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बुधवार, 31 जनवरी 2018

बचाने आया


   फ्रांज़ काफ्का (1883-1924) ने अपने उपन्यासों, The Trial, और The Castle में जीवन को अमानवीय बनाने वाले अस्तित्व के रूप में प्रस्तुत किया है जिसमें लोग भावशून्य चेहरों, तथा बिना किसी पहचान और मूल्य के हो जाते हैं। काफ्का ने कहा, “जीवन की वाहकपट्टी आपको आगे ही लिए चलती है, यह कोई नहीं जानता है कि कहाँ। व्यक्ति जीवित प्राणी से अधिक एक वस्तु, एक पदार्थ बन जाता है।”

   अपनी सेवकाई के आरंभिक समय में प्रभु यीशु नासरत के एक आराधनालय में गए, और लोगों के सामने खड़े होकर उन्होंने यशायाह की पुस्तक में से पढ़ा: “प्रभु का आत्मा मुझ पर है, इसलिये कि उसने कंगालों को सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया है, और मुझे इसलिये भेजा है, कि बन्‍धुओं को छुटकारे का और अन्‍धों को दृष्टि पाने का सुसमाचार प्रचार करूं और कुचले हुओं को छुड़ाऊं। और प्रभु के प्रसन्न रहने के वर्ष का प्रचार करूं” (लूका 4:18-19)।

   इसके पश्चात प्रभु बैठ गए और, “तब वह उन से कहने लगा, कि आज ही यह लेख तुम्हारे साम्हने पूरा हुआ है” (लूका 4:21)। इस घटना से सदियों पहले यशायाह भविष्यद्वक्ता ने उनके लिए भविष्यवाणी में ये शब्द कहे थे (यशायाह 61:1-2)। अब प्रभु यीशु ने लोगों से कहा कि भविष्यवाणी के वे शब्द उनमें पूरे हुए हैं।

   भविष्यवाणी के उन शब्दों में ध्यान करें कि प्रभु यीशु किन को छुड़ाने आया था – कंगालों, बंदियों, अन्धों, और कुचले हुओं को। वे पाप, दुःख, सताव, और शोषण के कारण अमानवीय हो गए लोगों को, वह हमें बचाने के लिए आए थे। - बिल क्राउडर


सँसार चाहे कितना भी अव्यैक्तिक लगे, 
प्रभु यीशु हम में से प्रत्येक से ऐसे प्रेम करता है मानों हम उसके एकलौते हों

यहोवा टूटे मन वालों के समीप रहता है, और पिसे हुओं का उद्धार करता है। - भजन 34:18

बाइबल पाठ: लूका 4:14-21
Luke 4:14 फिर यीशु आत्मा की सामर्थ से भरा हुआ गलील को लौटा, और उस की चर्चा आस पास के सारे देश में फैल गई।
Luke 4:15 और वह उन की आराधनालयों में उपदेश करता रहा, और सब उस की बड़ाई करते थे।
Luke 4:16 और वह नासरत में आया; जहां पाला पोसा गया था; और अपनी रीति के अनुसार सब्त के दिन आराधनालय में जा कर पढ़ने के लिये खड़ा हुआ।
Luke 4:17 यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्‍तक उसे दी गई, और उसने पुस्‍तक खोल कर, वह जगह निकाली जहां यह लिखा था।
Luke 4:18 कि प्रभु का आत्मा मुझ पर है, इसलिये कि उसने कंगालों को सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया है, और मुझे इसलिये भेजा है, कि बन्‍धुओं को छुटकारे का और अन्‍धों को दृष्टि पाने का सुसमाचार प्रचार करूं और कुचले हुओं को छुड़ाऊं।
Luke 4:19 और प्रभु के प्रसन्न रहने के वर्ष का प्रचार करूं।
Luke 4:20 तब उसने पुस्‍तक बन्‍द कर के सेवक के हाथ में दे दी, और बैठ गया: और आराधनालय के सब लोगों की आंख उस पर लगी थीं।
Luke 4:21 तब वह उन से कहने लगा, कि आज ही यह लेख तुम्हारे साम्हने पूरा हुआ है।


एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 25-26
  • मत्ती 20:17-34



मंगलवार, 30 जनवरी 2018

नाम


   इतवार की हमारी आराधना के दौरान जब एकल गायक ने एक भक्ति गीत गाना आरंभ किया तो उपस्थित मण्डली ने पूरी तरह से शान्त रहकर उस पर पूरा ध्यान लगाया। उसने अपनी मंद माध्यम-सुर वाली आवाज़ में गौर्डन जेनसन द्वारा गए हुए एक पुराने गीत को प्रस्तुत किया, जिसके शब्द मन को छू लेने वाले थे। इस गीत का शीर्षक: “He’s as Close as the Mention of His Name (वह अपने नाम के उल्लेख जितना निकट है)” एक ऐसे सत्य को व्यक्त करता है जो जितने हम वृद्ध होते जाते हैं उतना ही बहुमूल्य होता जाता है।

   हम सब ने अपने प्रीय जनों से विछोह को अनुभव किया है। एक बच्चा विवाह करके कहीं दूर चला जाता है। अभिभावक स्वास्थ्य या नौकरी के कारण बिछड़ जाते हैं। बच्चे पढाई के लिए किसी दूसरे प्रांत या देश में चले जाते हैं। हमारे पास उन्हें सन्देश भेजने के और स्काईप पर बात करने के माध्यम तो हैं, परन्तु हम तो यहाँ रहते हैं और वे वहाँ। और मृत्यु का विछोह भी तो है।

   परन्तु प्रभु यीशु के विश्वासी होने के कारण, हमारे पास उसका वायदा है कि हम कभी अकेले नहीं होंगे। हम चाहे अपने आप को अकेला अनुभव करें, लेकिन प्रभु हमें छोड़ कर कहीं नहीं गया है। वह यहीं हमारे साथ है, अभी भी, हमेशा और सर्वदा। प्रभु ने इस पृथ्वी को छोड़ते समय अपने शिष्यों से कहा “और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्‍त तक सदैव तुम्हारे संग हूं” (मत्ती 28:20)। प्रभु ने हमसे यह वायदा भी किया है: “तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा” (इब्रानियों 13:5)।

   प्रभु यीशु मसीह से किया गया एक शान्त निवेदन, उसके नाम को फुसफुसाते हुए लेना, यहाँ तक कि उसके नाम का विचार तक हमें शान्ति और भरोसा प्रदान करता है; निःसंदेह, वह “He’s as Close as the Mention of His Name (वह अपने नाम के उल्लेख जितना निकट है)”। - डेव एग्नर


प्रभु यीशु अपनों को कभी नहीं भूलता या त्यागता है।

और उस समय यह कहा जाएगा, देखो, हमारा परमेश्वर यही है; हम इसी की बाट जोहते आए हैं, कि वह हमारा उद्धार करे। यहोवा यही है; हम उसकी बाट जोहते आए हैं। हम उस से उद्धार पाकर मगन और आनन्दित होंगे। - यशायाह 25:9

बाइबल पाठ: यूहन्ना 16:17-24
John 16:17 तब उसके कितने चेलों ने आपस में कहा, यह क्या है, जो वह हम से कहता है, कि थोड़ी देर में तुम मुझे न देखोगे, और फिर थोड़ी देर में मुझे देखोगे? और यह इसलिये कि मैं पिता के पास जाता हूं?
John 16:18 तब उन्होंने कहा, यह थोड़ी देर जो वह कहता है, क्या बात है? हम नहीं जानते, कि क्या कहता है।
John 16:19 यीशु ने यह जानकर, कि वे मुझ से पूछना चाहते हैं, उन से कहा, क्या तुम आपस में मेरी इस बाते के विषय में पूछ पाछ करते हो, कि थोड़ी देर में तुम मुझे न देखोगे, और फिर थोड़ी देर में मुझे देखोगे।
John 16:20 मैं तुम से सच सच कहता हूं; कि तुम रोओगे और विलाप करोगे, परन्तु संसार आनन्द करेगा: तुम्हें शोक होगा, परन्तु तुम्हारा शोक आनन्द बन जाएगा।
John 16:21 जब स्त्री जनने लगती है तो उसको शोक होता है, क्योंकि उस की दु:ख की घड़ी आ पहुंची, परन्तु जब वह बालक जन्म चुकी तो इस आनन्द से कि जगत में एक मनुष्य उत्पन्न हुआ, उस संकट को फिर स्मरण नहीं करती।
John 16:22 और तुम्हें भी अब तो शोक है, परन्तु मैं तुम से फिर मिलूंगा और तुम्हारे मन में आनन्द होगा; और तुम्हारा आनन्द कोई तुम से छीन न लेगा।
John 16:23 उस दिन तुम मुझ से कुछ न पूछोगे: मैं तुम से सच सच कहता हूं, यदि पिता से कुछ मांगोगे, तो वह मेरे नाम से तुम्हें देगा।
John 16:24 अब तक तुम ने मेरे नाम से कुछ नहीं मांगा; मांगो तो पाओगे ताकि तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए।


एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 23-24
  • मत्ती 20:1-16



सोमवार, 29 जनवरी 2018

व्यवहार


   जून विलियम्स 4 वर्ष ही की थी जब उसके पिता ने बिना पिंजरों का चिड़ियाघर बनाने के लिए  7 एकड़ ज़मीन खरीदी। वहीं पर अपनी परवरिश के दौरान उसने देखा कि उसके पिता जंगली जानवरों को बंधुआई में भी स्वतंत्र होने का आभास देने के लिए कितने रचनात्मक थे। आज उनका वह चेस्टर चिड़ियाघर वन्यजीवों के प्रति आकर्षित होने वालों के लिए इंग्लैण्ड का सबसे लोकप्रिय स्थल है। अब वह 110 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है और उसमें 11,000 जानवर रहते हैं। वह चिड़ियाघर जून विलियम्स के पिता की जानवरों की देख-रेख, शिक्षा और संरक्षण की लगन का सूचक है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के एक पात्र राजा सुलेमान को भी बड़े-छोटे सभी प्राणियों में रुचि थी। अपने मध्य-पूर्व के इलाके के जानवरों का अध्ययन करने के अतिरिक्त, उसने दूर देशों से वन-मानुष और बन्दर जैसे जीव भी मँगवाए (1 राजा 10:22)। उसका लिखा एक नीतिवचन दिखाता है कि सुलेमान की प्रकृति में रुचि बौद्धिक जिज्ञासा से बढ़कर थी। जब उसने जानवरों के प्रति हमारे व्यवहार के आत्मिक पहलुओं को व्यक्त किया: “धर्मी अपने पशु के भी प्राण की सुधि रखता है, परन्तु दुष्टों की दया भी निर्दयता है” (नीतिवचन 12:10), तो उसने हमारे सृष्टिकर्ता के मन की भावना को प्रतिबिंबित किया।

   परमेश्वर द्वारा दी गई बुद्धिमत्ता से सुलेमान ने देखा कि हमारे सृष्टिकर्ता के साथ हमारे संबंध का प्रभाव न केवल लोगों के प्रति हमारे व्यवहार द्वारा दिखाई पड़ता है, वरन परमेश्वर द्वारा सृजे गए अन्य जानवरों, जिन्हें उसने हमारी देखभाल में रखा है, के प्रति हमारे व्यवहार द्वारा भी प्रतिबिंबित होता है। - मार्ट डीहॉन


परमेश्वर ही हम सब का वास्तविक स्वामी है।

फिर परमेश्वर ने कहा, हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगने वाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें। - उत्पत्ति 1:26

बाइबल पाठ: 1 राजा 4:29-34
1 Kings 4:29 और परमेश्वर ने सुलैमान को बुद्धि दी, और उसकी समझ बहुत ही बढ़ाई, और उसके हृदय में समुद्र तट की बालू के किनकों के तुल्य अनगिनित गुण दिए।
1 Kings 4:30 और सुलैमान की बुद्धि पूर्व देश के सब निवासियों और मिस्रियों की भी बुद्धि से बढ़कर बुद्धि थी।
1 Kings 4:31 वह तो और सब मनुष्यों से वरन एतान, एज्रेही और हेमान, और माहोल के पुत्र कलकोल, और दर्दा से भी अधिक बुद्धिमान था: और उसकी कीर्ति चारों ओर की सब जातियों में फैल गई।
1 Kings 4:32 उसने तीन हज़ार नीतिवचन कहे, और उसके एक हज़ार पांच गीत भी है।
1 Kings 4:33 फिर उसने लबानोन के देवदारुओं से ले कर भीत में से उगते हुए जूफा तक के सब पेड़ों की चर्चा और पशुओं पक्षियों और रेंगने वाले जन्तुओं और मछलियों की चर्चा की।
1 Kings 4:34 और देश देश के लोग पृथ्वी के सब राजाओं की ओर से जिन्होंने सुलैमान की बुद्धि की कीर्ति सुनी थी, उसकी बुद्धि की बातें सुनने को आया करते थे।


एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 21-22
  • मत्ती 19



रविवार, 28 जनवरी 2018

प्रार्थना


   युवा बच्चों की माँ होने के कारण, मैं कभी कभी कुछ परिस्थितियों को लेकर घबरा जाती हूँ। ऐसे में मेरी पहली प्रतिक्रया होती है फोन उठा कर उस परिस्थिति के, जैसे कि मेरे बेटे को एलर्जी होना या मेरी बेटी को अचानक ही खाँसी होना आदि, बारे में अपनी माँ से बात करना, उससे पूछना कि उस परिस्थिति में मैं क्या करूँ। माँ सहायता और समझाने, घबराहट से निकालने के लिए एक महान साधन हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में जब हम भजन संहिता नामक पुस्तक में भजनों को पढ़ते हैं तो हमें एहसास होता है कि कितनी ही बार हमें जो सहायता चाहिए होती है वह किसी भी मनुष्य की क्षमता और सामर्थ्य से परे होती है। हम पाते हैं कि भजन 18 में दाऊद बहुत खतरे में है। वह भयभीत है, जान के जोखिम में है, और अपनी इस वेदना में वह प्रभु परमेश्वर को पुकारता है।

   दाऊद प्रभु से कह सका, “मैं तुझ से प्रेम करता हूं”, क्योंकि उसने जाना था कि प्रभु परमेश्वर एक दृढ़ गढ़, एक चट्टान, और उसका छुड़ानेवाला है (पद 1-2)। प्रभु परमेश्वर उसकी ढाल, उसका मुक्तिदाता, और उसका शरणस्थान था। संभव है कि क्योंकि हमने परमेश्वर की सहायता का अनुभव नहीं किया है इसलिए हम दाऊद की इस आराधना को समझ ना पाएँ। यह भी संभव है कि सहायता और परामर्श के लिए हम परमेश्वर के पास प्रार्थना में जाने से पहले फोन उठा कर किसी मनुष्य से बात करने लगते हैं, इसी लिए हम यह अनुभव नहीं करने पाएँ हैं।

   अवश्य ही परमेश्वर हमारे जीवनों में हमारी सहायता और सांतवना के लिए लोगों को रखता है; परन्तु वे प्रभु परमेश्वर के विकल्प नहीं हैं। इसलिए मनुष्यों के पास जाने से पहले प्रार्थना में परमेश्वर के पास जाएँ। दाऊद ने कहा, “...उसने अपने मन्दिर में से मेरी बातें सुनी। और मेरी दोहाई उसके पास पहुंचकर उसके कानों में पड़ी” (पद 6)। परमेश्वर हमारी प्रार्थानाएं सुनता है; हो सकता है कि उत्तर में परमेश्वर किसी उपयुक्त मनुष्य के द्वारा ही हमें सहायता और परामर्श उपलब्ध करवाए। जब हम प्रभु परमेश्वर के पास दाऊद के समान जाते हैं तो हम दाऊद के समान ही परमेश्वर का हमारी चट्टान, हमारा दृढ़ गढ़, और हमारा छुड़ानेवाला होने का अनुभव भी करने पाते हैं।

   इसलिए अगली बार किसी परिस्थिति में, परामर्श और सहायता के लिए किसी मनुष्य के पास जाने से पहले, प्रभु परमेश्वर से प्रार्थना अवश्य कर लें। - कीला ओकोआ


प्रार्थना घबराहट और शान्ति के मध्य का सेतु है।

इस दीन जन ने पुकारा तब यहोवा ने सुन लिया, और उसको उसके सब कष्टों से छुड़ा लिया। - भजन 34:6

बाइबल पाठ: भजन 18:1-6
Psalms 18:1 हे परमेश्वर, हे मेरे बल, मैं तुझ से प्रेम करता हूं।
Psalms 18:2 यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ाने वाला है; मेरा ईश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूं, वह मेरी ढ़ाल और मेरी मुक्ति का सींग, और मेरा ऊँचा गढ़ है।
Psalms 18:3 मैं यहोवा को जो स्तुति के योग्य है पुकारूंगा; इस प्रकार मैं अपने शत्रुओं से बचाया जाऊंगा।
Psalms 18:4 मृत्यु की रस्सियों से मैं चारो ओर से घिर गया हूं, और अधर्म की बाढ़ ने मुझ को भयभीत कर दिया;
Psalms 18:5 पाताल की रस्सियां मेरे चारों ओर थीं, और मृत्यु के फन्दे मुझ पर आए थे।
Psalms 18:6 अपने संकट में मैं ने यहोवा परमेश्वर को पुकारा; मैं ने अपने परमेश्वर की दोहाई दी। और उसने अपने मन्दिर में से मेरी बातें सुनी। और मेरी दोहाई उसके पास पहुंचकर उसके कानों में पड़ी।


एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 19-20
  • मत्ती 18:21-35



शनिवार, 27 जनवरी 2018

आपूर्ति


   मेरी माँ ने दशकों सन्डे स्कूल के बच्चों को परमेश्वर और उसके वचन बाइबल के बारे में पढ़ाया था। एक इतवार उन्हें बच्चों को उस आहार, ‘मन्ना’, के बारे में बताना था जो परमेश्वर ने इस्त्राएलियों को जंगल की यात्रा के दौरान उपलब्ध करवाया था। उस बात को सजीव करने के लिए उन्होंने ‘मन्ना’ का प्रतिरूप बच्चों के लिए बनाया; उन्होंने ब्रेड को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा और उनपर शहद छिड़क दिया। उन्होंने यह बाइबल में दिए गए ‘मन्ना’ के विवरण, “उसका स्वाद मधु से बने हुए पुए का सा था” (निर्गमन 16:31), का बच्चों को सजीव अनुभव कराने के लिए किया।

   जब इस्त्राएलियों का, परमेश्वर से मिली इस स्वर्ग की रोटी से पहली बार सामना हुआ, तो वह उनके तम्बुओं के बाहर धरती पर जमे पाले के किनकों के समान दिखाई दी, और “यह देखकर इस्राएली, जो न जानते थे कि यह क्या वस्तु है, सो आपस में कहने लगे यह तो मन्ना है। तब मूसा ने उन से कहा, यह तो वही भोजन वस्तु है जिसे यहोवा तुम्हें खाने के लिये देता है” (पद 15)। इब्रानी भाषा के शब्द ‘मान’ का अर्थ है ‘क्या’; इसलिए उन्होंने उसे मन्ना कहा। उन्होंने पाया कि वे मन्ना को पीस कर उससे रोटी बना सकते थे, और उसे बर्तन में डाल कर पका भी सकते थे (गिनती 11:7-8)। वह जो भी था, उसका आना हैरान करने वाला था (निर्गमन 16:4, 14), उसका स्वरूप अद्वितीय था (पद 14); और वह बहुत शीघ्र ख़राब हो जाता था (पद 19-21)।

   कभी-कभी परमेश्वर हमारे लिए अद्भुत रीति से प्रावधान करता है। इससे हमें शिक्षा लेनी चाहिए कि वह हमारी सोच तथा कार्यविधियों से बंधा नहीं है, और हम यह निर्धारित नहीं कर सकते हैं कि वह क्या और कैसे करेगा। हम जब उससे मिलने वाली आपूर्ति की प्रतीक्षा में हों, तो हमें अपना ध्यान उसपर, उसके व्यक्तित्व पर केंद्रित रखना चाहिए, न कि यह सोचने पर कि उसे क्या और कैसे करना है। यही उसके साथ हमारे संबंधों में संतुष्टि और आनंद प्राप्त करने का माध्यम होगा। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


जो अपनी आपूर्ति के लिए परमेश्वर पर निर्भर रहते हैं, वे कभी असंतुष्ट नहीं होंगे।

इसलिये जब परमेश्वर मैदान की घास को, जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा वस्‍त्र पहिनाता है, तो हे अल्पविश्वासियों, तुम को वह क्योंकर न पहिनाएगा? इसलिये तुम चिन्‍ता कर के यह न कहना, कि हम क्या खाएंगे, या क्या पीएंगे, या क्या पहिनेंगे? – मत्ती 6: 30-31

बाइबल पाठ: निर्गमन  16:11-31
Exodus 16:11 तब यहोवा ने मूसा से कहा,
Exodus 16:12 इस्राएलियों का बुड़बुड़ाना मैं ने सुना है; उन से कह दे, कि गोधूलि के समय तुम मांस खाओगे और भोर को तुम रोटी से तृप्त हो जाओगे; और तुम यह जान लोगे कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं।
Exodus 16:13 और ऐसा हुआ कि सांझ को बटेरें आकर सारी छावनी पर बैठ गईं; और भोर को छावनी के चारों ओर ओस पड़ी।
Exodus 16:14 और जब ओस सूख गई तो वे क्या देखते हैं, कि जंगल की भूमि पर छोटे छोटे छिलके छोटाई में पाले के किनकों के समान पड़े हैं।
Exodus 16:15 यह देखकर इस्राएली, जो न जानते थे कि यह क्या वस्तु है, सो आपस में कहने लगे यह तो मन्ना है। तब मूसा ने उन से कहा, यह तो वही भोजन वस्तु है जिसे यहोवा तुम्हें खाने के लिये देता है।
Exodus 16:16 जो आज्ञा यहोवा ने दी है वह यह है, कि तुम उस में से अपने अपने खाने के योग्य बटोरा करना, अर्थात अपने अपने प्राणियों की गिनती के अनुसार, प्रति मनुष्य के पीछे एक एक ओमेर बटोरना; जिसके डेरे में जितने हों वह उन्हीं भर के लिये बटोरा करे।
Exodus 16:17 और इस्राएलियों ने वैसा ही किया; और किसी ने अधिक, और किसी ने थोड़ा बटोर लिया।
Exodus 16:18 और जब उन्होंने उसको ओमेर से नापा, तब जिसके पास अधिक था उसके कुछ अधिक न रह गया, ओर जिसके पास थोड़ा था उसको कुछ घटी न हुई; क्योंकि एक एक मनुष्य ने अपने खाने के योग्य ही बटोर लिया था।
Exodus 16:19 फिर मूसा ने उन से कहा, कोई इस में से कुछ बिहान तक न रख छोड़े।
Exodus 16:20 तौभी उन्होंने मूसा की बात न मानी; इसलिये जब किसी किसी मनुष्य ने उस में से कुछ बिहान तक रख छोड़ा, तो उस में कीड़े पड़ गए और वह बसाने लगा; तब मूसा उन पर क्रोधित हुआ।
Exodus 16:21 और वे भोर को प्रतिदिन अपने अपने खाने के योग्य बटोर लेते थे, ओर जब धूप कड़ी होती थी, तब वह गल जाता था।
Exodus 16:22 और ऐसा हुआ कि छठवें दिन उन्होंने दूना, अर्थात प्रति मनुष्य के पीछे दो दो ओमेर बटोर लिया, और मण्डली के सब प्रधानों ने आकर मूसा को बता दिया।
Exodus 16:23 उसने उन से कहा, यह तो वही बात है जो यहोवा ने कही, कयोंकि कल परमविश्राम, अर्थात यहोवा के लिये पवित्र विश्राम होगा; इसलिये तुम्हें जो तन्दूर में पकाना हो उसे पकाओ, और जो सिझाना हो उसे सिझाओ, और इस में से जितना बचे उसे बिहान के लिये रख छोड़ो।
Exodus 16:24 जब उन्होंने उसको मूसा की इस आज्ञा के अनुसार बिहान तक रख छोड़ा, तब न तो वह बसाया, और न उस में कीड़े पड़े।
Exodus 16:25 तब मूसा ने कहा, आज उसी को खाओ, क्योंकि आज यहोवा का विश्रामदिन है; इसलिये आज तुम को मैदान में न मिलेगा।
Exodus 16:26 छ: दिन तो तुम उसे बटोरा करोगे; परन्तु सातवां दिन तो विश्राम का दिन है, उस में वह न मिलेगा।
Exodus 16:27 तौभी लोगों में से कोई कोई सातवें दिन भी बटोरने के लिये बाहर गए, परन्तु उन को कुछ न मिला।
Exodus 16:28 तब यहोवा ने मूसा से कहा, तुम लोग मेरी आज्ञाओं और व्यवस्था को कब तक नहीं मानोगे?
Exodus 16:29 देखो, यहोवा ने जो तुम को विश्राम का दिन दिया है, इसी कारण वह छठवें दिन को दो दिन का भोजन तुम्हें देता है; इसलिये तुम अपने अपने यहां बैठे रहना, सातवें दिन कोई अपने स्थान से बाहर न जाना।
Exodus 16:30 लोगों ने सातवें दिन विश्राम किया।
Exodus 16:31 और इस्राएल के घराने वालों ने उस वस्तु का नाम मन्ना रखा; और वह धनिया के समान श्वेत था, और उसका स्वाद मधु के बने हुए पुए का सा था।


एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 16-18
  • मत्ती 18:1-20



शुक्रवार, 26 जनवरी 2018

प्रश्न


   अक्तूबर 31, 2014 को एक विकासाधीन वायुयान, अपनी प्रयोगात्मक उड़ान के दौरान टूट कर गिर गया, जिससे सह-चालाक की तो मृत्यु हो गई, किंतु चालाक आश्चर्यजनक रीति से बच गया। जांचकर्ताओं ने शीघ्र ही यह तो पता लगा लिया कि क्या हुआ था किंतु ऐसा क्यों हुआ, इसका कारण वे पता नहीं करने पाए। इस दुर्घटना से संबंधित अखबारों में छपे समाचार का शीर्षक था, “प्रश्न शेष हैं।”

   अपने जीवन भर हम, बिना किसी संतोषजनक स्पष्टीकरण के, दुःख भरे अनुभवों से होकर निकलते रहते हैं। कुछ अनुभव तो बहुत कटु होते हैं, और उनके प्रभाव भी बहुत दूर-गामी होते हैं; कुछ अन्य व्यक्तिगत, या निजी त्रासदियाँ होती हैं जो परिवारों या व्यक्तियों के जीवनों को बदल देती हैं। हम उत्तर जानना चाहते हैं कि ऐसा क्यों हुआ, परन्तु उत्तरों से अधिक हमें प्रश्नों का ही सामना करना पड़ता है। जब हम ऐसे “क्यों” से संघर्ष कर रहे होते हैं, तब भी परमेश्वर अपने सिद्ध प्रेम में हमारे साथ होता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के एक पात्र, अय्यूब, ने एक ही दिन में अपने बच्चों और संपत्ति को खो दिया (अय्यूब 1:13-19), वह बहुत खिन्न और निराश हुआ, और सहानुभूति जताने आए मित्रों द्वारा स्पष्टिकरण के लिए कही गई किसी भी बात का विरोध करने लगा। परन्तु उसे फिर भी आशा थी कि एक दिन उसे परमेश्वर से अपने उत्तर अवश्य मिलेंगे। निराशा के उस अन्धकार में घिरे अय्यूब ने कहा, “परन्तु वह [परमेश्वर] जानता है, कि मैं कैसी चाल चला हूँ; और जब वह मुझे ता लेगा तब मैं सोने के समान निकलूंगा” (अय्यूब 23:10)।

   सुप्रसिद्ध मसीही प्रचारक तथा लेखक ओस्वौल्ड चैम्बर्स ने कहा, “एक ऐसा दिन भी आएगा जब परमेश्वर एक व्यक्तिगत और सीधे स्पर्श के द्वारा हमारे प्रत्येक आँसू और उलझन, प्रत्येक शोषण और पीड़ा, प्रत्येक दुःख और सहन करने का, हमारे साथ हुए प्रत्येक गलत व्यवहार और अन्याय का, संपूर्ण, समुचित और अभिभूत कर देने वाला स्पष्टीकरण हमें दे देगा।”

   आज जब हम अनसुलझे प्रश्नों का सामना करते हैं, तो प्रभु परमेश्वर के प्रेम और वायदों में हम सांतवना तथा सहायता पा सकते हैं। - डेविड मैक्कैस्लैंड


जब अनुतरित प्रश्नों का सामना करें 
तो परमेश्वर के प्रेम में सहायता और आशा पाएँ।

हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे [प्रभु यीशु] पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा। मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे। क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है। - मत्ती 11: 28-30

बाइबल पाठ: अय्यूब 23:1-12
Job 23:1 तब अय्यूब ने कहा,
Job 23:2 मेरी कुड़कुड़ाहट अब भी नहीं रुक सकती, मेरी मार मेरे कराहने से भारी है।
Job 23:3 भला होता, कि मैं जानता कि वह कहां मिल सकता है, तब मैं उसके विराजने के स्थान तक जा सकता!
Job 23:4 मैं उसके साम्हने अपना मुक़द्दमा पेश करता, और बहुत से प्रमाण देता।
Job 23:5 मैं जान लेता कि वह मुझ से उत्तर में क्या कह सकता है, और जो कुछ वह मुझ से कहता वह मैं समझ लेता।
Job 23:6 क्या वह अपना बड़ा बल दिखा कर मुझ से मुक़द्दमा लड़ता? नहीं, वह मुझ पर ध्यान देता।
Job 23:7 सज्जन उस से विवाद कर सकते, और इस रीति मैं अपने न्यायी के हाथ से सदा के लिये छूट जाता।
Job 23:8 देखो, मैं आगे जाता हूँ परन्तु वह नहीं मिलता; मैं पीछे हटता हूँ, परन्तु वह दिखाई नहीं पड़ता;
Job 23:9 जब वह बाईं ओर काम करता है तब वह मुझे दिखाई नहीं देता; वह तो दाहिनी ओर ऐसा छिप जाता है, कि मुझे वह दिखाई ही नहीं पड़ता।
Job 23:10 परन्तु वह जानता है, कि मैं कैसी चाल चला हूँ; और जब वह मुझे ता लेगा तब मैं सोने के समान निकलूंगा।
Job 23:11 मेरे पैर उसके मार्गों में स्थिर रहे; और मैं उसी का मार्ग बिना मुड़े थामे रहा।
Job 23:12 उसकी आज्ञा का पालन करने से मैं न हटा, और मैं ने उसके वचन अपनी इच्छा से कहीं अधिक काम के जान कर सुरक्षित रखे।


एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 14-15
  • मत्ती 17



गुरुवार, 25 जनवरी 2018

शब्द


   मेरी बेटी हाल ही में काफी बीमार रही, और उसका पति उसकी बहुत देखभाल करता रहा, उसके साथ बहुत सहयोगी रहा। मैंने अपनी बेटी से कहा, “तुम्हारे पास वास्तव में बहुत बड़ा खज़ाना है।” मेरी बेटी ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, “आप ऐसा तब तो नहीं सोचते थे जब मैं ने पहले-पहल उनसे मिलना आरंभ किया था।”

   उसका कहना ठीक था। जब उन दोनों की सगाई हुई थी तब मैं उनके भविष्य के बारे में बहुत चिन्तित था, क्योंकि उन दोनों के व्यक्तित्व इतने भिन्न थे। हमारा परिवार बड़ा है और बहुत बातूनी भी, और मेरी बेटी का मंगेतर स्वभाव से गंभीर और शान्त रहने वाला है। इसलिए इस विषय को लेकर उनके संबंधों के बारे में अपनी मेरी शंकाएं मैंने अपने बेटी के साथ खुलकर व्यक्त की थीं।

   मुझे यह जानकार बहुत ग्लानि हुई कि 15 वर्ष पहले जो मैंने अपनी बेटी से कहा था, वह आज भी उसे स्मरण रखे हुए थी, और मेरे वे शब्द एक अच्छे और आनंदमय संबंध का अन्त कर सकते थे। इस घटना से मुझे सबक मिला कि मुझे अपने शब्दों के बारे में बहुत संयम रखना चाहिए। हम में से कितने ऐसे हैं जो किसी परिवार जन, मित्र या सहकर्मी में दिखने वाली किसी कमी को बड़ी शीघ्रता से बोल देते है; या किसी को उसकी गलतियों को बताने में तो बहुत शीघ्रता दिखाते हैं परन्तु उनकी भलाईयों को व्यक्त करने के प्रति वैसी तत्परता नहीं दिखाते हैं।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है, “वैसे ही जीभ भी एक छोटा सा अंग है...” (याकूब  3:5), परन्तु इस छोटे से अंग से जो शब्द निकलते हैं उनके कारण किसी कार्यस्थल, परिवार, या चर्च में परस्पर संबंध टूट सकते हैं, संघर्ष आरंभ हो सकते हैं, या शान्ति और एकता आ सकती है। इसलिए हमें दाऊद की प्रार्थना: “हे यहोवा, मेरे मुख का पहरा बैठा, मेरे होठों के द्वार पर रखवाली कर!” (भजन 141:3) को अपनी प्रार्थना बना लेना चाहिए, और अपने शब्दों को बहुत सोच-विचार कर बोलना चाहिए। - मेरियन स्ट्राउड


जैसे चान्दी की टोकरियों में सोनहले सेब हों 
वैसे ही ठीक समय पर कहा हुआ वचन होता है। - नीतिवचन 25:11

और मैं तुम से कहता हूं, कि जो जो निकम्मी बातें मनुष्य कहेंगे, न्याय के दिन हर एक बात का लेखा देंगे। क्योंकि तू अपनी बातों के कारण निर्दोष और अपनी बातों ही के कारण दोषी ठहराया जाएगा। - मत्ती 12:36-37

बाइबल पाठ: याकूब  3:1-12
James 3:1 हे मेरे भाइयों, तुम में से बहुत उपदेशक न बनें, क्योंकि जानते हो, कि हम उपदेशक और भी दोषी ठहरेंगे।
James 3:2 इसलिये कि हम सब बहुत बार चूक जाते हैं: जो कोई वचन में नहीं चूकता, वही तो सिद्ध मनुष्य है; और सारी देह पर भी लगाम लगा सकता है।
James 3:3 जब हम अपने वश में करने के लिये घोड़ों के मुंह में लगाम लगाते हैं, तो हम उन की सारी देह को भी फेर सकते हैं।
James 3:4 देखो, जहाज भी, यद्यपि ऐसे बड़े होते हैं, और प्रचण्‍ड वायु से चलाए जाते हैं, तौभी एक छोटी सी पतवार के द्वारा मांझी की इच्छा के अनुसार घुमाए जाते हैं।
James 3:5 वैसे ही जीभ भी एक छोटा सा अंग है और बड़ी बड़ी डींगे मारती है: देखो, थोड़ी सी आग से कितने बड़े वन में आग लग जाती है।
James 3:6 जीभ भी एक आग है: जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है और सारी देह पर कलंक लगाती है, और भवचक्र में आग लगा देती है और नरक कुण्ड की आग से जलती रहती है।
James 3:7 क्योंकि हर प्रकार के बन-पशु, पक्षी, और रेंगने वाले जन्‍तु और जलचर तो मनुष्य जाति के वश में हो सकते हैं और हो भी गए हैं।
James 3:8 पर जीभ को मनुष्यों में से कोई वश में नहीं कर सकता; वह एक ऐसी बला है जो कभी रुकती ही नहीं; वह प्राण नाशक विष से भरी हुई है।
James 3:9 इसी से हम प्रभु और पिता की स्‍तुति करते हैं; और इसी से मनुष्यों को जो परमेश्वर के स्‍वरूप में उत्पन्न हुए हैं श्राप देते हैं।
James 3:10 एक ही मुंह से धन्यवाद और श्राप दोनों निकलते हैं।
James 3:11 हे मेरे भाइयों, ऐसा नहीं होना चाहिए।
James 3:12 क्या सोते के एक ही मुंह से मीठा और खारा जल दोनों निकलते हैं? हे मेरे भाइयों, क्या अंजीर के पेड़ में जैतून, या दाख की लता में अंजीर लग सकते हैं? वैसे ही खारे सोते से मीठा पानी नहीं निकल सकता।


एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 12-13
  • मत्ती 16



बुधवार, 24 जनवरी 2018

उपलब्धि


   चर्च में आराधना जारी थी, और उस प्रातः हमारे साथ आराधना में सम्मिलित होने के लिए कुछ मेहमान भी आए हुए थे। उस दिन का सन्देश देने वाला उपदेशक अभी अपने सन्देश को लगभग आधा ही कहने पाया था कि मैंने देखा कि मेहमानों में से एक उठकर बाहर जाने लगी।मैं यह देखकर चिन्तित हुआ और जिज्ञासु भी; इसलिए उनके उठकर जाने का कारण जानने के लिए उसके पास गया।

   मैंने उनके पास जाकर उन से पूछा, “आप बहुत शीघ्र जा रहीं हैं; क्या कोई समस्या है, क्या मैं आपकी कोई सहायता कर सकता हूँ?” वह महिला बहुत स्पष्टवादी थी,और उसने बड़ी खराई से कहा, “हाँ, समस्या है – यह सन्देश! मैं उस उपदेशक के साथ सहमत नहीं हूँ।” उनकी असहमति उपदेशक के उस कथन से थी जिसमें उसने कहा था कि जीवन में हमारी प्रत्येक उपलब्धि का श्रेय परमेश्वर को जाता है, वही सारी महिमा का पात्र है। उस महिला ने शिकायत के स्वर में कहा, “मेरी उपलब्धियों के लिए कुछ श्रेय तो मुझे भी मिलना ही चाहिए।”

   मैं ने उन्हें उपदेशक के कहने के अभिप्राय को समझाया। लोगों को उनकी उपलब्धियों के लिए अवश्य ही मान्यता और प्रशंसा मिलनी चाहिए, परन्तु हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि हमारे सभी गुण और योग्यताएं, जो हमारी उपलब्धियों के आधार हैं, हमें परमेश्वर से, उसके अनुग्रह से मिले हैं, इसीलिए वही सारे श्रेय और सारी महिमा का पात्र है। इसीलिए प्रभु यीशु ने भी कहा था, “...मैं तुम से सच सच कहता हूं, पुत्र आप से कुछ नहीं कर सकता, केवल वह जो पिता को करते देखता है, क्योंकि जिन जिन कामों को वह करता है उन्हें पुत्र भी उसी रीति से करता है” (यूहन्ना 5:19); और प्रभु ने अपने शिष्यों से कहा, “...क्योंकि मुझ से अलग हो कर तुम कुछ भी नहीं कर सकते” (यूहन्ना 15:5)।

   इसीलिए हम मसीही विश्वासी यह मानते हैं कि प्रभु परमेश्वर ही है जो हर उपलब्धि, हर योग्यता की सामर्थ्य हमें प्रदान करता है, और वह ही हमसे उस सामर्थ्य का सदुपयोग भी करवाता है, वही हमारी हर उपलब्धि का आधार है। - लौरेंस दर्मानी


परमेश्वर की सन्तान, उसकी इच्छा उसकी महिमा के लिए पूरी करती है।

मैं दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग हो कर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। - यूहन्ना 15:5

बाइबल पाठ: यूहन्ना 15:1-5
John 15:1 सच्ची दाखलता मैं हूं; और मेरा पिता किसान है।
John 15:2 जो डाली मुझ में है, और नहीं फलती, उसे वह काट डालता है, और जो फलती है, उसे वह छांटता है ताकि और फले।
John 15:3 तुम तो उस वचन के कारण जो मैं ने तुम से कहा है, शुद्ध हो।
John 15:4 तुम मुझ में बने रहो, और मैं तुम में: जैसे डाली यदि दाखलता में बनी न रहे, तो अपने आप से नहीं फल सकती, वैसे ही तुम भी यदि मुझ में बने न रहो तो नहीं फल सकते।
John 15:5 मैं दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग हो कर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।


एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 9-11
  • मत्ती 15:21-39


मंगलवार, 23 जनवरी 2018

पाठ


   जब मेरी बेटी ने स्कूल में उसके साथ हो रही एक समस्या के विषय में बताया, तो मेरी पहली प्रतिक्रया थी कि मैं जाकर उसके लिए उस समस्या का समाधान कर दूँ। परन्तु फिर एक और विचार मेरे मन में आया। क्या यह संभव नहीं है कि परमेश्वर ने उस समस्या को उसके जीवन में इसलिए आने दिया जिससे मेरी बेटी परमेश्वर को अपने जीवन में कार्य करता देखे, और परमेश्वर को और बेहतर जान सके, उसमें अपने विश्वास में और दृढ़ हो सके? इसलिए उसकी समस्या का समाधान करने के लिए दौड़ने की बजाए मैं ने उसके साथ इसके बारे में प्रार्थना करने का निर्णय लिया। हमने एक साथ उस समस्या के बारे में प्रार्थना करना आरंभ किया और कुछ ही समय में, मेरे किसी हस्तक्षेप के बिना, वह समस्या सुलझ गई।

   इस सारी परिस्थिति ने मेरी बेटी को सिखाया कि परमेश्वर उसकी चिंता करता है, उसका ध्यान रखता है, जब वह प्रार्थना करती है तो वह उसका उत्तर देता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है कि ऐसे पाठ छोटी उम्र में सीखना बहुत महत्वपूर्ण है (नीतिवचन 22:6)। जब हम बच्चों का परिचय प्रभु यीशु और उसकी सामर्थ्य से करवा देते हैं, तो हम सारे जीवन भर उनकी आत्मिक उन्नति के लिए उन्हें एक आधार बना कर दे देते हैं, उन्हें एक ऐसे आश्रय-स्थल का पता दे देते हैं जहाँ वे अपनी हर बात, हर समस्या के लिए कभी भी, किसी भी दशा में, निःसंकोच जा सकते हैं, और खुले दिल से अपनी बात प्रभु के समक्ष रख सकते हैं, उस से मार्गदर्शन और सामर्थ्य प्राप्त कर सकते हैं।

   आज विचार करें कि आप किसी बच्चे के पास मसीह यीशु के प्रति विश्वास के पाठ किस प्रकार पहुँचा सकते हैं। इन पाठों को बच्चों तक पहुँचाने के कुछ तरीके हैं, बच्चों को प्रकृति में विदित परमेश्वर की रचनाओं से अवगत करवाएँ; उनके साथ अपने जीवन की किसी ऐसी घटना को बांटें जब परमेश्वर ने आपकी सहायता की, किसी समस्या से आपको छुड़ाया; उन्हें अपने साथ परमेश्वर के प्रति धन्यवादी होने और उसकी स्तुति-आराधना करने में सम्मिलित करें। इन छोटे-छोटे पाठों के द्वारा परमेश्वर आप में होकर आने वाली पीढ़ियों पर अपनी भलाई और विश्वासयोग्यता को प्रकट कर सकता है, उन्हें पाप में भटकने से बचने का मार्ग दिखा सकता है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


आज मसीह के लिए जीवन जीने के द्वारा, 
हम भावी पीढ़ियों को मसीह के लिए प्रभावित कर सकते हैं।

और ये आज्ञाएं जो मैं आज तुझ को सुनाता हूं वे तेरे मन में बनी रहें; और तू इन्हें अपने बाल-बच्चों को समझाकर सिखाया करना, और घर में बैठे, मार्ग पर चलते, लेटते, उठते, इनकी चर्चा किया करना। - व्यवस्थाविवरण 6:6-7

बाइबल पाठ: नीतिवचन 22:1-16
Proverbs 22:1 बड़े धन से अच्छा नाम अधिक चाहने योग्य है, और सोने चान्दी से औरों की प्रसन्नता उत्तम है।
Proverbs 22:2 धनी और निर्धन दोनों एक दूसरे से मिलते हैं; यहोवा उन दोनों का कर्त्ता है।
Proverbs 22:3 चतुर मनुष्य विपत्ति को आते देख कर छिप जाता है; परन्तु भोले लोग आगे बढ़ कर दण्ड भोगते हैं।
Proverbs 22:4 नम्रता और यहोवा के भय मानने का फल धन, महिमा और जीवन होता है।
Proverbs 22:5 टेढ़े मनुष्य के मार्ग में कांटे और फन्दे रहते हैं; परन्तु जो अपने प्राणों की रक्षा करता, वह उन से दूर रहता है।
Proverbs 22:6 लड़के को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उसको चलना चाहिये, और वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा।
Proverbs 22:7 धनी, निर्धन लोगों पर प्रभुता करता है, और उधार लेने वाला उधार देने वाले का दास होता है।
Proverbs 22:8 जो कुटिलता का बीज बोता है, वह अनर्थ ही काटेगा, और उसके रोष का सोंटा टूटेगा।
Proverbs 22:9 दया करने वाले पर आशीष फलती है, क्योंकि वह कंगाल को अपनी रोटी में से देता है।
Proverbs 22:10 ठट्ठा करने वाले को निकाल दे, तब झगड़ा मिट जाएगा, और वाद-विवाद और अपमान दोनों टूट जाएंगे।
Proverbs 22:11 जो मन की शुद्धता से प्रीति रखता है, और जिसके वचन मनोहर होते हैं, राजा उसका मित्र होता है।
Proverbs 22:12 यहोवा ज्ञानी पर दृष्टि कर के, उसकी रक्षा करता है, परन्तु विश्वासघाती की बातें उलट देता है।
Proverbs 22:13 आलसी कहता है, बाहर तो सिंह होगा! मैं चौक के बीच घात किया जाऊंगा।
Proverbs 22:14 पराई स्त्रियों का मुंह गहिरा गड़हा है; जिस से यहोवा क्रोधित होता, वही उस में गिरता है।
Proverbs 22:15 लड़के के मन में मूढ़ता की गाँठ बन्धी रहती है, परन्तु छड़ी की ताड़ना के द्वारा वह उस से दूर की जाती है।
Proverbs 22:16 जो अपने लाभ के निमित्त कंगाल पर अन्धेर करता है, और जो धनी को भेंट देता, वे दोनों केवल हानि ही उठाते हैं।


एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 7-8
  • मत्ती 15:1-20