मुझे पाँच तार वाला बैन्जो बजाना बहुत प्रीय है। लेकिन इस संगीत वाद्य में एक कमी है - उसका पांचवा तार बहुत ही सीमित एवं सरल स्वरों के साथ तालमेल बना सकता है। इसलिए संगीत वादक जब कुछ जटिल संगीत बजाना चाहते हैं तो बैन्जो बजाने वाले को सामंजस्य बनाने के लिए कुछ प्रयास करना पड़ता है, तालमेल बैठाना पड़ता है। किसी संगीत समारोह में अद्भुत संगीत लय देनी हो तो बैन्जो वादक को कुछ सामंजस्य और तालमेल बैठाना ही पड़ता हैं।
जैसे संगीत वादक, संगीत मण्डली के रूप में संगीत प्रस्तुत करने से पहले अपने अपने साज़ों में परस्पर सामंजस्य स्थापित करते हैं जिससे श्रोताओं के सामने अच्छा संगीत प्रस्तुत कर सकें, वैसे ही हम मसीही विश्वासियों को भी एक दूसरे के साथ सामंजस्य बैठाकर तालमेल के साथ परमेश्वर की सेवकाई को पूरा करना चाहिए। उदाहरणस्वरूप, जिन विश्वासियों को परमेश्वर के वचन को सिखाने का वरदान दिया गया है उन्हें उन लोगों के साथ सामंजस्य बैठाना चाहिए जिनका वरदान सभाएं आयोजित करना है और सभा स्थलों की सफाई और व्यवस्था बनाना है। हम सभी मसीही विश्वासियों को कोई ना कोई आत्मिक वरदान दिया गया है, और हम सबको ताल-मेल के साथ कार्य करके परमेश्वर के उद्देश्यों को पूरा करना है।
प्रेरित पतरस ने कहा, "जिस को जो वरदान मिला है, वह उसे परमेश्वर के नाना प्रकार के अनुग्रह के भले भण्डारियों की नाईं एक दूसरे की सेवा में लगाए" (1 पतरस 4:10)। भण्डारीपन के लिए परस्पर सहयोग होना चाहिए। पहले अपने आत्मिक वरदानों के बारे में विचार कीजिए (रोमियों 12; 1 कुरिन्थियों 12; इफिसियों 4; 1 पतरस 4); फिर विचार कीजिए कि आप अपने इन वरदानों का अन्य संगी विश्वासियों के वरदानों के साथ सामंजस्य कैसे बना सकते हैं जिससे सब कार्य सुचारू रीति से हो सके। जब हमारे आत्मिक वरदान एक दूसरे के पूरक होकर कार्य करेंगे तो परिणाम परमेश्वर की महिमा और हमारा परस्पर तालमेल होगा। - डेनिस फिशर
मसीह यीशु के साथ सामंजस्य बनाए रखने से चर्च में परस्पर तालमेल बना रहता है।
और उसने कितनों को भविष्यद्वक्ता नियुक्त कर के, और कितनों को सुसमाचार सुनाने वाले नियुक्त कर के, और कितनों को रखवाले और उपदेशक नियुक्त कर के दे दिया। जिस से पवित्र लोग सिद्ध हों जाएं, और सेवा का काम किया जाए, और मसीह की देह उन्नति पाए। - इफिसियों 4:11-12
बाइबल पाठ: 1 पतरस 4:7-11
1 Peter 4:7 सब बातों का अन्त तुरन्त होने वाला है; इसलिये संयमी हो कर प्रार्थना के लिये सचेत रहो।
1 Peter 4:8 और सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो; क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढांप देता है।
1 Peter 4:9 बिना कुड़कुड़ाए एक दूसरे की पहुनाई करो।
1 Peter 4:10 जिस को जो वरदान मिला है, वह उसे परमेश्वर के नाना प्रकार के अनुग्रह के भले भण्डारियों की नाईं एक दूसरे की सेवा में लगाए।
1 Peter 4:11 यदि कोई बोले, तो ऐसा बोले, मानों परमेश्वर का वचन है; यदि कोई सेवा करे; तो उस शक्ति से करे जो परमेश्वर देता है; जिस से सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो: महिमा और साम्राज्य युगानुयुग उसी की है। आमीन।
एक साल में बाइबल:
- निर्गमन 1-3
- मत्ती 14:1-21