मैंने एक रिपोर्ट पढ़ी जिसमें दो तथाकथित "विशेष्ज्ञ" इस निष्कर्ष पर पहुँचे थे कि दैत्याकार और अति सामर्थी समझे जाने वाला गोलियत, जिसे दाउद ने युद्ध में हराया और मार डाला, वासत्व में एक कमज़ोर और रोगी व्यक्ति था; उसे मस्तिष्क के अन्दर एक ग्रंथी में रसौली थी जिसके कारण उसका शरीर दैत्याकार हो गया और उसकी नज़र कमज़ोर हो गई, इस कारण वह दाउद द्वारा गोफन से फेंका हुआ पत्थर नहीं देख सका और माथे पर लगी उस पत्थर की चोट से मारा गया।
लेकिन यथार्थ इससे बिलकुल भिन्न है। जिस मस्तिष्क रोग की बात ये तथाकथित "विशेष्ज्ञ" कर रहे हैं, उससे पीड़ित रोगी ठीक से चल नहीं सकता और शरीर के विशाल हो जाने के बावजूद इन रोगियों में एक साधारण मनुष्य के बाराबर भी ताकत नहीं रह जाती। लेकिन गोलियत कोई कमज़ोर मनुष्य नहीं था - वह जो कवच पहनता था केवल उसीका वज़न लगभग ६० किलो था, और उसके भाले के सिरे का वज़न लगभग ७ किलो था। यदि गोलियत वासत्व में रोग से ग्रसित कमज़ोर मनुष्य होता तो इतना वज़न उठा कर चलना उसके लिए संभव नहीं होता।
इस संदर्भ में गोलियत से संबंधित कुछ अन्य बातें भी विचारने योग्य हैं, वह एक प्रबल योद्धा था और समस्त इस्त्राएली उससे डरे हुए थे और उसकी लकार का सामना करने की उनमें हिम्मत नहीं थी। इस्त्राएलियों के दुश्मन फिलिस्तियों ने गोलियत को अपना नायक बना कर युद्ध में उतारा और इस्त्राएलियों को चुनौती दी। कोई सेनापति किसी बीमार और कमज़ोर नज़र वाले व्यक्ति को कभी इस तरह युद्ध में नहीं उतारता और न ही ऐसे बीमार योद्धा की चुनौती से कोई विरोधी भयभीत होता।
अवश्य ही परमेश्वर की सहायता के बिना दाउद के लिए गोलियत को मारना संभव नहीं था, और परमेश्वर में विश्वास के बिना दाउद के लिए गोलियत की चुनौती स्वीकार करके उससे लड़ने युद्ध में उतरना भी संभव नहीं था। दाउद ने केवल परमेश्वर पर विश्वास और परमेश्वर की सहायता के द्वारा गोलियत पर अद्भुत विजय प्राप्त करी।
प्रभु यीशु के अनुयायी चाहे दैत्याकार मनुष्यों अथवा शत्रुओं से शारीरिक युद्ध में संलग्न नहीं हैं, लेकिन उनका एक ऐसा युद्ध है जो निरंतर चलता रहता है और वह भी एक ऐसे शत्रु से जो गोलियत से कहीं अधिक सामर्थी है - वे अपने विरुद्ध शैतान के हमलों का आत्मिक युद्ध अविराम लड़ते रहते हैं, क्योंकि शैतान बार बार और अनेक उपायों से उन्हें पाप और परमेश्वर विरोधी कार्यों में फंसाना चाहता है।
हमारा परमेश्वर सर्वसामर्थी है। दाउद के समान हमें भी उसपर और उसकी सामर्थ पर विश्वास रखना है और तब हम शैतान और उसके षड़यंत्रों पर विजयी हो सकेंगे। जिसने दाउद को दैत्याकार गोलियत पर विजयी किया वही हमें शैतान पर भी विजयी करेगा।
हमारा परमेश्वर और उस पर हमारा विश्वास ही हमारे विजयी होने का आधार है। - हर्ब वैन्डर लुग्ट
दाऊद ने पलिश्ती से कहा, तू तो तलवार और भाला और सांग लिए हुए मेरे पास आता है परन्तु मैं सेनाओं के यहोवा के नाम से तेरे पास आता हूं, जो इस्राएली सेना का परमेश्वर है, और उसी को तू ने ललकारा है। - १ शमूएल १७:४५
बाइबल पाठ: १ शमूएल १७:३२-५४
1Sa 17:32 तब दाऊद ने शाऊल से कहा, किसी मनुष्य का मन उसके कारण कच्चा न हो; तेरा दास जाकर उस पलिश्ती से लड़ेगा।
1Sa 17:33 शाऊल ने दाऊद से कहा, तू जाकर उस पलिश्ती के विरूद्ध नहीं युद्ध कर सकता क्योंकि तू तो लड़का ही है, और वह लड़कपन ही से योद्धा है।
1Sa 17:34 दाऊद ने शाऊल से कहा, तेरा दास अपने पिता की भेड़ बकरियां चराता था, और जब कोई सिंह वा भालू झुंड में से मेम्ना उठा ले गया,
1Sa 17:35 तब मैं ने उसका पीछा करके उसे मारा, और मेम्ने को उसके मुंह से छुड़ाया और जब उस ने मुझ पर चढ़ाई की, तब मैं ने उसके केश को पकड़कर उसे मार डाला।
1Sa 17:36 तेरे दास ने सिंह और भालू दोनों को मार डाला और वह खतनारहित पलिश्ती उनके समान हो जाएगा, क्योंकि उस ने जीवित परमेश्वर की सेना को ललकारा है।
1Sa 17:37 फिर दाऊद ने कहा, यहोवा जिस ने मुझे सिंह और भालू दोनों के पंजे से बचाया है, वह मुझे उस पलिश्ती के हाथ से भी बचाएगा। शाऊल ने दाऊद से कहा, जा, यहोवा तेरे साथ रहे।
1Sa 17:38 तब शाऊल ने अपने वस्त्र दाऊद को पहिनाए, और पीतल का टोप उसके सिर पर रख दिया, और झिलम उसको पहिनाया।
1Sa 17:39 और दाऊद ने उसकी तलवार वस्त्र के ऊपर कसी, और चलने का यत्न किया, उस ने तो उनको न परखा था। इसलिथे दाऊद ने शाऊल से कहा, इन्हें पहिने हुए मुझ से चला नहीं जाता, क्योंकि मैं ने नहीं परखा। और दाऊद ने उन्हें उतार दिया।
1Sa 17:40 तब उस ने अपनी लाठी हाथ में ले नाले में से पांच चिकने पत्थर छांट कर अपनी चरवाही की थैली, अर्थात अपने झोले में रखे और अपना गोफन हाथ में लेकर पलिश्ती के निकट चला।
1Sa 17:41 और पलिश्ती चलते चलते दाऊद के निकट पहुंचने लगा, और जो जन उसकी बड़ी ढाल लिए था वह उसके आगे आगे चला।
1Sa 17:42 जब पलिश्ती ने दृष्टि करके दाऊद को देखा, तब उसे तुच्छ जाना क्योंकि वह लड़का ही था, और उसके मुख पर लाली झलकती थी, और वह सुन्दर था।
1Sa 17:43 तब पलिश्ती ने दाऊद से कहा, क्या मैं कुत्ता हूं, कि तू लाठी लेकर मेरे पास आता है? तब पलिश्ती अपने देवताओं के नाम लेकर दाऊद को कोसने लगा।
1Sa 17:44 फिर पलिश्ती ने दाऊद से कहा, मेरे पास आ, मैं तेरा मांस आकाश के पक्षियों और बनपशुओं को दे दूंगा।
1Sa 17:45 दाऊद ने पलिश्ती से कहा, तू तो तलवार और भाला और सांग लिए हुए मेरे पास आता है परन्तु मैं सेनाओं के यहोवा के नाम से तेरे पास आता हूं, जो इस्राएली सेना का परमेश्वर है, और उसी को तू ने ललकारा है।
1Sa 17:46 आज के दिन यहोवा तुझ को मेरे हाथ में कर देगा, और मैं तुझ को मारूंगा, और तेरा सिर तेरे धड़ से अलग करूंगा और मैं आज के दिन पलिश्ती सेना की लोथें आकाश के पक्षियों और पृथ्वी के जीव जन्तुओं को दे दूंगा; तब समस्त पृथ्वी के लोग जान लेंगे कि इस्राएल में एक परमेश्वर है।
1Sa 17:47 और यह समस्त मण्डली जान लेगी की यहोवा तलवार वा भाले के द्वारा जयवन्त नहीं करता, इसलिये कि संग्राम तो यहोवा का है, और वही तुम्हें हमारे हाथ में कर देगा।
1Sa 17:48 जब पलिश्ती उठकर दाऊद का साम्हना करने के लिये निकट आया, तब दाऊद सेना की ओर पलिश्ती का साम्हना करने के लिये फुर्ती से दौड़ा।
1Sa 17:49 फिर दाऊद ने अपनी थैली में हाथ डालकर उस में से एक पत्थर निकाला, और उसे गोफन में रखकर पलिश्ती के माथे पर ऐसा मारा कि पत्थर उसके माथे के भीतर घुस गया, और वह भूमि पर मुंह के बल गिर पड़ा।
1Sa 17:50 यों दाऊद ने पलिश्ती पर गोफन और एक ही पत्थर के द्वारा प्रबल होकर उसे मार डाला परन्तु दाऊद के हाथ में तलवार न थी।
1Sa 17:51 तब दाऊद दौड़कर पलिश्ती के ऊपर खड़ा हुआ, और उसकी तलवार पकड़कर मियान से खींची, और उसको घात किया, और उसका सिर उसी तलवार से काट डाला। यह देखकर कि हमारा वीर मर गया पलिश्ती भाग गए।
1Sa 17:52 इस पर इस्राएली और यहूदी पुरूष ललकार उठे, और गत और एक्रोन से फाटकों तक पलिश्तियों का पीछा करते गए, और घायल पलिश्ती शारैम के मार्ग में और गत और एक्रोन तक गिरते गए।
1Sa 17:53 तब इस्राएली पलिश्तियों का पीछा छोड़कर लौट आए, और उनके डेरों को लूट लिया।
1Sa 17:54 और दाऊद पलिश्ती का सिर यरूशलेम में ले गया और उसके हथियार अपने डेरे में धर लिए।
एक साल में बाइबल:
लेकिन यथार्थ इससे बिलकुल भिन्न है। जिस मस्तिष्क रोग की बात ये तथाकथित "विशेष्ज्ञ" कर रहे हैं, उससे पीड़ित रोगी ठीक से चल नहीं सकता और शरीर के विशाल हो जाने के बावजूद इन रोगियों में एक साधारण मनुष्य के बाराबर भी ताकत नहीं रह जाती। लेकिन गोलियत कोई कमज़ोर मनुष्य नहीं था - वह जो कवच पहनता था केवल उसीका वज़न लगभग ६० किलो था, और उसके भाले के सिरे का वज़न लगभग ७ किलो था। यदि गोलियत वासत्व में रोग से ग्रसित कमज़ोर मनुष्य होता तो इतना वज़न उठा कर चलना उसके लिए संभव नहीं होता।
इस संदर्भ में गोलियत से संबंधित कुछ अन्य बातें भी विचारने योग्य हैं, वह एक प्रबल योद्धा था और समस्त इस्त्राएली उससे डरे हुए थे और उसकी लकार का सामना करने की उनमें हिम्मत नहीं थी। इस्त्राएलियों के दुश्मन फिलिस्तियों ने गोलियत को अपना नायक बना कर युद्ध में उतारा और इस्त्राएलियों को चुनौती दी। कोई सेनापति किसी बीमार और कमज़ोर नज़र वाले व्यक्ति को कभी इस तरह युद्ध में नहीं उतारता और न ही ऐसे बीमार योद्धा की चुनौती से कोई विरोधी भयभीत होता।
अवश्य ही परमेश्वर की सहायता के बिना दाउद के लिए गोलियत को मारना संभव नहीं था, और परमेश्वर में विश्वास के बिना दाउद के लिए गोलियत की चुनौती स्वीकार करके उससे लड़ने युद्ध में उतरना भी संभव नहीं था। दाउद ने केवल परमेश्वर पर विश्वास और परमेश्वर की सहायता के द्वारा गोलियत पर अद्भुत विजय प्राप्त करी।
प्रभु यीशु के अनुयायी चाहे दैत्याकार मनुष्यों अथवा शत्रुओं से शारीरिक युद्ध में संलग्न नहीं हैं, लेकिन उनका एक ऐसा युद्ध है जो निरंतर चलता रहता है और वह भी एक ऐसे शत्रु से जो गोलियत से कहीं अधिक सामर्थी है - वे अपने विरुद्ध शैतान के हमलों का आत्मिक युद्ध अविराम लड़ते रहते हैं, क्योंकि शैतान बार बार और अनेक उपायों से उन्हें पाप और परमेश्वर विरोधी कार्यों में फंसाना चाहता है।
हमारा परमेश्वर सर्वसामर्थी है। दाउद के समान हमें भी उसपर और उसकी सामर्थ पर विश्वास रखना है और तब हम शैतान और उसके षड़यंत्रों पर विजयी हो सकेंगे। जिसने दाउद को दैत्याकार गोलियत पर विजयी किया वही हमें शैतान पर भी विजयी करेगा।
हमारा परमेश्वर और उस पर हमारा विश्वास ही हमारे विजयी होने का आधार है। - हर्ब वैन्डर लुग्ट
हमारे विरुद्ध उठने वाली कोई भी परिस्थिति हमारी सामर्थ के बाहर तो हो सकती है, लेकिन हमारे परमेश्वर के संसाधानों के बाहर कभी नहीं हो सकती।
दाऊद ने पलिश्ती से कहा, तू तो तलवार और भाला और सांग लिए हुए मेरे पास आता है परन्तु मैं सेनाओं के यहोवा के नाम से तेरे पास आता हूं, जो इस्राएली सेना का परमेश्वर है, और उसी को तू ने ललकारा है। - १ शमूएल १७:४५
बाइबल पाठ: १ शमूएल १७:३२-५४
1Sa 17:32 तब दाऊद ने शाऊल से कहा, किसी मनुष्य का मन उसके कारण कच्चा न हो; तेरा दास जाकर उस पलिश्ती से लड़ेगा।
1Sa 17:33 शाऊल ने दाऊद से कहा, तू जाकर उस पलिश्ती के विरूद्ध नहीं युद्ध कर सकता क्योंकि तू तो लड़का ही है, और वह लड़कपन ही से योद्धा है।
1Sa 17:34 दाऊद ने शाऊल से कहा, तेरा दास अपने पिता की भेड़ बकरियां चराता था, और जब कोई सिंह वा भालू झुंड में से मेम्ना उठा ले गया,
1Sa 17:35 तब मैं ने उसका पीछा करके उसे मारा, और मेम्ने को उसके मुंह से छुड़ाया और जब उस ने मुझ पर चढ़ाई की, तब मैं ने उसके केश को पकड़कर उसे मार डाला।
1Sa 17:36 तेरे दास ने सिंह और भालू दोनों को मार डाला और वह खतनारहित पलिश्ती उनके समान हो जाएगा, क्योंकि उस ने जीवित परमेश्वर की सेना को ललकारा है।
1Sa 17:37 फिर दाऊद ने कहा, यहोवा जिस ने मुझे सिंह और भालू दोनों के पंजे से बचाया है, वह मुझे उस पलिश्ती के हाथ से भी बचाएगा। शाऊल ने दाऊद से कहा, जा, यहोवा तेरे साथ रहे।
1Sa 17:38 तब शाऊल ने अपने वस्त्र दाऊद को पहिनाए, और पीतल का टोप उसके सिर पर रख दिया, और झिलम उसको पहिनाया।
1Sa 17:39 और दाऊद ने उसकी तलवार वस्त्र के ऊपर कसी, और चलने का यत्न किया, उस ने तो उनको न परखा था। इसलिथे दाऊद ने शाऊल से कहा, इन्हें पहिने हुए मुझ से चला नहीं जाता, क्योंकि मैं ने नहीं परखा। और दाऊद ने उन्हें उतार दिया।
1Sa 17:40 तब उस ने अपनी लाठी हाथ में ले नाले में से पांच चिकने पत्थर छांट कर अपनी चरवाही की थैली, अर्थात अपने झोले में रखे और अपना गोफन हाथ में लेकर पलिश्ती के निकट चला।
1Sa 17:41 और पलिश्ती चलते चलते दाऊद के निकट पहुंचने लगा, और जो जन उसकी बड़ी ढाल लिए था वह उसके आगे आगे चला।
1Sa 17:42 जब पलिश्ती ने दृष्टि करके दाऊद को देखा, तब उसे तुच्छ जाना क्योंकि वह लड़का ही था, और उसके मुख पर लाली झलकती थी, और वह सुन्दर था।
1Sa 17:43 तब पलिश्ती ने दाऊद से कहा, क्या मैं कुत्ता हूं, कि तू लाठी लेकर मेरे पास आता है? तब पलिश्ती अपने देवताओं के नाम लेकर दाऊद को कोसने लगा।
1Sa 17:44 फिर पलिश्ती ने दाऊद से कहा, मेरे पास आ, मैं तेरा मांस आकाश के पक्षियों और बनपशुओं को दे दूंगा।
1Sa 17:45 दाऊद ने पलिश्ती से कहा, तू तो तलवार और भाला और सांग लिए हुए मेरे पास आता है परन्तु मैं सेनाओं के यहोवा के नाम से तेरे पास आता हूं, जो इस्राएली सेना का परमेश्वर है, और उसी को तू ने ललकारा है।
1Sa 17:46 आज के दिन यहोवा तुझ को मेरे हाथ में कर देगा, और मैं तुझ को मारूंगा, और तेरा सिर तेरे धड़ से अलग करूंगा और मैं आज के दिन पलिश्ती सेना की लोथें आकाश के पक्षियों और पृथ्वी के जीव जन्तुओं को दे दूंगा; तब समस्त पृथ्वी के लोग जान लेंगे कि इस्राएल में एक परमेश्वर है।
1Sa 17:47 और यह समस्त मण्डली जान लेगी की यहोवा तलवार वा भाले के द्वारा जयवन्त नहीं करता, इसलिये कि संग्राम तो यहोवा का है, और वही तुम्हें हमारे हाथ में कर देगा।
1Sa 17:48 जब पलिश्ती उठकर दाऊद का साम्हना करने के लिये निकट आया, तब दाऊद सेना की ओर पलिश्ती का साम्हना करने के लिये फुर्ती से दौड़ा।
1Sa 17:49 फिर दाऊद ने अपनी थैली में हाथ डालकर उस में से एक पत्थर निकाला, और उसे गोफन में रखकर पलिश्ती के माथे पर ऐसा मारा कि पत्थर उसके माथे के भीतर घुस गया, और वह भूमि पर मुंह के बल गिर पड़ा।
1Sa 17:50 यों दाऊद ने पलिश्ती पर गोफन और एक ही पत्थर के द्वारा प्रबल होकर उसे मार डाला परन्तु दाऊद के हाथ में तलवार न थी।
1Sa 17:51 तब दाऊद दौड़कर पलिश्ती के ऊपर खड़ा हुआ, और उसकी तलवार पकड़कर मियान से खींची, और उसको घात किया, और उसका सिर उसी तलवार से काट डाला। यह देखकर कि हमारा वीर मर गया पलिश्ती भाग गए।
1Sa 17:52 इस पर इस्राएली और यहूदी पुरूष ललकार उठे, और गत और एक्रोन से फाटकों तक पलिश्तियों का पीछा करते गए, और घायल पलिश्ती शारैम के मार्ग में और गत और एक्रोन तक गिरते गए।
1Sa 17:53 तब इस्राएली पलिश्तियों का पीछा छोड़कर लौट आए, और उनके डेरों को लूट लिया।
1Sa 17:54 और दाऊद पलिश्ती का सिर यरूशलेम में ले गया और उसके हथियार अपने डेरे में धर लिए।
एक साल में बाइबल:
- १ राजा ८-९
- लूका २१:१-१९