कार्य-स्थल
में प्रोत्साहित करने वाले शब्दों का महत्व होता है। कार्यकर्ता जिस प्रकार से
एक-दूसरे के साथ बातचीत करते हैं, उसका प्रभाव ग्राहकों की संतुष्टि, कंपनी के
लाभांश, और कर्मचारियों द्वारा सह-कर्मियों के मूल्यान्कन और सराहना करने पर पड़ता
है। अध्ययनों ने दिखाया है कि सबसे प्रभावी कार्य करने वाले समूहों के सदस्य
एक-दूसरे को अस्वीकृति, असहमति, आलोचना देने के स्थान पर छः गुना अधिक समर्थन और
पुष्टि प्रदान करते हैं।
परमेश्वर
के वचन बाइबल के एक प्रमुख पात्र, प्रेरित पौलुस ने अपने अनुभव द्वारा सीखा कि संबंधों
और परिणामों को निर्धारित करने और आकार देने में शब्दों का कितना महत्व है। दमिश्क
के मार्ग पर मसीह यीशु से उसकी भेंट होने से पहले, पौलुस के शब्द और व्यवहार प्रभु
यीशु के अनुयायियों को आतंकित करते थे। परन्तु प्रभु यीशु मसीह से भेंट हो जाने के
पश्चात, पौलुस का जीवन परिवर्तित हो गया, और उसके द्वारा थिस्सुलुनिकिया के मसीही
विश्वासियों को पत्र लिखने का समय आने तक, उसके हृदय में हुए परमेश्वर के कार्य के
कारण वह सभी का प्रोत्साहन करने वाला बन चुका था। अब स्वयँ अपने उदाहरण के द्वारा
वह अपने पाठकों को आग्रह कर रहा था कि वे भी एक दूसरे को प्रोत्साहित करने वाले
बनें। उसने चापलूसी करने से सावधानीपूर्वक बचकर रहते हुए यह दिखाया कि हम मसीही
विश्वासी कैसे एक-दूसरे को और अधिक समर्थन एवँ पुष्टि प्रदान कर सकते हैं, और
प्रभु की आत्मा को प्रतिबिंबित कर सकते हैं।
ऐसा
करते हुए पौलुस ने अपने पाठकों को इसका भी ध्यान करवाया कि प्रोत्साहन का स्त्रोत
क्या है। पौलुस ने जाना और समझा कि अपने आप को उस प्रभु परमेश्वर के हाथों में छोड़
देने से, जिसने हम से इतना प्रेम किया कि हमारे लिए अपने प्राण दे दिए, हमें
एक-दूसरे को सांत्वना देने, क्षमा करने, प्रेरणा प्रदान करने, और सप्रेम एक-दूसरे
को और भी उभरने की चुनौती देने के कारण मिलते हैं (1 थिस्सलुनीकियों 5:10-11)।
पौलुस
हमें दिखाता है कि एक-दूसरे का प्रोत्साहन करना भी एक तरीका है परमेश्वर के प्रेम,
भलाई, और धैर्य के स्वाद को चखने का। - मार्ट डीहान
परस्पर एक-दूसरे द्वारा मसीही विश्वास की
सर्वोत्तम अभिव्यक्ति करने
की प्रेरणा देने से बढ़कर भला कार्य और क्या होगा?
इसलिये हम उन बातों का प्रयत्न करें जिनसे
मेल मिलाप और एक दूसरे का सुधार हो। - रोमियों 14:19
बाइबल पाठ: 1 थिस्सलुनीकियों 5:9-23
1 Thessalonians 5:9
क्योंकि परमेश्वर ने हमें क्रोध के लिये नहीं, परन्तु इसलिये
ठहराया कि हम अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा उद्धार प्राप्त करें।
1 Thessalonians 5:10
वह हमारे लिये इस कारण मरा, कि हम चाहे जागते हों, चाहे सोते हों: सब मिलकर उसी के साथ जीएं।
1 Thessalonians 5:11
इस कारण एक दूसरे को शान्ति दो, और एक दूसरे की उन्नति के
कारण बनो, निदान, तुम ऐसा करते भी हो।
1 Thessalonians 5:12
और हे भाइयों, हम तुम से बिनती करते हैं, कि जो तुम में परिश्रम करते हैं, और प्रभु में
तुम्हारे अगुवे हैं, और तुम्हें शिक्षा देते हैं, उन्हें मानो।
1 Thessalonians 5:13
और उन के काम के कारण प्रेम के साथ उन को बहुत ही आदर के योग्य समझो: आपस में
मेल-मिलाप से रहो।
1 Thessalonians 5:14
और हे भाइयों, हम तुम्हें समझाते हैं, कि
जो ठीक चाल नहीं चलते, उन को समझाओ, कायरों
को ढाढ़स दो, निर्बलों को संभालो, सब
की ओर सहनशीलता दिखाओ।
1 Thessalonians 5:15
सावधान! कोई किसी से बुराई के बदले बुराई न करे; पर सदा भलाई
करने पर तत्पर रहो आपस में और सब से भी भलाई ही की चेष्टा करो।
1 Thessalonians 5:16
सदा आनन्दित रहो।
1 Thessalonians 5:17
निरन्तर प्रार्थना मे लगे रहो।
1 Thessalonians 5:18
हर बात में धन्यवाद करो: क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही
इच्छा है।
1 Thessalonians 5:19
आत्मा को न बुझाओ।
1 Thessalonians 5:20
भविष्यद्वाणियों को तुच्छ न जानो।
1 Thessalonians 5:21
सब बातों को परखो: जो अच्छी है उसे पकड़े रहो।
1 Thessalonians 5:22
सब प्रकार की बुराई से बचे रहो।
1 Thessalonians 5:23
शान्ति का परमेश्वर आप ही तुम्हें पूरी रीति से पवित्र करे; और तुम्हारी आत्मा और प्राण और देह हमारे प्रभु यीशु मसीह के आने तक पूरे
पूरे और निर्दोष सुरक्षित रहें।
एक साल में बाइबल:
- एस्तेर 1-2
- प्रेरितों 5:1-21