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गुरुवार, 4 अक्टूबर 2018

स्वतंत्र



      मैं और मेरी पत्नि, जोर्जिया प्रांत के सवान्नाह शहर में स्थित सशक्त आठवीं वायुसेना दल के राष्ट्रीय युद्ध संग्रहालय घूमने के लिए गए। वहाँ लगी प्रदर्शनियों में से एक, जर्मनी के युद्ध-बन्दी शिविर के नमूने को देखकर हम बहुत द्रवित हुए। मेरी पत्नि के पिता, जिम, इसी आठवीं वायु सेना में कार्य करते थे, और दूसरे विश्व-युद्ध में इस वायु-सेना ने यूरोप की ऊपर बहुत उड़ानें भरीं थीं। युद्ध में इस वायु-सेना के 47,000 से अधिक कर्मी घायल हुए थे, और 26,000 से अधिक की मृत्यु हो गई थी।

      जिम उनमें से एक थे जिनका विमान मार गिराया गया था और जिम ने जर्मन युद्ध-बन्दी बनकर समय बिताया था। वहाँ लगी युद्ध-बन्दी शिविर की प्रदर्शनी को देखते समय हमें जिम द्वारा युद्ध-बन्दी होने की बताई गई बातें स्मरण हो आईं, और उनका कहना कि युद्ध समाप्ति पर जब उन्हें और अन्य युद्ध-बंदियों को स्वतंत्र किया गया, तब उन्होंने कैसे अवर्णनीय तथा अविस्मरणीय आनन्द का अनुभव किया था।

      परमेश्वर के वचन बाइबल के भजन 146 में परमेश्वर द्वारा शोषित एवँ बन्दी बनाए गए लोगों की देखभाल को बताया गया है। भजनकार ने परमेश्वर को “वह पिसे हुओं का न्याय चुकाता है; और भूखों को रोटी देता है। यहोवा बन्धुओं को छुड़ाता है” कहा (पद 7)। निःसंदेह यह सब आनन्द एवं उत्सव मनाने का कारण है। परन्तु सब से महान स्वतंत्रता है प्रभु यीशु द्वारा दिए गए क्षमादान द्वारा पाप के दोष और लज्जा से मिलने वाली स्वतंत्रता। इसीलिए प्रभु यीशु ने कहा, “सो यदि पुत्र तुम्हें स्‍वतंत्र करेगा, तो सचमुच तुम स्‍वतंत्र हो जाओगे” (यूहन्ना 8:36)।

      मसीह यीशु के बलिदान के द्वारा सँसार के सभी मनुष्यों के लिए पाप से स्वतंत्र होने का मार्ग उपलब्ध है। अब हम सभी प्रभु यीशु से मिलने वाली क्षमा और प्रेम, और परिणामस्वरूप होने वाले आनन्द का अनुभव कर सकते हैं। - बिल क्राउडर


मसीह यीशु से मिलने वाले क्षमा के सामर्थ्य के आगे पाप की कैद टिक नहीं सकती है।

प्रभु यीशु ने कहा: “कि प्रभु का आत्मा मुझ पर है, इसलिये कि उसने कंगालों को सुसमाचार सुनाने के लिये मेरा अभिषेक किया है, और मुझे इसलिये भेजा है, कि बन्‍धुओं को छुटकारे का और अन्‍धों को दृष्टि पाने का सुसमाचार प्रचार करूं और कुचले हुओं को छुड़ाऊं।” – लूका 4:18

बाइबल पाठ: भजन 146
Psalms 146:1 याह की स्तुति करो। हे मेरे मन यहोवा की स्तुति कर!
Psalms 146:2 मैं जीवन भर यहोवा की स्तुति करता रहूंगा; जब तक मैं बना रहूंगा, तब तक मैं अपने परमेश्वर का भजन गाता रहूंगा।।
Psalms 146:3 तुम प्रधानों पर भरोसा न रखना, न किसी आदमी पर, क्योंकि उस में उद्धार करने की भी शक्ति नहीं।
Psalms 146:4 उसका भी प्राण निकलेगा, वह भी मिट्टी में मिल जाएगा; उसी दिन उसकी सब कल्पनाएं नाश हो जाएंगी।
Psalms 146:5 क्या ही धन्य वह है, जिसका सहायक याकूब का ईश्वर है, और जिसका भरोसा अपने परमेश्वर यहोवा पर है।
Psalms 146:6 वह आकाश और पृथ्वी और समुद्र और उन में जो कुछ है, सब का कर्ता है; और वह अपना वचन सदा के लिये पूरा करता रहेगा।
Psalms 146:7 वह पिसे हुओं का न्याय चुकाता है; और भूखों को रोटी देता है। यहोवा बन्धुओं को छुड़ाता है;
Psalms 146:8 यहोवा अन्धों को आंखें देता है। यहोवा झुके हुओं को सीधा खड़ा करता है; यहोवा धर्मियों से प्रेम रखता है।
Psalms 146:9 यहोवा परदेशियों की रक्षा करता है; और अनाथों और विधवा को तो सम्भालता है; परन्तु दुष्टों के मार्ग को टेढ़ा मेढ़ा करता है।
Psalms 146:10 हे सिय्योन, यहोवा सदा के लिये, तेरा परमेश्वर पीढ़ी पीढ़ी राज्य करता रहेगा। याह की स्तुति करो!


एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 20-22
  • इफिसियों 6