कुछ घरों में मकान-मालिक ऐसे सुरक्षित कमरे बनवाते हैं जहां वे किसी विपदा या हमले के समय में छुप कर सुरक्षित रह सकें। परमेश्वर के वचन बाइबल के नीतिवचन १८:१० में राजा सुलेमान परमेश्वर की प्रजा से कहता है कि परमेश्वर का नाम उनका सुरक्षित स्थान है जहां वे समपूर्ण सुरक्षा पा सकते हैं।
नीतिवचन १८:१०-११ में वह दो प्रकार की सुरक्षा के बारे में बताता है जिनकी शरण लेने के लिए लोग जाते हैं: एक, परमेश्वर का नाम और दुसरा, धन-संपदा। यहां परमेश्वर के नाम को एक दृढ़ गढ़ कहा गया है। जैसे किसी हमले में पराजय का सामना कर रहे लोग अपनी सुरक्षा के लिए एक दृढ़ दुर्ग में शरण ले लेते थे, वैसे ही धर्मी जन परमेश्वर की शरण में समपूर्ण सुरक्षा प्राप्त कर सकता है।
दूसरी ओर धनवान लोग अपनी धन-संपदा को ही अपनी सुरक्षा का साधन मानते हैं। राजा सुलेमान ने समझाया कि धन-संपदा में सुरक्षा का आभास तो हो सकता है, लेकिन वह सुरक्षा स्थाई और विश्वासयोग्य नहीं है। ऐसी सुरक्षा मिथिया है क्योंकि सांसारिक धन में भरोसे से आलस, घमण्ड और अन्ततः विनाश आता है। लेकिन जो नम्र होते हैं वे परमेश्वर के कभी ना बदलने वाले नाम और चरित्र में, उसे समर्पण के द्वारा, वास्तविक और स्थाई सुरक्षा पा लेते हैं।
हो सकता है कि आपने अपनी सुरक्षा का स्थान ’धन-संपदा’ को नहीं वरन किसी अन्य वस्तु या व्यक्ति को बना रखा हो। किंतु यदि परमेश्वर आपका सुरक्षित स्थान नहीं है, तो वह अन्य कोई या कुछ भी हो, समपूर्ण सुरक्षा का स्थान नहीं है। हमें प्रतिदिन और हर बात में परमेश्वर पर निर्भर रहने और उसमें अपनी सुरक्षा को पहचानने की आवश्यक्ता है।
सबसे सुरक्षित पर ही भरोसा कीजिए; ना जाने कब, कौन सी बात या परिस्थिति, आपके सुरक्षा-स्थान की विश्वासयोग्यता को परख ले! - मार्विन विलियम्स
परमेश्वर का नाम हमारा दृढ़ गढ़ है।
यहोवा का नाम दृढ़ कोट है; धर्मी उस में भागकर सब दुर्घटनाओं से बचता है। - नीतिवचन १८:१०
बाइबल पाठ: नीतिवचन १८:९-१२
Pro 18:9 जो काम में आलस करता है, वह खोने वाले का भाई ठहरता है।
Pro 18:10 यहोवा का नाम दृढ़ कोट है; धर्मी उस में भागकर सब दुर्घटनाओं से बचता है।
Pro 18:11 धनी का धन उसकी दृष्टि में गढ़ वाला नगर, और ऊंचे पर बनी हुई शहरपनाह है।
Pro 18:12 नाश होने से पहिले मनुष्य के मन में घमण्ड, और महिमा पाने से पहिले नम्रता होती है।
एक साल में बाइबल:
- यशायाह ६२-६४
- १ तिमुथियुस १