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शुक्रवार, 20 अगस्त 2021

परमेश्वर का वचन – बाइबल – और विज्ञान – 8


विज्ञान, विश्व-व्यापी जल-प्रलय तथा जीवाश्म

परमेश्वर के वचन बाइबल की पुस्तकों में परमेश्वर ने हजारों वर्ष पहले अनेकों प्रकार का वैज्ञानिक ज्ञान लिखवा दिया था; और वर्तमान में विज्ञान उन्हीं बातों को अपनी ही खोज और आविष्कारों के द्वारा उजागर कर रहा है, और बाइबल के ज्ञाता दिखाते रहते हैं कि ये बातें परमेश्वर ने पहले से ही साधारण, अशिक्षित, तथा अवैज्ञानिक मनुष्यों की समझ में आने वाली भाषा में लिखवा दी थीं। 


साथ ही परमेश्वर ने यह भी लिखवा दिया था कि लोग बाइबल की बातों को अस्वीकार करेंगे, उनपर अविश्वास करेंगे; इस संदर्भ में बाइबल के कुछ पद देखिए:

2 पतरस 3:3-4 और यह पहिले जान लो, कि अन्‍तिम दिनों में हंसी ठट्ठा करने वाले आएंगे, जो अपनी ही अभिलाषाओं के अनुसार चलेंगे। और कहेंगे, उसके आने की प्रतिज्ञा कहां गई? क्योंकि जब से बाप-दादे सो गए हैं, सब कुछ वैसा ही है, जैसा सृष्‍टि के आरम्भ से था?

यहूदा 1:17-19 पर हे प्रियो, तुम उन बातों को स्मरण रखो; जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रेरित पहिले कह चुके हैं। वे तुम से कहा करते थे, कि पिछले दिनों में ऐसे ठट्ठा करने वाले होंगे, जो अपनी अभक्ति के अभिलाषाओं के अनुसार चलेंगे। ये तो वे हैं, जो फूट डालते हैं; ये शारीरिक लोग हैं, जिन में आत्मा नहीं।


न केवल परमेश्वर ने इस उपेक्षा किए जाने के बारे में लिखवाया, वरन ऐसे उदाहरण भी लिखवा दिए जिनको लेकर अविश्वासी लोग उपहास करेंगे। इन उदाहरणों में से एक ऊपर पतरस वाले पदों में दिया गया है प्रभु यीशु मसीह का दूसरा आगमन - जिसके विषय मसीही विश्वासियों में बहुत प्रत्याशा है, किन्तु अविश्वासियों में बहुत संशय और उपहास किया जाता है। इसी प्रकार दो अन्य उदाहरण है बाइबल में दिया गया पृथ्वी की रचना का वर्णन और नूह के समय में मनुष्यों में पाप के अत्यधिक बढ़ जाने से आए विश्व-व्यापी जल प्रलय और पापी मनुष्यों के विनाश का वृतांत। पतरस ने अपनी पत्री में लिखा: “वे तो जान बूझ कर यह भूल गए, कि परमेश्वर के वचन के द्वारा से आकाश प्राचीन काल से वर्तमान है और पृथ्वी भी जल में से बनी और जल में स्थिर है। इन्‍हीं के द्वारा उस युग का जगत जल में डूब कर नाश हो गया” (2 पतरस 3:5-6); और फिर सचेत किया कि जैसे नूह के समय में अविश्वासी और पापी जन जल के द्वारा नाश की गए थे, वैसे ही इस युग में पापी संसार और पापी मनुष्य आग के द्वारा भस्म किए जाएंगे “पर वर्तमान काल के आकाश और पृथ्वी उसी वचन के द्वारा इसलिये रखे हैं, कि जलाए जाएं; और वह भक्तिहीन मनुष्यों के न्याय और नाश होने के दिन तक ऐसे ही रखे रहेंगे” (2 पतरस 3:7)। 


ऐसा नहीं है कि इस विश्व-व्यापी जल प्रलय के प्रमाण नहीं हैं; सारे संसार की सभी सभ्यताओं में इस विश्व-व्यापी जल प्रलय की पौराणिक कथाएं विद्यमान हैं; क्योंकि सारे संसार के लोग नूह के वंशज हैं, जो उस जल प्रलय में से परमेश्वर द्वारा सुरक्षित निकाले गए, और जैसे-जैसे संसार में फैलते चले गए, उस जल प्रलय की घटना की मौखिक स्मृतियाँ भी अपने साथ लेकर गए, जिन में समय के साथ कुछ-कुछ परिवर्तन आए, किन्तु मूल स्वरूप वही है कि जल प्रलय हुआ था, और सारी पृथ्वी पर से कुछ को छोड़ शेष मनुष्य नाश हो गए थे। 


यह केवल पौराणिक बातों में ही नहीं है, किन्तु सारे संसार भर में इस जल प्रलय के प्रमाण जलचर जीव-जंतुओं के जीवाश्मों के रूप में विद्यमान हैं, उन ऊंचे हिमालय और ऐन्डीस जैसी ऊंची पर्वत-श्रंखलाओं पर भी, जिनके जल मगन होने की बात वैज्ञानिक न तो कल्पना करते हैं और न ही स्वीकार करते हैं। इसलिए इन जीवाश्मों के विद्यमान होने प्रमाणों को उजागर नहीं किया जाता है, प्रमुखता नहीं दी जाती है। किन्तु इंटरनेट पर “marine fossils, sea-shells, whale fossils on mountains” खोज करने से इसके विषय में बहुत सी जानकारी मिल सकती है। यद्यपि वैज्ञानिक इन्हें समझाने के भिन्न स्पष्टीकरण देते हैं, जो वास्तविकता से मेल नहीं खाती हैं।   


इसलिए परमेश्वर ने अपने लोगों से यह भी कहा है कि उन्हें सांसारिक बातों को लेकर अधिक वाद-विवाद करने, या उन परमेश्वर विरोधी सांसारिक बातों को अपने जीवनों में अनावश्यक महत्व अथवा वरीयता देने की आवश्यकता नहीं है, “पर मूर्खता के विवादों, और वंशावलियों, और बैर विरोध, और उन झगड़ों से, जो व्यवस्था के विषय में हों बचा रह; क्योंकि वे निष्‍फल और व्यर्थ हैं। किसी पाखंडी को एक दो बार समझा बुझाकर उस से अलग रह। यह जानकर कि ऐसा मनुष्य भटक गया है, और अपने आप को दोषी ठहराकर पाप करता रहता है” (तीतुस 3:9-11)। 


क्योंकि उस ज्ञान के पीछे भागने वाले फिर विश्वास से भटकाए जा सकते हैं “हे तीमुथियुस इस थाती की रखवाली कर और जिस ज्ञान को ज्ञान कहना ही भूल है, उसके अशुद्ध बकवाद और विरोध की बातों से परे रह। कितने इस ज्ञान का अंगीकार कर के, विश्वास से भटक गए हैं।। तुम पर अनुग्रह होता रहे” (1 तीमुथियुस 6:20-21)।  


ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रभु यीशु मसीह में संसार के सभी लोगों के लिए सेंत-मेंत में उपलब्ध पापों की क्षमा और उद्धार का सुसमाचार मनुष्यों के ज्ञान और समझ पर नहीं, वरन उनके द्वारा उनमें बसे हुए पापों के एहसास और सच्चे विश्वास द्वारा इस सुसमाचार को स्वीकार करने पर आधारित है, जैसा कि पौलुस प्रेरित ने लगभग दो हज़ार वर्ष पहले लिखा था: “और हे भाइयों, जब मैं परमेश्वर का भेद सुनाता हुआ तुम्हारे पास आया, तो वचन या ज्ञान की उत्तमता के साथ नहीं आया। क्योंकि मैं ने यह ठान लिया था, कि तुम्हारे बीच यीशु मसीह, वरन क्रूस पर चढ़ाए हुए मसीह को छोड़ और किसी बात को न जानूं। और मैं निर्बलता और भय के साथ, और बहुत थरथराता हुआ तुम्हारे साथ रहा। और मेरे वचन, और मेरे प्रचार में ज्ञान की लुभाने वाली बातें नहीं; परन्तु आत्मा और सामर्थ का प्रमाण था। इसलिये कि तुम्हारा विश्वास मनुष्यों के ज्ञान पर नहीं, परन्तु परमेश्वर की सामर्थ पर निर्भर हो” (1 कुरिन्थियों 2:1-5)।


पिछले तीन सप्ताह से हम देखते चले आ रहे हैं कि परमेश्वर के वचन बाइबल को बदनाम करने और झूठा प्रमाणित करने के प्रयास तो बहुत किए गए, किन्तु बाइबल को गलत या झूठा कोई नहीं प्रमाणित कर सका; वरन बाइबल में ही उसके परमेश्वर का अटल और शाश्वत सत्य वचन होने के प्रमाण विद्यमान हैं। आगे भी हम कई और प्रकार के वैज्ञानिक तथ्यों की बाइबल में उपस्थिति, उनके मनुष्यों को ज्ञात होने से भी हजारों वर्ष पहले वहाँ लिखे जाने के संदर्भ में देखेंगे।


उस महान, प्रेमी सृष्टिकर्ता परमेश्वर के प्रति आज आपका विचार और निर्णय क्या है? क्या आप स्वेच्छा और सच्चे मन से, अपने पापों के प्रति सच्चे पश्चाताप के साथ की गई एक छोटी प्रार्थना, “हे प्रभु यीशु, मेरे पापों को क्षमा करें, मुझे अपनी शरण में लेकर पापी संसार और पापी मनुष्यों पर आने वाले न्याय और भयानक विनाश से बचा लें” के द्वारा अपने पृथ्वी के शेष जीवन तथा अनन्तकाल को सुरक्षित करेंगे? साधारण विश्वास की इस प्रार्थना और समर्पण को अवसर देकर देखिए - आप निराश नहीं होंगे। 


बाइबल पाठ: भजन 103:1-7 

भजन 103:1 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे!

भजन 103:2 हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना।

भजन 103:3 वही तो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता, और तेरे सब रोगों को चंगा करता है,

भजन 103:4 वही तो तेरे प्राण को नाश होने से बचा लेता है, और तेरे सिर पर करूणा और दया का मुकुट बान्धता है,

भजन 103:5 वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है, जिस से तेरी जवानी उकाब के समान नई हो जाती है।।

भजन 103:6 यहोवा सब पिसे हुओं के लिये धर्म और न्याय के काम करता है।

भजन 103:7 उसने मूसा को अपनी गति, और इस्राएलियों पर अपने काम प्रगट किए।


एक साल में बाइबल:

  • भजन 105-106
  • 1 कुरिन्थियों 3