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बुधवार, 10 अप्रैल 2019

मित्र



      मैं बारह वर्ष का था जब हमारे परिवार का स्थानांतरण मरुभूमि में स्थित एक नगर में हुआ। मेरे नए स्कूल में व्यायाम की कक्षा के बाद, गर्मी के कारण हम सभी दौड़कर पीने के पानी के नल पर जाते थे, और पंक्ति बनाकर पानी पीने के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा करते थे। क्योंकि मैं अपनी आयु के लिए कक्षा के अन्य बच्चों से दुबला-पतला था, इसलिए कई बार मुझे धक्का देकर पंक्ति से बाहर कर दिया जाता था और कोई अन्य मेरे स्थान पर पानी पी लेता था। एक दिन मेरे एक मित्र, जोज़ ने, जो हट्टा-कट्टा था, मेरे साथ हो रही इस धक्का-मुक्की को देख लिया। वह तुरंत आया और अपनी मजबूत बाज़ू बीच में डालकर रौबदार आवाज़ में बोला, “सुनो! पहले बैंक्स को पानी पीने दो!” इसके बाद मुझे फिर कभी उस धक्का-मुक्की का सामना नहीं करना पड़ा।

      प्रभु यीशु मसीह भी दूसरों से मिलने वाले निर्दयी व्यवहार से भली-भांति अवगत थे। परमेश्वर के वचन बाइबल में उनके लिए आया है, “वह तुच्छ जाना जाता और मनुष्यों का त्यागा हुआ था; वह दु:खी पुरूष था, रोग से उसकी जान पहिचान थी; और लोग उस से मुख फेर लेते थे। वह तुच्छ जाना गया, और, हम ने उसका मूल्य न जाना” (यशायाह 53:3)। परन्तु प्रभु यीशु केवल दुखों से पीड़ित ही नहीं थे, वे हमारे सहायक भी बन गए। अपना जीवन बलिदान करने के द्वारा, प्रभु यीशु ने समस्त मानव जाति के लिए परमेश्वर के साथ संबंध स्थापित करने का एक नया और जीवता मार्ग बना कर दे दिया (इब्रानियों 10:20)। उन्होंने हमारे लिए वह किया जो हम अपने लिए कभी नहीं कर पाते – हमारे द्वारा पापों से पश्चाताप करने और प्रभु पर विश्वास लाकर, प्रभु से पापों की क्षमा माँगकर, अपना जीवन उन्हें समर्पित करने के द्वारा उद्धार का मुफ्त उपहार उपलब्ध करवा दिया।

      प्रभु यीशु मसीह हमारे सर्वोत्तम मित्र हैं। उन्होंने कहा, “जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा” (यूहन्ना 6:37)। हो सकता है कि कोई और हम से दूरी बनाए रखे, या हमें अपने पास से धकेल भी दे, परन्तु प्रभु परमेश्वर ने क्रूस पर जो बाहें हमारे लिए फैलाई हैं, वे सदा हमारा स्वागत करने के लिए खुली रहती हैं। हमारा मित्र, हमारा उद्धारकर्ता प्रभु परमेश्वर कैसा अद्भुत प्रेमी और सामर्थी है! – जेम्स बैंक्स


हमें प्रदान किए गए मुफ्त उपहार के लिए, परमेश्वर को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी।

परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13

बाइबल पाठ: इब्रानियों 10:19-23
Hebrews 10:19 सो हे भाइयो, जब कि हमें यीशु के लोहू के द्वारा उस नए और जीवते मार्ग से पवित्र स्थान में प्रवेश करने का हियाव हो गया है।
Hebrews 10:20 जो उसने परदे अर्थात अपने शरीर में से हो कर, हमारे लिये अभिषेक किया है,
Hebrews 10:21 और इसलिये कि हमारा ऐसा महान याजक है, जो परमेश्वर के घर का अधिकारी है।
Hebrews 10:22 तो आओ; हम सच्चे मन, और पूरे विश्वास के साथ, और विवेक का दोष दूर करने के लिये हृदय पर छिड़काव ले कर, और देह को शुद्ध जल से धुलवा कर परमेश्वर के समीप जाएं।
Hebrews 10:23 और अपनी आशा के अंगीकार को दृढ़ता से थामें रहें; क्योंकि जिसने प्रतिज्ञा किया है, वह सच्चा है।

एक साल में बाइबल:  
  • 1 शमूएल 15-16
  • लूका 10:25-42