पुरानी आदतों को छोड़ पाना बहुत कठिन होता है जताने के लिए भिन्न भाषाओं में भिन्न कहावतें हैं; जैसे कि अंग्रेज़ी में कहावत है: "बूढ़े कुत्ते को नए करतब नहीं सिखाए जा सकते।" फ्रेंच में कहावत है: "बूढ़े बन्दर को मसखरी करना सिखाया नहीं जा सकता है।" स्पैनिश की कहावत है: "बूढ़ा तोता नई बोली नहीं सीख सकता है।"
जब प्रभु यीशु ने यहूदी धर्म के अगुवों के एक सरदार नीकुदेमस से, जो अपनी शंकाओं के समाधान के लिए प्रभु यीशु के पास आया था, कहा कि परमेश्वर का राज्य देखने और उसमें प्रवेश करने के लिए उसे नया जन्म लेना अनिवार्य है, तो निकुदेमस का उत्तर था, "...मनुष्य जब बूढ़ा हो गया, तो क्योंकर जन्म ले सकता है? क्या वह अपनी माता के गर्भ में दूसरी बार प्रवेश कर के जन्म ले सकता है?" (यूहन्ना 3:4)। लेखक और प्रोफेसर मेरिल टेन्नी ने परमेश्वर के वचन बाइबल के इस खण्ड की व्याखया करते हुए कहा है कि नीकुदेमस के कहने का तात्पर्य था कि "मैं स्वीकार करता हूँ कि नया जन्म पाना अनिवार्य है, परन्तु बदलने के लिए अब मैं बहुत बूढ़ा हो चुका हूँ; जीवन की मेरी शैली नियमित हो चुकी है। शारीरिक रीति से दोबारा जन्म लेना असम्भव है, और मानसिक रीति से ऐसा हो पाने की संभावना बहुत कम है....क्या इस विषय को लेकर मेरी स्थिति असंभव नहीं है?"
परन्तु प्रभु यीशु के उत्तर में कोई परिवर्तन नहीं हुआ, और उन्होंने नीकुदेमस को समझाते हुए प्रभु पर विश्वास करने पर ज़ोर दिया। निकुदेमस को दिए प्रभु यीशु के उत्तर में बाइबल का सबसे अधिक उध्दत किया जाने वाला पद भी था: "क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए" (यूहन्ना 3:16)। प्रभु की ओर से नया जन्म पाने और परमेश्वर के साथ एक नया आरंभ करने की आवश्यकता सारे संसार को, अर्थात सभी को है, और नया जन्म पाने का उसका यह प्रस्ताव सभी के लिए खुला है, वह सबको स्वीकार करने को तैयार है, यदि वे विश्वास और पश्चाताप के साथ उसके पास आते हैं।
आज हमारी आयु या परिस्थिति कैसी भी क्यों ना हो, प्रभु परमेश्वर की सामर्थ तथा मार्गदर्शन द्वारा हमारे लिए नया जन्म पाना संभव है, हमारे लिए परमेश्वर के राज्य में प्रवेश संभव है, हमारे लिए परिवर्तन संभव है। - डेविड मैक्कैसलैंड
क्योंकि परमेश्वर सर्वसामर्थी है, इसलिए परिवर्तन संभव है।
जो कुछ पिता मुझे देता है वह सब मेरे पास आएगा, उसे मैं कभी न निकालूंगा। - यूहन्ना 6:37
बाइबल पाठ: यूहन्ना 3:1-16
John 3:1 फरीसियों में से नीकुदेमुस नाम एक मनुष्य था, जो यहूदियों का सरदार था।
John 3:2 उसने रात को यीशु के पास आकर उस से कहा, हे रब्बी, हम जानते हैं, कि तू परमेश्वर की ओर से गुरू हो कर आया है; क्योंकि कोई इन चिन्हों को जो तू दिखाता है, यदि परमेश्वर उसके साथ न हो, तो नहीं दिखा सकता।
John 3:3 यीशु ने उसको उत्तर दिया; कि मैं तुझ से सच सच कहता हूं, यदि कोई नये सिरे से न जन्मे तो परमेश्वर का राज्य देख नहीं सकता।
John 3:4 नीकुदेमुस ने उस से कहा, मनुष्य जब बूढ़ा हो गया, तो क्योंकर जन्म ले सकता है? क्या वह अपनी माता के गर्भ में दूसरी बार प्रवेश कर के जन्म ले सकता है?
John 3:5 यीशु ने उत्तर दिया, कि मैं तुझ से सच सच कहता हूं; जब तक कोई मनुष्य जल और आत्मा से न जन्मे तो वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता।
John 3:6 क्योंकि जो शरीर से जन्मा है, वह शरीर है; और जो आत्मा से जन्मा है, वह आत्मा है।
John 3:7 अचम्भा न कर, कि मैं ने तुझ से कहा; कि तुम्हें नये सिरे से जन्म लेना अवश्य है।
John 3:8 हवा जिधर चाहती है उधर चलती है, और तू उसका शब्द सुनता है, परन्तु नहीं जानता, कि वह कहां से आती और किधर को जाती है? जो कोई आत्मा से जन्मा है वह ऐसा ही है।
John 3:9 नीकुदेमुस ने उसको उत्तर दिया; कि ये बातें क्योंकर हो सकती हैं?
John 3:10 यह सुनकर यीशु ने उस से कहा; तू इस्त्राएलियों का गुरू हो कर भी क्या इन बातों को नहीं समझता?
John 3:11 मैं तुझ से सच सच कहता हूं कि हम जो जानते हैं, वह कहते हैं, और जिसे हम ने देखा है उस की गवाही देते हैं, और तुम हमारी गवाही ग्रहण नहीं करते।
John 3:12 जब मैं ने तुम से पृथ्वी की बातें कहीं, और तुम प्रतीति नहीं करते, तो यदि मैं तुम से स्वर्ग की बातें कहूं, तो फिर क्योंकर प्रतीति करोगे?
John 3:13 और कोई स्वर्ग पर नहीं चढ़ा, केवल वही जो स्वर्ग से उतरा, अर्थात मनुष्य का पुत्र जो स्वर्ग में है।
John 3:14 और जिस रीति से मूसा ने जंगल में सांप को ऊँचे पर चढ़ाया, उसी रीति से अवश्य है कि मनुष्य का पुत्र भी ऊँचे पर चढ़ाया जाए।
John 3:15 ताकि जो कोई विश्वास करे उस में अनन्त जीवन पाए।
John 3:16 क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।
एक साल में बाइबल:
- उत्पत्ति 25-26
- मत्ती 8:1-17