ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 4 जनवरी 2017

दुल्हन


   मैंने अनेक वैवाहिक अनुष्ठान संपन्न किए हैं। अधिकांशतः ये समारोह दुल्हन की इच्छाओं तथा सपनों के अनुसार नियोजित किए जाते हैं, और प्रत्येक विवाह समारोह अन्य सभी से भिन्न होता है। परन्तु सभी विवाह समारोहों में एक बात समान होती है: अपने विवाह वस्त्रों में सुशोभित, बालों को संवारे हुए, दमकते चेहरे के साथ प्रत्येक दुल्हन सभी को बहुत आकर्षक लगती है।

   मुझे यह रोचक लगता है कि परमेश्वर हम मसीही विश्वासियों को अपनी दुल्हन कहता है। चर्च, अर्थात मसीही विश्वासियों के समूह के सम्बंध में परमेश्वर के वचन बाइबल की प्रकाशितवाक्य पुस्तक में, प्रभु परमेश्वर कहता है, "...क्योंकि मेम्ने का ब्याह आ पहुंचा: और उस की पत्‍नी ने अपने आप को तैयार कर लिया है" (प्रकाशितवाक्य 19:7)।

   उन लोगों के लिए जो चर्च की दशा से निराश हैं, विचार करने के लिए यह एक बहुत महवपूर्ण बात है। मेरे पिता चर्च के पास्टर थे और मैं एक पास्टर का बेटा होकर बड़ा हुआ, स्वयं मैंने तीन चर्चों में पास्टर का कार्य किया है, और मैं सारे संसार भर के चर्चों में प्रचार कर चुका हूँ। मैंने पस्टरों और उनकी मण्डली के सदस्यों के लिए, चर्चों में विद्यमान गहरे और परेशान करनी वाली समस्याओं के विषय में, सलाहकार का कार्य किया है। इन सब बातों को देखते हुए, यद्यपि कई बार चर्च प्रेम करने योग्य नहीं लगते हैं, फिर भी चर्च के प्रति मेरा प्रेम कम नहीं हुआ है।

   परन्तु चर्च से प्रेम करने का मेरा कारण अवश्य बदल गया है। अब, चर्च जिसका है, मैं चर्च से सबसे अधिक प्रेम उसके कारण करता हूँ। चर्च मसीह यीशु का है; वह मसीह की दुल्हन है। क्योंकि चर्च मसीह के लिए बहुमूल्य है, वह मेरे लिए भी बहुमूल्य है। चर्च में चाहे जितने भी दोष, कितनी भी कमियाँ क्यों ना हों, वह चाहे कितना भी अपूर्ण क्यों ना हो, परन्तु मसीह यीशु का चर्च के प्रति प्रेम कभी कम नहीं होता; अपनी ऐसी दुल्हन के प्रति ऐसा महान प्रेम - यह कोई साधारण बात नहीं है! हमारे लिए यह कितने आदर की बात है कि मसीह यीशु हमें अपनी दुल्हन के समान देखना चाहता है, हमसे प्रेम करना चाहता है। - जो स्टोवैल


क्योंकि मसीह यीशु अपनी दुल्हन, चर्च से प्रेम रखता है, 
इसलिए हमें भी चर्च से प्रेम रखना चाहिए।

हे पतियों, अपनी अपनी पत्‍नी से प्रेम रखो, जैसा मसीह ने भी कलीसिया से प्रेम कर के अपने आप को उसके लिये दे दिया। कि उसको वचन के द्वारा जल के स्‍नान से शुद्ध कर के पवित्र बनाए। और उसे एक ऐसी तेजस्‍वी कलीसिया बना कर अपने पास खड़ी करे, जिस में न कलंक, न झुर्री, न कोई ऐसी वस्तु हो, वरन पवित्र और निर्दोष हो। - इफिसियों 5:25-27

बाइबल पाठ: प्रकाशितवाक्य 19:4-9
Revelation 19:4 और चौबीसों प्राचीनों और चारों प्राणियों ने गिर कर परमेश्वर को दण्‍डवत किया; जो सिंहासन पर बैठा था, और कहा, आमीन, हल्लिलूय्याह! 
Revelation 19:5 और सिंहासन में से एक शब्द निकला, कि हे हमारे परमेश्वर से सब डरने वाले दासों, क्या छोटे, क्या बड़े; तुम सब उस की स्‍तुति करो। 
Revelation 19:6 फिर मैं ने बड़ी भीड़ का सा, और बहुत जल का सा शब्द, और गर्जनों का सा बड़ा शब्द सुना, कि हल्लिलूय्याह! इसलिये कि प्रभु हमारा परमेश्वर, सर्वशक्तिमान राज्य करता है। 
Revelation 19:7 आओ, हम आनन्‍दित और मगन हों, और उस की स्‍तुति करें; क्योंकि मेम्ने का ब्याह आ पहुंचा: और उस की पत्‍नी ने अपने आप को तैयार कर लिया है। 
Revelation 19:8 और उसको शुद्ध और चमकदार महीन मलमल पहिनने का अधिकार दिया गया, क्योंकि उस महीन मलमल का अर्थ पवित्र लोगों के धर्म के काम हैं। 
Revelation 19:9 और उसने मुझ से कहा; यह लिख, कि धन्य वे हैं, जो मेम्ने के ब्याह के भोज में बुलाए गए हैं; फिर उसने मुझ से कहा, ये वचन परमेश्वर के सत्य वचन हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • उत्पत्ति 10-12
  • मत्ती 4