अपने इंगलैंड भ्रमण के दौरान मैंने एक स्थान से वहाँ के प्रसिद्ध बोन चाईना से बने कुछ मग स्मृति-चिन्ह के लिए खरीदे। मैं उनका प्रयोग बहुत सावधानी से करती थी, किंतु फिर भी एक गिरकर टूट ही गया। हाल ही में मैंने जापान की एक कला "किंत्सूगी" के विषय में जाना, जो टूटी हुई बहुमूल्य चीज़ों को पुनःसुधारने के लिए काम आती है और मुझे अपना बोन चाईना क वह टूटा हुआ मग स्मरण हो आया। सामान्यतः जब कोई चीज़ टूट जाती है तो हम उसे पुनः प्रयोग योग्य हो जाने तक सुधार पाने में ही प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन कई सदी पहले जापान के एक कलाकार ने ठान लिया कि वह टूटे हुए बोन चाईना को फिर से सुन्दर बनाएगा। ऐसा करने के लिए वह टूटे हुए टुकड़ों को आपस में जोड़े रखने के लिए सुन्हरे गोंद का प्रयोग करने लगा। उसके ईजाद किए तरीकों से जोड़ी गई वस्तुओं में बारीक और सुनहरी धारियाँ होती हैं जो उसकी सुन्दरता को बनाती हैं।
मानव इतिहास के प्रारंभ में ही पाप ने संसार में प्रवेश किया (उत्पत्ति 3); मनुष्य के पाप में गिरने की घटना को धर्मशास्त्री "पतन" कहते हैं, जिसका अवश्यंभावी परिणाम टूटना है। जीवन दुःखदायी होता है क्योंकि अपने टूटे जीवन के पैने और धारदार टुकड़ों से हम अपने आप को तथा दूसरों को आहत करते रहते हैं। लेकिन परमेश्वर नहीं चाहता कि हम ऐसे टूटे और दुःखदायी रहें, वह चाहता है कि हम अपने टूटे हुए जीवन को उसे समर्पित कर दें, हमारे जीवनों में उसे अपना कार्य कर लेने दें, जिससे अन्ततः हमारे टूटे जीवन सुधर और निखर कर सुन्दर कलाकृति बन जाएंगे।
जब हम अपने आप को उसके हाथों में पूर्णतः समर्पित कर देते हैं तो एक किंत्सूगी कलाकार के समान परमेश्वर हमारी मरम्मत करता है। लेकिन हमारी मरम्मत के लिए वह किसी सुनहरे गोंद का नहीं वरन अपने पुत्र, प्रभु यीशु मसीह के कलवरी के क्रूस पर बहे लहू का उपयोग करता है। हमारे जीवनों के टूटे टुकड़े जब प्रभु यीशु के द्वारा मरम्मत कर दिए जाते हैं तब "क्योंकि यदि हम उस की मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं, तो निश्चय उसके जी उठने की समानता में भी जुट जाएंगे" (रोमियों 6:5) - हम मसीह यीशु की समानता में आकर उसके जैसे ही सुन्दर हो जाते हैं! - जूली ऐकैअरमैन लिंक
पापों के परिणाम से छूटकारे का दाम प्रभु यीशु के बलिदान और लहु द्वारा चुकाया गया है।
पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं; और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है। - 1 यूहन्ना 1:7
बाइबल पाठ: रोमियों 6:1-14
Romans 6:1 सो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें, कि अनुग्रह बहुत हो?
Romans 6:2 कदापि नहीं, हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उस में क्योंकर जीवन बिताएं?
Romans 6:3 क्या तुम नहीं जानते, कि हम जितनों ने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया तो उस की मृत्यु का बपतिस्मा लिया
Romans 6:4 सो उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें।
Romans 6:5 क्योंकि यदि हम उस की मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं, तो निश्चय उसके जी उठने की समानता में भी जुट जाएंगे।
Romans 6:6 क्योंकि हम जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया, ताकि पाप का शरीर व्यर्थ हो जाए, ताकि हम आगे को पाप के दासत्व में न रहें।
Romans 6:7 क्योंकि जो मर गया, वह पाप से छूटकर धर्मी ठहरा।
Romans 6:8 सो यदि हम मसीह के साथ मर गए, तो हमारा विश्वास यह है, कि उसके साथ जीएंगे भी।
Romans 6:9 क्योंकि यह जानते हैं, कि मसीह मरे हुओं में से जी उठ कर फिर मरने का नहीं, उस पर फिर मृत्यु की प्रभुता नहीं होने की।
Romans 6:10 क्योंकि वह जो मर गया तो पाप के लिये एक ही बार मर गया; परन्तु जो जीवित है, तो परमेश्वर के लिये जीवित है।
Romans 6:11 ऐसे ही तुम भी अपने आप को पाप के लिये तो मरा, परन्तु परमेश्वर के लिये मसीह यीशु में जीवित समझो।
Romans 6:12 इसलिये पाप तुम्हारे मरनहार शरीर में राज्य न करे, कि तुम उस की लालसाओं के आधीन रहो।
Romans 6:13 और न अपने अंगो को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आप को मरे हुओं में से जी उठा हुआ जानकर परमेश्वर को सौंपो, और अपने अंगो को धर्म के हथियार होने के लिये परमेश्वर को सौंपो।
Romans 6:14 और तुम पर पाप की प्रभुता न होगी, क्योंकि तुम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हो।
एक साल में बाइबल:
- अय्यूब 1-2
- प्रेरितों 7:22-43