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शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2020

प्रेम



      पीनट्स कॉमिक कार्टून का एक मुख्य पात्र है लाइनस। लाइनस हाज़िरजवाब और चतुर है, किन्तु सदा असुरक्षित अनुभव करता रहता है, और अपने साथ सदा एक छोटा कंबल लिए रहता है, जिससे उसे सुरक्षा की भावना बनी रहती है। लाइनस के समान, हम सभी को किसी न किसी बात से भय और असुरक्षा की भावना रहती है, और सांत्वना तथा सुरक्षा प्रदान करने वाले की आवश्यकता होती है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम प्रभु यीशु के एक शिष्य, पतरस, को देखते हैं, जिसने भय के कारण प्रभु को जानने से भी इनकार कर दिया। जब प्रभु यीशु को पकड़ा गया, तो पतरस कुछ साहस कर के प्रभु के पीछे-पीछे महायाजक के आंगन तक तो चला गया। परन्तु जब लोग उसे पहचानने का प्रयास करने लगे, तो पतरस भयभीत हुआ और प्रभु का इनकार करने लगा (यूहन्ना 18:15-26)। यद्यपि उसने लज्जाजनक शब्दों के प्रयोग द्वारा प्रभु का इनकार किया, किन्तु फिर भी प्रभु ने उससे प्रेम करना बंद नहीं किया; और अन्ततः प्रभु पतरस को अपने पास लौटा ले आया (यूहन्ना 21:15-19)।

      बाद में पवित्र आत्मा की अगुवाई में लिखी अपनी पहली पत्री में जिस प्रेम के प्रति उसने 1 पतरस 4:8 में बल दिया है, वह प्रभु से मिले उसी गहरे प्रेम को अनुभव करने के कारण था। पतरस ने संबंधों में प्रेम के महत्त्व पर बहुत महत्त्व दिया, जिसे हम उसके द्वारा प्रेम करने के साथ “सबसे ऊपर” के प्रयोग द्वारा देखते हैं। इस पद में प्रेम करने को प्रोत्साहित करते हुए पतरस कहता है, “और सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो; क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढांप देता है।”

      क्या कभी आप को भी अपनी किसी असुरक्षा के समय में ऐसी सुरक्षा की भावना की आवश्यकता अनुभव हुई है? मुझे तो हुई है! कोई ऐसी बात कह देने, या कुछ ऐसा कर बैठने के उपरान्त, जिसके लिए फिर बाद में मुझे पछतावा हुआ, मैंने दोषी और लज्जित होने को अनुभव किया है। तब मुझे भी वैसे ही प्रभु के प्रेम से ढाँपे जाने की आवश्यकता महसूस होती है जैसी सुसमाचारों के विवरणों में अपमानित और लज्जित लोगों को प्रभु द्वारा ढांपे जाने की हुई थी।

      प्रभु यीशु के अनुयायियों के लिए, प्रेम वह कंबल है जिसे उन्हें अनुग्रह और साहसपूर्वक औरों को देना चाहिए, उन्हें सान्तवना और प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए। क्योंकि हम ने प्रभु से यह ढांपने और प्रोत्साहित करने वाला प्रेम पाया है, इसलिए हमें भी उस प्रेम को औरों को पहुँचाने वाला बनना चाहिए। - आर्थर जैकसन

परमेश्वर आपसे और मुझ से प्रेम करता है – हमें भी एक दूसरे से प्रेम करना चाहिए।

वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों। - 2 कुरिन्थियों 1:4

बाइबल पाठ: यूहन्ना 18:15-18, 25-27
John 18:15 शमौन पतरस और एक और चेला भी यीशु के पीछे हो लिये: यह चेला महायाजक का जाना पहचाना था और यीशु के साथ महायाजक के आंगन में गया।
John 18:16 परन्तु पतरस बाहर द्वार पर खड़ा रहा, तब वह दूसरा चेला जो महायाजक का जाना पहचाना था, बाहर निकला, और द्वारपालिन से कहकर, पतरस को भीतर ले आया।
John 18:17 उस दासी ने जो द्वारपालिन थी, पतरस से कहा, क्या तू भी इस मनुष्य के चेलों में से है? उसने कहा, मैं नहीं हूं।
John 18:18 दास और प्यादे जाड़े के कारण को एले धधकाकर खड़े ताप रहे थे और पतरस भी उन के साथ खड़ा ताप रहा था।
John 18:25 शमौन पतरस खड़ा हुआ ताप रहा था। तब उन्होंने उस से कहा; क्या तू भी उसके चेलों में से है? उसने इन्कार कर के कहा, मैं नहीं हूं।
John 18:26 महायाजक के दासों में से एक जो उसके कुटुम्ब में से था, जिसका कान पतरस ने काट डाला था, बोला, क्या मैं ने तुझे उसके साथ बारी में न देखा था?
John 18:27 पतरस फिर इन्कार कर गया और तुरन्त मुर्ग ने बांग दी।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 1-3
  • मत्ती 24:1-28