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सोमवार, 1 जून 2015

ऊबाऊ


   हमारे बच्चे जब युवावस्था में थे तो चर्च के उनकी युवा-गुट की सभाओं के पश्चात एक ही बात बार-बार सामने आती: मैं उन से पूछता, "आज शाम तुम्हारे गुट की सभा कैसी रही?" और वे उत्तर देते, "ऊबा देने वाली!" जब कई सप्ताहों तक यही चलता रहा, तो मैं ने ठाना कि मैं स्वयं पता लगाऊँगा कि वास्तविकता क्या है। एक शाम मैं उनके स्भा-स्थल पर चुपचाप से आ गया, और उनकी गतिविधियों को छुप कर देखने लगा। मैंने देखा कि बच्चे एक दुसरे के साथ वार्तालाप कर रहे थे, हँस रहे थे, सभी गतिविधियों में भाग ले रहे थे; कुल मिलाकर उनका समय अच्छे से व्यतीत हो रहा था। उस शाम उनके घर आने पर मैंने फिर वही प्रश्न किया, और हमेशा की तरह उन्होंने फिर वही उत्तर दिया, कि वह ऊबा देने वाला था। तब मैंने उनसे कहा, "मैं वहाँ आया था और मैंने सब कुछ देखा; मैंने देखा कि तुम्हारा समय अच्छे से व्यतीत हो रहा था"। उन्होंने उत्तर दिया, "शायद आज की सभा कुछ अलग थी, वह और सभाओं जितनी ऊबाऊ नहीं थी।"

   मुझे समझ आया कि उनके यह स्वीकार ना करने के पीछे कि उनका समय अच्छे से व्यतीत होता था, कारण था चर्च के बाहर के अन्य साथियों की समानता में दिखने और यह सोच कि वे औरों के समान नहीं है का दबाव। इस बात ने मुझे भी अपने बारे में सोचने पर मजबूर किया कि उन बच्चों के समान ही, अपने मसीही विश्वास और आत्मिक बातों के संबंध में क्या मैं भी दूसरों के सामने उत्साहित दिखने से कतराता हूँ?

   इस पूरी सृष्टि में मसीह यीशु के व्यक्तित्व तथा सारे संसार के उद्धार के लिए किए गए उनके कार्य से बढ़कर उत्साहित करने वाली और कोई बात हो ही नहीं सकती। प्रभु यीशु ने कहा, "...मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं" (यूहन्ना 10:10); अब यह तो ऊबाऊ का बिलकुल विपरीत है, इसे तो ऊबा देने वाला नहीं माना जा सकता। हम चाहे किसी भी उम्र के क्यों ना हों, हमें हमारे उद्धारकर्ता प्रभु ने एक ऐसी भेंट प्रदान की है जो सदा आनन्द मनाते रहने के योग्य है।

   प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास द्वारा हमें मिलने वाली पापों की क्षमा, उद्धार, परमेश्वर की सन्तान बन जाने का गौरव, परमेश्वर की सुरक्षा, आशीष तथा सामर्थ की अविरल उपलब्धता और अनन्त काल की शान्ति तथा आनन्द आदि सब बातें हमेशा हमें उत्साहित बनाए रखने के लिए काफी हैं। - बिल क्राउडर


यदि आप मसीह यीशु के साथ जुड़ गए हैं तो आपके पास आनन्द मनाने के कारण सदा बने रहेंगे।

जैसे कि मनुष्य का पुत्र, वह इसलिये नहीं आया कि उस की सेवा टहल करी जाए, परन्तु इसलिये आया कि आप सेवा टहल करे और बहुतों की छुडौती के लिये अपने प्राण दे। - मत्ती 20:28 

बाइबल पाठ: यूहन्ना 10:7-14
John 10:7 तब यीशु ने उन से फिर कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि भेड़ों का द्वार मैं हूं। 
John 10:8 जितने मुझ से पहिले आए; वे सब चोर और डाकू हैं परन्तु भेड़ों ने उन की न सुनी। 
John 10:9 द्वार मैं हूं: यदि कोई मेरे द्वारा भीतर प्रवेश करे तो उद्धार पाएगा और भीतर बाहर आया जाया करेगा और चारा पाएगा। 
John 10:10 चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्‍ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि वे जीवन पाएं, और बहुतायत से पाएं। 
John 10:11 अच्छा चरवाहा मैं हूं; अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपना प्राण देता है। 
John 10:12 मजदूर जो न चरवाहा है, और न भेड़ों का मालिक है, भेड़िए को आते हुए देख, भेड़ों को छोड़कर भाग जाता है, और भेड़िय़ा उन्हें पकड़ता और तित्तर बित्तर कर देता है। 
John 10:13 वह इसलिये भाग जाता है कि वह मजदूर है, और उसको भेड़ों की चिन्‍ता नहीं। 
John 10:14 अच्छा चरवाहा मैं हूं; जिस तरह पिता मुझे जानता है, और मैं पिता को जानता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 15-16; 
  • यूहन्ना 12:27-50