफोर्निया के चैपमैन विश्वविद्यालय में अमेरिका के युद्ध काल के पत्रों के केंद्र निर्देशक हैं, उन पत्रों को परिवारों को आपस में जोड़ने और एक दूसरे को समझने के लिए अति महत्वपूर्ण धरोहर मानते हैं। उनका कहना है कि वर्तमान युवा पीढ़ी उन पत्रों को पढ़ रही है, उन पर आधारित प्रश्न पूछ रही है और कह रही है कि ’अब हम समझ सकते हैं कि आप ने क्या कुछ बलिदान किया है; क्या कुछ सहा है।’
परमेश्वर के वचन बाइबल में जब प्रेरित पौलुस रोम में बन्दी था और उसे ज्ञात हुआ कि अब उसका अन्त समय निकट है, तो उसने एक युवा मसीही विश्वासी तिमुथियुस को, जिसे वह अपना "विश्वास में पुत्र" मानता था, पत्र लिखा और उसे अपने मन की बात खोल कर लिखी: "क्योंकि अब मैं अर्घ की नाईं उंडेला जाता हूं, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है। मैं अच्छी कुश्ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है। भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं" (2 तिमुथियुस 4:6-8)।
जब हम बाइबल में संकलित उन पत्रों को जिन्हें विश्वास के नायकों ने लिखा है पढ़ते हैं, और उनसे हमें पता चलता है कि मसीह यीशु के प्रति अपने प्रेम के लिए उन्होंने क्या कुछ सहा, तो हमें साहस मिलता है कि हम भी उनके विश्वास और उदाहरण का अनुसरण करें, और उनके समान ही भावी पीढ़ीयों के लिए उदाहारण छोड़ जाएं। हमारे जीवन ही वे पत्र हैं जिन्हें पढ़कर लोग हमारे मसीही विश्वास की विश्वसनियता को जानेंगे। - डेविड मैक्कैसलैंड
अनन्त को ध्यान में रखते हुए अपने जीवन की दौड़ को पूरा करें।
हमारी पत्री तुम ही हो, जो हमारे हृदयों पर लिखी हुई है, और उसे सब मनुष्य पहिचानते और पढ़ते है। यह प्रगट है, कि तुम मसीह की पत्री हो, जिस को हम ने सेवकों के समान लिखा; और जो सियाही से नहीं, परन्तु जीवते परमेश्वर के आत्मा से पत्थर की पटियों पर नहीं, परन्तु हृदय की मांस रूपी पटियों पर लिखी है। - 2 कुरिन्थियों 3:2-3
बाइबल पाठ: 2 तिमुथियुस 4:1-8
2 Timothy 4:1 परमेश्वर और मसीह यीशु को गवाह कर के, जो जीवतों और मरे हुओं का न्याय करेगा, उसे और उसके प्रगट होने, और राज्य को सुधि दिलाकर मैं तुझे चिताता हूं।
2 Timothy 4:2 कि तू वचन को प्रचार कर; समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता, और शिक्षा के साथ उलाहना दे, और डांट, और समझा।
2 Timothy 4:3 क्योंकि ऐसा समय आएगा, कि लोग खरा उपदेश न सह सकेंगे पर कानों की खुजली के कारण अपनी अभिलाषाओं के अनुसार अपने लिये बहुतेरे उपदेशक बटोर लेंगे।
2 Timothy 4:4 और अपने कान सत्य से फेरकर कथा-कहानियों पर लगाएंगे।
2 Timothy 4:5 पर तू सब बातों में सावधान रह, दुख उठा, सुसमाचार प्रचार का काम कर और अपनी सेवा को पूरा कर।
2 Timothy 4:6 क्योंकि अब मैं अर्घ की नाईं उंडेला जाता हूं, और मेरे कूच का समय आ पहुंचा है।
2 Timothy 4:7 मैं अच्छी कुश्ती लड़ चुका हूं मैं ने अपनी दौड़ पूरी कर ली है, मैं ने विश्वास की रखवाली की है।
2 Timothy 4:8 भविष्य में मेरे लिये धर्म का वह मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु, जो धर्मी, और न्यायी है, मुझे उस दिन देगा और मुझे ही नहीं, वरन उन सब को भी, जो उसके प्रगट होने को प्रिय जानते हैं।
एक साल में बाइबल:
- अय्युब 25-27
- प्रेरितों 12