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शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021

अनुग्रह

 

          यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के समान जंगल में जीवन जीने से पहले, मिस्र की मेरी (344-421 AD) ने अपनी जवानी बुरी अभिलाषाओं और पुरुषों को फुसला कर बुरे रास्ते पर डालने में बिताई थी। अपने इस अनैतिक पेशे के शिखर के समय, उसने यरूशलेम की यात्रा की, ताकि वहाँ आने वाले तीर्थ-यात्रियों को भी पथ-भ्रष्ट कर सके। किन्तु इसके स्थान पर वह स्वयं अपने पापों के लिए कायल हुई, और गहरे पश्चाताप के बाद वह एकांत में पश्चातापी और बैरागी जीवन बिताने लगी। मेरी का यह मौलिक परिवर्तन परमेश्वर के अनुग्रह की महानता, और प्रभु यीशु के क्रूस की पुनःस्थापित कर देने की सामर्थ्य का एक उदाहरण है।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रभु यीशु के शिष्य पतरस ने, थोड़े से ही समय के अन्दर, तीन बार प्रभु का इनकार किया। उसके इस इनकार करने के कुछ ही घंटे पहले वह प्रभु यीशु के लिए अपनी जान भी देने का दावा कर रहा था (लूका 22:33)। इसलिए उसके लिए उसके इस इनकार करने का एहसास, उसकी असफलता का बहुत दुखदायी अनुभव था (पद 61-62)। प्रभु यीशु के मारे जाने और मृतकों में से जी उठने के बाद, पतरस प्रभु के कुछ अन्य शिष्यों के साथ, फिर से मछली पकड़ने चला गया। तब प्रभु यीशु उनके पास आया, उन्हें भोजन करवाया और उनसे बातचीत की (यूहन्ना 21:1-3)। उस वार्तालाप के दौरान, प्रभु ने तीन बार पतरस को अवसर दिया कि वह प्रभु के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करे – उसके हर इनकार के लिए एक बार। और पतरस के हर व्यक्त करने के साथ, प्रभु ने उसे प्रभु के लोगों की देख-रेख करने का दायित्व भी सौंपा (यूहन्ना 21:15-17)। प्रभु के पतरस के प्रति इस अद्भुत अनुग्रह का परिणाम था कि आरंभिक चर्च की स्थापना में पतरस की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही, और अन्ततः, उसने प्रभु के लिए अपने प्राण भी दे दिए।

          हम मसीही विश्वासियों में से किसी की भी जीवनी का आरंभ हमारी असफलताओं, बुराइयों, अनैतिक आचरण, परमेश्वर के विमुख होने के वर्णनों के साथ हो सकता है। किन्तु प्रभु परमेश्वर ने अपने अनुग्रह में होकर, हमारी इन प्रभु परमेश्वर के विपरीत बातों से हमें परिवर्तित कर के, हमारे लिए एक महिमित अन्त और आशीषित अनन्तकाल निश्चित कर दिया है। प्रभु यीशु अपने अनुग्रह के द्वारा हमें सभी पापों से छुड़ाता और परिवर्तित करता है। - रेमी ओइडेले

 

प्रभु का अनुग्रह पापियों को परिवर्तित करके संत बना देता है।


परन्तु मैं जो कुछ भी हूं, परमेश्वर के अनुग्रह से हूं: और उसका अनुग्रह जो मुझ पर हुआ, वह व्यर्थ नहीं हुआ परन्तु मैं ने उन सब से बढ़कर परिश्रम भी किया: तौभी यह मेरी ओर से नहीं हुआ परन्तु परमेश्वर के अनुग्रह से जो मुझ पर था। - 1 कुरिन्थियों 15:10

बाइबल पाठ: लूका 22:54-62

लूका 22:54 फिर वे उसे पकड़कर ले चले, और महायाजक के घर में लाए और पतरस दूर ही दूर उसके पीछे पीछे चलता था।

लूका 22:55 और जब वे आंगन में आग सुलगाकर इकट्ठे बैठे, तो पतरस भी उन के बीच में बैठ गया।

लूका 22:56 और एक दासी उसे आग के उजियाले में बैठे देखकर और उस की ओर ताककर कहने लगी, यह भी तो उसके साथ था।

लूका 22:57 ​परन्तु उसने यह कहकर इनकार किया, कि हे नारी, मैं उसे नहीं जानता।

लूका 22:58 थोड़ी देर बाद किसी और ने उसे देखकर कहा, तू भी तो उन्‍हीं में से है: पतरस ने कहा; हे मनुष्य मैं नहीं हूं।

लूका 22:59 कोई घंटे भर के बाद एक और मनुष्य दृढ़ता से कहने लगा, निश्चय यह भी तो उसके साथ था; क्योंकि यह गलीली है।

लूका 22:60 पतरस ने कहा, हे मनुष्य, मैं नहीं जानता कि तू क्या कहता है! वह कह ही रहा था कि तुरन्त मुर्ग ने बांग दी।

लूका 22:61 तब प्रभु ने घूमकर पतरस की ओर देखा, और पतरस को प्रभु की वह बात याद आई जो उसने कही थी, कि आज मुर्ग के बांग देने से पहिले, तू तीन बार मेरा इनकार करेगा।

लूका 22:62 और वह बाहर निकलकर फूट फूट कर रोने लगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 1राजाओं 8-9
  • लूका 21:1-19

गुरुवार, 29 अप्रैल 2021

समझ

 

          मेरी सहेली के पिता को उनके रोग का भयानक नाम पता चला – कैंसर! लेकिन उस रोग को जानने और उसके इलाज के लिए चल रही कीमोथेरापी के दौरान, उन्होंने प्रभु यीशु मसीह को अपना उद्धारकर्ता स्वीकार किया, और अपना जीवन प्रभु को समर्पित कर दिया। उनका कैंसर दब गया, और अठारह महीने तक दबा रहा। लेकिन जब कैंसर लौट कर आया तो पहले से भी अधिक बढ़ा हुआ था। उनके और उनकी पत्नी के मन में प्रश्न थे, चिंताएँ थीं, लेकिन परमेश्वर में उनका विश्वास डिगा नहीं, प्रभु के साथ अपने अनुभव के कारण वे अपने मसीही विश्वास में स्थिर और दृढ़ बने रहे।

          हम सदा ही यह नहीं समझने पाते हैं कि हमें परीक्षाओं और समस्याओं का सामना क्यों करना पड़ता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में यही अय्यूब का भी अनुभव था। अय्यूब को बहुत ही पीड़ादायक और दुखदायी अनुभवों में से होकर निकलना पड़ा था, उसके पास अपने उन दुखदायी अनुभवों के विषय प्रश्न तो थे, किन्तु कोई उत्तर नहीं थे। किन्तु फिर भी, अय्यूब 12 अध्याय में, समझ में न आ सकने वाली परिस्थितियों और अनुभवों के बावजूद, वह परमेश्वर के लिए कहता है, देखो, जिस को वह ढा दे, वह फिर बनाया नहीं जाता” (अय्यूब 12:14); और “उस में सामर्थ्य और खरी बुद्धि पाई जाती है” (पद 16), तथा “वह जातियों को बढ़ाता, और उन को नाश करता है” (पद 23)। अपनी इस लम्बी सूची में अय्यूब कहीं पर भी परमेश्वर के उद्देश्यों या परमेश्वर द्वारा दुःख और पीड़ाओं को आने देने के किसी भी कारण का कोई भी उल्लेख नहीं करता है। अपनी सभी समस्याओं और अनसुलझे प्रश्नों के बावजूद, अय्यूब पूरे भरोसे के साथ कहता है, ईश्वर में पूरी बुद्धि और पराक्रम पाए जाते हैं; युक्ति और समझ उसी में हैं” (पद 13)।

          आवश्यक नहीं है कि हमें यह समझ आ जाए कि परमेश्वर हमारे जीवनों में संघर्षों और समस्याओं को क्यों आने देता है, लेकिन मेरी सहेली के माता-पिता के समान, हम हमेशा उसमें अपने भरोसे को बनाए रख सकते हैं। प्रभु परमेश्वर हम से प्रेम करता है, और हमें अपने हाथों में संभाले रहता है (पद 10; 1 पतरस 5:6-7)। बुद्धि, सामर्थ्य, और समझ उसी की हैं। - जूली श्वाब

 

प्रभु, आप जो कर रहे हैं वह चाहे मेरी समझ में न भी आए

किन्तु मैं आप पर हमेशा भरोसा बनाए रखूँ।


इसलिये परमेश्वर के बलवन्‍त हाथ के नीचे दीनता से रहो, जिस से वह तुम्हें उचित समय पर बढ़ाए। और अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है। - 1 पतरस 5:6-7

बाइबल पाठ: अय्यूब 12:10-25

अय्यूब 12:10 उसके हाथ में एक एक जीवधारी का प्राण, और एक एक देहधारी मनुष्य की आत्मा भी रहती है।

अय्यूब 12:11 जैसे जीभ से भोजन चखा जाता है, क्या वैसे ही कान से वचन नहीं परखे जाते?

अय्यूब 12:12 बूढ़ों में बुद्धि पाई जाती है, और लम्बी आयु वालों में समझ होती तो है।

अय्यूब 12:13 ईश्वर में पूरी बुद्धि और पराक्रम पाए जाते हैं; युक्ति और समझ उसी में हैं।

अय्यूब 12:14 देखो, जिस को वह ढा दे, वह फिर बनाया नहीं जाता; जिस मनुष्य को वह बन्द करे, वह फिर खोला नहीं जाता।

अय्यूब 12:15 देखो, जब वह वर्षा को रोक रखता है तो जल सूख जाता है; फिर जब वह जल छोड़ देता है तब पृथ्वी उलट जाती है।

अय्यूब 12:16 उस में सामर्थ्य और खरी बुद्धि पाई जाती है; धोखा देने वाला और धोखा खाने वाला दोनों उसी के हैं।

अय्यूब 12:17 वह मंत्रियों को लूटकर बन्धुआई में ले जाता, और न्यायियों को मूर्ख बना देता है।

अय्यूब 12:18 वह राजाओं का अधिकार तोड़ देता है; और उनकी कमर पर बन्धन बन्धवाता है।

अय्यूब 12:19 वह याजकों को लूटकर बन्धुआई में ले जाता और सामर्थियों को उलट देता है।

अय्यूब 12:20 वह विश्वासयोग्य पुरुषों से बोलने की शक्ति और पुरनियों से विवेक की शक्ति हर लेता है।

अय्यूब 12:21 वह हाकिमों को अपमान से लादता, और बलवानों के हाथ ढीले कर देता है।

अय्यूब 12:22 वह अन्धियारे की गहरी बातें प्रगट करता, और मृत्यु की छाया को भी प्रकाश में ले आता है।

अय्यूब 12:23 वह जातियों को बढ़ाता, और उन को नाश करता है; वह उन को फैलाता, और बन्धुआई में ले जाता है।

अय्यूब 12:24 वह पृथ्वी के मुख्य लोगों की बुद्धि उड़ा देता, और उन को निर्जन स्थानों में जहां रास्ता नहीं है, भटकाता है।

अय्यूब 12:25 वे बिन उजियाले के अन्धेरे में टटोलते फिरते हैं; और वह उन्हें ऐसा बना देता है कि वे मतवाले के समान डगमगाते हुए चलते हैं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 1राजाओं 6-7
  • लूका 20:27-47

बुधवार, 28 अप्रैल 2021

योजना

 

          पुरातत्व विद्वान, डॉ. वॉरविक रॉडवेल सेवा-निवृत्त होने की योजनाएँ बना रहे थे, जब उन्होंने इंग्लैंड के विशाल गिरजाघर लिकफील्ड कैथिड्रल में एक अद्भुत खोज की। वहाँ पर एक अन्य निर्माण करने के लिए, निर्माण कार्य में लगे हुए लोग, उनके निर्देशन में उस चर्च के फर्श के एक भाग की बड़े ध्यान से खुदाई कर रहे थे, और उन्हें एक मूर्ति मिली, जो प्रधान-स्वर्गदूत, जिब्राइल की थी और लगभग 1200 वर्ष पुरानी आँकी गई। इससे उनके सेवा-निवृत्त होने की योजनाएँ स्थगित हो गईं, और उन्हें एक नए और उत्साहवर्धक कार्य के लिए समय लगाना पड़ा।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में मूसा अस्सी वर्ष का था जब उसने एक ऐसा ज्वलंत दृश्य देखा, जिसने उसके जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया। यद्यपि मूसा एक मिस्री राजकुमारी का गोद लिया हुआ पुत्र था, फिर भी वह कभी अपनी मूल इस्राएली वंशावली को नहीं भूला, और अपने वंश के लोगों पर होने वाले अत्याचारों से बहुत रोष में था (निर्गमन 2:11-12)। जब उसने एक मिस्री के द्वारा एक इस्राएली पर अत्याचार होते देखा तो उसने उस मिस्री को मार डाला। जब मिस्र के फिरौन को इस बात का पता चला, तो उसने मूसा को मार डालने की योजना बनाई; तब मूसा जान बचाकर भागा, और मिद्यान में जा कर रहने लगा (पद 13-15)।

          इसके चालीस वर्ष के बाद, जब वह अस्सी वर्ष का हुआ, और अपने ससुर की भेड़ों को चरा रहा था, तब “परमेश्वर के दूत ने एक कटीली झाड़ी के बीच आग की लौ में उसको दर्शन दिया; और उसने दृष्टि उठा कर देखा कि झाड़ी जल रही है, पर भस्म नहीं होती” (निर्गमन 3:2 )। परमेश्वर ने मूसा को अपने लोगों, इस्राएलियों को मिस्र के दासत्व से निकाल कर लाने का दायित्व सौंपा (पद 3-22), और उसका जीवन हमेशा के लिए बिलकुल बदल गया।

          आज, जीवन के इस समय में, क्या परमेश्वर आपको अपने बड़े उद्देश्य के लिए कुछ करने के लिए बुला रहा है? उसने आपके आगे के जीवन मार्ग में क्या नई योजनाएँ रखीं हैं? – रूथ ओ-रिली स्मिथ

 

हे पवित्र प्रभु परमेश्वर, मेरे जीवन के सभी दिनों को अपने नियंत्रण में लें, और अपने लिए उपयोग करें।


इस कारण मैं इन दुखों को भी उठाता हूं, पर लजाता नहीं, क्योंकि मैं उसे जिस की मैं ने प्रतीति की है, जानता हूं; और मुझे निश्चय है, कि वह मेरी थाती की उस दिन तक रखवाली कर सकता है। - 2 तीमुथियुस 1:12

बाइबल पाठ: निर्गमन 3:1-10

निर्गमन 3:1 मूसा अपने ससुर यित्रो नाम मिद्यान के याजक की भेड़-बकरियों को चराता था; और वह उन्हें जंगल की परली ओर होरेब नाम परमेश्वर के पर्वत के पास ले गया।

निर्गमन 3:2 और परमेश्वर के दूत ने एक कटीली झाड़ी के बीच आग की लौ में उसको दर्शन दिया; और उसने दृष्टि उठा कर देखा कि झाड़ी जल रही है, पर भस्म नहीं होती।

निर्गमन 3:3 तब मूसा ने सोचा, कि मैं उधर फिरके इस बड़े अचम्भे को देखूंगा, कि वह झाड़ी क्यों नहीं जल जाती।

निर्गमन 3:4 जब यहोवा ने देखा कि मूसा देखने को मुड़ा चला आता है, तब परमेश्वर ने झाड़ी के बीच से उसको पुकारा, कि हे मूसा, हे मूसा। मूसा ने कहा, क्या आज्ञा।

निर्गमन 3:5 उसने कहा इधर पास मत आ, और अपने पांवों से जूतियों को उतार दे, क्योंकि जिस स्थान पर तू खड़ा है वह पवित्र भूमि है।

निर्गमन 3:6 फिर उसने कहा, मैं तेरे पिता का परमेश्वर, और इब्राहीम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर, और याकूब का परमेश्वर हूं। तब मूसा ने जो परमेश्वर की ओर निहारने से डरता था अपना मुंह ढांप लिया।

निर्गमन 3:7 फिर यहोवा ने कहा, मैं ने अपनी प्रजा के लोग जो मिस्र में हैं उनके दु:ख को निश्चय देखा है, और उनकी जो चिल्लाहट परिश्रम कराने वालों के कारण होती है उसको भी मैं ने सुना है, और उनकी पीड़ा पर मैं ने चित्त लगाया है ;

निर्गमन 3:8 इसलिये अब मैं उतर आया हूं कि उन्हें मिस्रियों के वश से छुड़ाऊं, और उस देश से निकाल कर एक अच्छे और बड़े देश में जिस में दूध और मधु की धारा बहती है, अर्थात कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिव्वी, और यबूसी लोगों के स्थान में पहुंचाऊं।

निर्गमन 3:9 सो अब सुन, इस्राएलियों की चिल्लाहट मुझे सुनाई पड़ी है, और मिस्रियों का उन पर अन्धेर करना भी मुझे दिखाई पड़ा है,

निर्गमन 3:10 इसलिये आ, मैं तुझे फिरौन के पास भेजता हूं कि तू मेरी इस्राएली प्रजा को मिस्र से निकाल ले आए।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 1राजाओं 3-5
  • लूका 20:1-26

मंगलवार, 27 अप्रैल 2021

सुन्दर

 

          उस पेंटिंग को देख कर मैं रुक गई; शहर के एक बड़े अस्पताल के लम्बे से गलियारे में लगी हुई वह पेंटिंग बहुत आकर्षक थी; इतनी, कि मैं उसे निहारने के लिए न केवल स्वयं रुकी, वरन मैंने मुझसे थोड़ा सा आगे चल रहे अपने पति को भी रुकने और उसे देखने के लिए कहा, और मेरे मुँह से उस के लिए निकला, “अति-सुन्दर”।

          जीवन में कई बातें वास्तव में बहुत सुन्दर होती हैं, जैसे कि उत्कृष्ट चित्रकारों द्वारा बनाए गए चित्र; प्रकृति के दृश्य; प्रेरणा से बनाई गई कलाकृतियाँ, आदि। इसी प्रकार से बच्चे की मुस्कान; रोबिन पक्षी का नीला अंडा; किसी मित्र का अभिनंदन; समुद्री सीपी के रंग और आकार, आदि भी परमेश्वर की सुन्दर रचनाओं में से हैं। उन बोझों को हलका करने के लिए जो जीवन के दौरान हम पर आ सकते हैं, परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है कि परमेश्वर ने “सब कुछ ऐसा बनाया कि अपने अपने समय पर वे सुन्दर होते हैं” (सभोपदेशक 3:11)। बाइबल के विद्वान कहते हैं कि ऐसी सुन्दरता के द्वारा, हमें परमेश्वर की सृष्टि की सिद्धता का आभास होता है – और उसके आने वाले सिद्ध महिमामय राज्य का भी।

          हम उस भविष्य की सिद्धता की कल्पना मात्र ही कर सकते हैं, इसलिए इस जीवन में परमेश्वर सृष्टि की सुन्दरता के द्वारा हमें उसका पूर्वाभास प्रदान करता है। इस से परमेश्वर ने “मनुष्यों के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान उत्पन्न किया है” (पद 11)। कुछ ऐसे भी दिन होते हैं जब जीवन नीरस और निरर्थक लगता है। लेकिन परमेश्वर अपनी कृपा में ऐसे समय भी देता है जब हम उसकी सुन्दर सृष्टि को निहार सकें और उस आने वाली सिद्धता और सुन्दरता की एक झलक अनुभव कर सकें।

          मैं जिस पेंटिंग को देख कर रुक गई थी, उसके चित्रकार का नाम जेरार्ड कर्टिस डिलानो है, और वह इस बात को समझता है। उसका कहना है, “परमेश्वर ने मुझे सुन्दर रचना करने का गुण दिया है; और वह चाहता है कि मैं यही करूँ।”

          इतनी सुन्दरता के प्रति हमारी क्या प्रतिक्रिया होनी चाहिए? हम उसके लिए परमेश्वर का धन्यवाद करें, और उस सुन्दरता के लिए भी जिसका आनन्द हम उसके महिमामय राज्य में अनन्तकाल तक लेते रहेंगे। - पैट्रीशिया रेबौन

 

पिता परमेश्वर जो सुन्दरता आप मेरे जीवन में लाते हैं और लाएँगे, 

मुझे उस के लिए आपका कृतज्ञ और धन्यवादी बनाएँ।


यहोवा की महिमा और सामर्थ्य को मानो। यहोवा के नाम की महिमा ऐसी मानो जो उसके नाम के योग्य है। भेंट ले कर उसके सम्मुख आओ, पवित्रता से शोभायमान हो कर यहोवा को दण्डवत करो। - 1 इतिहास 16:29

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 3:9-13

सभोपदेशक 3:9 काम करने वाले को अधिक परिश्रम से क्या लाभ होता है?

सभोपदेशक 3:10 मैं ने उस दु:ख भरे काम को देखा है जो परमेश्वर ने मनुष्यों के लिये ठहराया है कि वे उस में लगे रहें।

सभोपदेशक 3:11 उसने सब कुछ ऐसा बनाया कि अपने अपने समय पर वे सुन्दर होते हैं; फिर उसने मनुष्यों के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, तौभी काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, वह आदि से अन्त तक मनुष्य बूझ नहीं सकता।

सभोपदेशक 3:12 मैं ने जान लिया है कि मनुष्यों के लिये आनन्द करने और जीवन भर भलाई करने के सिवाय, और कुछ भी अच्छा नहीं;

सभोपदेशक 3:13 और यह भी परमेश्वर का दान है कि मनुष्य खाए-पीए और अपने सब परिश्रम में सुखी रहे।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 1राजाओं 1-2
  • लूका 19:28-48

सोमवार, 26 अप्रैल 2021

दृष्टि

 

          प्रति प्रातः, मैं अपने घर के अन्दर बैठक की खिड़की के पास से, खिड़की के बाहर का मनोरम दृश्य देखते हुए निकलती हूँ – उस खिड़की से बाहर हमारे घर के पीछे के जंगल का विशाल क्षेत्र दिखाई पड़ता है, और घर के पास के पेड़ों पर बैठे विभिन्न पक्षी भी दिखाई दे जाते हैं जो मानो उस क्षेत्र का सर्वेक्षण कर रहे होते हैं। एक दिन मुझे देख कर अचंभा हुआ कि एक दुर्लभ प्रजाति की चील – बाल्ड ईगल, एक पेड़ की ऊँची शाखा पर बैठी हुई, सारे क्षेत्र पर इस प्रकार चारों ओर दृष्टि दौड़ा रही थी, मानो यह उसका अपना इलाका हो; उसके हाव-भाव और देखने का तरीका राजसी प्रतीत हो रहा था। वह शिकारी पक्षी संभवतः किसी शिकार की तलाश में था।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में, 2 इतिहास 16 अध्याय में परमेश्वर के नबी, हनानी, ने एक राजा को परमेश्वर का यह सन्देश दिया कि उसके सभी कार्यों पर परमेश्वर की दृष्टि बनी हुई है। उसने यहूदा के राजा, आसा से कहा,... तू ने जो अपने परमेश्वर यहोवा पर भरोसा नहीं रखा वरन अराम के राजा ही पर भरोसा रखा है, इस कारण अराम के राजा की सेना तेरे हाथ से बच गई है” (पद 7)। फिर हनानी ने इसका स्पष्टीकरण देते हुए कहा,देख, यहोवा की दृष्टि सारी पृथ्वी पर इसलिये फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपना सामर्थ्य दिखाए ...” (पद 9)। क्योंकि आसा ने गलत जन पर भरोसा किया था, परमेश्वर पर नहीं वरन मनुष्य की सहायता पर भरोसा रखा था, इसलिए परिणाम निरन्तर युद्ध करते रहना होगा।

          इन शब्दों को पढ़ने से हम यह गलत अभिप्राय निकाल सकते हैं कि परमेश्वर हम पर इसलिए दृष्टि बना कर रखता है कि हम गलती करें और वह शिकारी पक्षी के समान हम पर टूट पड़े। इन शब्दों का यह तात्पर्य नहीं है, वरन हनानी का कहना सकारात्मक दृष्टिकोण से था, कि परमेश्वर निरन्तर दृष्टि बनाए रखता और प्रतीक्षा में रहता है कि हम कब सहायता के लिए उसे पुकारें और वह आगे आकर हमारी सहायता करे।

          जैसे वह चील मेरे घर के पीछे, ऊँचे पर बैठी, नीचे की सारी गतिविधियों पर दृष्टि बनाए हुए थी, परमेश्वर की दृष्टि भी संसार भर पर फिरती रहती है, अभी भी फिर रही है, कि कहाँ उसे उस पर भरोसा रखने वाले, उसके विश्वासयोग्य लोग मिलें, और वह उनकी सहायता के लिए कुछ करे। उसकी दृष्टि आप पर भी है, अपनी प्रत्येक सहायता के लिए आप उसे पुकार सकते हैं। - एलिसा मॉर्गन

 

हे परमेश्वर हमें ऐसे मन दें जो सदा ही आप पर भरोसा रखने वाले हों।


किसी को रथों को, और किसी को घोड़ों का भरोसा है, परन्तु हम तो अपने परमेश्वर यहोवा ही का नाम लेंगे। - भजन संहिता 20:7

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 16:7-9

2 इतिहास 16:7 उस समय हनानी दर्शी यहूदा के राजा आसा के पास जा कर कहने लगा, तू ने जो अपने परमेश्वर यहोवा पर भरोसा नहीं रखा वरन अराम के राजा ही पर भरोसा रखा है, इस कारण अराम के राजा की सेना तेरे हाथ से बच गई है।

2 इतिहास 16:8 क्या कूशियों और लूबियों की सेना बड़ी न थी, और क्या उस में बहुत ही रथ, और सवार न थे? तौभी तू ने यहोवा पर भरोसा रखा था, इस कारण उसने उन को तेरे हाथ में कर दिया।

2 इतिहास 16:9 देख, यहोवा की दृष्टि सारी पृथ्वी पर इसलिये फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपना सामर्थ्य दिखाए। तूने यह काम मूर्खता से किया है, इसलिये अब से तू लड़ाइयों में फंसा रहेगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 शमूएल 23-24
  • लूका 19:1-27

रविवार, 25 अप्रैल 2021

संतुष्टि

 

          हमारा पोते, जे, के बचपन की एक घटना है, उसके जन्मदिन पर उसके माता-पिता ने उसे एक नई टी-शर्ट उपहार दी। वह उसे पा कर बहुत प्रफुल्लित हुआ और उसने तुरंत ही उसे पहन लिया, और सारे दिन उत्साह के साथ पहने रहा। अगले दिन भी जब वह उसी टी-शर्ट को पहने हुए आया, तो उसके पिता ने उससे पूछा, “जे, क्या यह टी-शर्ट तुम्हें खुश करती है?” तो जे का उत्तर था, “अब उतना नहीं करती, जितना कल कर रही थी!” भौतिक वस्तुओं को प्राप्त करने के साथ यही समस्या है – जीवन की भली वस्तुएँ भी हमें वह गहरी, चिर-स्थाई संतुष्टि नहीं दे सकती हैं जिसे हम इतनी लालसा से प्राप्त करना चाहते हैं। हमारे पास अनेकों वस्तुएँ हो सकती हैं, फिर भी हम असंतुष्ट बने रहेंगे।

          संसार भौतिक वस्तुओं को एकत्रित करने के द्वारा संतुष्टि और प्रसन्नता देने का प्रस्ताव देता है: नए कपड़े, नई कार, नया फोन, नई घड़ी, आदि। लेकिन कोई भी भौतिक वस्तु क्यों न हो, अगले दिन उसकी संतुष्टि उतनी नहीं रहती है जितनी पहले दिन थी। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम परमेश्वर से संतुष्टि मिलने के लिए बनाए गए हैं, और उसके अतिरिक्त और कुछ भी वह इच्छित संतुष्टि हमें नहीं दे सकता है।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में, प्रभु यीशु के चालीस दिन के उपवास के उपरान्त, जब उसे भूख लगी, तब शैतान ने उसे प्रलोभन दिया कि वह पत्थरों को रोटी में बदल कर अपनी भूख की संतुष्टि कर ले। किन्तु प्रभु उसके प्रलोभनों में नहीं आया, वरन उसका सामना परमेश्वर के वचन में से व्यवस्थाविवरण 8:3 में लिखी बात, “... मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं जीवित रहता, परन्तु जो जो वचन यहोवा के मुंह से निकलते हैं उन ही से वह जीवित रहता है” के द्वारा किया (मत्ती 4:4)।

          प्रभु यीशु के कहने का यह तात्पर्य नहीं था कि हमें रोटी के सहारे जीवित नहीं रहना चाहिए; वे तो एक आत्मिक तथ्य को प्रकट कर रहे थे – हम मनुष्य केवल शारीरिक ही नहीं, आत्मिक सृष्टि भी हैं, इसलिए हम केवल शारीरिक भोजन ही के सहारे जीवित नहीं रह सकते हैं; हमें सच्चा आत्मिक भोजन भी चाहिए होता है। तभी हम संतुष्ट और स्वस्थ रहने पाएँगे।

          सच्ची संतुष्टि केवल परमेश्वर और उसकी बहुतायत से ही मिल सकती है। - डेविड एच. रोपर

 

परमेश्वर पिता आपके पास मेरी संतुष्टि के लिए सब कुछ है; 

मुझे आपकी बहुतायत के सहारे जीवन जीना सिखाएं।


जैसा जीवते पिता ने मुझे भेजा और मैं पिता के कारण जीवित हूं वैसा ही वह भी जो मुझे खाएगा मेरे कारण जीवित रहेगा। जो रोटी स्वर्ग से उतरी यही है, बाप दादों के समान नहीं कि खाया, और मर गए: जो कोई यह रोटी खाएगा, वह सर्वदा जीवित रहेगा। - यूहन्ना 6:57-58

बाइबल पाठ: मत्ती 4:1-11

मत्ती 4:1 तब उस समय आत्मा यीशु को जंगल में ले गया ताकि शैतान से उस की परीक्षा हो।

मत्ती 4:2 वह चालीस दिन, और चालीस रात, निराहार रहा, अन्त में उसे भूख लगी।

मत्ती 4:3 तब परखने वाले ने पास आकर उस से कहा, यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो कह दे, कि ये पत्थर रोटियां बन जाएं।

मत्ती 4:4 उसने उत्तर दिया; कि लिखा है कि मनुष्य केवल रोटी ही से नहीं, परन्तु हर एक वचन से जो परमेश्वर के मुख से निकलता है जीवित रहेगा।

मत्ती 4:5 तब शैतान उसे पवित्र नगर में ले गया और मन्दिर के कंगूरे पर खड़ा किया।

मत्ती 4:6 और उस से कहा यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो अपने आप को नीचे गिरा दे; क्योंकि लिखा है, कि वह तेरे विषय में अपने स्‍वर्गदूतों को आज्ञा देगा; और वे तुझे हाथों हाथ उठा लेंगे; कहीं ऐसा न हो कि तेरे पांवों में पत्थर से ठेस लगे।

मत्ती 4:7 यीशु ने उस से कहा; यह भी लिखा है, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर की परीक्षा न कर।

मत्ती 4:8 फिर शैतान उसे एक बहुत ऊंचे पहाड़ पर ले गया और सारे जगत के राज्य और उसका वैभव दिखाकर

मत्ती 4:9 उस से कहा, कि यदि तू गिरकर मुझे प्रणाम करे, तो मैं यह सब कुछ तुझे दे दूंगा।

मत्ती 4:10 तब यीशु ने उस से कहा; हे शैतान दूर हो जा, क्योंकि लिखा है, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।

मत्ती 4:11 तब शैतान उसके पास से चला गया, और देखो, स्वर्गदूत आकर उस की सेवा करने लगे।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 शमूएल 21-22
  • लूका 18:24-43

शनिवार, 24 अप्रैल 2021

महत्वहीन

 

          वीडियो में दिखाया जा रहा था कि एक आदमी व्यस्त सड़कर के किनारे लगी हुई बेकाबू आग के पास घुटनों पर बैठा हुआ अपने हाथों से ताली बजा रहा था, उन्हें फैला कर किसी को उसके पास आने के लिए आग्रह कर रहा था। वह किसे इतनी लालसा से बुला रहा था? क्या उसका पालतू कुत्ता वहाँ फँस गया था? कुछ ही पल में देखा गया कि एक खरगोश फुदकता हुआ उसके पास, उसकी गोदी में आ गया, और वह आदमी उसे लेकर तेज़ी से सुरक्षा की ओर भाग गया। एक इतने छोटे से महत्वहीन जन्तु का बचाया जाना, राष्ट्रीय समाचारों का विषय कैसे बन गया? – इसीलिए तो बन गया! छोटों और महत्वहीनों की सहायता किए जाने में कुछ दिल को छू लेने वाली बात होती है। छोटों और महत्वहीनों की सहायता करने के लिए एक बहुत बड़ा दिल चाहिए होता है।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु मसीह ने कहा कि परमेश्वर का राज्य उस मनुष्य के समान है जिसने एक बहुत बड़ा भोज आयोजित किया, और जो भी उसमें आना चाहे उसे आने का अवसर दिया। न केवल उन्हें, जो समाज में स्थान और प्रभाव रखते थे, वरन उन्हें भी जो कंगाल, टुंडे. लंगड़े, और अंधे थे (लूका 14:21)। मैं परमेश्वर का बहुत धन्यवादी हूँ कि वह दुर्बलों और महत्वहीनों पर ध्यान करता है, अन्यथा मुझे तो उसके पास आने का कोई अवसर ही नहीं होता। प्रेरित पौलुस ने लिखा, परन्तु परमेश्वर ने जगत के मूर्खों को चुन लिया है, कि ज्ञान वालों को लज्जित करे; और परमेश्वर ने जगत के निर्बलों को चुन लिया है, कि बलवानों को लज्जित करे। और परमेश्वर ने जगत के नीचों और तुच्‍छों को, वरन जो हैं भी नहीं उन को भी चुन लिया, कि उन्हें जो हैं, व्यर्थ ठहराए। ताकि कोई प्राणी परमेश्वर के सामने घमण्ड  न करने पाए” (1 कुरिन्थियों 1:27-29)।

          मुझ जैसे महत्वहीन व्यक्ति का ध्यान करने और उद्धार करने के लिए परमेश्वर का दिल कितना बड़ा होगा! इसकी प्रतिक्रिया में, क्या मेरा हृदय बड़ा हुआ है? मैं सरलता से इसके विषय बता सकता हूँ, यह दिखाने के द्वारा कि मैं समाज के महत्वपूर्ण लोगों को प्रसन्न करने के प्रयास में रहता हूँ, या, अपने उद्धारकर्ता और प्रभु यीशु के समान उन लोगों की सेवा और ध्यान करना चाहता हूँ जो समाज में उपेक्षित और तुच्छ समझे जाते हैं? – माइक व्हिटमर

 

हे प्रभु, आपके शिष्य होने के नाते हम सभी को आपके दृष्टिकोण से देखें, 

न कि उनके सामाजिक स्तर के अनुसार।


परन्तु तुम में ऐसा न होगा; परन्तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने। और जो तुम में प्रधान होना चाहे वह तुम्हारा दास बने। - मत्ती 20:26-27

बाइबल पाठ: लूका 14:15-23

लूका 14:15 उसके साथ भोजन करने वालों में से एक ने ये बातें सुनकर उस से कहा, धन्य है वह, जो परमेश्वर के राज्य में रोटी खाएगा।

लूका 14:16 उसने उस से कहा; किसी मनुष्य ने बड़ी जेवनार की और बहुतों को बुलाया।

लूका 14:17 जब भोजन तैयार हो गया, तो उसने अपने दास के हाथ आमन्त्रित लोगों को कहला भेजा, कि आओ; अब भोजन तैयार है।

लूका 14:18 पर वे सब के सब क्षमा मांगने लगे, पहिले ने उस से कहा, मैं ने खेत मोल लिया है; और अवश्य है कि उसे देखूं: मैं तुझ से बिनती करता हूं, मुझे क्षमा करा दे।

लूका 14:19 दूसरे ने कहा, मैं ने पांच जोड़े बैल मोल लिये हैं: और उन्हें परखने जाता हूं: मैं तुझ से बिनती करता हूं, मुझे क्षमा करा दे।

लूका 14:20 एक और ने कहा; मैं ने ब्याह किया है, इसलिये मैं नहीं आ सकता।

लूका 14:21 उस दास ने आकर अपने स्वामी को ये बातें कह सुनाईं, तब घर के स्वामी ने क्रोध में आकर अपने दास से कहा, नगर के बाजारों और गलियों में तुरन्त जा कर कंगालों, टुण्‍डों, लंगड़ों और अन्‍धों को यहां ले आओ।

लूका 14:22 दास ने फिर कहा; हे स्वामी, जैसे तू ने कहा था, वैसे ही किया गया है; फिर भी जगह है।

लूका 14:23 स्वामी ने दास से कहा, सड़कों पर और बाड़ों की ओर जा कर लोगों को बरबस ले ही आ ताकि मेरा घर भर जाए।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 शमूएल 19-20
  • लूका 18:1-23

शुक्रवार, 23 अप्रैल 2021

प्रकाश

 

लोस एंजेलिस शहर की सड़कों और गलियों में, नशे की आदत से संघर्ष करता एक बेघर व्यक्ति, ब्रायन, सहायता के निवेदन के साथ एक मानव सेवा संस्था – द मिडनाईट मिशन में आया; वहाँ से ब्रायन की पुनःस्थापना का लंबा सिलसिला आरंभ हुआ। इस प्रक्रिया में ब्रायन का संगीत के प्रति प्रेम फिर से जागृत हुआ। अन्ततः वह एक ऐसी व्यावसायिक संगीत मण्डली के साथ सम्मिलित हो गया जो बेघर लोगों में रुचि रखती थी। उस मण्डली के लोगों ने एक बार ब्रायन से कहा कि वह हैंडल की सुप्रसिद्ध संगीत रचना “मसायाह” के एक अंश, जिसका शीर्षक है “The People That Walked in Darkness (अन्धकार में चलने वाले लोग) का एकल प्रदर्शन करे। परमेश्वर के वचन बाइबल में यशायाह नबी के द्वारा लिखे गए शब्दों, जो लोग अन्धियारे में चल रहे थे उन्होंने बड़ा उजियाला देखा; और जो लोग घोर अन्धकार से भरे हुए मृत्यु के देश में रहते थे, उन पर ज्योति चमकी” (यशायाह 9:2) पर आधारित उस संगीत रचना को ब्रायन ने गाया तो न्यू यॉर्क पत्रिका के संगीत समीक्षक ने उसके बारे में लिखा कि ब्रायन ने उसे ऐसे गाया मानो “वह लेख उसके अपने जीवन से लिया गया है।”

          सुसमाचार लेखक मत्ती ने भी अपने द्वारा लिखित प्रभु यीशु मसीह की जीवनी में इस पद को उद्धत किया है। मत्ती एक यहूदी था और रोमी प्रशासन के अधीन चुंगी लेने का कम किया करता था, और ऐसा करते हुए वह अपने साथी यहूदियों से बेईमानी से पैसे भी ठग लेता था। प्रभु यीशु ने इस धोखेबाज़ यहूदी को अपना शिष्य होने के लिए बुलाया; और मत्ती ने प्रभु यीशु की जीवनी लिखते हुए लिखा कि किस प्रकार प्रभु यीशु ने यशायाह नबी की यह भविष्यवाणी पूरी की, जब वह उद्धार को यर्दन के पार अन्यजातियों और गैर-यहूदियों में लेकर गया (मत्ती 4:13-15)।

          कौन यह विचार और विश्वास कर सकता था कि रोमी सम्राट कैसर के लिए चुंगी लेने वाला ठग मत्ती (देखें मत्ती 9:9); एक नशे की आदत में बेघर व्यक्ति, ब्रायन; या मेरे और आप के समान लोगों को यह अवसर मिलेगा कि प्रभु यीशु में विश्वास के द्वारा हमारे जीवन बदले जाएँ, और हम प्रभु के अद्भुत परिवर्तन करने वाले प्रकाश को औरों तक पहुँचाएँ, संसार के लोगों को जीवन की ज्योति के पास लेकर आएँ। जिनके जीवन प्रभु यीशु के प्रकाश से प्रज्वलित होते हैं, वे औरों को भी उस प्रकाश में लाने के लिए प्रयासरत रहते हैं। - मार्ट डीहान

 

पिता परमेश्वर, पाप के अन्धकार से घिरे हुए इस संसार में हमें, 

प्रभु यीशु में उद्धार की ज्योति को पहुंचाने वाला बनाएँ।


तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा। - यूहन्ना 8:12

बाइबल पाठ: मत्ती:4:12-25

मत्ती 4:12 जब उसने यह सुना कि यूहन्ना पकड़वा दिया गया, तो वह गलील को चला गया।

मत्ती 4:13 और नासरत को छोड़कर कफरनहूम में जो झील के किनारे जबूलून और नप्ताली के देश में है जा कर रहने लगा।

मत्ती 4:14 ताकि जो यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हो।

मत्ती 4:15 कि जबूलून और नप्ताली के देश, झील के मार्ग से यरदन के पार अन्यजातियों का गलील।

मत्ती 4:16 जो लोग अन्धकार में बैठे थे उन्होंने बड़ी ज्योति देखी; और जो मृत्यु के देश और छाया में बैठे थे, उन पर ज्योति चमकी।

मत्ती 4:17 उस समय से यीशु ने प्रचार करना और यह कहना आरम्भ किया, कि मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आया है।

मत्ती 4:18 उसने गलील की झील के किनारे फिरते हुए दो भाइयों अर्थात शमौन को जो पतरस कहलाता है, और उसके भाई अन्द्रियास को झील में जाल डालते देखा; क्योंकि वे मछवे थे।

मत्ती 4:19 और उन से कहा, मेरे पीछे चले आओ, तो मैं तुम को मनुष्यों के पकड़ने वाले बनाऊंगा।

मत्ती 4:20 वे तुरन्त जालों को छोड़कर उसके पीछे हो लिए।

मत्ती 4:21 और वहां से आगे बढ़कर, उसने और दो भाइयों अर्थात जब्‍दी के पुत्र याकूब और उसके भाई यूहन्ना को अपने पिता जब्‍दी के साथ नाव पर अपने जालों को सुधारते देखा; और उन्हें भी बुलाया

मत्ती 4:22 वे तुरन्त नाव और अपने पिता को छोड़कर उसके पीछे हो लिए।

मत्ती 4:23 और यीशु सारे गलील में फिरता हुआ उन की सभाओं में उपदेश करता और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और लोगों की हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को दूर करता रहा।

मत्ती 4:24 और सारे सीरिया में उसका यश फैल गया; और लोग सब बीमारों को, जो नाना प्रकार की बीमारियों और दुखों में जकड़े हुए थे, और जिन में दुष्टात्माएं थीं और मिर्गी वालों और झोले के मारे हुओं को उसके पास लाए और उसने उन्हें चंगा किया।

मत्ती 4:25 और गलील और दिकापुलिस और यरूशलेम और यहूदिया से और यरदन के पार से भीड़ की भीड़ उसके पीछे हो ली।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 शमूएल 16-18
  • लूका 17:20-37