ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 29 जुलाई 2014

काल्पनिक?


   मुझे इतिहास में बहुत रुचि है, इसलिए मैं इंगलैंड के प्रसिद्ध राजा आर्थर पर बने एक विशेष टेलिविज़न कार्यक्रम के क्रमवार प्रसार्ण को बड़े ध्यान से देख रहा था। उस कार्यक्रम में भाग लेने वाले अनेक इतिहासकार थे; राजा आर्थर, उसके साथी योद्धाओं और उसकी प्रसिद्ध गोल-मेज़ के बारे में उनकी बातचीत तथा परस्पर चर्चा से एक प्रमुख बात निकलकर सामने आई - प्रत्येक इतिहासकार ने बारंबार राजा आर्थर और उससे संबंधित प्रचलित बातों को या तो किवदंती कहा या मिथ्या बताया क्योंकि उन में से किसी बात के कोई एतिहासिक अथवा प्रत्यक्षदर्शी प्रमाण नहीं पाए जाते। राजा आर्थर से संबंधित सभी बातें अनेक अन्य किवदंतियों एवं भिन्न प्रचलित कथाओं को संकलित कर के एक व्यक्ति से जोड़कर प्रस्तुत किया गया विवरण प्रतीत होता है।

   किंतु प्रभु यीशु का जीवन और सुसमाचार ऐसा नहीं है; ना तो वह मिथ्या है और ना ही कोई किवदंती है। वह प्रत्यक्षदर्शी बातों और ऐतिहासिक प्रमाणों से भरी संसार की सबसे महान जीवन गाथा है। प्रेरित पौलुस ने मानव इतिहास की इस सबसे महत्वपूर्ण घटना - प्रभु यीशु के मृतकों में से पुनरुत्थान के विषय में लिखा कि यह घटना वास्तविक प्रत्यक्षदर्शी व्यक्तियों द्वारा समर्थित है, और प्रमाणस्वरूप उन चेलों के बारे में बताते हुए जिन्होंने प्रभु यीशु को मृतकों में से जी उठने के पश्चात देखा और उससे बातचीत करी, वह यह भी कहता है कि "फिर पांच सौ से अधिक भाइयों को एक साथ दिखाई दिया, जिन में से बहुतेरे अब तक वर्तमान हैं पर कितने सो गए" (1 कुरिन्थियों 15:6)। अर्थात, जिस समय पौलुस ने यह पत्री लिखी प्रभु यीशु के पुनरुत्थान के अनेक प्रत्यक्षदर्शी गवाह विद्यमान थे और इस बात को प्रमाणित करने के लिए जाँचे जाने को उपलब्ध थे।

   प्रभु यीशु का मृतकों में से पुनरुत्थान कोई काल्पनिक घटना नहीं है। यह मानव इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण और निर्णायक घटना है; यह वह तथ्य है जिसके प्रमाण जाँचे जाने के लिए आज भी प्रत्येक के लिए उपलब्ध हैं; और इस तथ्य के प्रति हमारा निर्णय हम सबके अनन्त भविष्य को निर्धारित करता है (प्रेरितों 17:30-31)। क्या आपने इस तथ्य को स्वीकार करके अपने अनन्त भविष्य को सुनिश्चित कर लिया है? - बिल क्राउडर


यीशु मसीह का पुनरुत्थान प्राचीन इतिहास का सर्वोत्त्म प्रमाणित तथ्य है। - आर्नल्ड

इसलिये परमेश्वर आज्ञानता के समयों में अनाकानी कर के, अब हर जगह सब मनुष्यों को मन फिराने की आज्ञा देता है। क्योंकि उसने एक दिन ठहराया है, जिस में वह उस मनुष्य के द्वारा धर्म से जगत का न्याय करेगा, जिसे उसने ठहराया है और उसे मरे हुओं में से जिलाकर, यह बात सब पर प्रामाणित कर दी है। - प्रेरितों 17:30-31

बाइबल पाठ: 1 कुरिन्थियों 15:1-11
1 Corinthians 15:1 हे भाइयों, मैं तुम्हें वही सुसमाचार बताता हूं जो पहिले सुना चुका हूं, जिसे तुम ने अंगीकार भी किया था और जिस में तुम स्थिर भी हो। 
1 Corinthians 15:2 उसी के द्वारा तुम्हारा उद्धार भी होता है, यदि उस सुसमाचार को जो मैं ने तुम्हें सुनाया था स्मरण रखते हो; नहीं तो तुम्हारा विश्वास करना व्यर्थ हुआ। 
1 Corinthians 15:3 इसी कारण मैं ने सब से पहिले तुम्हें वही बात पहुंचा दी, जो मुझे पहुंची थी, कि पवित्र शास्त्र के वचन के अनुसार यीशु मसीह हमारे पापों के लिये मर गया। 
1 Corinthians 15:4 ओर गाड़ा गया; और पवित्र शास्त्र के अनुसार तीसरे दिन जी भी उठा। 
1 Corinthians 15:5 और कैफा को तब बारहों को दिखाई दिया। 
1 Corinthians 15:6 फिर पांच सौ से अधिक भाइयों को एक साथ दिखाई दिया, जिन में से बहुतेरे अब तक वर्तमान हैं पर कितने सो गए। 
1 Corinthians 15:7 फिर याकूब को दिखाई दिया तब सब प्रेरितों को दिखाई दिया। 
1 Corinthians 15:8 और सब के बाद मुझ को भी दिखाई दिया, जो मानो अधूरे दिनों का जन्मा हूं। 
1 Corinthians 15:9 क्योंकि मैं प्रेरितों में सब से छोटा हूं, वरन प्रेरित कहलाने के योग्य भी नहीं, क्योंकि मैं ने परमेश्वर की कलीसिया को सताया था। 
1 Corinthians 15:10 परन्तु मैं जो कुछ भी हूं, परमेश्वर के अनुग्रह से हूं: और उसका अनुग्रह जो मुझ पर हुआ, वह व्यर्थ नहीं हुआ परन्तु मैं ने उन सब से बढ़कर परिश्रम भी किया: तौभी यह मेरी ओर से नहीं हुआ परन्तु परमेश्वर के अनुग्रह से जो मुझ पर था। 
1 Corinthians 15:11 सो चाहे मैं हूं, चाहे वे हों, हम यही प्रचार करते हैं, और इसी पर तुम ने विश्वास भी किया।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 7-9