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शनिवार, 19 मई 2018

महान साहित्य



   हाल ही में मैंने एक लेख पढ़ा जिसमें समझाया गया था कि महान साहित्य के गुण क्या होते हैं। लेखक का कहना था कि महान साहित्य वह है जो “आपके अन्दर परिवर्तन लाता है; उसे पढ़ने और स्वीकार करने के बाद, आप एक भिन्न व्यक्ति हो जाते हैं।”

   इस परिभाषा की कसौटी पर, परमेश्वर का वचन बाइबल सदा ही “महान साहित्य” रहेगी। बाइबल को पढ़ना हमें बेहतर बनने के लिए चुनौती देता है। बाइबल के नायकों की जीवनियाँ और घटनाएँ हमें साहसिक तथा दृढ़ एवँ धैर्यवान बनने की प्रेरणा देती हैं। उसमें की बुद्दिमता तथा भाविष्यद्वकताओं की पुस्तकें हमें अपने पतित स्वभाव के अनुसार जीवन बिताने के खतरे से आगाह करती हैं। परमेश्वर ने कुछ लोगों के द्वारा हमारे मार्गदर्शन के लिए भजन लिखवाए हैं। प्रभु यीशु मसीह की शिक्षाएँ हमारे चरित्र और व्यवहार को प्रभु के चरित्र एवँ व्यवहार के अनुरूप ढालने के लिए प्रेरित करती हैं। पौलुस तथा अन्य प्रेरितों की लिखी पत्रियां एवँ पुस्तकें पवित्र जीवन जीने के लिए हमारे हृदयों को तैयार करती हैं, मार्ग दिखाती हैं। जब हम बाइबल अध्ययन में समर्पण के साथ प्रभु परमेश्वर के चरणों में बैठते हैं, उससे व्यावहारिक जीवन के लिए समझ-बूझ माँगते हैं, तो परमेश्वर का पवित्र-आत्मा बाइबल की इन बातों और गुणों को हमारे जीवनों में कार्यकारी करता है और हमारे जीवनों को परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप जीवन में बदलने का कार्य करता है।

   भजन 119 के लेखक ने परमेश्वर के वचन तथा उसके प्रभावों पर यह भजन लिखा है। उसने पहचाना कि मूसा द्वारा दिए गए प्राचीन लेखों से लेकर बाद तक के परमेश्वर के वचन के सभी भाग उसे अपने शिक्षकों से भी अधिक बुद्धिमान और समझदार बनाते हैं (पद 99); उसे बुराई से बचाए रखते हैं (पद 101)। इसलिए इसमें कोई अचरज की बात नहीं है कि भजनकार ने  कहा, “अहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है”; तथा “तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं!” (पद 97, 103)।

   महान साहित्य के प्रति प्रेम के आनन्द में; विशेषकर परमेश्वर के वचन बाइबल के अध्ययन की आशीषों में आपका स्वागत है। - जो स्टोवेल


परमेश्वर का पवित्र-आत्मा, परमेश्वर के वचन बाइबल के द्वारा, 
परमेश्वर के लोगन के जीवनों को संवारता और सुधारता है।

हर एक पवित्रशास्‍त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्‍पर हो जाए। - 2 तिमुथियुस 3:16-17

बाइबल पाठ: भजन 119:97-104
Psalms 119:97 अहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूं! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है।
Psalms 119:98 तू अपनी आज्ञाओं के द्वारा मुझे अपने शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान करता है, क्योंकि वे सदा मेरे मन में रहती हैं।
Psalms 119:99 मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूं, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है।
Psalms 119:100 मैं पुरनियों से भी समझदार हूं, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए हूं।
Psalms 119:101 मैं ने अपने पांवों को हर एक बुरे रास्ते से रोक रखा है, जिस से मैं तेरे वचन के अनुसार चलूं।
Psalms 119:102 मैं तेरे नियमों से नहीं हटा, क्योंकि तू ही ने मुझे शिक्षा दी है।
Psalms 119:103 तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं!
Psalms 119:104 तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूं, इसलिये मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 7-9
  • यूहन्ना 6:22-44