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बुधवार, 25 मार्च 2015

बोझ


   बहुत सवेरे, जब अंधेरा ही था, मैंने अपनी कार को स्टार्ट किया, तो कार की सूचक बत्ती ने दिखाना आरंभ कर दिया कि सीटबेल्ट लगा हुआ नहीं है। मैंने ध्यान से अपने सीट बेल्ट को देखा, उसको खींच कर भी देखा - सब सही था; फिर मैंने कार के दरवाज़ों पर ध्यान किया, उन्हें खोल कर फिर से बन्द किया, सब कुछ ठीक था किंतु वह बत्ती बुझ ही नहीं रही थी। फिर मेरा ध्यान अपनी सीट के साथ वाली दूसरी सीट पर रखे हुए अपने पर्स-बैग की ओर गया; मैंने धीरे से उस बैग को सीट से ऊपर उठाया और वह बत्ती बन्द हो गई! बात यह हुई कि उस बैग में रखे मेरे सेल फोन, सिक्कों की ढेरों चिल्लर, एक मोटे कवर वाली वज़नी किताब और मेरे दोपहर के भोजन इत्यादी का कुल बोझ इतना हो गया था कि सीट में लगे यंत्रों ने उसे सीट पर बैठी एक छोटी सवारी समझ लिया, और क्योंकि उस ’सवारी’ ने सीट बेल्ट नहीं लगाया हुआ था इसलिए कार की सूचक बत्ती मुझे सचेत किए जा रही थी कि सीट बेल्ट लगा लूँ!

   मेरे लिए अपने बैग को खोल कर के उसके बोझ को कम कर देना कोई कठिन बात नहीं थी; लेकिन कुछ अन्य बोझ हैं जिन्हें इतनी सरलता से हटाया नहीं जा सकता, हलका नहीं किया जा सकता। ऐसे बोझ जीवन को बोझिल तथा आत्मा को उदास कर देते हैं। चाहे वह बोझ पाप-बोध का हो, जैसा दाऊद ने अपने दुषकर्मों के कारण अनुभव किया (भजन 32:1-6); या उस भय का हो जैसा पतरस ने प्रभु यीशु का इन्कार करते समय अनुभव किया (मत्ती 26:20-35); या फिर शक का हो जैसा थोमा ने प्रभु यीशु के पुनरुत्थान पर अविश्वास करने से अनुभव किया (यूहन्ना 20:24-29)। लेकिन प्रभु यीशु का सभी लोगों से सभी प्रकार के बोझों के लिए निमंत्रण है: "हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा" (मत्ती 11:28)।

   हमारी सृष्टि अकेले ही बोझ उठाते रहने के लिए नहीं हुई है; इसलिए जब हम अपने बोझों को उसे, अर्थात प्रभु यीशु को, सौंप देते हैं जो हमारी सहायता करना तथा हमारे बोझ को उठाना चाहता है (भजन 68:19; 1 पतरस 5:7), तब वह उन बोझों को अपने ऊपर लेकर उनके स्थान पर हमें अपनी क्षमा, चंगाई और शांति देता है। प्रभु यीशु के लिए ना तो कोई बोझ भारी है, ना कोई व्यक्ति सहायता के लिए अनुपयुक्त और ना ही कोई ऐसा बोझ है जिसे वह उठाना नहीं चाहता। उसका यह खुला निमंत्रण सबके लिए, उनके सभी बोझों के लिए है - इस निमंत्रण को व्यर्थ ना जानें दें। - सिंडी हैस कैसपर


जो कुछ भी आपको बोझिल करे, उसे निःसंकोच प्रभु यीशु को सौंप दीजिए।

धन्य है प्रभु, जो प्रति दिन हमारा बोझ उठाता है; वही हमारा उद्धारकर्ता ईश्वर है। - भजन 68:19

बाइबल पाठ: भजन 32:1-6; मत्ती 11:28-30
Psalms 32:1 क्या ही धन्य है वह जिसका अपराध क्षमा किया गया, और जिसका पाप ढ़ाँपा गया हो। 
Psalms 32:2 क्या ही धन्य है वह मनुष्य जिसके अधर्म का यहोवा लेखा न ले, और जिसकी आत्मा में कपट न हो।
Psalms 32:3 जब मैं चुप रहा तब दिन भर कराहते कराहते मेरी हडि्डयां पिघल गई। 
Psalms 32:4 क्योंकि रात दिन मैं तेरे हाथ के नीचे दबा रहा; और मेरी तरावट धूप काल की सी झुर्राहट बनती गई।
Psalms 32:5 जब मैं ने अपना पाप तुझ पर प्रगट किया और अपना अधर्म न छिपाया, और कहा, मैं यहोवा के साम्हने अपने अपराधों को मान लूंगा; तब तू ने मेरे अधर्म और पाप को क्षमा कर दिया।
Psalms 32:6 इस कारण हर एक भक्त तुझ से ऐसे समय में प्रार्थना करे जब कि तू मिल सकता है। निश्चय जब जल की बड़ी बाढ़ आए तौभी उस भक्त के पास न पहुंचेगी। 

Matthew 11:28 हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा। 
Matthew 11:29 मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे। 
Matthew 11:30 क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 19-21
  • लूका 2:25-52