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गुरुवार, 23 जुलाई 2015

निर्माण


   हमारे प्रांत मिशिगन के बारे में हम मज़ाक में कहते हैं, यहाँ केवल दो ही ऋतुएं होती हैं - शरद ऋतु और निर्माण ऋतु! इस इलाके में सर्दी बहुत कड़ाके की होती है और उससे सड़कें खराब हो जाती हैं। इसलिए जैसे ही शरद ऋतु में पड़ी और जमी बर्फ पिघलने लगती है, निर्माण करने वाले लोग अपने काम में लग जाते हैं। यद्यपि हम इसे "निर्माण" कहते हैं परन्तु अकसर इस बिगड़े हुए को हटाकर अच्छे को लाने के कार्य में "नाश" अधिक दिखाई देता है। कभी कभी तो सड़क के गढ्ढों को भरने की बजाए उन गढ्ढों से भरी सड़क को उखाड़ कर नई सड़क का निर्माण करना अधिक सरल होता है।

   कुछ ऐसा ही तब प्रतीत होता है जब परमेश्वर हमारे जीवनों में सुधार का कार्य कर रहा होता है। परमेश्वर ने अपने वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड में अपने लोगों को सचेत किया कि वे उसके साथ उन्हें जोड़ने वाले मार्ग में कुछ महत्वपूर्ण पुनःनिर्माण की बाट जोहें (यशायाह 62:10; यिर्मियाह 31:31)। जब परमेश्वर ने इस पुनःनिर्माण के लिए प्रभु यीशु को संसार में भेजा और उसने अपना कार्य आरंभ किया, तो उन यहूदियों को लगा कि वह परमेश्वर और उनके बीच के मार्ग को "नाश" कर रहा है। परन्तु प्रभु यीशु कुछ भी नाश नहीं कर रहा था; वह तो शेष को पूरा कर रहा था (मत्ती 5:17)। नियमों और विधि-विधानों से भरे ऊबड़-खाबड़ मार्ग को अपने बलिदान, प्रेम और अनुग्रह से पाट कर सपाट और सहज कर रहा था, सबके लिए सरल कर रहा था।

   परमेश्वर आज भी पाप और नियमों की व्यवस्था से भरे मार्ग को प्रभु यीशु के प्रेम और अनुग्रह से सपाट और सहज बनाने में सक्रीय है। जब वह हमारे जीवनों से हमारे विचारों और कार्यों के पुराने तरीकों को निकाल कर हमारे जीवनों में नया कार्य आरंभ करता है तो हमें लग सकता है कि हमारा सब कुछ उलट-पुलट हो रहा है; वह सब जो हमारे लिए परिचित है उसे नाश किया जा रहा है। लेकिन परमेश्वर कुछ भी नष्ट नहीं कर रहा है; वह कुछ बेहतर का निर्माण कर रहा है। परमेश्वर को अपना निर्माण कार्य कर लेने दीजिए; उसके आज्ञाकारी और उसके वचन के प्रति समर्पित रहिए और इस बात को लेकर निश्चिंत रहिए कि अन्ततः परिणाम ऐसा होगा जिससे हम दूसरों के साथ और भी बेहतर तथा परमेश्वर के साथ और भी निकट एवं आशीषित संबंधों के साथ जीवन व्यतीत कर सकेंगे। - जूली ऐकैरमैन लिंक


आत्मिक कायाकल्प से पहले आत्मिक उलट-पलट होता है।

सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। - 2 कुरिन्थियों 5:17 

बाइबल पाठ: यिर्मियाह 31:31-34
Jeremiah 31:31 फिर यहोवा की यह भी वाणी है, सुन, ऐसे दिन आने वाले हैं जब मैं इस्राएल और यहूदा के घरानों से नई वाचा बान्धूंगा। 
Jeremiah 31:32 वह उस वाचा के समान न होगी जो मैं ने उनके पुरखाओं से उस समय बान्धी थी जब मैं उनका हाथ पकड़ कर उन्हें मिस्र देश से निकाल लाया, क्योंकि यद्यपि मैं उनका पति था, तौभी उन्होंने मेरी वह वाचा तोड़ डाली। 
Jeremiah 31:33 परन्तु जो वाचा मैं उन दिनों के बाद इस्राएल के घराने से बान्धूंगा, वह यह है: मैं अपनी व्यवस्था उनके मन में समवाऊंगा, और उसे उनके हृदय पर लिखूंगा; और मैं उनका परमेश्वर ठहरूंगा, और वे मेरी प्रजा ठहरेंगे, यहोवा की यह वाणी है। 
Jeremiah 31:34 और तब उन्हें फिर एक दूसरे से यह न कहना पड़ेगा कि यहोवा को जानो, क्योंकि, यहोवा की यह वाणी है कि छोटे से ले कर बड़े तक, सब के सब मेरा ज्ञान रखेंगे; क्योंकि मैं उनका अधर्म क्षमा करूंगा, और उनका पाप फिर स्मरण न करूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 33-34
  • प्रेरितों 24